Malabar Neem Cultivation : मालाबार नीम या मेलिया डबिया एक ऐसा पेड़ है जो किसान को रोपाई के 5-6 साल के बाद लखपति बनाने का काम करता है क्योकि मालाबार नीम पैकिंग केस पेंसिल, माचिस जैसे आदि विभिन्न प्रोडक्ट बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. इसलिए बाजार में इसकी लकड़ी की डिमांड बहुत अधिक होती है. मालाबार नीम की खेती (Malabar Neem Cultivation) भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, आदि राज्यों में सफलतापूर्वक की जा रही है. अगर आप मालाबार नीम की खेती करना चाहते है तो कृषि दिशा के इस लेख को जरूर पढें में ताकि मालाबार नीम की उन्नत खेती (malabar neem ki kheti) के बारे में विस्तार जान सके.
मालाबार नीम की खेती (Malabar Neem ki Kheti)
मालाबार नीम मराठी – कुरीपुत, गुजराती – कडुकाजर, तेलुगु – मुन्नतीकरक्स, तमिल – मलाई वीम्बु, कन्नड़ – हेब्बेबेटल, करिबवम, मलयालम – मालवम्बु, उड़िया – बत्रा नाम से जाना जाता है. मालाबार नीम का उपयोग प्लाईवुड, बोर्ड सेक्शन, ऑफिस डोमेस्टिक फर्नीचर, डोर, विंडो, ड्रेसिंग, बैड, सोफा, टेबल, पार्टीशन मैटीरियल आदि के लिए किया जाता है. किसान इसकी खेती करके मालामाल हो रहे हैं.
मालाबार नीम की खेती कैसे करें?
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मालाबार नीम की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु / मिट्टी
उष्णकटिबंधीय यानी गर्म एवं ठंडी जलवायु मालाबार नीम की खेती उपयुक्त मानी जाती है, वही इसके अच्छे विकास हेत 15 से 45 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उचित माना जाता है. वही इसकी खेती के लिए मिट्टी की बात करें तो उर्वराशक्ति से भरपूर 5 से 10 पीएच मान वाली रेतीली दोमट और लैटराइट लाल मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है.
कैसे तैयार करें मालाबार नीम की नर्सरी
मालाबार नीम की नर्सरी तैयार करने के लिए मार्च और अप्रैल महीना सबसे उचित मना जाता है, नर्सरी के लिए 2:1 के अनुपात में मिट्टी और सड़ी गोबर की खाद मिलकर मिश्रण बनाकर नर्सरी क्षेत्र में डालें. उसके बाद साफ और सीधे सूखे बीजों को खुली नर्सरी बेड पर 5 सेंटीमीटर की दूरी पर ड्रिल की गई लाइनों में बुवाई कर दें. एक मानक नर्सरी बेड के लिए लगभग 1500 की संख्या वाले 6-7 किलोग्राम सूखे मालाबार नीम के बीज की आवश्यकता होती है. बोए गए बीजों में पर्याप्त मात्रा में नमी बनाये रखने के लिए नियमित रूप से दिन में दो बार पाने लगाए. मालाबार नीम के बीजों को अंकुरण होने में अधिक समय लगता है बात दें, 90 दिनों के भीतर बीज का अंकुरण होता है.
मालाबार नीम के पौधों की रोपाई का तरीका
मालाबार नीम के पौधे रोपाई के लिए खेत में 3×3 मीटर या 3×4 मीटर दूरी रखते हुए दो फीट चौड़े और डेढ़ फीट गहराई के गड्ढों खोद लें. लेकिन 5×5 मीटर या 8×8 मीटर दूरी पौधों की रोपाई के लिए आदर्श मना जाता है. इस दूरी को आप अपने अनुसार कम या अधिक कर सकते है. इसके बाद उचित मात्रा में जैविक और रासायनिक उर्वरकों को मिट्टी के साथ मिश्रण बनाकर इन गड्डों में भरें. उसके बाद नर्सरी में तैयार पौधों की रोपाई कर दें, बता दें, एक एकड़ मालाबार नीम की खेती के लिए करीब 1,200 पेड़ लगाए जा सकते हैं.
मालाबार नीम की खेती में सिंचाई
पौधों की रोपाई के तुरंत बाद सिचाई करें ताकि पौधों का सही जमवा हो सकें. गैर-बरसात के मौसम में 10-15 दिनों के अंतराल पर बार पौधों की सिंचाई अवश्य करें.
मालाबार नीम की खेती में उर्वरक की आवश्यकता
पौधों के समुचित विकास के लिए जैविक खाद गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्टऔर तथा अच्छे फर्टिलाइजर का प्रयोग करना चाहिए.
मालाबार खेती में कीड़े और कीट
डिफोलिएटर्स (Defoliators), लीफ माइनर्स (leaf miners) और सैपसुकर्स (sapsuckers) के साथ कई लकड़ी काटने (wood borers) वाले कीट इसके के पौधों को प्रभावित कर सकते है इसके अलावा अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में गैनोडर्मा ल्यूसिडम जड़ सड़न का कारण बन सकता है.
मालाबार के पौधों की कटाई
सिंचित क्षेत्रों में रोपाई के 5 वर्ष बाद मालाबार नीम के पौधों की कटाई की जा सकती है.
मालाबार नीम का उपयोग
मालाबार नीम की लकड़ी का उपयोग पैकिंग केस, सिगार के बक्से, छत के तख्तों, भवन निर्माण के उद्देश्यों, कृषि उपकरणों, पेंसिल, माचिस, स्प्लिंट्स और कट्टमारम के लिए किया जाता है. यह नावों के आउटरिगर्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह संगीत वाद्ययंत्र, चाय के बक्से और प्लाईबोर्ड के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसकी मांग को देखते हुए मालाबार नीम की खेती किसानो के लिए वरदान से कम नहीं है.
अच्छी आमदनी का स्रोत है मालाबार नीम
कृषि एक्सपर्ट्स के मुताबिक मालाबार नीम की एक एकड़ खेत लिए करीब एक हजार से पंद्रह सौ पौधे लगाये जाते हैं. 6-7 साल में एक पेड़ से औसतन छः कुंटल प्रति पेड़ उत्पादन मिल जाता है. अगर इसी हिसाब से लाभ की गणना की जाए तो 1200×6 = 7200 कुंटल लकड़ी की पैदावार होती है. बाज़ार में लकड़ी का भर आसानी से 1200 प्रति कुंटल तक मिल जाता है तो 7200×1200 = 86,40,000 रूपए की कमाई हो सकती है.
मालाबार नीम की खेती, कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि मालाबार नीम की उन्नत खेती कैसे करें (How to do Malabar Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को आपको पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है.