डेयरी फार्म / Dairy Farming / Dairy Farm : यदि आप अपना डेयरी फार्म शुरू करना चाहते है या फिर मौजूदा डेयरी फार्म का विस्तार करने की सोच रहे है. आप डेयरी फार्मिंग को सफल बनाने के लिए मार्गदर्शन चाहते है. तो आप सही जगह पर है. हम आपके लिए डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) से सम्बंधित सभी जानकारियां लेकर आये है जो आपके लिए फायदेमंद साबित होगी. तो चालिये देखे है एक सफल डेरी फार्म कैसे शुरू करे. इसके अलावा आप मुर्गी पालन, बकरी पालन की जानकरी भी प्राप्त कर सकते है.

डेयरी फार्मिंग की जानकारी – Dairy Farming in Hindi
सफल डेयरी फार्मों ने लोगो की किस्मत को बदल दिया है. एक लाभदायक डेयरी फार्म की स्थापना करना भी कला है. वैज्ञानिक सोच, उचित प्रबंधन और थोड़ी मेहनत करके डेयरी फार्म को एक लाभदायक डेयरी फार्म बनाया जा सकता है. डेयरी फार्मों को सफल बनाने के लिए कौन कौन सी बातें जरूरी है इस आर्टिकल जरिए जानेगे.
डेयरी पशुओं का चयन – Selection of Dairy Animals
सबसे पहले आप डेयरी पशुओं का चयन (Selection of Dairy Animals) करने की कला और विज्ञान को सीखे जोकि डेरी फार्म की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है. पशुपालन से संबंधित सभी बारिकियों को सिखने के लिए आप भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संसथान से प्रशिक्षण ले सकते है. जिससे आपको पशुओं के स्वास्थ्य, पोषण और प्रबंधन से संबंधित सभी बातें सिखने को मिलेगी.
गाय की नस्ले-
जर्सी, साहीवाल, सिंधी, थारपारकर, आदि.
भैंसों की नस्ले –
मुर्रा, जाफराबादी, जाफराबादी, भदावरी आदि.
स्वच्छ दूध का उत्पादन – clean milk production
कम जीवाणु वाले दूध का उत्पादन किए किया जाता है इन तरीकों को सीखना होगा ताकि दूध जल्दी ख़राब न हो. एंटीबायोटिक और एफ्लाटॉक्सिन मुक्त दूध का उत्पादन करने का तरीका भी सीखे जिससे दूध की कीमत में सुधा आएगा.
पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण
डेयरी फार्म का असफल होने की सबसे बड़ी वजह दुधारू पशुओं में फैलने वाली बीमारियों की जानकारी न होना.पशुओं में होने वाली बीमारियों के लक्षणों के बारे में जाने और उनसे वचाव के लिए उचित प्रबंधन सीखे. जिसके फलस्वरूप पशु-रोगों को जल्दी पहचान कर पशु-चिकित्सक के आने पहले पशु को प्राथमिक चिकित्सा देने में सहायता मिलेगी. जिससे पशुओं में रोग फैलने में कमी आएगी. डेयरी पशुओं को पशु चिकित्सक से नियमित जाँच करवानी चाहिए. जिससे दूध उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ेगा .
डेयरी पशुओं के लिए आवास बनावट
डेयरी फार्मिंग (Dairy farming) को सफल में पशुओं के आवास की बनावट भी मत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अधिकांश पशुपालक इसको लेकर भ्रमित रहते है. आपको बता दें प्रति गाय 40 वर्गफीट एवं प्रति भैंस 45 वर्गफीट स्थान की आवश्यकता होती है. पाँच गायों के लिए करीब 40 फीट लम्बी एवं पाँच भैंस के लिए 45 फीट लम्बी तथा दोनो स्थिति में चैड़ाई 10 फीट होनी चाहिए. वंही दाना-चारा तथा आवश्यक वस्तुओं के रखने हेतु भंडार घर के लिये: 10 फीट X 10 फीट जगह होनी चाहिए.
जगह को चार भागों में बाँटेंः
- गाय के लिये जगह : 20 फीट X 10 फीट
- भैंस के लिये जगह : 22 फीट X 10 फीट
- बाछा-बाछी, पाड़ा-पाड़ी: 10 फीट X 10 फीट
- भंडार घर के लिये: 10 फीट X 10 फीट
इन बातों का भी रखे ध्यान
- पशु आवास की छत छप्पर, खपरैल, नालीदार चादरों से बना सकते
- आवास की दीवारें चिकनी एवं प्लास्टर युक्त होनी चाहिए ताकि सफाई अच्छे करने में कोई परेशानी न आये
- पशुओं के आवास का फर्श समतल होना चाइये लेकिन चिकना नहीं.
