Lettuce Cultivation : लेटस एक विदेशी पत्तेदार फसल है, जिसका बड़े पैमाने उपयोग बड़े-बड़े होटलों में सलाद के रूप पर किया जाता है. चलिए जानते है, सलाद पत्ता की उन्नत खेती कब और कैसे की जाती है. मुख्य रूप से सर्दियों के मौसम में उगाई जाने वाली लेटस (सलाद पत्ता) एक विदेशी सब्जी है जिसकी खेती के लिए के लिए भारतीय जलवायु एवं मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है क्योकि मध्य सितंबर से मध्य नवंबर माह में लगाई जाने वाली इस फसल के समय सम्पूर्ण भारत में ठण्ड पड़ती है. अगर लेटस की खेती (Romaine Lettuce Cultivation) व्यावसायिक रूप की जाये तो किसानो के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन सकती है.
लाल और हरे रंग के लेटस की खेती (Lettuce Cultivation) चीन, यूएसए, भारत, स्पेन, इटली जैसे देशों में की जाती है. जिसमें चीन विश्व का 50% से अधिक लेटस (सलाद पत्ता) का उत्पादन करता है. सितंबर से लेकर नवंबर महीने में की जाने वाली पत्तेदार सलाद की खेती से अपनी आमदनी बढ़ाना चाहते है तो आपको इस खेती की करने के तरीके जानने होंगे. तो आइये जानते है लेटस ग्रास की खेती कब और कैसे करें?
सलाद पत्ता की खेती (Lettuce ki kheti)
सलाद पत्ता को इंग्लिश में “Lettuce” कहते है, जिसको आप लेट्टस या लेटस बोल सकते हैं. सलाद पत्ता को पत्तेदार सब्जी एवं कभी-कभी तने और बीज के लिए भी उगाया जाता है. कच्ची व बड़ी लेटस पत्तियों की डिमांड सलाद के रूप मैं बड़े-बड़े होटलों में बहुत अधिक होती है क्योकि इसमें में कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट्स, आयरन और विटामिन ‘सी’ ‘ए’ आयरन जैसे आदि पोषक तत्व भरपूर में मात्रा में मौजूद होते है, जो स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक होते है. लैटस की विभिन्न किस्में बाजार में उपलब्ध जिसको उगाकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है.
लेटस की उन्नत खेती कैसे करें
Lettuce ki kheti kaise kare : लेटस फार्मिंग (Lettuce Cultivation) से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर किसान भाई मोटी कमाई कर सकते है क्योकि बड़े-बड़े होटल्स और स्थानीय बाजारों में लेटस की मांग वर्ष भर रहती है. इसलिए सही समय पर लेटस को लगाए और बढ़िया मुनाफा कमाएं, यहां जानिए Lettuce Cultivation के लिए जलवायु, मिट्टी कैसी होनी चाहिए.
लेटस की खेती हेतु जलवायु
ठंडी जलवायु यानी सर्दियों का मौसम Lettuce Farming हेतु सबसे उपयुक्त मना जाता है. फसल के अच्छे विकास के लिए 12-15 डिग्री सेल्सियस तापमान होना चाहिए, अधिक तापमान होने की स्थिति में सलाद पत्ता (Lettuce) की टिप जलने और सड़ने का कारण हो सकता है जिससे सलाद पत्ता का स्वाद कड़वा हो सकता है. अगर मिट्टी का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक है तो बीजों के अंकुरण होने की सम्भावना कम ही रहती है.
लेटस की खेती के लिए उपयुक्त भूमि
सामन्यतः लेटस की खेती सभी प्रकार की भूमि में हो सकती है, लेकिन जैविक पदार्थ, नाइट्रोजन और पोटाश्यिम से युक्त उचित जल निकासी एवं 6-6.8 पी एच मान वाली रेतली दोमट और दानेदार दोमट मिट्टी Lettuce ki Kheti के लिए अच्छा माना गया है.
लेटस की बुवाई का समय
लेटस की खेती को सीधे बीज छिड़कर और नर्सरी दोनों तरीको से कर सकते है. नर्सरी के लिए लेटस की बुवाई सितंबर से नवंबर महीने में की जाती है. लेटस की नर्सरी (Lettuce Nursery) तैयार होने में 5-6 सप्ताह का समय लग जाता है. वही पहाड़ियों में इसकी रोपाई फरवरी से जून तक की सकती है.
लेटस की प्रमुख प्रजातियां
- बटरहेड (Butter Heads) – इस वैरायटी को तैयार होने में लगभग 45-55 दिनों का समय लगता है.
- क्रिस्पहेड / आइसबर्ग (Crisphead / Iceberg)- बुवाई के 70-100 दिनों में पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है.
