स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) : स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Cultivation) पहाड़ी क्षेत्रों के मुकाबले मैदानी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर की जाने लगी है. पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र कई अन्य राज्यों के किसान इसकी खेती में दिलचस्पी लेने लगे हैं. परम्परागत खेती के मुकाबले स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की श्रेणी में गिना जाता है. स्ट्रॉबेरी (Strawberry) को पॉलीहाउस, हाइड्रोपॉनिक्स और सामन्य तरीके से उगाया जा सकता है. स्ट्रॉबेरी की रोपाई वैरायटियों के अनुसार की जाती है. सामान्य तौर पर मैदानी क्षेत्रों स्ट्रॉबेरी की रोपाई सितंबर से अक्टूबर तक कर सकते है वही ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों में इसकी रोपाई फरवरी-मार्च में भी की जा सकती है. स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Cultivation) से सम्बंधित संपूर्ण जानकारी के लिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें. स्ट्रॉबेरी की खेती करने के साथ-साथ Strawberry ke Fayde की जानकारी प्राप्त कर सकते है.

स्ट्रॉबेरी की खेती कैसे करें ? | Strawberry Ki Kheti in Hindi
दुनिया भर में स्ट्रॉबेरी की लगभग 600 वैरायटी उपलब्ध है लेकिन भारत में इसकी कुछ प्रजातियों की खेती की जाती है जैसे कामरोजा, स्वीट चार्ली, विंटर डाउन आदि. स्ट्रॉबेरी (strawberry) देखने में जितनी सुन्दर होती है, होने साथ साथ बहुत आकर्षक और स्वादिष्ट फल है. स्ट्रॉबेरी (strawberry) में विटामिन C, विटामिन A और K भरपूर मात्रा में पाई जाती है. इसका इस्तेमाल कील मुंहासे हटाने, आंखों की रोशनी और दांतों की चमक, रूप निखारने के लिए सौन्दर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग जैम, चॉकलेट, आइसक्रीम, मिल्क-शेक बनाने में खूब किया जाता है. स्ट्रॉबेरी मांग बाजार में बहुत अधिक होती है. स्ट्रॉबेरी की खेती (strawberry ki kheti) किसानो के लिए फायदे का सौदा हो सकती है. इसकी खेती से किसान 10-15 लाख रुपए प्रति एकड़ तक कमा सकता है. स्ट्रॉबेरी की खेती के अलावा आप बैगन की खेती , Mirch ki kheti, Dragon Fruit ki Kheti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें.
स्ट्रॉबेरी की खेती की पूरी जानकारी | Strawberry Farming in Hindi
अनुकूल जलवायु
स्ट्रॉबेरी के लिए उपयुक्त जलवायु के अनुसार ही स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Farming) करें अन्यथा नुकसान हो सकता है. स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए 20 से 30 डिग्री तापमान उपयुक्त माना गाया है.
उपयुक्त मिट्टी
स्ट्रॉबेरी की खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है. उचित जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी में स्ट्रॉबेरी के पौधों का विकास अच्छा होता है. स्ट्रॉबेरी की खेती के भूमि का पीएच मान 6 से 7 के मध्य होना चाहिए.
खेत की तैयारी
स्ट्रॉबेरी के लिए खेत की कैसे करें? यह जानना बहुत जरुरी है. जिससे स्ट्रॉबेरी के पौधों की आसानी से रोपाई हो सके.
- स्ट्रॉबेरी की रोपाई सितंबर से नवंबर के मध्य की जाती है. इसके अनुसार खेत को तैयार करें.
- पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से कर खेत को खुला छोड़ दे ताकि खेत में मौदूज खरपतवार और कीट नष्ट हो जायेंगे.
- इसके बाद 70-75 टन पुरानी सड़ी गोबर की खाद प्रति एकड़ के हिसाब से खेत डालें.
- खाद डालने के बाद खेत की मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करें.
- इसके बाद कल्टीवेटर से खेत की 2-3 बार आडी-तिरछी गहरी जुताई कर खेत को पाटा लगाकर समतल कर लें.
- आखरी जुताई पर 60 KG पोटाश और 100 KG फास्फोरस को प्रति एकड़ की दर से खेत में डालें
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए बेड कैसे तैयार करें? – How to prepare beds for strawberry cultivation?
