Bathua ki Kheti : बथुआ की खेती करना अन्य हरी पत्तीदार सब्जियों की खेती करने की तुलना में बेहद आसान है. क्योकि इसकी खेती में दूसरी फसलों के मुकाबले लगात और समय कम लगता है. जिससे किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. बथुआ की खेती मुख्य रूप से रबी सीजन की जाती है लेकिन आप इसकी खेती साल में 3 बार कर सकते है. अगर आप भी बथुआ की खेती कर अच्छी कमाई करना चाहते है तो आपको अक्टूबर महीन में बुआई की जाने वाले बथुआ की खेती से सम्बंधित सभी जानकारी प्राप्त करनी होगी तभी आप बथुआ कल्टीवेशन से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते है.
देश के किसान दिन प्रति दिन जागरूक हो रहे है वह कम लगात में अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की तरफ आकर्षित हो रहे है, बथुआ भी कुछ इसी तरह की फसलों में से एक है. इसकी खेती से देश के किसान भाई बढ़िया कमाई कर सकते हैं. अगर आप भी बथुआ की खेती करने के इच्छुक है तो बथुआ फार्मिंग से जुडी जानकारी जानने के लिए इस लेख को आखिर तक पढ़ें.
बथुआ की खेती
बथुआ एक ऐसी पत्तेदार साग है, जिसका सेवन करने से शरीर को अनगिनत फायदे (बथुआ खाने के फायदे) हो सकते है क्योकि बथुआ में आयरन के साथ अन्य पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में पाए जाते है. बथुआ न सिर्फ पाचन शक्ति को बढ़ाता है बल्कि शरीर में होने वाली अन्य बीमारियों से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाता है, इसलिए ठण्ड के मौसम में पौष्टिकता से भरपूर बथुआ की मांग बाज़ारों बढ़ जाती है. इस छोटे से हरे भरे पौधे से कई स्वादिष्ट व्यंजन जैसें – बथुआ की सब्जी, बथुआ की साग, बथुआ का पराठा, बथुआ की पूरी, बथुआ का पकौङा, बथुआ का रायता आदि बनाये जाते है.
बथुआ को सुपरफूड की सज्ञा दी गई है जिसका बथुआ का वैज्ञानिक नाम चेनोपोडियम एल्बम (Chenopodium Album) है. इसके अलावा बथुआ को बथुआ को अंग्रेजी में व्हाइट गूसफुट (White Goosefoot) या लैम्ब क्वार्टर (Lamb’s Quarters), चिल्लीशाक जाना होता जाता है जबकि बथुआ को भारतीय बाज़ारों में बथुआ साग के नाम से जाना जाता है. इसलिए औषधीय गुणों से भरपूर बथुआ की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
बथुआ की उन्नत खेती कैसे करें?
वैसे तो बथुआ एक खरपतवार है जो कई अन्य फसलों के साथ अपने आप उग आता है लेकिन वर्तमान समय में बथुआ की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है. अगर आप भी बथुआ की खेती करने की सोच रहे तो आप नीचे दी गई जानकारी को पढ़ें.
बथुआ की बुवाई हेतु उपयुक्त समय/जलवायु
बथुआ की खेती रबी सीजन यानि ठण्ड के मौसम उगाया जाता है क्योकि बथुआ की फसल में ठण्ड सहन करने की क्षमता अधिक होती है. बथुआ की फार्मिंग के लिए औसतन तापमान 7 डिग्री से 20 डिग्री उपयुक्त मना जाता है. दरसअल, अधिक तापमान होने पर इसके पौधों में जल्दी फूल निकल आते है. बथुए की बुवाई के लिए मध्य सितम्बर से अक्टूबर का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है. क्योकि बथुआ ठंडी जनवायु में की जाने वाली फसल मानी जाती है.
बथुआ की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी का चयन
वैसे तो बथुआ की खेती विभ्भिन प्रकार की मिट्टी हो सकती है लेकिन दोमट एवं बलुई दोमट मिट्टी इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है. बथुआ की उन्नत खेती के लिए 4.5-8.3 पीएच मान की आवश्यकता होती है.
बथुआ की फसल हेतु किस्मों का चयन
बथुआ की प्रमुख किस्मों के बारे में विस्तृत जानकारी इस प्रकार है-
पूसा ग्रीन (Pusa Green) :- बथुआ की इस वैरायटी को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित किया गया है. बथुआ की इस किस्म की पत्तियों की कटाई बुआई के करीब 50 से 60 दिन बाद कर सकते है.
काशी बथुआ 1 (Kashi Bathua 1) ICAR, नई दिल्ली ने पूसा बथुआ नं.1 को विकसित किया है. जिसके पौधे हरे व वैगनी रंग के होता है. यह किस्म बुवाई के करीब 40 से 50 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाता है. जबकि 150 दिनों में इसकी फसल पक कर तैयार हो जाती है. जो प्रति हेक्टेयर 31.7 टन तक की उपज देती हैं.
