Avocado Cultivation : क्या आप एवेकैडो की खेती के बारे में जानते है? क्या आपके क्षेत्र में एवेकैडो फल की खेती हो रही है, दरअसल एवेकैडो फल के बारे में ही बहुत कम लोग जानते है. वर्तमान समय में व्यावसायिक तौर पर एवेकैडो की खेती दक्षिणी राज्य तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक की जा रही है. लेकिन किसान अब जागरूक हो रहे है वह पारम्परिक खेती के साथ बागवानी खेती की तरफ भी रुख कर रहे है. इसमें कृषि विभाग एवं कृषि विश्वविद्यालय भी इनका साथ दे रहे है. ये संस्थान एवोकैडो की खेती (avocado ki kheti) की पूरी जानकारी किसानो तक पंहुचा रहे है. अगर आपको भी एवोकैडो की खेती (avocado ki kheti) करके अच्छा मुनाफा कामना चाहते है तो आपको इसकी खेती की पुख्ता जानकारी प्राप्त करनी होगी.
एवोकैडो की खेती (Avocado ki kheti)
पोषक तत्वों से भरपूर एवोकैडो एक विदेशी फल हें, जिसकी मांग पूरे भारत में रहती है. एवोकाडो की खेती मूल रूप से उत्तरी अमेरिका और मैक्सिको में व्यापक रूप से की जाती है लेकिन वर्तमान समय इसकी खेती या बागवानी दुनिया भर के कई देशों में सफलतापूर्वक की जा रही है उनमें से भारत भी एक है. भारत के किसान एवोकैडो की खेती (Avocado Cultivation in India) करके अच्छा खसा मुनाफा कमा रहे है. कुछ किसान तो इसकी नर्सरी से अच्छी भी आमंदनी कर रहे है. इसलिए देश के किसानो के लिए एवोकैडो की खेती फायदेमंद साबित हो रही है.
एवोकैडो की खेती की पूरी जानकारी
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उपयुक्त जलवायु एवं मिट्टी
उष्णकटिबंधीय और अर्ध-उष्णकटिबंधीय नम जलवायु एवोकैडो की उन्नत खेती के लिए बढ़िया मानी जाता है वही
फसल के उत्तम विकास के लिए 20-30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की जरुरत होती है. मिट्टी की बात की जाये तो 5 से 7 पीएच मान वाली लेटराइट मिट्टी को ठीक मानी जाती है.
एवोकाडो की प्रमुख किस्में
एवोकाडो की खेती या बागवानी के लिए जलवायु के अनकूल एवोकाडो की उन्नत किस्में इस पकार है – ग्रीन टाइप, पर्पल, टीकेडी-1, नाबाल, लिंडा, पुयेवला, फुएर्टे, पिंकर्टन,हैस, पर्पल, पोलक, ग्रीन, पेराडेनिया पर्पल, हाइब्रिड ट्रैप, गॉट-फ्राइड फ्यूरेट, पोलक, वाल्डिन, अर्का सुप्रीम, हैस आदि प्रमुख किस्में हैं.
कैसे तैयार करें खेत
Avocado ki kheti के लिए खेत तैयार करने से पहले खेत की उर्वराशक्ति बढ़ाने के लिए पर्याप्त में गोबर की खाद डालकर खेत की मिट्टी को खरपतवार रहित बारीक़, भुरभुरी कर समतल कर लें. पौधों का अच्छे से विकास हो सके इसके लिए पौधे से पौधे की दूरी 8 मीटर से 10 मीटर, पंक्तियों से पंक्तियों के बीच 7 मीटर रखते हुए 90 सेमी x 90 सेमी आकार के गड्ढे खोदे लें.
