Tomato Cultivation अगर आप एक ऐसी की नकदी फसल करने के बारे में सोच रहे है जो आपकी तगड़ी कमाई करा सकें. आज हम आपको एक ऐसी सब्जी फसल के बारे में बताने जा रहे है जिसके दाम में कई गुना इजाफा देखने को मिलता है. ऐसे में इसकी खेती करना किसानो के लिए फायदे का सौदा हो सकता है. किसान भाइयों हम बात कर रहे है टमाटर की खेती के बारे में. बात दें, पिछले कुछ दिन पहले टमाटर के दाम आसमान छू रहे थे. शहर से लेकर गांव तक सभी जगह टमाटर की भारी मांग रहती है. अगर उन्नत किस्मों का चयन कर सही ढंग से टमाटर की उन्नत खेती की जाये तो टमाटर से बंपर कमाई कर सकते हैं.
टमाटर फार्मिंग की बात करें तो टमाटर सबसे ज्यादा बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मुख्य रूप से की उगाये जाते है इसके अलावा टमाटर की खेती (Tomato Farming) पंजाब के अमृतसर, रोपड़, जालंधर, होशियारपुर में बड़े पैमाने पर की जाती है. कुछ बातों जैसे – उन्नत किस्मे, प्रति एकड़ बीजदर, बुवाई का समय, सिचाई आदि का ध्यान रखकर टमाटर की उन्नत खेती (Tomato Cultivation) करके कम समय में उच्च गुणवत्ता वाले टमाटर प्राप्त कर तगड़ा मुनाफा कमा सकते है. आइए जानते हैं टमाटर की व्यवसायकि खेती करने के लिए कौन कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए.
टमाटर की खेती (Tamatar ki Kheti)
टमाटर की अंग्रेजी में टमेटो (tomato) कहते है. टमाटर हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है क्योंकि इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, विटामिन ए, विटामिन सी और अन्य खनिज तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. टमाटर का उपयोग केवल सब्जी बनाने या उनका स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं किया जाता है बल्कि चटनी, सूप, जूस और केच अप, पाउडर बनाने के लिए इसका बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है. टमाटर सब्जियों का जायका बढ़ाने के साथ-साथ किसानो की आमदनी बढ़ाने का भी काम करता है. क्योकि टमाटर और टमाटर से बने उत्पादनो (Tomato Product) की बाजार में बहुत अधिक डिमांड रहती है. यही वजह है कि देश के किसान कम समय में टमाटर का ज्यादा उत्पादन कर प्रति एकड़ ज्यादा मुनाफा कमा सकते है.
टमाटर की खेती कब और कैसे करें
आमतौर पर टमाटर की खेती साल में 2 बार की जा सकती है. एक जुलाई-अगस्त से शुरू होकर फरवरी-मार्च तक तथा दूसरी नवंबर-दिसंबर से शुरू होकर जून-जुलाई तक चलती है. टमाटर की खेती कैसे करें, टमाटर की खेती कौन से महीने में होती है, टमाटर की पौध कौन से महीने में लगाई जाती है, टमाटर के बीज कब लगाएं, कौन सा टमाटर ज्यादा फल देता है, टमाटर की उन्नत उत्पादन तकनीक, हाइब्रिड टमाटर की खेती , Tomato Farming Business Idea, Tamatar ki kheti kaise karen की जानकारी इस प्रकार है-
टमाटर की खेती के लिए जलवायु
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार टमाटर की उन्नत खेती के लिए 18-30 डिग्री तापमान उपयुक्त माना जाता है. वही टमाटर के बीज अंकुरित होने के लिए 20-25 डिग्री का तापमान चाहिए.
कैसी होनी चाहिए टमाटर की खेती के लिए मिट्टी
आमतौर पर टमाटर को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है. लेकिन जैविक पदार्थों से भरपूर काली दोमट मिट्टी, रेतीली दोमट मिट्टी और लाल दोमट मिट्टी टमाटर की खेती के लिए अच्छी मानी गई. फसल की अच्छी वृद्धि के लिए मिट्टी का पीएच मान 7 से 8.5 होना चाहिए.
टमाटर की खेती के लिए कैसे तैयार करें भूमि
टमाटर रोपण के लिए 4-5 बार जुताई कर खेत की मिट्टी को बारीक, भूरभूरी, चूर्णित कर समतल करने की आवश्यकता है. फसल के अच्छे विकास हेतु आखिरी जुताई के समय 20-25 टन सड़ी गोबर की खाद और कार्बोफ्यूरॉन 5 किग्रा या नीम केक 8 किग्रा प्रति एकड़ की दर से डालना चाहिए.
टमाटर की उन्नत किस्में
टमाटर की अधिक उपज देने वाली किस्मों का चयन करना बेहद आवश्यक है. भारत में टमाटर की सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली किस्म इस प्रकार है-
- देसी किस्म- पूसा रूबी, पूसा-120,पूसा शीतल,पूसा गौरव,अर्का सौरभ, अर्का विकास, सोनाली.
- संकर किस्म- पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड -2, पूसा हाइब्रिड-4, अविनाश-2, रश्मि तथा निजी क्षेत्र से शक्तिमान, रेड गोल्ड, 501, 2535उत्सव, अविनाश, चमत्कार, यू.एस.440 आदि.
