Dragon Fruit Cultivation : वर्तमान समय में जो किसान आर्थिक तंगी झेल रहे उन किसानो के लिए ड्रैगन फ्रूट्स की खेती वरदान साबित हो सकती है. इसकी एक एकड़ खेती से किसान सालाना 6 से 7 लाख रुपए की कमाई कर सकते है. इसके अलावा ड्रैगन फ्रूट्स की एक बार रोपाई करने पर 25 साल तक कमाई होगी. ड्रैगन फ्रूट्स की खेती की पूरी प्रक्रिया देखी जाए तो कम बारिश एवं कम पानी खर्च तथा अच्छी देखभाल करके प्रत्येक वर्ष इसका उत्पादन बढ़ाता जाता है. पौधे कटीले होने की वजह से आवारा पशु भी इसको कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकते है. अगर आप भी ड्रैगन फ्रूट की खेती (dragon fruit ki kheti) करने का मन बना रहे है तो कैसे की जाती है ड्रैगन फ्रूट की खेती (How to cultivate dragon fruit) जानने के लिए इस लेख को आखरी तक पढ़ें.
ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit ki Kheti)
ड्रैगन फ्रूट एक विदेशी फल हैं जो थाइलैंड, वियतनाम, श्रीलंका, इज़रायल आदि देशों में बहुत ही लोकप्रिय है, ड्रैगन फ्रूट को मेक्सिको में पिठाया या पपीता तथा मध्य अमेरिका और उत्तरी दक्षिण अमेरिका में पितया रोजा के नाम से जाना जाता है. लेकिन पिछले की सालों में ड्रैगन फ्रूट ने भारत में काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है. ड्रैगन फ्रूट औषधीय गुणों का भण्डार है जो मधुमेह, कार्डियो-वैस्कुलर और अन्य तनाव संबंधी बीमारियों में लाभदायक साबित हो रहा है. इसका उपयोग जैम, आइसक्रीम, जेली, जूस और वाइन आदि खाद्य सामग्री बनाने में किया जाता है. ड्रैगन फ्रूट के औषधीय गुणों की वजह से इसकी मांग लगातार बनी रहती है. ऐसे में रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Farming) किसानों के लिए आमंदनी बढ़ाने का एक बेहतर विकल्प हो सकती है.
कब और कैसे करें ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती
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ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए जरुरी जलवायु
एक्सपर्ट्स की बात माने तो नम एवं गर्म जलवायु ड्रैगन फ्रूट की खेती के आवश्यक होती होती है. फसल की अच्छी ग्रोथ के लिए 50 सेंटिमीटर बारिश तथा 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरुरत होती है. लेकिन अधिक बारिश इसकी खेती के लिए हानिकारिक होती है.
ड्रैगन फ्रूट के लिए मिट्टी का चयन
फसल के अच्छे विकास एवं उत्पादन के लिए जिवाश्म युक्त 5.5 से 7 पीएच मान दोमट मिट्टी को ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती के लिए बढ़िया मना जाता है. फसल की नुकसान से बचने के लिए जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग हेतु ऐसे करें खेत तैयार
व्यावसायिक स्तर पर ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए 20 से 25 टन प्रति हैक्टर की दर से अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद अथवा कम्पोस्ट को खेत में डालकर मिट्टी को बारीक बना लें. उसके बाद उचित दूरी सीमेंट और कंक्रीट के खम्भे गाड़ लें. खंभे कितने दूर होने चाहिए उसकी जानकारी नीचे दी गई है.
ड्रैगन फ्रूट की उन्नत किस्में
ड्रैगन फ्रूट की खेती व्यावसायिक स्तर पर करने के लिए ड्रैगन फ्रूट की इन उन्नत किस्में सफ़ेद पिथाया (White Dragon Fruit), लाल पिथाया (Red Dragon Fruit), पीला पिथाया (Yellow Dragon Fruit) इसके अलावा वालदीव रोजा, असुनता, कोनी मायर, डिलाईट, अमेरिकन ब्यूटी, पर्पल हेज़, ISIS गोल्डन यैलो, S8 शूगर, आउसी गोल्डन यैलो, वीयतनाम वाईट, रॉयल रैड, सिंपल रैड आदि में से चयन कर सकते है.
