जुकिनी की खेती / Zucchini Cultivation / Zucchini ki kheti : जुकिनी खेती / Zucchini Farming को अगर व्यपारिक दृष्टि से देखा जाये तो इसकी खेती कर किसान लाखों रूपये की कमाई कर रहे है. जुकिनी की खेती की पारम्परिक खेतियों की तुलना में अधिक पैदावार देकर किसानो की आमदनी में इजाफा कर रही है. जुकिनी की खेती करने के लिए लोग अपनी नौकरी तक छोड़ दे रहे है. वर्तमान समय में जुकिनी की डिमांड बाजार बहुत अधिक है. जो किसान जुकिनी की खेती (Zucchini Cultivation in India) करना चाहते है वे इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढें क्योकि इस लेख में जुकिनी की खेती के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखा चाहिए इसकी पूरी जानकारी दी जा रही है. आइये जानते है जुकिनी की खेती कैसे करे है? जुकिनी की खेती करने के साथ आप Zucchini ke Fayde की जानकारी प्राप्त कर सकते है.

जुकिनी की खेती – Zucchini ki Kheti in Hindi
जुकिनी को चप्पन कद्दू के नाम से भी जाना जाता है. पहले इसकी खेती विदेशों में होती थी लेकिन कुछ सालों से इसकी खेती भारत में भी हो रहे है. ज़ुकिनी (zucchini in India) हरे या पीले रंग की होती है. इसके पौधों की लम्बाई 3 फ़ीट तक हो जाती है. चप्पन कद्दू की खेती (Chappan Kaddu Farming) अगर वैज्ञानिक तरीके से की जाये तो किसान इसकी फसल से अच्छी कमाई कर सकते है. इसके अलावा आप Sharifa ki Kheti, khajoor ki Kheti, Moongphaliki Kheti, Kundru Kheti, Tejpatta ki kheti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें.
जुकिनी की खेती की पूरी जानकारी – Zucchini Farming in Hindi
जुकिनी की खेती करने का चलन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहे. जो किसान इसकी खेत करना जानते वे इसकी खेती से अच्छी खासी कमाई कर रहे है. जो इसकी खेती करना नहीं जानते है वे निराश न होये क्योकि आज हम लेख के जरिये जुकिनी की खेती कब और कैसे की जाती है? इसकी सम्पूर्ण जानकारी दे रहे है. तो चलिए जानते है कि जुकिनी की उन्नत खेती कैसे करें.
जुकिनी की खेती के लिए जलवायु (Climate for Zucchini Cultivation)
जुकिनी की फसल को 20°-40° सेल्सियस तापमान के बीच में आसानी से उगाया जा सकता है. बीज अंकुरण के समय 15°C से अधिक तापमान होना चाहिए. जुकिनी की खेती से अच्छी पैदावार लेने के लिए 30° सेल्सियस तापमान उचित माना जाता है. इसकी खेत अधिक ठण्ड और पला सहन नहीं कर सकती है.
जुकिनी की खेती के लिए मिट्टी (Climate for Zucchini Cultivation)
जुकिनी की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली जीवंशुयक्त बलुई दोमट मिट्टी को अच्छा माना जाता है. इसकी खेत के लिए पीएच मान 6.5 से 7 के बीच होना चाहिए.
जुकिनी की फसल के लिए खेत की तैयारी (Field Preparation for Zucchini Farming)
जुकिनी की फसल के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करनी चाहिए ताकि खेत में मौजूद खरपतवार नष्ट हो जाये. इसके बाद आवश्यकतानुसार गोबर की खाद डालकर खेत की जुताई खेत में पानी छोड़ दें. जब खेती की ऊपरी परत सुख जाने के बाद खेत की 2-3 आडी-तिरछी गहरी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी कर समतल कर लें. इसके बाद खेत में बैड बनाकर सिचाई के लिए ड्रिप लगा दें.
जुकिनी की किस्में – Varieties for Zucchini Farming
सेनेका (Seneca) – इस वैरायटी का फल बेलनाकार होता है. यह तोड़ी के लिए 42 दिन में तैयार हो जाता है
स्पेसमिसर (Spacemiser) – अधिक उपज देने वाली इस वैरायटी के फल हरे होते है. यह वैरायटी बुवाई के करीब 45 दिन बाद तोड़े के लिए तैयार हो जाती है.
आठ बॉल (Eight Ball) – इस वैरायटी के फल डार्क ग्रीन होते है. इस किस्मो को कटाई के लिए 40 दिन लग जाते है.
