Kundru Cultivation : किसान भाइयों अगर आप एक बार फसल लगाकर चार साल तक लाखों की कमाई करना चाहते है, तो कुंदरू की खेती (Kundru Farming) एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है. इस फसल की सबसे बड़ी ख़ास बात यह है कि एक बार तुड़ाई करने के बाद 10 से 15 दिनों में दुबारा फल तोड़ने लायक हो जाते है. यदि आप कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली कुंदरू की खेती (Ivy Gourd Cultivation) करने के इच्छुक है तो आइए जानते हैं कुंदरू की खेती कैसे की जाती है और इसकी फसल के उत्पादन से कितनी हो सकती है कमाई?.
कुंदरू की खेती (Kundru Cultivation in India) देश के भारत के छत्तीसगढ़, बिहार, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में सफलता पूर्वक की जा रही है. कुंदरु एक साधारण सब्जी जिसकी वैज्ञानिक तरीके से खेती की जाए तो आपको 450 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक का उत्पादन मिल सकता है. मंडियों में कुंदरू 3000 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक जाता है. जबकि फुटकर मार्किट में कुंदरू 40 से 80 रुपये प्रति किलो तक बिकता है. जिससे किसानो को मुनाफा हो सकता है.
कुंदरू की खेती (Kundru ki Kheti)
कुंदरू हरे रंग का फल जो खाने में पौष्टिक होता है. इसका उपयोग सलाद के रूप में और पकाकर सब्जियों के रूप में खाया जाता है. कुंदरू खाने के फायदे असंख्य हो सकते है क्योकि कुंदरू कैल्शियम, प्रोटीन, रेशा और बीटा कैरोटीन, विटामिन- ए एक बेहतर स्रोत है. इसका फल ही नहीं इसके पत्ते भी शारीरिक दृष्टि से काफी लाभदायक होते है. इसलिए इसकी खेती किसनो के लिए लाभदायक हो सकती है. इसकी खेती से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिये मचान विधि से कुंदरू की खेती करने की सलाह देते हैं. इस विधि में कुंदरू की बेलों को लोहे की जालियों, नेट या ढांचा बनाकर उस पर फैलाया जाता है, जिससे कुंदरू की बेलों का विकास तेजी से होता है और फसल में कीड़े और बीमारियां लगने की संभावना भी कम रहती है. आइये जानते है कुंदरू की खेती कैसे करे है.
कुंदरू की खेती कैसे करें
Kundru Farming in India: अफ्रीका और एशिया के कुछ देशों में कुंदरू की खेती को किया जाता था. लेकिन वर्तमान समय में इसकी खेती विभिन्न देशों में अलग-अलग नाम से की जाने लगी है. अगर कुंदरू की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जाये तो फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. अगर आप भी कुंदरू की उन्नत खेती कर हजारों नहीं लाखों की कमाई करना चाहते तो आपको कुंदरू की खेती कब और कैसे करें, कुंदरू की उन्नत किस्म कौन सी है, कुंदरू बोने का सही समय क्या है आदि सवालों के जवाब प्राप्त करने के लिए इस लेख को शुरु से अंत तक पढ़ें
कुंदरू की खेती के लिए जलवायु
गर्म और आद्र जलवायु में कुंदरू की खेती (Climate for Kundru cultivation) के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है, फसल के अच्छे विकास हेतु 30 से 35 डिग्री तापमान और 100-150 से. मी. बारिश की आवश्यकता होती है.
कुंदरू की खेती के हेतु मिट्टी
सामान्यतः कुंदरू की फसल को विभ्भिन प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन जीवांशयुक्त उचित जल निकासी वाली रेतीली या दोमट मिट्टी कुंदरू कल्टीवेशन हेतु सबसे बढ़िया मानी जाती है. इसके अलावा इसकी खेती के लिए 7 P.H. मान वाली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है.
कुंदरू की खेती के लिए खेत कैसे तैयारी करें?
कुंदरू की फसल उगाने के लिए खेती की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें ताकि पुरानी फसल के अवशेष एवं खरपतवार नष्ट हो जायेंगे. इसके बाद आवश्यकतानुसार खेत में गोबर की खाद एवं कम्पोस्ट डालकर खेत में पानी छोड़ दे. खेत की ऊपरी परत सूख जाने पर दो से तीन अड्डी – तिरछी जुताई कर खेत की मिट्टी को भुरभुरी कर लें उसके बाद खेत को पटा लगाकर समतल कर लें.
