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कृषि दिशा / Aushadhi Fasal Cultivation / स्टीविया की खेती, कब और कैसे करें? | Stevia Cultivation in Hindi

स्टीविया की खेती, कब और कैसे करें? | Stevia Cultivation in Hindi

By: Krishi Disha | Updated at:19 November, 2022 google newsKD Facebook

स्टीविया की खेती / Stevia Farming / Stevia ki kheti: स्टीविया खेती / Stevia Cultivation महाराष्ट्र, कर्नाटक में मुख्य रूप की जाती है लेकिन कुछ समय से इसकी खेती छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में खेत कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है. स्टीविया की खेती (Stevia Cultivation) काम लगत में अच्छी कमाई देने वाली फसल है. चलिए जानते है स्टीविया की खेती कैसे की जाती है.

Stevia Farming
स्टीविया की खेती कैसे करें, यहाँ जाने

स्टीविया की खेती – Stevia ki kheti

स्टीविया स्वाद में चीनी से कई गुना मीठा होते हुए भी कैलोरीज की मात्रा न के बराबर होती है. यह शरीर में शुगर लेवल को कंट्रोल करने में सहायता करता है. स्टीविया को हनीप्लांट भी कहा जाता है. मधुमेह (diabetes) के रोगी इसका अधिक मात्रा में उपयोग करते हैं. इसकी बाजार में बहुत मांग रहती है. इसके अलावा आप Lahsun ki Kheti , Gajar ki Kheti, Gajar ki Kheti, Gajar ki Kheti, Palak ki Kheti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें.

स्टीविया की खेती की पूरी जानकारी – Stevia Farming in Hindi

जलवायु (Climate)

  • स्टीविया की खेती (Stevia Cultivation) लिए समशीतोष्ण जलवायु को सबसे उत्तम मना गया है.
  • हनीप्लांट की खेती (Honeyplant Cultivation) के लिए 10 से 41 डिग्री के बीच तापमान उपयुक्त होता है.
  • यदि तापमान कम या ज्यादा रहता है तो पौधों का विकास अच्छे से नहीं हो पाता.
  • इसकी खेती के लिए 140 सेंटीमीटर तक औसत वर्षा पर्याप्त होती है.

उपयुक्त मिट्टी (Suitable Soil)

  • स्टीविया की खेती के लिए बलुई दोमट, हल्की कपासिया, लाल मिट्टी को सबसे बढ़िया मना गया है.
  • हनीप्लांट की खेती (Honeyplant Farming) के लिए मिट्टी का पीएच 6-8 के बीच होना चाहिए
  • स्टीविया की खेती के लिए उचित जल निकासी की व्यवस्था होना चाहिए.
  • इसकी खेती के लिए क्षारीय भूमि का उपयोग नहीं करना चाहिये.

स्टीविया की रोपाई का सही समय

स्टीविया के पौधों (stevia plants) की रोपाई के लिए फरवरी-मार्च, अक्टूबर-नवंबर का समय सबसे उपयुक्त माना गया है क्योकि इस मौसम में न तो ज्यादा सर्दी और न ही ज्यादा गर्मी रहती है. यह मौसम स्टीविया की खेती के लिए सबसे बढ़िया होता है.

स्टीविया की उन्नत किस्में:

  • SRB-123:-  दक्षिणी पठार क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है.
  • SRB-512:-  ऊत्तरी भारत के लिए ज्यादा उपयुक्त है.
  • SRB-128:- सम्पूर्ण भारत में उगाई जा सकती है.

स्टीविया के पौधों की रोपाई विधि

  • स्टीविया के पौधों का रोपण 30-30 सेंटीमीटर की दूरी पर किया जाता है. एक एकड़ के लिए करीब 40 हजार पौधों की आवश्यकता पड़ती है. अच्छे उत्पादन के लिए कलम विधि या टिश्यू कल्चर से तैयार पौधों का इस्तेमाल करना चाहिए.

