टमाटर की खेती / Tomato Cultivation / Tamatar ki Kheti : टमाटर की खेती / Tomato Cultivation के बिहार, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्यों में मुख्य रूप से की जाती जाती है. इनके अलावा टमाटर की खेती (Tomato Farming) पंजाब के अमृतसर, रोपड़, जालंधर, होशियारपुर में बड़े पैमाने पर की जजती है. कुछ बातों को ध्यान में रखकर टमाटर की खेती (Tomato Cultivation) की जाये तो इससे बम्पर मुनाफा कमाया जा सकता है. आइए जानते हैं टमाटर की खेती कैसे करें. टमाटर की खेती करने के साथ आप Tamatar ke Fayde की जानकारी प्राप्त कर सकते है.

टमाटर की खेती कैसे करें ? – Tamatar ki Kheti in Hind
टमाटर (tomato) का इस्तेमाल टमैटो सॉस, चटनी, चाट बनाने के लिए बड़ी मात्रा में किया जाता है. टमाटर में विटामिन ए, विटामिन सी, फाइबर, आयरन और कैल्शियम जैसे कई अन्य पोषक तत्व प्रमुख मात्रा में पाए जाते है. जोकि यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते है. टमाटर (tomato) सब्जियों का जायका बढ़ाने के साथ साथ यह किसानो की आमदनी बढ़ाने का भी काम करता है. इसके अलावा आप Matar ki Kheti, Broccoli ki Kheti, Aloo ki kheti, Shimla Mirch ki Kheti , Mooli ki Kheti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें.
टमाटर की खेती की पूरी जानकारी – Tomato Farming in Hindi
टमाटर की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी
- यह गर्म मौसम की सब्जी है.
- टमाटर के बीज को अंकुरित होने के लिए 20-25 डिग्री का तापमान चाहिए.
- टमाटर के पौधे के विकास के लिए 18-30 डिग्री तापमान उपयुक्त होता है.
- उत्तरी राज्यों में हल्की सर्दी अंकुरण, पौधे की वृद्धि और फलों के सेट के लिए आदर्श है.
- जैविक पदार्थों से भरपूर काली दोमट मिट्टी, रेतीली दोमट मिट्टी और लाल दोमट मिट्टी खेती के लिए अच्छी मानी गई.
- इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच 7-8.5 होना चाहिए.
टमाटर की उन्नत किस्में (Varieties of Tomatoes)
बाजार में टमाटर की बहुत वैरायटी है किसान भाई अपनी जगह, जलवायु और मिट्टी के अनुसार किस्मों का चयन करे.
देसी किस्म- पूसा रूबी, पूसा-120,पूसा शीतल,पूसा गौरव,अर्का सौरभ, अर्का विकास, सोनाली.
संकर किस्म- पूसा हाइब्रिड-1, पूसा हाइब्रिड -2, पूसा हाइब्रिड-4, अविनाश-2, रश्मि तथा निजी क्षेत्र से शक्तिमान, रेड गोल्ड, 501, 2535उत्सव, अविनाश, चमत्कार, यू.एस.440 आदि.
बीज दर
बीजदर:- बीज/हैक्टर | रोपाई – पौधे से पौधे की दूरी | ||
उन्नत किस्मों | 350-400 ग्राम | सीमित बढ़वार वाली प्रजातियों | 60 X 60 सें.मी |
संकर किस्मों | 200-250 ग्राम | असीमित बढ़वार वाली किस्मों | 75-90 X 60 सें.मी |
टमाटर की बुआई का समय (Tomato cultivation season)
- टमाटर की जनवरी में रोपाई:- यदि आपको टमाटर की पौधों की रोपाई जनवरी महीने में करनी है तो इसकी नर्सरी की बुबाई नवंबर महीने के अंत में करें. टमाटर के पौधों (Tomato plant) की रोपाई जनवरी के दूसरे सप्ताह तक कर देनी चाहिए.
- टमाटर की सितंबर में रोपाई:- यदि आपको टमाटर की पौधों की रोपाई सितंबर महीने में करनी है तो इसकी नर्सरी की बुबाई जुलाई महीने के अंत में करें. टमाटर के पौधों की रोपाई अगस्त के अंत या सितंबर के पहले सप्ताह तक कर देनी चाहिए.
- टमाटर की मई में रोपाई:- यदि आपको टमाटर की पौधों की रोपाई मई महीने में करनी है तो इसकी नर्सरी की बुबाई मार्च और अप्रैल महीने के अंत में करें. टमाटर के पौधों की रोपाई अप्रैल और मई महीने में कर देनी चाहिए.
टमाटर की नर्सरी कैसे तैयार करें
- एक हेक्टेयर खेत के लिए नर्सरी तैयार करने के लिए 7.5 मीटर लंबा, 1.20 मीटर चौड़ा और 10 सेमी ऊंचाई का बेड बनाना चाहिए.
