Strawberry Cultivation: पारंपरिक खेती-किसानी में लगातार हो रहे घाटे के बीच किसान एक ऐसी फसल की खोज कर रहे है, जो उनको कम समय में बढ़िया मुनाफा दिला सकें. किसानो की इस समस्या को खुछ हद तक कम करने के लिए आज हम इस लेख के माध्यम से एक ऐसी खेती के बारे में बात करने जा रहे है जो किसनो को कम वक्त में लाखों की कमाई करा सकती है. हम बात कर रहे है स्ट्रॉबेरी जो एक विदेशी फसल है. जिससे देश-विदेश के सभी लोग अच्छी तरह से परिचित है और बाजार में इसकी डिमांड भी खूब रहती है. किसान स्ट्रॉबेरी की खेती पॉलीहाउस, हाइड्रोपॉनिक्स तथा खुले वातावरण में करके तगड़ा मुनफा कमा सकते है. चलिए जानते हैं कैसे होती है स्ट्रॉबेरी की खेती (How to do Strawberry Farming) और इससे कितना मुनाफा कमाया जा सकता है.
स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry Ki Kheti)
ठण्ड के मौसम में उगाई जाने वाली स्ट्रॉबेरी एक विदेशी फल है, जिसका वैज्ञानिक नाम फ्ऱागार्या है. स्ट्रॉबेरी अपने रंग, स्वाद, आकर एव पौष्टिकता की वजह से पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. स्ट्रॉबेरी का फल दिल के आकार में गहरे चटक लाल रंग का होता है, जिसकी ऊपरी सतह पर बीज पाएं जाते है. स्ट्रॉबेरी खाने में हल्की खट्टी मीठी तथा इससे निकलने वाली लाजवाब खुशबू खाने वालों को मत्रमुग्ध कर देती है. स्ट्रॉबेरी जैम, चॉकलेट, आइसक्रीम, मिल्क-शेक आदि खाद्य पदार्थ बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है. इसके अलावा स्ट्रॉबेरी विभिन्न ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने के लिए इस्तेमाल में लाई जाती है. स्ट्रॉबेरी स्वास्थ के लिहाज से भी काफी बेहतर है क्योकि इसमें विटामिन C, K, A के अलावा अन्य पोषक तत्व पाए जाते है जो स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक होते है. स्ट्रॉबेरी की इन विशेषताओं के चलते बाजार में इसी मांग बहुत अधिक होती है. ऐसे में किसान स्ट्रॉबेरी की खेती करते है तो उनको इसकी उपज से तगड़ी कमाई हो सकती है.
कब और कैसे करें स्ट्रॉबेरी की खेती?
अगर आप स्ट्रॉबेरी की खेती करने का मन बना रहे है तो आपके दिमाग स्ट्रॉबेरी का बीज कहाँ मिलेगा, स्ट्रॉबेरी की खेती कहां होती है, स्ट्रॉबेरी की खेती से कमाई, स्ट्रॉबेरी की खेती कब और कैसे करें, Strawberry Cultivation in India, स्ट्रॉबेरी की खेती pdf, स्ट्रॉबेरी कितने रुपए किलो है, स्ट्रॉबेरी का पौधा कहा मिलेगा, Strawberry ki Kheti Kab aur Kaise Kare, स्ट्रॉबेरी कौन से महीने में लगाई जाती है, स्ट्रॉबेरी कितने दिनों में फल देती है आदि सवाल आ रहे होंगे. इन सवालों के जवाव के लिए नीचे दी गई जानकारी को पढ़ें.
स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए कैसी होनी चाहिए जलवायु
शीतोष्ण जलवायु यानी ठण्ड का मौसम स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है, स्ट्रॉबेरी फसल के अच्छे विकास एवं उत्पादन के लिए 20 से 30 डिग्री तापमान उपयुक्त माना गाया है.