कैसे लगाएं ड्रैगन फ्रूट के पौधे
ड्रैगन फ्रूट कल्टीवेशन के लिए खेत तैयार होने के पश्चात पौधों के समुचित विकास के लिए 2.5 x 2.5 मीटर की दूरी पर 7-7.5 फीट लम्बे और 6 इंच के चौकोर आकार के खंभे को 1.5 से 2 फ़ीट गहराई में गाड़ दें. इसके बाद 2 फुट व्यास की एक रिंग खंभे के ऊपरी भाग पर लगाएं अब पोल के चारों तरह 4 पौधे लगा दें उनको ऊपर की दिशा में बांध दें. बता दें, एक एकड़ ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग के लिए लगभग 1700 ड्रैगन फ्रूट के पौधों की आवश्यकता होती है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती में ऐसे डालें उर्वरक
पौधों के बेहतर विस्तार और विकास के लिए ड्रैगन फ्रूट की रोपाई के समय 15 से 25 ग्राम जैविक खाद, 100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट प्रति पौधा देना चाहिए. उसके बाद निम्न तरीके से ड्रैगन फ्रूट के पौधों में खाद डालें-
- पहले दो वर्षों में:- 300 ग्राम नाइट्रोजन, 200 ग्राम फास्फोरस और 200 ग्राम पोटेशियम प्रति पौधा.
- परिपक्व पौधों के लिए:- 540 ग्राम नाइट्रोजन, 720 ग्राम फॉस्फोरस और प्रति वर्ष 300 ग्राम पोटेशियम प्रति पौधा.
- फल लगने के समय:- कम मात्रा में नाइट्रोजन और अधिक मात्रा में पोटाश दिया जाना चाहिए.
कैसे करें ड्रैगन फ्रूट के पौधों की सिचाई
ड्रैगन फ्रूट के पौधों को अन्य दूसरे पौधों के मुकाबले कम पानी की आवश्यकता होती है. ड्रैगन फ्रूट की सिंचाई (dragon fruit plant irrigation) के लिए ड्रिप सिस्टम का उपयोग करें. बारिश के मौसम में ड्रैगन फ्रूट के पौधों को पानी की आवश्यकता नही होती है. फूल और फल बनने के समय भूमि में पर्याप्त नमी रहनी चाहिए.
ड्रैगन फ्रूट की खेती में कीट एवं रोग
ड्रैगन फ्रूट की फसल (Dragon Fruit Crop) पर अन्य फसलों के मुकाबले रोग एवं कीटों का प्रकोप कम होता है. फसल है तो रोग और कीट का लगना लाजमी है, ड्रैगन फ्रूट के पौधों पर एंथ्रेक्नोज रोग व थ्रिप्स कीट का प्रकोप देखने को मिलेगा. एंथ्रेक्नोज रोग की रोकथाम के लिए मैन्कोजेब दवा के घोल का 0.25 प्रतिशत की दर से पौधों पर स्प्रे करें. थ्रिप्स के लिए एसीफेट दवा का 0.1 प्रतिशत की दर से ड्रैगन फ्रूट से पौधों पर छिड़काव करे.
ड्रैगनफ्रूट की तुड़ाई (Harvesting Dragon Fruit)
ड्रैगन फ्रूट के पौधे एक साल में फल देना शुरू कर देते है. ड्रैगन फ्रूट के पौधों पर मई-जून महीने में फूल आना शुरू हो जाते है और अगस्त-दिसम्बर तक फल लग जाते है. ड्रैगन फ्रूट चमकीले हरे रंग से परवर्तित होकर लाल रंग का हो जाये तो ड्रैगन फ्रूट को तोड़ (dragon fruit harvesting) लेना चाहिए.
ड्रैगनफ्रूट की उपज एवं भण्डारण
ड्रैगनफ्रूट को 25 डिग्री सेल्सियस तापमान यानी रूम टेंपरेचर पर 5 से 7 दिन तक भण्डारण किया जा सकता है. ड्रैगन फ्रूट को छिद्रित हवादार बॉक्स में 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 25 से 30 दिन तक भण्डारण किया जा सकता है.
ड्रैगन फ्रूट से कमाई
ड्रैगन फ्रूट्स की खेती कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है क्योकि मार्केट में ड्रैगन फ्रूट्स की काफी अच्छी डिमांड होने से 150 रुपए किलो से लेकर 200 रुपए किलो तक आसानी से बिक जाते है. ड्रैगन फ्रूट की एक एकड़ खेती से हर साल 7 से 8 लाख रुपये कमाई की जा सकती है. इसलिए ड्रैगन फ्रूट्स की खेती किसानो के लिए कमाई का अच्छा स्रोत बन सकती है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती – FAQ
ड्रैगन फ्रूट की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती कैसे करें (How to do Dragon Fruit Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.