टमाटर की बीज दर
बीजदर:- बीज/हैक्टर |
रोपाई – पौधे से पौधे की दूरी |
||
उन्नत किस्मों | 350-400 ग्राम | सीमित बढ़वार वाली प्रजातियों | 60 X 60 सें.मी |
संकर किस्मों | 200-250 ग्राम | असीमित बढ़वार वाली किस्मों | 75-90 X 60 सें.मी |
टमाटर की बुआई का समय
अगर आप टमाटर की खेती करने की सोच रहे हैं तो अच्छे उत्पादन के लिए समय से रोपाई करनी होगी, टमाटर की बुआई के लिए निम्नलिखित समय पर कर सकते है-
- जनवरी महीने में टमाटर की रोपाई:- यदि आप जनवरी महीने में टमाटर की रोपाई करना चाहते है तो आपको इसके लिए नवंबर महीने के अंत में टमाटर की नर्सरी डालनी होगी. तभी आप जनवरी के दूसरे सप्ताह में पौध की रोपाई कर पाएंगे.
- सितंबर माह में टमाटर की रोपाई :- सितंबर महीने में टमाटर की रोपाई के लिए जुलाई महीने के अंत में टमाटर की नर्सरी डालें तभी आप समय पर रोपाई कर सकते है.
- मई में टमाटर की रोपाई:- अगर आप मई महीने में टमाटर की रोपाई करना चाहते है तो मार्च और अप्रैल महीने टमाटर की नर्सरी की बुबाई कर दें तभी आप टमाटर की पौध की रोपाई अप्रैल और मई महीने कर सकते है.
कैसे तैयार करें फूल गोभी की नर्सरी
टमाटर का बीज बहुत छोटा होता है इसलिए उसकी डायरेक्ट बुवाई न करके पहले नर्सरी में बोया जाता है, जब पौधे 4 से 5 सप्ताह या 10 से 15 सेंटीमीटर के हो जाएँ तब उनको खेत में प्रतिरोपित कर सकते है. टमाटर की नर्सरी प्रो ट्रे या फिर खेत में क्यारी बनाकर कर सकते है. खेत में टमाटर की नर्सरी तैयार करने के लिए 10 से 15 सेंटीमीटर उठी हुई क्यारियाँ बनायें ताकि क्यारियों में जरुरत से से अधिक पानी न भरें. क्यारियाँ किसी भी स्थिति में 90 से 100 सेंटीमीटर (एक गज या एक मीटर) चौड़ी नहीं नहीं होनी चाहिए नहीं तो निराई-गुड़ाई, बीज बुआई तथा सिंचाई करने में असुविधा हो सकती है. 5 से 7 सें.मी के फासले पर कतारों में 4 सेमी की गहराई रखते हुए टमाटर के निजी की बिजाई कर दें. बीजों का अंकुरण के बाद कृषि विशेषज्ञों के अनुसार टमाटर की पौध पर रासायनिक खाद का प्रयोग करें. नर्सरी में पर्याप्त नमी बनाये रखने के लिए आवश्यकतानुसार फव्वारे से सिंचाई करें.
एक एकड़ खेत में टमाटर के कितने पौधें की रोपाई की जानी चाहिए
- पौधों से पौधों की दूरी 1 फिट और लाइन से लाइन 3 फिट की दूरी पर – 14520 पौधों की रोपाई करें.
- पौधों से पौधों की दुरी 2 फिट और लाइन से लाइन 3 फिट की दूरी पर – 7260 पौधों की रोपाई करें.
- पौधों से पौधों की दुरी 1 फिट और लाइन से लाइन 4 फिट की दूरी पर – 10890 पौधों की रोपाई करें.
- पौधों से पौधों की दुरी 2 फिट और लाइन से लाइन 4 फिट की दूरी पर – 5445 पौधों की रोपाई करें.
टमाटर की सिंचाई
जलवायु और भूमि के जल सोखने की क्षमता के अनुसार सर्दियों में 10-15 दिन और गर्मियों में 6-7 दिन के अन्तराल से फसल की हल्का सिचाई करते रहे. यदि संभव हो सके तो ड्रिप इर्रीगेशन से सिचाई कर सकते है.
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार किसी भी फसल के पोषक तत्त्वों को ग्रहण कर फसल की उपज में काफी हानि पहुँचातें है. इसलिए फसल को खरपतवार मुक्त रखना चाहिए. फसल की नराई – गुड़ाई कर प्राकृतिक रूप सेखरपतवार नियंत्रण कर सकते है. खरपतवारों का प्रकोप अधिक हो जाता है तो इसके लिए समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से खरपतवार नियत्रण दवा का छिड़काव करना चाहिए.
टमाटर की खेती में कौन सी खाद डालें
टमाटर की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए खाद और उर्वरकों का उपयोग सटीक मात्रा में करना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले खेती की मिट्टी का परीक्षण करना चाहिए ताकि आपको पता चल सके कि आपकी मिट्टी में किस पोषक तत्व की आवश्यकता है. वैसे टमाटर की फसल के लिए सड़ी हुई गोबर खाद, डीएपी, अमोनियम सल्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश बुआई से पहले खेत में डालना चाहिए.
टमाटर की फसल में लगने वाले रोग
- कीट:- फुदका, माहु, सफ़ेद मक्खी, पत्ता छेदक, फल छेदक
- रोग:- डैम्पिंग ऑफ, टमाटर मोज़ेक वायरस, पत्ता धब्बा रोग, अगेती झुलसा रोग, पछेती झुलसा रोग, रुट नोट निमेटोड, पॉउडरी मिल्डू, उकटा रोग.
- रोकथाम:- आपको इन रोगो की रोकथाम के लिए अपने क्षेत्र के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार दवाओं का छिड़काव करें.
टमाटर की तुड़ाई (Harvesting Tomatoes)
टमाटर के फलों का आकर पूर्ण होने के साथ उनका रंग हरे से लाल व पीले रंग की धारियां दिखाई देने लगे तो उस अवस्था में टमाटर के फलों को तोड़ लेना चाहिए.
टमाटर की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि टमाटर की उन्नत खेती कैसे करें (How to cultivate tomato) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.
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