• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
krishi-disha

  • सरकारी योजनाएं
  • बिजनेस
  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • बागवानी
  • मशीनरी
  • गैजेट्स
  • सरकारी जॉब्स
  • फायदे और नुकसान
कृषि दिशा / Vegetable Cultivation / फूलगोभी की खेती, कब और कैसे करें – All About Cauliflower Farming in Hindi

फूलगोभी की खेती, कब और कैसे करें – All About Cauliflower Farming in Hindi

By: Krishi Disha | Updated at:10 November, 2022 google newsKD Facebook

Phool Gobhi ki Kheti (Cauliflower Farming): फूलगोभी की खेती (Cauliflower Cultivation) कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल मानी गई है. वर्तमान समय में इसकी खेती सम्पूर्ण भर्ती की जाती है लेकिन उत्तर प्रदेश तथा अन्य ठंडी जलवायु वाले स्थानों फूलगोभी की खेती व्यापक पैमाने पर की जाती है. भारत में फूलगोभी की फसल का कुल क्षेत्रफल करीब 3000 हेक्टर है जिससे तकरीबन 6,86,000 टन फूलगोभी उत्पादन प्राप्त होता है. फूलगोभी की खेती कैसे करे से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख द्वारा दी जा रही है इसलिए आप इस आर्टिकल को पूरा पढें,

Phool Gobhi ki Kheti
फूलगोभी की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

फूलगोभी की खेती कैसे करें ? – Phool Gobhi ki Kheti in Hindi

फूलगोभी में खनिज-लवण, विटामिन-बी और प्रोटीन आदि पर्याप्त मात्रा में पाए जाते है. फूलगोभी (Cauliflower) का इस्तेमाल बिरियानी, पकौडा, पराठे, सब्जी, सूप और अचार बनाने के लिए किया जाता है. सब्जियों में यह लोगो की पहली पसंद होती है. बाजार में इसकी मांग सालभर बनी रहती है इसलिए इसको उगने से किसान अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते है.

फूलगोभी की खेती की पूरी जानकारी – Cauliflower Farming in Hindi

फूल गोभी की खेती के लिए जरूरी जलवायु

फूल गोभी की खेती (Phool Gobhi ki Kheti) के लिए 15 डिग्रीसेंटीग्रेड से 25 सेंटीग्रेड का तापमान उपयुक्त मन गया है. इसकी उन्नत खेती के लिए ठंडी और आर्द्र जलवायु सर्वोत्तम मानी गई है. अधिक ठण्ड और पाले से नुकसान हो सकता है.

फूल गोभी की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

फूलगोभी की फसल (Cauliflower Crop) के लिए अच्छी जल निकासी वाली बलुई, दोमट मिट्टी सर्बोत्तम मानी गई है. फूलगोभी की खेती के लिए 7.0 पीएच मान वाली भूमि सबसे बढ़िया मानी गई है.

फूल गोभी की फसल के लिए भूमि की तैयारी

  • फूल गोभी की खेती (Gobhi ki Kheti) सितंबर से अक्टूबर के मध्य की जा सकती है.
  • गोभी की रोपाई से पहले सितंबर महीने के पहले खेत की अच्छी जुताई करें.
  • खेत में अच्छी सड़ी गोबर की खाद अच्छे से बिखेर.
  • खेत की 3-4 बार जुताई कर पाटा लगाकर समतल और भुरभुरी बना लेना चाहिए.
  • खेत में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था जरूर करें.
यह भी पढ़ेंः  मूली की खेती, कब और कैसे करें - All About Radish Farming (Mooli ki Kheti) in Hindi

फूलगोभी की उन्नत किस्में (Improved Varieties of Cauliflower)

