Bay Leaf Cultivation : तेजपत्ता की खेती को अगर व्यावसायिक दृष्टि से देखा जाये तो किसनो के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है क्योकि अण्डाकार आकार के तेजपत्ता की मांग पूरे विश्व जबरजस्त रहती है. इसी सुखी पत्तियों का इस्तेमाल विशेष रूप से बिरयानी, सूप, सब्जी, मांस आदि खाद्य पदार्थों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है. इसके अलावा तेजपत्ता का उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है. इसलिए कम मेहनत और कम लगत तेजपत्ता की खेती (tejpatta ki kheti) का किसान तगड़ा मुनाफा कमा सकते है. अगर आप तेजपत्ता की खेती करने की इच्छा कर रहें है तो आपको किन-किन बातों का ध्यान रखा चाहिए इसकी पूरी जानकारी दी जा रही है.
तेजपत्ता की खेती (Tejpatta ki kheti)
तेजपत्ता को अंग्रेजी में बे लीफ (Bay Leaf) कहते है. इसको स्वीट लॉरेल लीफ के नाम से भी जाना जाता है जो “लॉरेसी” परिवार से संबंध रखने वाला सूखी पत्ती या सदाबहार झाड़ी वाला पौधा है. जिसकी खेती करने के लिए राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड की ओर से 30 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाता है.
ऐसे शुरू करें तेजपत्ता की उन्नत खेती
तेजपत्ता की खेती को करना अन्य खेती के मुकबले बहुत आसान है क्योकि इसको एक बार लगाने से कई वर्षों तक कमाई की जा सकती है. तेजपत्ता की खेती से अच्छी पैदावार कैसे ली जा सकती है इसके लिए हम आपको तेजपत्ता की खेती कब और कैसे की जाती है, तेजपत्ता बोने का सही समय क्या है और तेजपत्ता की उन्नत किस्म कौन सी है आदि सवालों के जवाव के लिए नीचे दी जानकारी अवश्य पढ़ें.
तेजपत्ता की खेती के लिए जलवायु
उष्ण तथा हल्की ठंडी जलवायु तेजपत्ता की खेती के लिए उचित माना गया है, फसल के अच्छे हेतु करीब 200 से 255 सेमी० बारिश व 27 डिग्री सेल्सियस औसत तापमान उपयुक्त होता है.
तेजपत्ता की खेती के लिए ऐसी होनी चाहिए भूमि
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो ऊसर और पथरीली भूमि तेजपत्ता की खेती की जा सकती है लेकिन अच्छी पैदावार के लिए कार्बनिक पदार्थों से युक्त 6-8 पी एच मान वाली भूमि तेजपत्ता की उन्नत खेती सबसे सबसे उपयुक्त मानी जाती है.
ऐसे करें खेत तैयार
तेजपत्ता की पौध रोपण के लिए खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा कर समतल कर लें ताकि खेत से खरपतवार नष्ट हो जाये. उसके बाद उचित मात्रा में सड़ी गोबर की खाद डालें, खेत तैयार होने के पश्चात पौध रोपण के लिए खेत में 4×6 मीटर दूरी पर गड्ढो खोद लें.
तेजपत्ता की रोपाई का समय
फसल से अच्छे उत्पादन के लिए तेजपत्ता की रोपाई का समय पर करनी चाहिए, तेजपत्ता के पौधों की रोपाई के लिए जून – जुलाई का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है.
तेजपत्ता की रोपाई का तरीका
तेजपत्ता की रोपाई दो तरीकों से की जाती है पहला तरीका सीधे बीज द्वारा और दूसरा तरीका पौध द्वारा. अगर आप सीधे बीज द्वारा तेजपत्ता को उगना चाहते है तो ये प्रोसेस कठिन एवं अधिक समय लेने वाला है. इसलिए आप किसी मान्यता प्राप्त नर्सरी से तेजपत्ता के पौधे खरीद कर रोपाई कर सकते है. इसके अलावा आप कलम लगाकर इसके पौधे तैयार कर सकते है.
तेजपत्ता के लिए खाद एवं रासायनिक उर्वरक
वैज्ञानिकों के अनुसार, तेजपत्ता के अच्छे विकास के लिए 15-20 किलो गोबर की सड़ी खाद, 20 ग्राम नाइट्रोजन, 18 ग्राम फास्फोरस तथा 25 ग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है. उर्वरक की मात्रा को समान दो भागों में बाटकर एक भाग को सितम्बर-अक्टूबर तथा दूसरे भाग मई-जून महीने में देना चाहिए. उसके बाद खाद एवं उर्वरक की मात्रा प्रत्येक साल आवश्यकतानुसार बढ़ा दें.
तेजपत्ता की फसल खरपतवार नियंत्रण
पौधों के आसपास खरपतवार को जमने न दें नहीं तो पौधों का विकास रुक जायेगा, प्राकृतिक रूप से खरपतवार नियंत्रण फसल की आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करते रहना चाहिए.
तेजपत्ता की खेती में सिंचाई प्रबंधन
तेजपत्ता के पौधों की रोपाई के तुरंत बाद सिचाई कर देनी चाहिए ताकि पौधे सही से जम सकें, उसके बाद पौधों में पर्याप्त नमी बनाये रखने के लिए आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहे. सिंचाई के लिए आप ड्रिप सिस्टम का उपयोग कर सकते है.
तेजपत्ता में कीट एवं रोग
तेजपत्ता के पौधों में कीट और रोगों का प्रकोप कम दिखाई देता है लेकिन एफिड्स, हार्ड शैलेड स्केल, माईट्स आदि रोग दिखाई देते है. इन रोगों के प्रकोप को रोकने के लिए समय समय पर पौधों की कटाई छटाई करते रहना चाहिए.
तेजपत्ता की तुड़ाई (Harvesting Bay Leaf)
तेजपत्ता के पौधे साल भर पैदावार देते है इसलिए समय समय पर तेजपत्ता की तुड़ाई करते रहना चाहिए, अधिक पैदवार के लिए पौधों की समय समय पर छटाई करते रहना चाहिए.
तेजपत्ता के पौधों से पैदावार
तेजपत्ता की खेती से एक साल में 3 बार पत्तियों की कटाई कर सकते हैं, इसका उपयोग सूखी पत्तियों के साथ-साथ तेल निकालने में भी किया जाता हैं. तेजपत्ता की एक एकड़ खेती से 7000 किलो तक की उपज आसानी से प्राप्त का सकते है. इसकी खेती से 5 से 7 लाख रुपये तक की कमाई आसानी से कर सकते हैं.
भारत में तेजपत्ता के लिए स्थानीय नाम
तेजपत्ता को Tej patta (Hindi), Biryani aaku (Telugu), Birinji illai (Tamil), Palaav yele (Kannada),Karuva Ella (Malayalam),Tamal patra (Gujarati), Tamal patra (Marathi), Tej Pata (Bengali), Tejapata (Punjabi), Tejapatra (Oriya) आदि नामों से जाना जाता है.
कहां-कहां होती है तेजपत्ता की खेती
भारत में तेज़ पत्ता की खेती उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, कर्नाटक के अलावा उतरी पूर्वी भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है. भारत के अलावा पत्ता की खेती रूस, फ्रांस, इटली, भारत,बेल्जियम, उत्तर अमेरिका और मध्य अमेरिका में की जाती है.
तेजपत्ता की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि तेजपत्ता की उन्नत खेती कैसे करें (How to do Tej patta Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.