- पंजाब लेटिष 1(Punjab Lettuce 1) – बिजाई के 45 दिनों के बाद पहली कटाई के लिए तैयार हो जाती है
- पूसा स्नोबॉल 1 (Pusa Snowball-1)- पत्ते ढीले और औसतन पैदावार 35 क्विंटल प्रति एकड़ होती है
- रोमैन Romaine)- इस किस्म को पहली कटाई को तैयार होने में 75-85 दोनों का समय लगता है.
लेटस की फसल के लिए खेत की तैयारी
लेटस की खेती के लिए खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से कर खेत को कुछ दिन के लिए खुला छोड़ दें ताकि खेत में मौदूज खरपतवार और कीट नष्ट हो जायेंगे. उसके बाद 15-20 ट्रौली प्रति हेक्टर गोबर की खाद खेत में डालकर खेत को बुवाई के लिए कर लें. आखिरी जुताई के समय नत्रजन 120 किलो, 60 किलो फास्फेट तथा 80 किलो पोटाश प्रति हेक्टेयर डालकर खेत को पाटा लगाकर भूमि को समतल कर लें.
लेटस की बुवाई का तरीका
Lettuce Leaf Farming: पत्तेदार सलाद के बीज की बुवाई करते समय बीज दूरी एवं गहराई का विशेष ध्यान रखना चाहिए, बुवाई के समय पंक्ति से पंक्ति के बीच दूरी 45 सैं.मी. और पौधे से पौधे के बीच की दूरी 30 सैं.मी. और बीज की गहराई 5-6 सैं.मी. गहराई होनी चाहिए.
लेटस की फसल में खरपतवार नियंत्रण
पत्तेदार सलाद की उन्नत खेती से अच्ची पैदावार लेकर मोटी कमाई करना चाहते है तो किसानो को फसल की अच्छे से देखभाल करनी चाहिए ताकि फसल में खरपतवार न हो सकें. खरपतवार की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करते रहे.
लेटस की सिंचाई कैसे करें
उच्च गुणवत्ता वाली फसल के लिए समय-समय पर हल्की सिचाई करते रहे. सिचाई के लिए आप फरो, ड्रिप या स्प्रिंकलर का उपयोग कर सकते है
लेटस में लगने वाले कीड़े और बीमारियां
- एफिड्स :- यह कीड़ा लेटस के तने एवं पत्तियों का रस चूस कर जिन्दा रहते है. जिससे फसल में काफी नुकसान हो जाता है.
- स्लग :- यह कीड़ा सलाद पत्ता को चबाकर उनमें छेद कर देता है. जिसकी वजह से पत्तेदार सलाद बेचने लायक नहीं बचते है. अगर इनके प्रजनन को नहीं रोका गया तो यह कीड़ा पूरी फसल को नष्ट कर देता है.
- सफेद फफूंदी :- स्क्लेरोटेनिया नामक एक सफ़ेद फफूंदी रोग है. इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां मुरझाई और रंग उतरा सा हो जाता है.
- जड़ सड़ना :- राइजोक्टोनिया सोलानी की वजह से इस रोग का प्रकोप सलाद पत्ता पर देखने को मिलता है. यह एक फफोड़ि रोग होता है.
- कोमल फफूंदी :- इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों पर पीले रंग के धब्बे पड़ जाते हैं.
लेटस की कटाई (harvesting lettuce)
पत्तेदार सलाद पूर्ण विकसित होकर बिक्री आकार में पहुंच जाता है तो तब उसकी कटाई कर लेनी चाहिए. सामन्यतः लेटस बुवाई के करीब 50-55 दिन में पहली कटाई के लिए तैयार हो जाता है. लेटस की कटाई (harvesting lettuce) सुबह या शाम को करनी चाहिए ताकि लेटस की पत्तेदार सलाद (lettuce leaves) ताज़ी बनी रहे. बीच की पत्तियों को छोड़ कर बहार की सभी पत्तियों को काट लेना चाहिए.
लेटस की खेती से आमदनी
बड़े-बड़े शहरों के निकट रोमन लेट्यूस की खेती करना मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है, क्योकि शहर के बड़े-बड़े फाइव स्टार होटल्स, फूड़ पाइंट कैफे और अमीर घरानों में इसकी मांगे हमेसा बनी रहती है. इसलिए अच्छी किस्म के बीजो का चुनाव कर इसकी खेती से क्वालिटी प्रॉडक्शन प्राप्त करें. एक हैक्टेयर खेत में लेटस की खेती कर, रोपाई के 40-45 दिनों के अंदर 120 क्विंटल सब्जी की उपज मिल जाती है, जिसका बाजार भाव 80-120 रूपये किग्रा तक मिल जाता है.
Lettuce Farming – FAQ
पत्तेदार सलाद की खेती, कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि पत्तेदार सलाद की खेती कैसे करें (How to cultivate Lettuce) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को आपको पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है.