फूलगोभी की खेती (phool gobhi farming) के लिए मौसम के आधार तीन प्रकार (अगेती प्रजातियां, मध्यम प्रकार की प्रजातियां, आखिरी में पछेती प्रजातियां) की प्रजातियां पाई जाती हैं. आप अपने स्थान और जलवायु के आधार पर फूलगोभी की प्रजाति का चुनाव करें. फूलगोभी की उन्नत खेती (Improved Cultivation of Cauliflower) के लिए हमने कुछ किस्मों को सुझाया है.
अगेती प्रजातियां:- पूसा दिपाली, अर्ली कुवारी, अर्ली पटना, पन्त गोभी 2, पन्त गोभी 3 पूसा कार्तिक, पूसा अर्ली सेन्थेटिक, पटना अगेती, सेलेक्सन 327 एवं सेलेक्सन 328 है।
मध्यम प्रकार की प्रजातियां:- पन्त शुभ्रा, इम्प्रूव जापानी, हिसार 114, एस-1, नरेन्द्र गोभी 1, पंजाब जॉइंट ,अर्ली स्नोबाल, पूसा हाइब्रिड 2, पूसा अगहनी, और पटना मध्यम,
आखिरी में पछेती प्रजातियां:- स्नोबाल 16, पूसा स्नोबाल 1, पूसा स्नोबाल 2, पूसा के 1, दानिया, स्नोकिंग, पूसा सेन्थेटिक, विश्व भारती, बनारसी मागी, जॉइंट स्नोबाला

फूलगोभी की बीजों की बुआई और नर्सरी

फूलगोभी की खेती (farming of cauliflower) हम दो तरीके से कर सकते है. 1. बीजों की सीधी बुआई करके, 2. नर्सरी में पौध तैयार करके.

फूल गोभी की फसल के लिए बीज की मात्रा

फूल गोभी की अगेती किस्मों के लिए 450 ग्राम से 500 ग्राम और मध्यम एवं पिछेती किस्मों का बीज दर 350-400 ग्राम प्रति हेक्टेयर होना चाहिए. गोभी के बीज को बुबाई से पहले 2 से 3 ग्राम कैप्टन या ब्रैसिकाल प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करना चाहिए. इसके साथ ही साथ 160 से 175 मिली लीटर को 2.5 लीटर पानी में मिलकर प्रति वर्ग मीटर के हिसाब नर्सरी की जमीन को उपचारित कर लें जिसे फूल गोभी की नर्सरी स्वस्थ निकलकर आएगी.

यह भी पढ़ेंः  शलजम की खेती, कब और कैसे करें - All About Turnip Farming in Hindi

फूलगोभी के पौधों की रोपाई कब और कैसे करें?

  • जलवायु के अनुसार ही फूलगोभी की खेती (Cauliflower cultivation) करें.
  • फूलगोभी की अगेती फसल के लिए जुलाई-अगस्त तक बुआई कर देनी चाहिए.
  • मध्यम और पछेती फसल के लिए अक्टूबर-नवंबर तक बुआई कर देनी चाहिए.
  • पौधों की रोपाई पंक्ति से पंक्ति की दूरी भी 45-50 सेंटीमीटर रखें.
  • पौधों की रोपाई सायंकाल के समय करने से पौधों के नष्ट होने में कमी आएगी
  • पौध की रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करें

फूलगोभी के पौधों की सिंचाई

पौध की रोपाई के तुरन्त बाद हल्की सिंचाई कर दें जिससे फूलगोभी के पौधे (cauliflower plants) मुरझाएंगे नहीं.
मिट्टी, जलवायु के अनुसार गर्मियों में 6-7 दिनों के के अंतराल पर और सर्दियों में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिचाई करनी चाहिए. खेत में नमी के अनुसार सिचाई करें

फूलगोभी की फसल के लिए उरर्वरक प्रबंधन

फूलगोभी की फसल के लिए खेत की तैयार करते समय सड़ी गोबर की खाद डालें. रोपाई से पहले 50 kg Nitrogen, 25 kg Phosphorus and 25 kg Potash (110 kg Urea, 155 kg Superphosphate and 40 kg Murate of Potash) सड़ी गोबर की खाद सुपरफासफेट और म्यूरेटे ऑफ पोटाश और आधा यूरिया को रोपाई से पहले खेत में डालें. बचे यूरिया को रोपाई चार सप्ताह बाद पौधों में डालें.