कैसे तैयार करें एवोकैडो की नर्सरी
एवोकैडो के बीजों को पॉलीथीन बैग या नर्सरी बेड पर सीधे बुवाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है. नर्सरी में एवोकाडो के पौधों को तैयार होने में करीब 5-6 महीने तक लग जाते है. इसके बाद आप इन पौधों की खेत में रोपाई कर सकते है. बता दें, प्रति एकड़ लगभग 165-170 एवोकैडो पौधे की आवश्यकता होती है.
जानिए कब लगाए जाते एवोकाडो के पौधे
एवोकाडो के पौधों की रोपाई का सबसे अच्छा समय जून-जुलाई होता है क्योकि यह मौसम बारिश का होता है. अगर सिचाई की व्यवस्था अच्छी है तो आप सितंबर महीने में इसकी रोपाई कर सकते है.
एवोकाडो के पौधों की रपोई
एवोकाडो के पौधों की रोपाई के लिए खेत में तैयार 90 सेमी x 90 सेमी आकार के गड्ढों को भरने के लिए 1:1 के अनुपात में गोबर की खाद और गड्ढे की ऊपरी मिट्टी का मिश्रण तैयार कर लें. अब तैयार मिश्रण को गड्ढों में भरकर एवोकाडो के पौधों की रोपाई कर सकते है.
खाद और उर्वरक
एवोकाडो के पौधों से अच्छी पैदावार लेने के लिए जैविक खादों के साथ अकार्बनिक उर्वरकों का उपयोग कर सकते है. एवोकाडो के पौधों में खाद और उर्वरक प्रवंधन के लिए स्थानीय बागवानी विभाग से संपर्क कर सकते है.
एवोकाडो में सिंचाई प्रबंधन
एवोकाडो की सिचाई के लिए आप टपक विधि का उपयोग कर सकते है. शुष्क और गर्म मौसम में एवोकाडो की सिचाई 3 से 4 सप्ताह के अंतराल करें दें. बारिश के मौसम में आवश्यकतानुसार सिचाई करें.
एवोकैडो के पौधों की छंटाई
एवोकैडो के पौधों से अच्छा उत्पादन लेने के लिए एवोकैडो के पौधों की पतली शाखाओं को काट देना चाहिए ताकि फल देने वाली शाखाओं को पूरी तरह से पोषक तत्व मिल सकें.
एवोकैडो में खरपतवार नियंत्रण
जब एवोकैडो के पौधे छोटे होते हैं तो उस समय खरपतवारों से बचना बेहद जरुरी होता है, प्राकृतिक रूप से खरपतवार नियंत्रण के लिए समय समय पर निराई गुड़ाई करते रहना चाहिए.
कीट और रोग
एवोकाडो के बागानों में मीलीबग्स, स्केल्स और माइट्स कीट का प्रकोप रहता है इसके अलावा फ्रूट स्पॉट, लीफ स्पॉट और रूट रोट आदि रोग एवोकाडो के पौधों को प्रभावित करते है. इन कीट और रोगों पर नियंत्रण के लिए बागवानी विभाग या कृषि विभाग से संपर्क करें.
एवोकैडो की तुड़ाई (Harvesting Avocado)
बीज से तैयार एवोकाडो को फल देने में 5 से 6 साल लग जाते है. एवोकाडो के फलों की दो वैरायटी होती है, बैंगनी और हरी. बैंगनी किस्म के फलों का रंग बैंगनी से मैरून हो जाये तो उनको तोड़ लेना चाहिए, वही हरे रंग वेरायटी के फल हरे से पीले रंग में बदल जाते है तो उनको तोड़ लेना चाहिए.
एवोकैडो फल की उपज
फसल की पैदावार पौधों की किस्म, उम्र, जलवायु और फसल की देखरेख पर निर्भर करता है. सामान्यतः प्रति पौधा औसतन 200 से 500 फल देता है जबकि 10 से 12 वर्ष के पौधे से 300 से 400 फल तक प्राप्त हो सकते है.
एवोकैडो की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि एवोकैडो की उन्नत खेती कैसे करें (How to do Avocado Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.