Karela Khane ke Fayde: करेला एक ऐसी सब्जी है जो स्वाद में जितनी कड़वी है और स्वास्थ्य के लिए उतनी ही ज्यादा फायदेमंद होती है .इसके नाम पर ही बच्चे बड़े सब मुँह बनाने लगते हैं लेकिन यह हमारे शरीर में होने वाली कई बीमारीयों में फायदा करता है. करेला (Karela) को पूरे भारत में कई नामों से जाना जाता है. करेले का वैज्ञानिक नाम मोमोर्डिका चरैन्टिया (Momordica Charantia) है। इसे अंग्रेजी में बिटर मेलन और बिटर गॉर्ड के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, इसे बंगाली में कॉरोला, कन्नड़ में हगालाकायी और हिंदी में करेला कहा जाता है. करेला अफ्रीका, कैरिबियन, भारत और मध्य पूर्वी देशों में बहुत लोकप्रिय है.
करेला (Bitter Gourd)
करेला स्वास्थ लाभ (health benefits of bitter gourd) की दृष्टि से बहुत लाभदायक और महत्वपूर्ण होने के कारण संसार में प्रसिद्ध है. यह बहुत सी बीमारियों जैसे मधुमेह, बवासीर त्वचा संबंधी सुधार के लिए, श्वसन सुधार के लिए मदद करता है. यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और कैंसर से बचाता है. करेले में एंटीफंगल, एंटीएलर्जीक,एंटी वायरल, एंटी पारास्टिक गुण होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं. करेला सब्जी होने के साथ एक औषधि का भी काम करती है.
करेले में पाए जाने वाले पोषक तत्व
इसमें बहुत सारे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जैसे -प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, मैगनीज, आयरन, विटामिन A, विटामिन बी इसमें फाइबर भी पाया जाता है जो कैलोरी को कम करता है. यह ओमेगा 6-फैटी एसिड और ओलिक एसिड का भी अच्छा श्रोत माना जाता है. इसके इन्ही सब गुणों के कारण शायद यह कड़वा होने के बावजूद भी लोगों को बहुत अधिक प्रिय है. करेले के गुणों के बारे में जानने के बाद अब हम इसको खाने से होने वाले फायदे के बारे में जानते हैं.
करेला के फायदे (Karela ke Fayde)
करेला त्वचा के लिए लाभदायक
करेला त्वचा के लिए काफी लाभदायक है. यह त्वचा को चमकदार बनाता है और रोगमुक्त बनाता है. यह रक्त शुद्धिकरण का काम करता है जो त्वचा को मुहांसो से मुक्त रखता है. करेला के सेवन से त्वचा संक्रमण जैसे – एक्ज़िमा और सोरायसिस और फंगल इन्फेक्शन से बचा जा सकता है .करेला में विटामिनC होता है जो सूर्य की UV किरणों से बचाता है. यह त्वचा पर पड़ने वाली झुर्रियों को भी कम करता है.
मधुमेह को करे नियंत्रित
करेला खाना टाइप A टाइप B दोनों प्रकार के मधुमेह (डाइबिटीज) मरीजों के लिए फायदेमंद है. यह रक्त में शर्करा के स्तर को प्रभावित करके कम करने में सहायक है. करेला प्रैंक्रियास के इन्सुलिन उत्पादन को बढ़ाकर इन्सुलिन प्रभाव से भी बचाता है. करेले में तीन प्रकार के योगिक रन्तीं(charantin),विसिने (vicine ) और पॉलीपेपटाइड – P पाए जाते है जो मधुमेह को रोकने में सहायक हैं .
रक्त का शुद्धिकरण करने में सहायक
करेला प्राकृतिक रूप से रक्त को शुद्ध करने का काम करता है. अशुद्ध रक्त से सर दर्द, थकान और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है. यह रक्त को डेटोक्सीफ़ाय और साफ करता है. करेला रक्त का शुद्धिकरण करके त्वचा को मुहांसे, सोरायसिस और एक्जिमा जैसी समस्याओं से बचाव करता है.
लिवर के लिए फायदेमंद
करेला में पाए जाने वाले हिपेटिक गुण लिवर के लिए बहुत ही लाभदायक जाने जाते हैं. यह लिवर को सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करता है. लिवर के सही ढंग से कार्य करने पर मोटापा, ह्रदय रोग, क्रोनिक, थकान, सरदर्द, पीलिया ऐंवम पाचन सम्बन्धी समस्याओं व् अन्य रोगों के होने का खतरा कम होता है .
