Black Pepper Cultivation : काली मिर्च विश्व की सबसे लोकप्रिय मसाला फसलों में से एक है. जिसका इस्तेमाल विभ्भिन प्रकार के खाद्य पदार्थों बनाने में किया जाता है इसके अलावा काली मिर्च का उपयोग व्यापर रूप से औषधि के रूप में किया जाता है. जो स्वास्थ के बेहद लाभकारी होती है. इसलिए काली मिर्च की खेती किसानो के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. अगर काली मिर्च की खेती (Black Pepper Farming) व्यापारिक तरीके से की जाए तो किसान इसकी खेती से तगड़ा मुनाफा कमा सकते है. बता दें, देश में काली मिर्च का कुल उत्पादन का 90-95% अकेला केरल राज्य करता है.
भारत में काली मिर्च की खेती कहाँ कहाँ होती है इसके बारे में बात की जाए तो भारत में काली मिर्च की उन्नत खेती केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, कोंकण क्षेत्र, पांडिचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह बड़े पैमाने पर की जाती है. अगर आप काली मिर्च की खेती करने का मन बना रहें है तो आपको मिर्च की व्यवसायिक खेती के लिए जलवायु, भूमि, खाद आदि की जानकारी प्राप्त कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
काली मिर्च की खेती (Kali Mirch ki Kheti)
काली मिर्च को अंग्रेजी में ब्लैक पेपर (Black Pepper) कहते है. भारत में काली मिर्च के स्थानीय नाम काली मिर्च (हिंदी), मिरियालु (तेलुगु), करुप्पु मिलागु (तमिल), कारी मेनसु (कन्नड़), करुत्त कुरुमुलगु (मलयालम), मारी (गुजराती), गोलमोरिच ( बंगाली), काला मीर (मराठी), काला मारीच (उड़िया), काली मिर्च (पंजाबी) कहते है. काली मिर्च में पाए जाने वाली औषधीय गुणों की वजह से इसकी मांग हमेसा बनी रहती है ऐसे में अगर किसान काली मिर्च की खेती करना चाहते है तो वे किसान इस लेख को आखिर तक पढ़ें.
कब और कैसे करें काली मिर्च की खेती?
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जानें काली मिर्च की कौन-सी उन्नत किस्मों
काली मिर्च की व्यावसायिक संकर किस्में (Black Pepper Varieties in India) इस प्रकार है – पन्नियूर 1, पन्नियुर 2, पन्नियूर 3, पन्नियूर 4, पन्नियूर 5, सुभकारा, श्रीकारा, पंचमी, पूर्णमनी, कोट्टनाडन, नरायकोडी, कारीमुंडा, नीलमुंडी, बालनकोट्टा और कुतिरवल्ली, एम्पियरियन आदि को शामिल किया है.
काली मिर्च की खेती के लिए योग्य जलवायु
कृषि जानकारों के अनुसार गर्म और आर्द्र जलवायु काली मिर्च की उन्नत खेती सबसे उपयुक्त मामी जाती है. फसल की अछ्छी ग्रोथ के लिए 10°C और 40°C तापमान की आवश्यकता होती है. बारिश की बात करें तो 200 सेमी वार्षिक वर्षा उत्तम मानी जाती है.
काली मिर्च की खेती के लिए उचित मिट्टी
कार्बनिक पदार्थों से भरपूर 5.0-6.5 पीएच मान लाल दोमट, चिकनी दोमट और रेतीली दोमट मिट्टी को काली मिर्च की खेती (Soil Requirement for Black Pepper Farming) के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है, वही खेत से उचित जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए.