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए मिट्टी का चयन
सामान्यतः स्ट्रॉबेरी को सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है लेकिन 6 से 7 पीएच मान वाली बलुई दोमट मिट्टी को स्ट्रॉबेरी की खेती को सबसे अच्छा मना होता है. स्ट्रॉबेरी की फसल को नुकसान से बचाने के लिए खेत से उचित जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए.
कैसे करें स्ट्रॉबेरी फार्मिंग के लिए खेत तैयार
स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए खेत तैयार करते समय से 10-15 टन पुरानी सड़ी गोबर तथा आखरी जुताई के समय प्रति एकड़ 60 किलोग्राम पोटाश और 100 किलोग्राम फास्फोरस डालकर मिट्टी को बारीक़ एवं भुरभरी बनाकर समतल कर लें. उसके बाद स्ट्रॉबेरी की रोपाई के लिए बैड तैयार कर लें.
स्ट्रॉबेरी फार्मिंग के लिए कैसे तैयार करें बैड
स्ट्रॉबेरी की रोपाई के लिए खेत तैयार हो जाने के पश्चात 2.5-3 फ़ीट चौड़े, 1-1.5 फ़ीट ऊंचे तथा बेड से बेड की दूरी डेढ़ फ़ीट रखते हुए बेड तैयार कर लें. फसल में उचित सिचाई व्यवस्था के लिए ड्रिप पाइप बिछाए, खरपतवार नियंत्रण और स्ट्रॉबेरी के फलों को नुकसान से बचाने के लिए 25-30 माइक्रॉन की प्लास्टिक मल्चिंग से बैड को कवर कर दें. आखिर में स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाने के लिए मल्चिंग में 1-1.5 फ़ीट की दूर रखते हुए बैड की दोनों साइड छेद कर दें.
स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाने का सही समय
स्ट्राबेरी के पौधों की रोपाई के लिए मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर के बीच का समय सबसे उयपुक्त मना जाता है, अधिक तापमान में रोपाई करने पर पौध ख़राब होने की संभावना रहती है. स्ट्रॉबेरी की कुछ लेट वैरायटी भी होती जिनको नवंबर में भी लगाया जा सकता है.
स्ट्रॉबेरी की प्रजातियाँ
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार विश्व में स्ट्रॉबेरी की अलग-अलग करीब 600 प्रजातियाँ उपलब्ध है, लेकिन व्यावसायिक तौर पर स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए विंटर डाउन, (Winter Down Strawberry Plant ), विंटर स्टार (Winter star Strawberry), ओफ्रा, कमारोसा (Camarosa Strawberry), चांडलर (Chandler Strawberry), स्वीट चार्ली (Sweet Charlie Strawberry), ब्लैक मोर, एलिस्ता, सिसकेफ़, फेयर फाक्स आदि को शामिल किया है.
ऐसे डालें स्ट्रॉबेरी की खेती में उर्वरक
स्ट्रॉबेरी के पौधे काफी नाजुक होते है इसलिए उनको समय-समय खाद् और उर्वरक देना चाहिए ताकि पौधे स्वस्थ बने रहे. खाद का उपयोग मिट्टी की जाँच के आधार ही करना चाहिए ताकि स्ट्रॉबेरी के पौधों को पूरा पोषण मिल सकें. सामन्य भूमि के लिए खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ 10 से 15 टन सड़ी गोबर की खाद तथा 100 कि.ग्रा. फास्फोरस (पी2ओ5) व 60 कि.ग्रा. पोटाश (के2ओ) डालना चाहिए. रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग हेतु आपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञ से परामर्श ले सकते हैं
स्ट्रॉबेरी के पौधों की कैसे करें सिंचाई
स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाने के तुरंत बाद सिचाई करें ताकि पौधों को नमी मिल सकें, फसल के अच्छे विकास एवं उत्पादन के लिए पर्याप्त नमी का विशेष ध्यान रखें. स्ट्रॉबेरी की सिंचाई के लिए टपक विधि का उपयोग कर सकते है. इस विधि से सिचाई करने पर स्ट्रॉबेरी के फल ख़राब नहीं होते हैं.