- पशुओं के खड़े होने की जगह कंक्रीट एवं ईंट के खरंजे से बानी होनी चाइये.
- खाने के नाद की गहराई 35 से 40 से. मी. तथा चैड़ाई 50 से 60 से. मी. होनी चाहिए. पशु के खड़े होने की तरफ नाद की ऊँचाई 65-75 से. मी.रखे.
- सूरज की रोशनी का उचित का ध्यान रखें
- हवा और धूप का आवागमन अच्छा होना चाहिए
- बिजली और पानी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए
पशुओं के लिए पोषण युक्त आहार
पशुओं को दिया जाने वाला आहार भी एक सफल डेयरी फार्म के लिए अपनी अगल भूमिका निभाता है. दूध की गुणवत्ता पशुओं को खिलाये जाने वाले चारे पर निर्भर करती है. इसलिए पशुओं को साफ सुथरा और पोषण से भरपूर चारा खिलाना चाइये. पशुओं को रोजाना हरा चारा, खली, बरसीम, ज्वार व बाजरा, बिनौला आदि एक उचित मात्रा में दें. पशुओं में पानी की कमी न होने दे, बता दे एक पशु को दिन में लगभग 30 लीटर पानी की आवश्यकता होती है. वैज्ञानिक तरीके से फ़ीड और चारे का चयन कर दूध का अधिक उत्पादन ले सकते है.
डेयरी फार्म को सफल बनाने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
- अच्छी नस्ल के विदेशी पशुओं का चुनाव करें
- जल भराव वाली जगह पर पशुओं न रखें
- पशुओं को सूखी मिट्टी या सूखे फर्श पर रखें की उचित व्यवस्था करें
- समय समय पर पशुओं का टीकाकरण कराएं
- पशु के बीमार होने पर तुरंत पशु चिकित्सक इलाज कराये.
- पशुओं को समय पर और पौषिटक भोजन कराएं जिससे दूध की गुणवत्ता बढ़ेगी
- आंतरिक और बाहरी कृमि नाशक दवा भी समय पर दें
- पशुओं के आसपास किसी प्रकार की गन्दगी न होने दें.
- बाहरी परजीवियों होने पर जल्द उपचार करें.
- पशु के आवास की साफ सफाई रखे जिससे पशुओं के बिहार होने में कमी आएगी.
डेयरी फार्मिंग के लाभ (Dairy Farming Benefits)
- डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming) से उत्पादित दूध को बेचकर आप अच्छी कमी कर सकते है.
- अगर आपके पास बड़ा डेयरी फार्म शुरू करने के बजट नहीं है तो आप 1-2 पशु पालकर भी अच्छी कमाई कर सकते है
- पशुओं के गोबर से आप खेतों के लिए खाद बना सकते है, जिससे भूमि की उर्वरशक्ति और उत्पादन की क्षमता दोनों बढेंगी.
- पशुओं के गोबर से आप गोबर गैस प्लांट लगा सकते है. जिसको घरेलु उपयोग में लाया जा सकता है.
- Dairy Farming को पूरे साल किया जा सकता है जबकि खेती मौसमी प्रक्रिया है.
- Dairy Farming के लिए आप NABRAD Scheme के तहत लोन ले सकते है.
- Dairy Farming पर्यावरण के अनुकूल होती है.
- Dairy Farming एक फायदे का सौदा है.
- Dairy फार्मिंग किसानो से जुड़ा होने की वजह से अधिकतर छोटे बड़े किसान इसको कर सकते है
डेयरी फार्म लोन के लिए लोन – Dairy Farming Loan
डेयरी फार्मिंग के लिए लोन (dairy farming loan) प्राप्त करने के दो तरीके है, जिनके द्वारा आप लोन प्राप्त कर सकते है.
- राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के जरिये आप डेयरी फार्मिंग के लिए लोन प्राप्त कर सकते है. 1 लाख तक के लोन पर कोई मार्जिन नहीं और 1 लाख रुपए से अधिक के लोन पर 10% का मार्जिन लगेगा.
- SBI Loan Scheme : डेयरी फार्मिंग लोगन के लिए आप भारतीय स्टेट बैंक से सम्पर्क कर सकते है. भारतीय स्टेट बैंक नये और पुराने दोनों किसान लोन ले सकते हैं अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें
Dairy Farming – FAQ
अगर आपको dairy farming techniques (Dairy Farming in India) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.
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