फूलगोभी की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए 5-7 ग्राम घुलनशील खादें (19:19:19) प्रति लि. का इस्तेमाल करें. रोपाई के 40 से 45 दिनों के बाद 4-5 ग्राम 12:16:0, नाइट्रोजन और फासफोरस, 2.5-3 ग्राम लघु तत्व और 1 ग्राम बोरोन प्रति लि. के हिसाब से फसल पर छिड़काव करें.

खेत में बोरोन की कमी से पौधों के पत्ते मुड़ने तथा तना बेरंग होने लगता है इसके लिए बोरैक्स 250-400 ग्राम प्रति एकड़ में डालें.

यह भी पढ़ेंः  पालक की खेती, कब और कैसे करें - All About Spinach Farming in Hindi

खेत में मैगनीश्यिम की कमी को पूरा करने के लिए 35-40 दिन बाद 5 ग्राम मैगनीश्यिम सलफेट प्रति लि. का इस्तेमाल करें. कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए कैल्शियम नाइट्रेट 5 ग्राम को प्रति लीटर पानी में मिलाकर 35-40 दिनों के बाद खेत में डालें.

खरपतवार नियंत्रण

खरपतवार की रोकथाम के लिए रोपाई से 2-3 दिन पहले पैंडीमैथलीन 1 लि. प्रति एकड़ का छिड़काव करें. फसल लगने के बाद फलुक्लोरालिन(बसालिन) @800 मि.ली. को 150 लि. पानी में मिलाकर छिड़काव करें और 35-40 दिनों के बाद रोपाई करें.
नोट – रासायनिक खादों का इस्तेमाल अपने यहाँ के कृषि विशेषज्ञ की सलाह से ही करें

रोग एवं नियन्त्रण

रस चूसने वाले कीड़े, चमकीली पीठ वाला पतंगा, सुंडी, सूखा, पत्तों के नीचे की ओर धब्बे, पत्तों पर धब्बे और झुलस रोग, ऑल्टरनेरिया पत्तों के धब्बा रोग आदि के प्रकोप से बचाने के लिए अपने कृषि विशेषज्ञ की सलाह से रसायनो का छिड़काव करें

फूलगोभी की कटाई कब करें ?

  • फूलगोभी आकर ठोस दिखाई देने लगे तभी फसल की कटाई करनी चाहिए.
  • फूलगोभी को कुछ पत्तों सहित निचे से काटना जिससे ट्रांसपोर्ट के समय फूल की सुरक्षा हो सके
  • फूलगोभी को काटने समय ध्यान रखे कि फूल में खरोंच या रगड़ न लगे नही तो आपको दाम सही नहीं मिलेंगे.
  • काटने के तुरंत बाद बेचने के लिए मंडी पहुंचना चाहिए
  • फूलगोभी की कटाई हमेशा सुबह या शाम में करनी चाइये जिससे फूलगोभी ताज़ी बानी रहेगी.

अगर आपको फूलगोभी की खेती Phool Gobhi ki Kheti (cauliflower farming Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.

खेती-बाड़ी, बागवानी, मशीनरी, सरकारी योजनाओं, बिज़नेस आईडिया, पशुपालन, लाइफ स्टाइल एग्रीकल्चर सरकारी जॉब्स, उन्नत उद्योग और कृषि विज्ञान केंद्र से सम्बंधित विश्वसनीय जानकारी सबसे पहले कृषि दिशा पर पढें.
Last Modified: 28 March, 2023