खेत तैयार हो जाने के बाद खेत में पंक्ति से पंक्ति की दूरी 1.5 मीटर तथा पौधे से पौधे के बीच की दूरी 1.5 मीटर रखते हुए 30 सेंटीमीटर लम्बा, चौड़ा और गहरा गड्डा खोद ले. इन गड्डो में 3 से 4 किलो गोबर की खाद भर दे. कुंदरू की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त करने हेतु 40 से 60 KG फास्फोरस, 60 से 80 KG नाइट्रोजन, 40 KG पोटाश की मात्रा को ठीक से मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालें
इस तरह तैयार की जाती है कुंदरू की नर्सरी
कुंदरू दो तरीकों से लगाया जा सकता है. पहला तरीका – कुंदरू के बीजों द्वारा और दूसरा तरीका- बेल की कटिंग के द्वारा, आज हम इस लेख में इन दोनों तरीकों कुंदरू कैसे लगाए जाते है इसकी जानकारी दे रहे है-
बेल की कटिंग से कुंदरू की पौध कैसे तैयार करें
कुंदरू एक बेल वाला पौधा होता है. जिसको बेल द्वारा लगाने के लिए जुलाई महीने में 4-12 महीने पुरानी कुंदरू की स्वस्थ लताओं को 45 डिग्री के कोण से 10-20 सेंटीमीटर लम्बी, 1.5 सेंटीमीटर मोटी 5-7 गांठ वाले तने की कलम काटें. इसकी कलम लगाने के लिए बनाये मिट्टी, कोकोपीट और अन्य उर्वरक के मिश्रण को पॉलीथीन की थैलियों में भर लें. उसके बाद इन कलमों को 3 इंच की गहराई में पॉलीथीन की थैलियों में लगाकर पानी लगा दें. इस प्रक्रिया से 55-60 दिनों में कुंदरू का पौधा लगाने लायक हो जाता है.
बीज से कुंदरू की नर्सरी कैसे तैयार करें
कुंदरू को बीज से उगाने के लिए मिट्टी, कोकोपीट आदि उर्वरक के मिश्रण को पॉलीथीन की थैलियों में भरे. ऊपर से 1-2 इंच खाली पॉलीथीन की थैलियों के बीचो बीच 0.5-1 सेंटीमीटर गहराई में कुंदरू के बीज को डालकर मिट्टी से ढक दें. उसके बाद मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाये रखने के लिए फब्बारे से हल्की सिचाई करें. करीब 14-28 दिनों में कुंदरू के बीज अंकुरित हो जाते है. अंकुरण के बाद 6-7 इंच का पौधा होने पर कुंदरू के पौधों का रोपण कर सकते है.
कुंदरू की पौध रोपण
कुंदरू की पौध तैयार होने जाने के बाद किसान भाई पौध की रोपाई सितम्बर-अक्टूबर महीने कर सकते है. कुंदरू के पौधों की रोपाई करने से पहले पौधों से पॉलीथीन हटानी होगी. फसल में पराकरण अच्छे से हो उसके लिए 10 मादा पौधों के साथ 1 नर पौधा जरूर लगाए, जिससे किसानो को फसल का उचित उत्पादन मिल सकेगा.
कुंदरू के पौधों की सिचाई
पौधों की रपोई के तुरंत बाद की सिचाई करें ताकि कुंदरू के पौधे अच्छे से जम सके. ठंड के मौसम में कुंदरू की फसल को अधिक सिचाई की आवश्यकता नहीं होती है. लेकिन गर्मी के मौसम में कुंदरू के पौधों की सिचाई 6-7 दिनों के अंतराल पर करते रहे ताकि खेती में नमी बरकार बनी रहे. बारिश के समय खेत से जल निकास का उचित प्रबंध होना आवश्यक है.
कुंदरू की फसल में रोग और रोकथाम
कुंदरू की फसल में कीट और रोगो का प्रकोप अधिक देखा गया है, जिनमें फल की मक्खी, फली भ्रंग, चूर्णी फफूंदी, एफिड्स, माइट्स, थ्रिप्स और व्हाइटफ्लाइज़ आदि. इन कीट और रोगों की रोकथाम के लिए अपने कृषि विशेषज्ञों से संपर्क कर सकते हैं
कुंदरू की तुड़ाई और पैदावार (Harvesting Kundru)
कुंदरू की तुड़ाई रोपाई के करीब तीन-चार महीने बाद शुरु हो जाती है. आमतौर पर कुंदरू की तुड़ाई तब की जाती है जब कुंदरू का फल करीब 2 इंच आकार का हो जाये. यदि कुंदरू को सही समय पर हार्वेस्ट नहीं किया तो फल का रंग लाल हो जाता है. जिससे फल का स्वाद बदल जाता है. कुंदरू की औसतन उपज 240 क्विंटल प्रति हेक्टर तक हो जाती है.
कुंदरू का भाव (Kundru Price in Agriculture Market)
देश के जो किसान कुंदरू की खेती (Kundru Cultivation) कर रहे है उनको 5000 रुपये प्रति क्विंटल के भाव मंडी में मिल जाता है, लेकिन कभी इससे कम और अधिक भाव भी मिल सकता है. फुटकर मार्किट में कुंदरु की कीमत (Price of Kundru in Market) 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है.
कुंदरू की खेती, कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि कुंदरू की खेती कैसे करें (How to cultivate Ivy Gourd) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को आपको पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है.