कैसे तैयार करें काली मिर्च की नर्सरी
काली मिर्च को बीज और कलम दोनों ही तरीकों से लगाया जा सकता है. व्यावसायिक तौर पर काली मिर्च की खेती करने के लिए कलम द्वारा पौधे तैयार किये जाते है. काली मिर्च की पौध तैयार करने के लिए बेलों से 2-3 गांठों वाली काली मिर्च की कलमें बनाकर मार्च-अप्रैल के महीने में प्लास्टिक की थैलियों में लगा दी जाती है. ये काली मिर्च की कटिंग लगभग 3 महीने में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है. बीजों द्वारा काली मिर्च की पौध तैयार करने में काफी समय लग जाता है इसलिए यह विधि काली मिर्च की खेती के लिए उचित नहीं मानी जाती है.
काली मिर्च की पौध को लगाने का तरीका
काली मिर्च की पौध रोपाई के बाद उसको किसी सहारे की आवश्यकता होती है, अगर आप काली मिर्च की व्यावसायिक खेती कर रहे है तो आपको उसके लिए उचित दूरी पर खेत में पोल गाड़ने होंगे. उसके बाद 3 से 4 मीटर की दूरी पर 0.5 मी.x 0.5 मी. x 0.5 मी. आकार के गड्ढे खोद कर काली मिर्च के पौधे लगाए, काली मिर्च के पौधे बेल की तरह बढ़ते है. बता दें, एक हेक्टेयर भूमि के लिए पर करीब 1666 पौधों की आवश्यकता होती है.
हल्दी की फसल में ऐसे डाले फर्टीलाइजर
काली मिर्च की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए खाद और उर्वरक का उचित प्रबंध करना चाहिए, खाद डालने का विवरण इस प्रकार है-
- प्रति पौधे 10 किलोग्राम सड़ी अच्छी गोबर की खाद या कम्पोस्ट अप्रैल-मई में डालनी चाहिए.
- प्रति पौधे 500 ग्राम अमोनियम सल्फेट, 1 किलोग्राम सुपर फॉस्फेट और 100 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश अगस्त से सितंबर महीने में डालना चाहिए.
- बुझा हुआ चूना 500 ग्राम प्रति पौधे की दर से वैकल्पिक वर्षों में अप्रैल से मई महीने में प्रति पौधा डालना चाहिए.
- इन खादों एवं उर्वरकों को अनुसार 25 से 30 सेमी की दूरी पर 12 से 15 सेमी की गहराई पर डालना चाहिए. इन खादों एवं उर्वरकों को कांटे अथवा किसी अन्य यंत्र की सहायता से मिट्टी में अच्छी तरह से मिला दें.
काली मिर्च की खेती में सिंचाई
काली मिर्च की फसल में पर्याप्त नमी बनाये रखने के लिए गर्मियों में 2 दिन के अंतराल तथा सर्दियों में 1 सप्ताह के अंतराल पर सिचाई करें.
काली मिर्च की खेती में खरपतवार नियंत्रण
काली मिर्च की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए मई से जून और बार अक्टूबर-नवंबर महीने में नराई/गुड़ाई करें.
काली मिर्च की खेती में कीट एवं रोग
काली मिर्च की फसल में पिस्सू-बीटल एवं स्केल कीट, स्लो-विल्ट, शीघ्र मुरझाना आदि का प्रकोप होता है. इन कीट व बीमारियों पर नियंत्रित पाने के लिए आप अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क कर सकते है.
काली मिर्च की तुड़ाई (Harvesting Black Pepper)
काली मिर्च के पौधे तुड़ाई के लिए लगभग 6 महीने से 7 महीने में तैयार हो जाते है. काली मिर्च के फल लगभग 90% पक जाने पर उसके स्पाइक्स को काट सकते है. आमतौर काली मिर्च के फलों की कटाई नवंबर महीने से शुरू होकर मार्च महीने तक चलती है.
काली मिर्च की उपज
काली मिर्च के एक पौधे से साल में 4 से 6 किलो तक काली मिर्च की फसल ली जा सकती है. इसके अनुसार 40 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार ली जा सकती है.
काली मिर्च की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि काली मिर्च की उन्नत खेती कैसे करें (How to do Black Pepper Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.