पोस्ट से संबंधित आर्टिकल

Bathua ki Kheti
बथुआ की खेती, कब और कैसे करें-All about Bathua Farming (Bathua ki Kheti) in Hindi
French Bean ki kheti
फ्रेंच बीन्स की खेती, कब और कैसे करें – All about French Bean Cultivation in Hindi
Zucchini Cultivation
जुकिनी की खेती, कब और कैसे करें – All about Zucchini Cultivation in Hindi
Kundru ki Kheti
कुंदरू की खेती, कब और कैसे करें – All about Ivy Gourd Cultivation in Hindi
Sweet Potato Farming
शकरकंद की खेती, कब और कैसे करें – All about Sweet Potato Farming in Hindi
Fenugreek Farming
मेथी की खेती, कब और कैसे करें – All about Fenugreek Cultivation (Methi ki Kheti) in Hindi

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Fayde aur Nuksan

  • घी के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – All About Desi Ghee Benefits in Hindi

    Broccoli Benefits-ब्रोकली के फायदे, नुकसान एवं उपयोग के तरीके जाने

    काला नमक के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – All About Black Salt Benefits in Hindi

    काली किशमिश के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Black Raisins Benefits and Side Effects in Hindi

    कमरख के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Star Fruit (Kamrakh) Benefits and Side Effects in Hindi

    लेमन टी के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Lemon Tea Benefits and Side Effects in Hindi

    माका रूट के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Maca Root Benefits and Side Effects in Hindi

    सोडियम के फायदे, नुकसान एवं स्रोत – Sodium Benefits and Side Effects in Hindi

    टमाटर के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Tomato Benefits and Side Effects in Hindi

    मेपल सिरप के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Maple Syrup Benefits and Side Effects in Hindi

Vegetable Farming

  • बथुआ की खेती, कब और कैसे करें-All about Bathua Farming (Bathua ki Kheti) in Hindi

    फ्रेंच बीन्स की खेती, कब और कैसे करें – All about French Bean Cultivation in Hindi

    जुकिनी की खेती, कब और कैसे करें – All about Zucchini Cultivation in Hindi

    कुंदरू की खेती, कब और कैसे करें – All about Ivy Gourd Cultivation in Hindi

    शकरकंद की खेती, कब और कैसे करें – All about Sweet Potato Farming in Hindi

Medicinal & Aromatic Crops

  • Malabar Neem Farming: मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे जाने पूरी जानकरी

    ईसबगोल की खेती, कब और कैसे करें – All about Isabgol Farming (Isabgol ki Kheti) in Hindi

    चिया सीड्स की खेती, कब और कैसे करें – All about Chia Seeds Cultivation in Hindi

    मेहंदी की खेती, कब और कैसे करें – All about Henna Cultivation in Hindi

    सफेद मूसली की खेती, कब और कैसे करें – All about Safed Musli Cultivation in Hindi

Fruit Farming

  • एवोकैडो की खेती, कब और कैसे करें – All about Avocado Cultivation in Hindi

    खुबानी की खेती, कब और कैसे करें – All about Apricot Cultivation in Hindi

    शरीफा की खेती, कब और कैसे करें – All about Custard Apple Farming in Hindi

    अंगूर की खेती, कब और कैसे करें – All about Grapes Farming (Angoor ki Kheti) in Hindi

    किन्नू की खेती, कब और कैसे करें – All about Kinnow Cultivation (Kinnow ki Kheti) in Hindi

Footer

सरकारी योजनाएं

PM Awas Yojana Public Provident Fund
PM Kisan UP Krishi Upkaran
UP Scholarship UP Agriculture
Manav Sampada UP Free Tablet Yojana
Sukanya Samriddhi Yojana EPF Account
NREGA Job Card PM Jan Arogya Yojana

महत्वपूर्ण लिंक

  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • मशीनरी
  • फायदे और नुकसान
  • Gadgets
  • Sarkari Yojana
  • Business Ideas
  • Entertainment
  • Sarkari Result
  • Free Job Alert
  • Education
  • KVK Uttar Pradesh
  • KVK Bihar
  • Vegetable Farming

संपर्क जानकारी

About Us Contact Us
Follow us
FacebookTwitter
InstagramYou Tube
google news

Copyright © 2023 Krishi Disha All Rights Reservedगोपनीयता नीतिसाइटमैपवापस जाएँ।