स्ट्रॉबेरी में लगने वाले कीट और रोग
स्ट्रॉबेरी के पौधों पर फल शुरू होते ही बिभ्भिन प्रकार के कीट पतंगे का प्रकोप शुरू हो जाता है, जिनमें मक्खियाँ चेफर, स्ट्राबेरी जड़ विविल्स झरबेरी एक प्रकार का कीड़ा, रस भृग, स्ट्रॉबेरी मुकट कीट कण आदि है, इनसे बचाव के लिए जैविक खाद के रूप में नीम खल को पौधों की जड़ों में डाल सकते है. इनके अलावा पत्तों पर पत्ती स्पाट, ख़स्ता फफूंदी, पत्ता ब्लाइट का प्रकोप भी हो सकता है. स्ट्रॉबेरी की फसल पर लगने वाले कीट और रोग के लिए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर कीटनाशक दवाइयों का स्प्रे करे.
पाले से कैसे बचाए स्ट्रॉबेरी के पौधों को
अगर आप स्ट्रॉबेरी की खेती को खुले में कर रहे है तो सर्दियों में पड़ने वाले पाले से बचाना बहुत जरुरी हो जाता है क्योकि पाले से इसकी फसल ख़राब होने की संभावना अधिक हो जाती है. खुले में स्ट्रॉबेरी की फसल को पाले से बचाने के लिए लो टनल तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको प्लास्टिक स्टिक्स और 100 से 200 माइक्रोन की पारदर्शी प्लास्टिक पोलोथिन की आवश्यकता होती है. यदि आप पोली हाउस में स्ट्रॉबेरी की खेती करते है तो आपको इन सब चीजों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
स्ट्रॉबेरी की तुड़ाई (Harvesting Strawberry)
जब स्ट्रॉबेरी के फलों का रंग 65-70% प्रतिशत चटक लाल हो जाये तो उस अवस्था में स्ट्रॉबेरी के फलों की तुड़ाई कर लेनी चाहिए. अगर आपके यहां से मार्किट दूर है तो स्ट्रॉबेरी के फलों को थोड़ा सख्त तोड़ें ताकि मंडी तक पहुंचने में फल ख़राब न हों. तुड़ाई के समय स्ट्रॉबेरी के फल को न पढ़कर उसके डण्डाल को पकड़कर तोड़ें.
कैसे करें स्ट्राबेरी की पैकिंग
स्ट्रॉबेरी का फल बहुत ही कोमल और नाजुक होता है इसलिए आपको इसकी पैकिंग बहुत सावधानी से करनी चाहिए. स्ट्रॉबेरी की पैकिंग प्लास्टिक बॉक्स में करनी चाहिए ताकि फलों को कोई नुकसान न पहुंचे. पैकिंग करने के बाद बॉक्स को हवादार स्थान पर रखें, जहा का तापमान 5 डिग्री के आसपास होना चाहिए.
स्ट्रॉबेरी की खेती से पैदावार
स्ट्रॉबेरी की फसल से अच्छा उत्पादन किस्म, जलवायु, मृदा का स्तर, पौधों की संख्या, फसल प्रबंधन आदि पर निर्भर करता है. सामान्य तौर पर स्ट्रॉबेरी के एक पौधे से 800-900 ग्राम फल प्राप्त हो सकते है.
स्ट्रॉबेरी की खेती से कमाई
आमतौर पर एक एकड़ स्ट्रॉबेरी की खेती में लगभग 2-3 लाख रुपये की लागत आती है. पैदावार होने के बाद खर्च निकालकर 5-6 लाख का फायदा हो जाता है.
स्ट्रॉबेरी की खेती – FAQ
स्ट्रॉबेरी की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि स्ट्रॉबेरी की उन्नत खेती कैसे करें (How to do strawberry Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.