Zucchini Cultivation in India : विदेशों में उगाई जाने वाली जुकिनी एक कद्दू वर्गीय फसल है. वर्तमान समय में भारत में इसकी खेती व्यापक पैमाने पर खेती की जा रही है. अगर जुकिनी की खेती को व्यापारिक दृष्टि से देखा जाये तो यह किसानों को अधिक मुनफा देने वाली नकदी फसल के रूप में जानी जाती है. इसलिए देश के युवा किसान पारम्परिक खेती को छोड़ जुकिनी फार्मिंग की तरफ रुख कर रहे हैं. फाइबर, न्यूट्रिशन एवं अन्य जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर जुकिनी की खेती किसान साल में तीन बार कर सकते है. अगर आप भी जुकिनी की खेती (Zucchini Cultivation) कर अपनी इनकम बढ़ाना चाहते है तो इस लेख को आखिर तक पढ़ें.
देश के युवा किसान पारंपरिक खेती को छोड़ अधिक मुनाफा देने वाली सब्जी फसलों की तरफ आकर्षित हो रहे है. जिनमें से एक ऐसी विदेशी सब्जी भी जिसको जुकिनी यानी चप्पन कद्दू के नाम से जाना जाता है, जिसकी खेती करना किसानो के लिए फयदे का सौदा साबित हो रहा है. अगर चप्पन कद्दू की खेती (Chappan Kaddu Farming) ड्रिप इरिगेशन और मल्चिंग इस्तेमाल किया जाये तो फसल से अच्छा उत्पादन मिलने के साथ कमाई हो सकती है.
जुकिनी की खेती (Zucchini ki Kheti}
जुकिनी एक विदेशी सब्जी जिसको हिंदी में चप्पन कद्दू कहते है, आमतौर पर जुकिनी हरे और पीले रंग की होती है. इसका व्यापक रूप में उपयोग सब्जी और सलाद के तौर पर किया जाता है. शारीरिक दृष्टि से जुकिनी खाने के फायदे अनगिनत हो सकते है क्योकि इसमें पोटेशियम के साथ-साथ विटामिन-A और विटामिन-C जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. जो डायबिटीज और पेट के रोगों से निजात दिलाने में सहायक हो सकते है. इसलिए वर्तमान समय में चप्पन कद्दू (zucchini) की मांग भारतीय बाज़ारों में अधिक होने लगी, जिसको उगाकर किसान अच्छी कमाई कर सकते है. किसान चप्पन कद्दू की खेती एक साल में तीन बार की जा सकती है. पहली अक्टूबर से फरवरी तक, दूसरी फरवरी से अप्रैल और तीसरी फसल अप्रैल से अगस्त तक उगाई जा सकती है.
जुकिनी की खेती कैसे करें?
Zucchini Farming in Hindi: जुकिनी की खेती अच्छी इनकम देने वाली नगदीय फसल के रूप में किसानो के बीच लोकप्रिय है. जो किसान इसकी खेती कर रहे है वह अच्छी खासी कमाई कर रहे है. अगर आप भी जुकिनी की खेती (Zucchini Farming) से लाखों की कमाई करना चाहते है तो इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक पढ़ें.
जुकिनी की खेती हेतु उपयुक्त जलवायु और मिट्टी
जुकिनी से अच्छी पैदावार प्राप्त करने हेतु 20°-40° सेल्सियस तापमान उचित माना जाता है. इसकी फसल को अधिक ठण्ड और पला सहन करने की क्षमता नहीं होती है. जुकिनी की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली जीवंशुयक्त 6.5 -7 पीएच मान वाली बलुई दोमट मिट्टी को अच्छा माना जाता है.
जुकिनी की बुवाई का समय
जुकिनी की बुवाई का सबसे उचित समय (Sowing Time of Zucchini) सितंबर से नवंबर के बीच मना जाता है. इस मौसम में बीज अंकुरण अच्छे से होता है. लेकिन जुकिनी की फसल साल में तीन बार उगाई जा सकती है, पहली अक्टूबर से फरवरी तक, दूसरी फरवरी से अप्रैल और तीसरी फसल अप्रैल से अगस्त तक किसान ऊगा सकते है.
जुकिनी की उन्नत किस्में
जुकिनी (चप्पन कद्दू) की फसल से अच्छी गुणवत्ता एवं अधिक पैदावार लेने के लिए जुकिनी की उन्नत किस्मों (Varieties of Zucchini) का चयन करना बेहद जरूरी है. चप्पन कद्दू की खेती हेतु कई उन्नत किस्मों बाजार में उपलबध उनमें से कुछ इस प्रकार है-
- सेनेका- इस वैरायटी का फल बेलनाकार होता है, जो तोड़ने के लिए 42 दिन में तैयार हो जाता है
- स्पेसमिसर – अधिक उपज देने वाली इस किस्म के फल हरे होते है. जिसको बुवाई के करीब 45 दिन बाद तोड़े सकते है.
- आठ बॉल- बुवाई के बाद 40 से 45 दिनों में तोड़ने लायक होने वाली इस वैरायटी के फल डार्क ग्रीन होते है.
- गोल्ड रश –इस वैरायटी के फल बेलनाकार और एक समान होते है जो तुड़ाई के लिए 45 दिन में तैयार हो जाती है.