काशी बथुआ 2 (Kashi Bathua 2) यह बथुआ की अधिक उपज देने वाली वैरायटी हैं जो प्रति हेक्टेयर 35 टन तक की पैदावार देती हैं।
बथुए की बुवाई हेतु बीज की मात्रा
बथुए की बुवाई हेतु बीज की मात्रा बथुआ का बीज बहुत महीन होता है, इसलिए प्रति हेक्टेयर एक से डेढ़ किलाे बथुए के बीज की मात्रा बुवाई के लिए उपयुक्त होती है.
बथुआ की बुवाई के लिए खेत की तैयारी कैसे करें
बथुआ की बुवाई से पहले खेत की मिट्टी पलटने वाले हल या कल्टीवेटर की मदद से 2 से 3 बार गहरी आड़ी-तिरछी जुताई करें ताकि खेत की मिटटी भुरभुरी बन सकें. इसके बाद पाटा लगाकर खेत की मिट्टी को समतल कर लें.
बथुआ की बुवाई कैसे करें
बथुए की बुवाई आप ट्रैक्टर द्वारा चलने वाली मशीन या छिड़काव विधि दोनों से कर सकते है. यदि आप छिड़काव विधि से बथुए की विजाई करना चाहते है तो आप बथुए के बीज को मिट्टी या गोबर की खाद में मिला लें. क्योकि बथुए का बीज बहुत ही महीन होता है. गोबर के खाद के साथ मिलाए गए बथुए के बीज को आप खेत में सीधे छिड़क सकते है.
अधिक पैदावार हेतु बथुआ की फसल डालें ये खाद
बथुआ की फसल से अधिक पैदावार लेने के लिए खेती की जुताई के समय 15-20 टन प्रति हेक्टेयर दर से सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें. इसके अलावा अंतिम जुताई के समय यानी बुवाई से पहले 20 किलो नाइट्रोजन और 40 किलो फास्फोरस प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालें. जिससे आपको बथुए की बेहतर पैदावार मिल सकेगी.
बथुआ के पत्तों की पहली, दूसरी और तीसरी कटिंग के बाद तीन विभाजित खुराकों में टॉप-ड्रेसिंग के रूप में 50-60 किलोग्राम यूरिया प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालें. कटाई के बाद पत्तियों के जल्दी विकास हेतु प्रत्येक कटाई के बाद 1% यूरिया और 0.5% माइक्रोन्यूट्रीएंट्स घोल लगाएँ.
बथुआ की खेती में सिंचाई कैसे करें
बथुआ की फसल के लिए अधिक सिचाई की आवश्यकता नहीं होती है क्योकि बथुआ एक प्रकार की खरपतवार वाली फसल है. बथुआ की बुवाई के तुरंत बाद खेत में सिचाई करें ताकि फसल अच्छे से जम सकें. बता दें बथुआ की बुवाई से लेकर कटाई तक 3 से 4 बार सिंचाई की आवश्यकता होती है. इसके अलावा आवश्यकतानुसार खेत की सिचाई कर सकते है.
बथुआ की कटाई?
अगर आप बथुआ की हरी पत्तियों को बेचना चाहते है तो आप इसकी पत्तियों कटाई विजाई के 45 से 50 दिन के बाद कर सकते हैं. बेचने के लिए बथुआ की पत्तियों की कटाई 10 से 15 दिन के अंतराल पर 3 से 4 बार तक कर सकते है. यदि आप बीज के लिए बथुआ की फार्मिंग कर रहे है तो आपको बता दें इसकी फसल तैयार होने करीब 100 से 110 दिन लग जाते है. बथुआ के पूर्ण विकसित पौधे की लंबाई 4 से 6 फिट तक हो जाती है. बथुआ की फसल तैयार होने पर सरसों की फसल की तरह काटकर थ्रेसर मशीन की मदद से इसके बीज निकाल सकते है. बथुआ की बीज का प्रति एकड़ उत्पादन लगभग13 से 23 क्विटल तक प्राप्त हो सकता है.
बथुआ की खेती से कमाई
बथुआ की फसल दोहरा मुनाफा देने वाली फसल रूप में जानी जाती है, क्योकि सर्दियों में बथुआ के पत्तों की मांग अधिक रहती है. किसान भाई बथुआ की पत्तियों को तोड़कर बेच सकते है. ठण्ड में बथुआ की पत्तियों का बाजार भाव 50 से 100 रुपये प्रति किलो तक रहता है. जिससे किसानो को अधिक फायदा होता है. इसके अलावा किसान बथुआ के बीजों को भी बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते है.
Bathua ki Kheti – FAQs
बथुआ की खेती, कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि बथुआ की खेती कैसे करें (How to cultivate Bathua) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को आपको पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है.