विश्व नदी दिवस 2023 / World River Day : हर साल सितंबर के चौथे रविवार को दुनिया भर में नदी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय नदी दिवस 24 सितंबर 2023 को मनाया जयेगा. इस बार का अंतर्राष्ट्रीय नदी दिवस “नदियों का अधिकार” विषय पर केंद्रित होगा जो नदियों को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने का आह्वान करेगा।

विश्व नदी दिवस का इतिहास (History of World Rivers Day)
दुनिया भर में कल-कल करती हुई बह नदियों की सुरक्षा के मद्देनजर 2005 में नदी दिवस मबने की शरुआत हुई थी। हर साल भारत समेत दुनिया भर के कई देशों पोलैंड, अमेरिका, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रिका, मलेशिया और कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय नदी दिवस बड़े ही उत्सापूर्वक मनाया जाता है। दुनिया में अनगिनत नदियाँ हैं और हर नदी अपने आप में अपना अद्भुत इतिहास और महत्व रखती है। इस भूमि पर बहने वाली हर नदी अपनी महिमा और सुंदरता की कहानी कहती हैं।
भारत में नदी का महत्व (Importance of river in India)
भारत की बात करें तो भारत को नदियों का देश कहा जाता है। यहां पर लगभग 200 छोटी-बड़ी मुख्य नदियाँ निरन्तर बहती हैं। नदियों का भारत में अपना एक विशेष धार्मिक महत्व भी है। यहाँ अपर नदियों को पवित्र, महान और पूजनीय माना जाता है। हर भारतवासी इन्हें देवी और मां का दर्जा भी प्रदान करता है। युमना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु, गोदावरी, नर्मदा, कृष्णा, महानदी, रावी, सतलज, ताप्ती, विवस्ता, सरस्वती, कुंभा आदि नदियाँ हैं जिनको हिंदू धर्म में श्रेष्ठ माना गया है.
हिंदू धर्म में नदी का अर्थ (Meaning of river in Hinduism)
हिंदू धर्म में नदियों को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है, इसलिए नदी की पूजा करना और उसमें स्नान करना पुण्यकारी माना जाता है. हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि नदी में स्नान करने से व्यक्ति का मन शुद्ध हो जाता है और उसके सभी पाप धुल जाते है. यह भी मान्यता है नदी में स्नान करने से आरोग्य का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. शास्त्रों के अनुसार सात नदियों (गंगा, यमुना, सिंधु, गोदावरी, नर्मदा, कृष्णा और कावेरी) में स्नान कर ध्यान करने का विधान है। वेदों, पुराणों और धार्मिक ग्रंथों में गंगा नदी को सर्वोत्तम नदी बताया गया है और कई नदियों को पवित्र भी कहा गया है।
विश्व नदी दिवस 2023 थीम (World Rivers Day 2023 Theme)
विश्व नदी दिवस हर साल एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। विश्व नदी दिवस 2022 के लिए इस वर्ष की थीम “नदियों का अधिकार”
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