- कोस्टाटा रोमनेस्को तुड़ाई के लिए 52 दिनों में तैयार होने वाली फसल के फल हरे रंग के होते है
- एंबेसडर –बुवाई के करीब 50 दिनों में तुड़ाई के लिए तैयार होने वाली इस वैरायटी के फल गहरे हरे रंग के होते है.
- जुकिनी की अन्य किस्में ज़ुकिनी की उन्नत किस्मों में ऑस्ट्रेलियन ग्रीन 4-5, अर्ली यलो प्रोलीफिक, पूसा पसंद, पैटीपैन आदि शामिल है.
जुकिनी की फसल के लिए खेत की तैयारी
जुकिनी की फसल के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए ताकि खेत में मौजूद खरपतवार एवं पुरानी फसल के अवशेष नष्ट हो जाये. उसके के बाद आवश्यकतानुसार गोबर की खाद डालकर खेत की जुताई कर पानी छोड़ दें. जब खेती की ऊपरी परत सुख जाने के बाद उसमें 2-3 आडी-तिरछी गहरी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी कर खेत को समतल कर लें. फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए बाद खेत में बैड बनाकर सिचाई के लिए ड्रिप बिछा दें.
जुकिनी की बुवाई का तरीका
जुकिनी की फसल दो तरीको से लगाई जाती है पहली पौधों का रोपण और दूसरी बीजों द्वारा. जुकिनी की एकड़ फसल लगाने के लिए करीब 1 से 1.25 किग्रा बीज की आवश्यतकता होती है. पौधों को पंक्तियों में लगाने हेतु पौधे से पौधे की दूरी 1 से 1.5 मीटर होनी चाहिए.
जुकिनी की सिंचाई – Irrigation of Zucchini Farming
जुकिनी की पहली सिंचाई बुवाई या रोपण के तुरंत बाद करनी चाहिए. गर्मी के मौसम जुकिनी की सिचाई 5-6 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए. बारिस के मौसम में आवश्यकतानुसार सिचाई करें. ठण्ड के मौसम में फसल को पाले से बचाना चाहिए.
जुकिनी फसल के लिए खाद एवं उर्वरक
चप्पन कद्दू कल्टीवेशन (Chappan kaddu) से अच्छी पैदावार लेने के लिए 15-20 टन सड़ी गोबर की खाद या कम्पोस्ट को खेत तैयार करते समय डालें. इसके बाद, बुवाई से पहले आखिर जुताई करते समय प्रति हेक्टेयर 100 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फास्फोरस और पोटाश की आवश्यकता होती है. फास्फोरस और पोटाश के साथ 1/3 नाइट्रोजन नालियों में डाल कर मिट्टी में मिला दें। फास्फोरस और पोटाश के साथ 1/3 नाइट्रोजन डाल कर मिट्टी में मिला दें. बुआई के एक महा बाद बाकी बचे हुए नाइट्रोजन को दो बराबर मात्रा में नालियों डालकर, गुड़ाई कर मिट्टी चढ़ा दे। पौधों के अच्छे विकास हेतु समय-सयमइसका इस्तेमाल जरूरत के हिसाब से किया जा सकता है. अगर आप ड्रिप इरीगेशन का इस्तेमाल कर रहे है तो आप खाद के लिए अपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करें.
जुकिनी की फसल में लगने वाले कीट
जुकिनी के पौधे में लगने वाले कीट प्रमुख इस प्रकार है –
- जैसे: एफिड्स (Aphids)
- कुकुम्बर बीटल (cucumber beetle)
- स्लग (Slug)
- घोंघे (Snails)
- स्क्वैश बग (Squash bugs)
- स्क्वैश वाइन बोरर (squash vine borer)
जुकिनी की फसल में लगने वाले कीट की रोकथाम हेतु कृषि वैज्ञानिक से सलाह लें.
जुकिनी हार्वेस्ट (harvesting zucchini)
रोपण के करीब 45 से 50 दिनों बाद जुकिनी के पौधे फल देना शुरू कर देते हैं. परीक्षण करने पर यदि फल 10 से 12 इंच या 800 ग्राम से 02 किलोग्राम को हो जाता है तो इसकी पहली हार्वेस्टिंग की जा सकती है. उसके बाद समय-समय पर हार्वेस्टिंग करते रहना चाहिए यदि फल अधिक बड़ा हो जाता है तो फल सड़ने लगता है. जुकिनी की पूरी फसल का चक्र 65 से 75 दिनों तक का होता है और कम समय में अच्छा मुनाफा देने वाली फसल है.
जुकिनी की उपज
अगर चप्पन कद्दू (जुकिनी) की फसल की अच्छे से देखभाल की जाये तो जुकिनी एक पौधा सीजन में 40 फल तक दे सकता है. चप्पन कद्दू की सामान्य किस्मों से लगभग 50-200 कुण्डल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार हो सकती है, जबकि संकर किस्मों से 250-300 कुण्डल प्रति हेक्टेयर की उपज मिल सकती है।
Zucchiniki Kheti – FAQs
जुकिनीकी खेती, कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि चप्पन कद्दू की खेती कैसे करें (How to cultivate Zucchini) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को आपको पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है.