स्ट्रॉबेरी की रोपाई के लिए खेत तैयार होने के बाद अब बारी आती है कि स्ट्रॉबेरी के लिए बेड कैसे तैयार करे? (How to prepare beds for strawberry farming) इसकी जानकारी नीचे बताई गई है उसको ध्यान में रखकर आप स्ट्रॉबेरी (stroberi) के लिए बेड तैयार कर सकते है.
बेड तैयार करने का तरीका
- बेड की चैड़ाई 2.5- 3 फिट रखें और बेड से बेड की दूरी डेढ़ फिट रखें
- सिंचाई के लिए ड्रिप सिस्टम की पाइप लाइन बिछा दें
- पाइप लाइन बिझने के बाद बेड पर मल्चिंग बिछा दें
- पौधे लगाने के लिए प्लास्टिक मल्चिंग में 20 से 30 सेमी की दूरी पर छेद करे.
- अब आप बेड पर स्ट्रॉबेरी के पौधों (strawberry plants) की रोपाई कर सकते
स्ट्रॉबेरी की प्रजातियाँ improved varieties of strawberries
कृषि विशेज्ञों के अनुसार पूरी दुनिया में स्ट्रॉबेरी की अलग-अलग 600 प्रजातियाँ पाई जाती है लेकिन भारत में व्यावसायिक दृष्टि से इसकी खेती करने के लिए विंटर डाउन, (Winter Down Strawberry Plant ), विंटर स्टार (Winter star Strawberry), ओफ्रा, कमारोसा (Camarosa Strawberry), चांडलर (Chandler Strawberry), स्वीट चार्ली (Sweet Charlie Strawberry), ब्लैक मोर, एलिस्ता, सिसकेफ़, फेयर फाक्स आदि किस्मों की खेती की करते है.
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए खाद् और उर्वरक (Fertilizer for Strawberry Cultivation )
स्ट्रॉबेरी के पौधे काफी नाजुक होते है इसलिए उनको समय-समय खाद् और उर्वरक देना चाहिए. मिट्टी की जाँच के अनुसार खाद् और उर्वरक उपयोग करें. सामन्य भूमि के लिए 10 से 15 टन सड़ी गोबर की खाद प्रति एकड़ की दर से भूमि तैयारी के समय खेत में डालें.
खेत तैयार करते समय 100 कि.ग्रा. फास्फोरस (पी2ओ5) व 60 कि.ग्रा. पोटाश (के2ओ) प्रति एकड़ डालना चाहिए. रोपाई के उपरांत टपका सिंचाई विधि द्वारा निम्नलिखित घुलनशील उर्वरकों को दिया जाना चाहिए
समय | घुलनशील उर्वरकों की मात्रा ग्राम/एकड़/दिन | ||
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नाइट्रोजन | फास्फोरस (पी2ओ5) | पोटाश (के2ओ) | |
10 अक्तूबर से 20 नवम्बर | 250 | 200 | 400 |
21 नवम्बर से 20 दिसम्बर | 600 | 200 | 600 |
21 दिसम्बर से 20 जनवरी | 250 | 160 | 600 |
21 जनवरी से 28 फरवरी | 700 | 200 | 900 |
1 मार्च से 31 मार्च | 600 | 200 | 900 |
स्ट्रॉबेरी के पौधों की सिंचाई – Strawberry Plants Irrigation
- पौधे लगाने के तुरंत बाद ड्रिप या स्प्रिकंलर से सिंचाई करें
- समय समय पर नमी को ध्यान में रखकर सिंचाई करते रहना चाहिए
- स्ट्रॉबेरी में फल आने से पहले सूक्ष्म फव्वारे से सिंचाई कर सकते.
- फल आने के बाद टपक विधि से ही सिंचाई करे ताकि फल खराब न हो.
स्ट्रॉबेरी के पौधों को सर्दी से कैसे बचाएं? – How to protect strawberry plants from winter?
स्ट्रॉबेरी की खेती पोली हाउस और बिना पोली हाउस दोनों तरीके से की जा सकती है. यदि आपके पास पॉली हाउस है तो आपको चिंता करने की आवश्यकता है नहीं है. यदि आपके पोली हाउस नहीं है तो आपको चिंता करने की जरुरत नहीं है. स्ट्रॉबेरी की फसल (strawberry crop) को ठण्ड में पड़ने वाले पाले से बचने के लिए लो टनल का इस्तेमाल कर सकते है. यह प्लास्टिक पारदर्शी होनी चाहिए और 100 से 200 माइक्रोन वाली होनी चाहिए.