गोल्ड रश (Gold Rush) – इस वैरायटी के फल एक समान, बेलनाकार फल, कटाई के लिए 45 दिन लग जाते है.
कोस्टाटा रोमनेस्को (Costata Romanesco) – इस किस्म जुकिनी के फल हरे रंग के होते है इसको कटाई में 52 दिन लग जाते है
एंबेसडर (Ambassador) – इस वैरायटी के फल गहरे हरे रंग के होते है. इस किस्म को बुवाई के करीब 50 लग जाते है.
जुकिनी की अन्य किस्में
ज़ुकिनी की उन्नत किस्मों में ऑस्ट्रेलियन ग्रीन 4-5, अर्ली यलो प्रोलीफिक, पूसा पसंद, पैटीपैन आदि शामिल है.
जुकिनी की बुवाई का समय Sowing Time for Zucchini Farming
जुकिनी की बुवाई का सबसे बढ़िया समय सितंबर से नवंबर के बीच होता है इस मौसम में बीज अच्छे के अंकुरित हो जाते है,
जुकिनी की बुवाई का तरीका – Method of sowing Zucchini Cultivation
जुकिनी की एकड़ फसल लगाने के लिए करीब 1 से 1.25 किग्रा बीज की आवश्यतकता होती है. पौधों को पंक्तियों में लगाने पर पौधे से पौधे की दूरी 1 से 1.5 मीटर होनी चाहिए.
जुकिनी की सिंचाई – Irrigation of Zucchini Farming
जुकिनी की पहली सिंचाई बुवाई या रोपण के तुरंत बाद करनी चाहिए. गर्मी के मौसम जुकिनी की सिचाई 5-6 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए. बारिस के मौसम में आवश्यकतानुसार सिचाई करें. ठण्ड के मौसम में फसल को पाले से बचाना चाहिए.
जुकिनी के लिए खाद एवं उर्वरक (Manures and Fertilizers for Zucchini Farming)
खाद एवं उर्वरक की आवश्यकता मिट्टी की उर्वरा शक्ति पर निर्भर करती है. जुकिनी की फसल के लिए 15-20 टन सड़ी गोबर की खाद या कम्पोस्ट को बुआई से करीब 2-3 हफ्ते पहले खेत में डालें. इसके बाद 100 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फास्फोरस और पोटाश आवश्यकता होती है.
फास्फोरस और पोटाश का 1/3 नाइट्रोजन जुकिनी की फसल को दें. बुवाई के करीब 1 महीने बाद बचे नाइट्रोजन को दो बराबर मात्रा में फसल को दें. खाद के लिए आप ड्रिप इरीगेशन का इस्तेमाल करें.
जुकिनी की फसल में लगने वाले कीट (Weed Control in Bay Zucchini Farming)
जुकिनी की फसल पर लगने वाले प्रमुख निम्न है. जैसे: एफिड्स (Aphids), कुकुम्बर बीटल (cucumber beetle), स्लग (Slug), घोंघे (Snails), स्क्वैश बग (Squash bugs), स्क्वैश वाइन बोरर (squash vine borer) आदि इनको रोकथाम के लिए आप आने कृषि वैज्ञानिक से सलाह लें.
जुकिनी की कटाई कब और कैसे करें ?
1- जुकिनी के फलों की बेहतर गुणवत्ता के लिए कटाई सही अवस्था में की जानी चाहिए
2- जुकिनी का फल स्वाद सबसे अच्छा तब लगता है जब उसकी लंबाई 4 से 6 इंच तक पहुंच जाती है.
3- जुकिनी की अधिकांश वैरायटी बुवाई के 40-50 दिनों के बाद पहली तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती हैं.
4- जुकिनी का विकास बहुत तेज़ी हे होता है इसलिए उसके छिलके को सख्त होने से पहले ही तोड़ लेना चाहिए.
5- वांछित फल के आकार होने पर जुकिनी को तोड़ लेना चाहिए क्योंकि यह बहुत जल्दी बढ़ता है.
6- नियमित तुड़ाई करते रहने पर फसल की पैदावार बढ़ती है.यदि फसल अधिक बड़ा हो जाता है तो फल सड़ने लगता है.
7- फलों को तोड़ने के बजाय बेल से काट लें
जुकिनी की उपज प्रति एकड़
अगर ठीक से देखभाल की जाए तो एक तोरी का पौधा एक सीजन में 40 फल तक पैदा कर सकता है. जुकिनी की औसत उपज लगभग 8000 किग्रा/एकड़ तक हो जाती है.
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