कहां से ले स्टीविया के पौधे

स्टीविया के पौधे आप सरकारी उद्यानिकी विभाग, कृषि विभाग, सरकारी नर्सरी, कृषि कॉलेज या मान्यता प्राप्त नर्सरी से खरीद सकते है.

स्टीविया के पौधे की सिंचाई (Irrigation of Stevia Plant)

स्टीविया के पौधों की रोपाई के तुरंत बाद सिचाई करनी चाहिए. इसकी खेत के लिए फुव्वारा और ड्रिप सिंचाई से अधिक उपज ली जा सकती है. सिचाई करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि खेत में पानी जमा न हो पाए. आवश्यकतानुसार खेत में नमी बनाये रखे.

स्टीविया की फसल में खरपतवार नियंत्रण (Stevia Crop Weed Control)

स्टीविया की फसल वाले खेत में साफ सफाई के लिए निरंतर नराई/गुड़ाई करते रहना चाहिए. खरपतवार नियंत्रण के लिए स्टीविया की फसल में रासायनिक दवाओं इस्तेमाल नहीं किया जाता.

स्टीविया की फसल के लिए खाद व उर्वरक (Manure and Fertilizer for Stevia crop)

स्टीविया की खेती के लिए ज्यादा खाद व उर्वरक की आवश्यकता नहीं पड़ती. इसकी खेती के लिए गोबर की खाद, कंम्पोस्ट खाद, केंचुआ खाद का उपयोग कर सकते हैं. इसकी खेती के लिए रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया जाता.

स्टीविया की फसल में होने वाले प्रमुख रोग तथा बचाव

वैसे तो स्टीविया की फसल पर किसी विशेष प्रकार के रोग या कीट का प्रकोप दिखाई नहीं देता है. लेकिन कई बार मिट्टी में बोरोन की कमी के चलते लीप स्पॉट का प्रकोप हो सकता है. इसके लिए 6% बोरेक्स का स्प्रे करें.

स्टीविया के पौधों को रोगों अथवा कीटों/कृमियों से बचने के लिए नियमित अंतराल पर गौमूत्र अथवा नीम के तेल को पानी में मिश्रित कर स्प्रे करें. रोग नियंत्रण के लिए किसी भी प्रकार की रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल न करें.

स्टीविया की कटाई (Harvesting Stevia)

स्टीविया रोपाई के लगभग 90 से 100 दिनों के अंदर हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाता है. पौधा काटने के बाद फुट आने पर फिर कटाई कर सकते है. पहली कटाई होने के बाद 3-3 महीने के अंतराल पर अन्य कटाई की जाती है. स्टीविया को एक बार लगाने पांच साल तक उपज देता है.

स्टीविया फसल कहां बेचे (where to sell stevia crop)

स्टीविया की तुड़ाई के बाद पत्तियों को छाया में सुखाएं फिर एयरटाइट कंटेनरों, या पॉलिथीन बैग्स में पैक कर ले. इसके बाद आप इसको ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीकों से बेचा सकते है. दवा बनाने वाली कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

स्टीविया की खेती के लिए अनुदान स्टीविया की खेती के लिए अनुदान (Grant for Stevia Cultivation)

स्टीविया की खेती के लिए नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड से अनुदान ले सकते है.

स्टीविया की फसल से मुनाफा (profit from stevia crop)

स्टीविया की खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. इस पत्तियों का पाउडर बनाकर बेचा जाए तो दोगुनी कमाई हो जाती है. एक साल में इसकी फसल से औसतन 20 क्विंटल तक सूखे पत्ते प्राप्त हो जाते है. स्टीविया के पत्तों की विक्री करीब 80 से 120 रुपए प्रति किलोग्राम तक होती है. यदि पत्तियों का पाउडर बनाकर बेचा जाए तो एक एकड़ में करीब 5 लाख की कमाई हो सकती है.

अगर आपको Stevia ki kheti in Hindi से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.

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Last Modified: 3 August, 2023

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