स्ट्रॉबेरी में लगने वाले कीट और रोग (Strawberry pests and diseases)
कीटों में पतंगे, मक्खियाँ चेफर, स्ट्राबेरी जड़ विविल्स झरबेरी एक प्रकार का कीड़ा, रस भृग, स्ट्रॉबेरी मुकट कीट कण जैसे कीट इसको नुकसान पंहुचा सकते है.
बचाव:- इसके लिए नीम की खल पौधों की जड़ों में डाले
इसके अलावा पत्तों पर पत्ती स्पाट, ख़स्ता फफूंदी, पत्ता ब्लाइट का प्रकोप हो सकता है. इसके लिए समय समय पर पोधों के रोगों की पहचान कर विज्ञानिकों की सलाह में कीटनाशक दवाइयों का स्प्रे करे.
स्ट्रॉबेरी की तुड़वाई (Strawberry plucking)
- जब स्ट्रॉबेरी के फल (strawberry fruit) का रंग 70% प्रतिशत चटक लाल हो जाये तो स्ट्रॉबेरी को तोड़ लेना चाहिए
- स्ट्रॉबेरी फलों को मार्किट की दूरी के अनुसार तोडना चाहिए
- स्ट्रॉबेरी की तुड़वाई अलग अलग दिनों मैं करनी चाहिए.
- स्ट्रॉबेरी के फल को नहीं पकड़ना चाहिए.
- स्ट्रॉबेरी के फल की दण्डी कर तोडना चाहिए
स्ट्रॉबेरी की पैकिंग (Packing of strawberries)
स्ट्रॉबेरी की पैकिंग प्लास्टिक की प्लेटों में करनी चाहिए. पैकिंग के बाद उन्हें हवादार स्थान पर रखें, जहा का तापमान 5 डिग्री के आसपास होना चाहिए
स्ट्रॉबेरी की फसल में पैदावार (Strawberry Crop Yield )
स्ट्रॉबेरी की फसल से अच्छी पैदावार कई बातों पर निर्भर करती है. जैसे उगाई जाने वाली किस्म, जलवायु, मृदा का स्तर, पौधों की संख्या, फसल प्रबंधन इत्यादि. यदि फसल का सही तरीके से प्रबंधन और देखभाल की जाये तो एक एकड़ क्षेत्रफल में 80 से 100 क्विंटल फलों का उत्पादन लिया जा सकता है. स्ट्रॉबेरी के एक पौधे से 800-900 ग्राम फल प्राप्त कर सकते हैं.
स्ट्रॉबेरी की फसल में लागत और कमाई (Cost and Earnings in Strawberry Harvest )
आमतौर पर एक एकड़ स्ट्रॉबेरी की फसल में लगभग 2-3 लाख रुपये की लागत आती है. पैदावार होने के बाद खर्च निकालकर 5-6 लाख का फायदा हो जाता है.
स्ट्रॉबेरी की खेती – FAQ
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स्ट्राबेरी की खेती करने के लिए सरकार से कोई मदद मिलती है,?
स्ट्राबेरी (Strawberry) की खेती करने के लिए सरकार की और से अभी कोई मदद नहीं मिलती है. हो सकता है भविष्य में शुरू करें.
हमें छोटे से शुरूआत के लिए स्ट्राबेरी के पौधे कहा से मिलेंगे, ?
Strawberry Farming के लिए आप पौधे हिमाचल प्रदेश या फिर महाराष्ट्र से मांगा सकते है
I am doing strawberry farming since 2001 .i want to know about advanced technique .can you share your contact no.
Mr. krishna, Where are you from?
Very nice information. Thank you so much.
Thanks sir
मुझे स्ट्रॉबेरी लगाना है 10 बिस्वा जमीन
मैं कहां से इस पौधे को खरीदो और इसके लगाने के बारे में पूरी जानकारी कहां से मिलेगी
वहा का कॉन्टेक्ट नम्बर दे सकते हो.
Mujhe bhi 1acer me strawberry lgana hai is baar mujhe bataiye ki iski nursery dalna padega ya podhe lena padega
Dear Harjeet ji
iski podhe lene padenge – Strawberry ki Nursery dalana bahut muskil hota hai