Isabgol Cultivation : इसबगोल रबी के मौसम उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण नगदीय फसल रूप में जननी जाती है. जिसकी खेती कर किसान कम निवेश में अच्छा मुनाफा कमा सकते है. ईसबगोल एक औषधीय फसल है जिसके निर्यात में भारत पहला स्थान है. भारत में इसबगोल का उत्पादन प्रमुख रूप से गुजरात ,राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश में लगभग 50-60 हजार हेक्टर में हो रहा हैं. जबकि मध्य प्रदेश के नीमच, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन एवं शाजापुर जिले प्रमुख है. इसके अलावा ईरान, ईराक, अरब अमीरात, फिलीपीन्स आदि देशों में ईसबगोल की उन्नत खेती सफलतापूर्वक की जा रही है.
ईसबगोल की उन्नत खेती (Isabgol ki Kheti)
देश के जागरूक किसान अपनी आय बढ़ाने के लिए पारंपरिक खेती के साथ-साथ औषधीय फसलों की खेती को तरफ रुख कर रहे है. इन औषधीय फसलों में से एक है ईसबगोल की फसल. इसको (Ispaghula), इसबगोल के बीज (Psyllium Seed), इंडियन प्लांटैगो (Indian Plantago), स्पोजेल (Spogel), सैंड प्लांटैन (Sand Plantain), फ्ली सीड (Flea Seed), प्लांटैगो एसपी (Plantago sp)., इसबगुला (Isabgula), प्लांटैगिनिस ओवेटे सीमेन (Plantaginis Ovatae Semen) and सीमन इस्पघुला (Semen Ispaghulae) आदि नामों से जाना जाता है. ईसबगोल का सेवन स्वस्थ के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है क्योकि इसमें कई प्रकार के औषधीय पाए जाते है. आयुर्वेदिक गुणों की वजह ईसबगोल की मांग बाजार में हमेसा रहती है ऐसे में इसकी खेती किसानो के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.
ईसबगोल की खेती कैसे करें?
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कैसी होनी चाहिए जलवायु एवं भूमि
ठंडी एवं शुष्क जलवायु ईसबगोल की उन्नत खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है. इसकी खेती के लिए मिट्टी की बात करें तो फसल के समुचित विकास हेतु 7.3 से 8.4 पीएच मान वाली बलुई दोमट आदर्श मानी जाती है.
इसबगोल की उन्नत किस्में
ईसबगोल की खेती करने का मन बना रहे किसान अपने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के आधार पर ईसबगोल की किस्मों का चयन करें. भारत में उगाई जाने वाली इसबगोल की प्रसिद्ध किस्में इस प्रकार है- गुजरात ईसबगोल 2, आर.आई. 89 ईसबगोल, आर.आई.1 ईसबगोल, जवाहर ईसबगोल 4 , हरियाणा ईसबगोल 5 आदि इसबगोल की उन्नत किस्में है.
ईसबगोल की बुवाई का समय
ईसबगोल की बुवाई के लिए अक्टूबर से मध्य नवंबर तक का समय सबसे आदर्श माना जाता है. समय पर बुवाई न करने पर उपज में कमी आ सकती है.
कैसे खेत तैयार करें
ईसबगोल की खेती के लिए खेत तैयार करने से पहले प्रति हेक्टेयर 15 से 20 टन सड़ी गोबर डालकर जुताई करें ताकि पुरानी फसल के अवशेष और खरपतवर नष्ट हो जाये. ईसबगोल की बुआई से पहले खेत की मिट्टी को बारीक़ बनाकर समलत कर लें.
ईसबगोल की बुवाई का तरीका
ईसबगोल के बीज बहुत छोटे होते है इसलिए इसकी बुवाई छिड़काव विधि या सीड ड्रिल से कर सकते है. ईसबगोल की बुवाई करते समय कतार से कतार की दूरी 30 से.मी. पौधे से पौधे की दूरी 4-5 से.मी. तथा बीज की गहराई दो सेंटीमीटर रखते हुए ईसबगोल की बुवाई कर दें. बता दें, ईसबगोल की एक एकड़ खेती के लिए 3-5 किलो बीज की आवश्यकता होती है.
खाद एवं रासायनिक उर्वरक
इसबगोल एक औषधीय फसल है जिसमें रासायनिक खादों का इतेमाल कम करना चाहिए. खेत की तैयारी करते समय जैविक खाद के रूप में 6 से 8 टन प्रति एकड़ की दर से अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद डालें. रासायनिक उर्वरक N:P2O5:K2O 20:10:12 किग्रा प्रति एकड़ की दर से बुवाई के समय आवश्यकता होती है. जिसमें बुवाई करते समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा और शेष मात्रा बुवाई के 4 सप्ताह बाद देनी चाहिए.
इसबगोल की सिंचाई
इसबगोल की बुवाई के तुरंत बाद सिचाई कर देनी चाहिए ताकि बीज का अंकुरण अच्छे से हो सके. इसके बाद जमीन में नमी बरकार बनाये रखने के लिए आवश्यकतानुसार सिचाई करते रहना चाहिए. इसबगोल के 110 से 120 दिन के फसल चक्र में करीब 3 से 4 सिंचाई की आवश्यकता होती है
खरपतवार नियंत्रण
इसबगोल की फसल को स्वस्थ रखने के लिए खरपतवार नियंत्रण बहुत जरुरी है. इसके लिए दो-तीन निराई-गुड़ाई अवश्य करें.
ईसबगोल की खेती में कटाई (Harvesting in Isabgol)
बुवाई के करीब 5 से 6 महीने में इसबगोल की फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है. ईसबगोल की फसल की कटाई सुबह-सुबह करनी चाहिए ताकि बीज बिखरे नहीं. कटी फसल को एक दो दिन धूप में सुखाकर उसके बीज निकाल लें.
ईसबगोल से पैदावार
ईसबगोल की फसल की उपज मिट्टी, जलवायु और देखरेख पर भी निर्भर करती है. अगर एक हेक्टेयर ईसबगोल की खेती का सही तरीके से देखभाल की जाए तो 10 से 15 क्विंटल तक ईसबगोल की पैदावार हो जाती है. जिसका करीब 12,500 रुपये का मंडी भाव मिल जाता है.
ईसबगोल की खेती, कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि ईसबगोल की उन्नत खेती कैसे करें (How to do Isabgol Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को आपको पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है.