करेला कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक
करेला कोलेस्ट्रॉल को कम करके ह्रदय संबंधी बीमारियों से बचाब करता है. इसमें मौजूद फायटो नुट्रिएंट्स और एंटी ऑक्सीडेंट्स शरीर में उपस्थित हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करके शरीर को ह्रदय रोग, दिल का दौरा और स्ट्रोक के खतरे से भी बचाव करता है.
करेला वजन घटाने में सहायक
करेला वजन घटाने में भी काफी सहायक है .इसमें पाए जाने वाले फायटो नुट्रिएंट्स एंवम एंटी ऑक्सीडेंट वजन घटाने में मदद करते हैं. करेला शरीर में मौजूद फैट की मात्रा को कम करता है. इन सबके आलावा करेला फाइबर का अच्छा स्रोत माना जाता है जो कैलोरीज को कम करता है. एक अध्ययन के अनुसार करेले के बीज का तेल शरीर में वसा केसंचय को कम करने में भी काफी सहायक है.
करेला करे कैंसर से बचाव
करेला का सेवन करने से ग्रीवा, प्रोस्टेट और ब्रैस्ट कैंसर जैसी बीमारी से बचा जा सकता है. करेला में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल क्षति से सुरक्षा प्रदान करता है. एक रिसर्च के अनुसार करेला ट्यूमर के विकास को भी रोकता है.
इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाने में सहायक
करेला का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है .जिससे हमारी बीमारियों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है. इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने के लिएआप करेले को अपने दैनिक आहार में शामिल करें जिससे बीमारियों से बचा जा सके. आप करेले की चाय और करेले का जूस भी पी सकते हैं.
आंत के कीड़ों को खत्म करने में सहायक
करेले में पाए जाने वाला अन्थेलमिंटिक यौगिक आंत में होने वाले हानिकारक कीड़ों को नष्ट करता है. करेला उन परजीवी को नष्ट करने के साथ साथ उनके बाद आंत में बचे विषाक्त पदार्थों से भी छुटकारा दिलाता हैं.
बवासीर से छुटकारा दिलाने में सहायक
करेला बवासीर और बार बार होने वाली कब्ज की समस्याओं से भी निजात दिलाता है. करेला में एंटी इंफ्लेमेंटरी और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं इसलिए यह बवासीर में उत्तम आहार मन जाता है. इसमें पाए जाने वाला फाइबर मल त्यागने की प्रक्रिया को सरल व् नियमित बनाता है जो की कब्ज से भी मुक्त करता है.
अभी तक हमने करेले से होने वाले फायदे के बारे में जाना अब हम आपको बताने जा रहे है की करेला हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जितना फेडमेमंद है उतना ही इसको गलत समय व् तरीका से खाना हमारे शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं .
करेला से होने वाले नुकसान (Karela ke Nuksan)
1. करेला का गर्भावस्था में सेवन नहीं करना चाहिए यह. करेला में एक ऐसा तत्व पाया जाताहै जो की गर्भपात का कारण बन सकता है.यह जानवरों पर किये गए एक रिसर्च के अनुसार निकल कर आया है अभी इंसान पर इसका प्रभाव जाने के लिए शोध नहीं किया गया है इसलिए करेले का सेवन करने से बचना चाहिए.
2. करेले का गर्भावस्था के आलावा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए. क्यूंकि करेले में कुछ ऐसे विषाक्त पदार्थ मोजूदहोते हैं जो स्तनपान करने वाली मासे शशु तक पहुँच सकते हैं.
3. मधुमेह की रोगियों को भी करेला का सेवन ध्यान पूर्वक करना चाहिए जैसे अगर वह मधुमेह के लिए डॉक्टर की दवा ले रहे हैं तो उन्हें करेला का सेवन डॉ.के परामर्श पर ही करना चाहिए क्यंकि करेला ब्लड शुगर की मात्रा को कम करता है जो मधुमेह की दवा के साथ नुकसानदायक साबित हो सकता है .
4. कुछ लोगों को करेला खाने से सर दर्द, पेट में ऐंठन और दस्त की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में आप डॉक्टर की सलाह पर ही करेले का सेवन करें.
करेले का उपयोग
-करेले की सब्जी बनाई जाती है
-करेले का अचार (bitter gourd pickle) बनाया जाता है.
-करेले का जूस (karela juice) पीया जाता है
-करेले का रस (bitter gourd juice) बालों में लगाया जा सकता है.
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताये गए फायदे, नुकसान और उपयोग की कृषि दिशा कोई पुष्टि नहीं करता है. इस जानकारी को केवल सामान्य सूचना और सुझाव के रूप में लें. इनका उपयोग में लाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.