- अच्छी नर्सरी के लिए 15 से 20 किलो सड़ी गोबर की खाद प्रति बेड में मिलाना चाहिए
- स्वस्थ पौध के लिए आधा किलो 18-18-18 मिश्रित रासायनिक उर्वरकों को बेड पर मिलाएं
- बुवाई से पहले बीज को 10 ग्राम या 1.25 ग्राम थिराम से उपचारित करें.
- गर्मियों में बोई जाने वाली नर्सरी को छाया दे और पानी का उचित प्रबंध रखे
- इस प्रकार टमाटर की पौध 3-4 सप्ताह में 13 से 16 सेमी लंबा और रोपण के लिए तैयार हो जाएगी
प्रो ट्रे विधि से टमाटर की नर्सरी तैयार
- एक प्रो ट्रे में 1 से 1.25 किलोग्राम निर्जलित कोकोपीट की जरुरत पड़ती है.
- प्रो ट्रे में कोकोपिट भरें, छोटे गड्ढे बनाएं और बीज बोएं.
- प्रो ट्रे में बोए गए गड्ढों को निर्जलित कोकोपीट से ढंकना चाहिए
- पॉलीथिन में 5-10 प्रो ट्रे की ओवरलैपिंग करनी चाहिए
- टमाटर की नर्सरी बोने के 15 दिन बाद पानी में घुलनशील N.P.K.(19:19:19) – 1 ग्राम / लीटर की मात्रा में छिड़काव करे
टमाटर की रोपाई के लिए खेत की तैयारी
टमाटर की रोपाई के लिए खेत की अच्छी तरह से जोताई कर मिट्टी को भुरभुरी बना लें. फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए बुबाई के एक महीने पहले खेत में अच्छी सड़ी गोबर की खाद 20-25 टन प्रति हैक्टर हिसाब से मिलाएं. टमाटर की रोपाई के लिए खेत में 80-90 सैं.मी. चौड़े बैड बनायें.
टमाटर की रोपाई (Tomato cultivation methods)
- खेत तैयार करने के बाद अब आती है टमाटर की रोपाई बारी.
- नाइट्रोजन की अनुशंसित मात्रा का 50% और फास्फोरस और पोटाश उर्वरकों खेत में अच्छी छिड़काव करें
- टमाटर की रोपाई करते समय हर 16 टमाटर की पंक्तियों के लिए एक अफ्रीकन मेरीगोल्ड की 1 पंक्ति जरूर उगाएं.
- गेंदा 40-दिवसीय और और टमाटर 25-दिवसीय के अनुपात में पौधे को रोपण के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए
- गर्मियों में की जाने वाली टमाटर की खेती के लिए फसल के चारो तरफ मक्का या जवार के पौधे उगाएं जिससे रस चूसक कीट का प्रकोप को कम होता है
- रोपाई के 6-8 हफ्ते बाद पौधों को मिटटी चढ़ाना चाहिए इससे फसल की जड़ और पौधे मजबूत बनते है
टमाटर की फसल सिंचाई
जलवायु और भूमि की गुणवत्ता के आधार पर सर्दियों में 10-15 दिन के अन्तराल से एवं गर्मियों में 6-7 दिन के अन्तराल से हल्का पानी देते रहना चाहिए. यदि संभव हो सके तो किसानो को फसल की सिचाई ड्रिप इर्रीगेशन से करनी चाहिए.
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार किसी भी फसल के पोषक तत्त्वों को ग्रहण के फसल की उपज में काफी हानि पहुँचातें है. इसलिए फसल को खरपतवारों से मुक्त रखना चाहिए. इसके लिए समय समय कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से खरपतवार नियत्रण दवा का छिड़काव करना चाहिए.
खाद और उर्वरक प्रबंधन
टमाटर की फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए खाद और उर्वरकों का उपयोग सटीक मात्रा में करना चाहिए. इसके लिए सबसे पहले खेती की मिट्टी का परीक्षण करना चाहिए ताकि आपको पता चल सके कि आपकी मिट्टी में किस पोषक तत्व की आवश्यकता है. वैसे टमाटर की फसल के लिए सड़ी हुई गोबर खाद, डीएपी, अमोनियम सल्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश बुआई से पहले खेत में डालना चाहिए.
टमाटर की फसल में लगने वाले रोग
कीट:- फुदका, माहु, सफ़ेद मक्खी, पत्ता छेदक, फल छेदक
रोग:- डैम्पिंग ऑफ, टमाटर मोज़ेक वायरस, पत्ता धब्बा रोग, अगेती झुलसा रोग, पछेती झुलसा रोग, रुट नोट निमेटोड, पॉउडरी मिल्डू, उकटा रोग.
रोकथाम:- आपको इन रोगो की रोकथाम के लिए अपने क्षेत्र के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार दवाओं का छिड़काव करें
टमाटर की तुड़ाई कैसे करें – how to harvest tomatoes
टमाटर के फलों का आकर पूरा होने के साथ उनका हरे रंग से लाल व पीले रंग की धारियां दिखाई देने लगे तो उस अवस्था में फलों को तोड़ लेना चाहिए.
अगर आपको टमाटर की खेती Tamatar ki Kheti (Hybrid tomato farming Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.
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