पत्ता गोभी की खेती / Cabbage Cultivation / Patta Gobhi ki Kheti : बंद गोभी की खेती / Cabbage Farmingको एक नकदी फसल के रूप में जाना जाता है. मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों में उगाई जाने वाली इस फसल का सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि बाजार में पत्ता गोभी (Cabbage) कीमत काम होने पर इसको खेत में रोका जा सकता है, बाजार में बंद गोभी (band gobhi) की कीमत बढ़ने पर इसको बेचा जा सकता है. सब्जी की अन्य फसलों के मुकबले यह काम ख़राब होती है. पत्ता गोभी की खेत कर आप बंपर कमाई कर सकते है. तो चलिए जानते है पत्ता गोभी की खेती कैसे करें.

पत्ता गोभी की खेती कैसे करें ? – Patta Gobhi ki Kheti in Hindi
पत्ता गोभी का इतेमाल सलाद, पाव भाजी, चाउमीन, चाट, स्ट्रीट फ़ूड जैसी चीजों को बनाने के लिए किया जाता है. इस हरे पत्तेदार सब्जी में विटमिन ए और सी खनिज जैसे फासफोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, सोडियम और लोहा भरपूर मात्रा पाए जाते है. इसको पकाकर और कच्चा भी खाया जा सकता है. यह पेट के रोगो और डायबिटीज में इसका से करने काफी लाभ होता है. इसके अलावा आप Shimla Mirch ki Kheti , Mooli ki Kheti , Tamatar ki Kheti, Bhindi Ki Kheti, Kaddu ki Kheti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें.
पत्ता गोभी की खेती की पूरी जानकारी – Cabbage Farming in Hindi
पत्ता गोभी की खेती के जरुरी जलवायु और मिट्टी (Required climate and soil for cabbage cultivation)
- पत्ता गोभी की खेती (Patta Gobhi Farming) के लिए 20-30 डिग्री सेंटीगे्रड तापमान को उचित माना गया है.
- बंद गोभी की फसल (Band Gobhi Crop)के लिए भूमि का पी.एच मान 5.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए.
- पत्ता गोभी की फसल (Cabbage Crop) अधिक अम्लीय मिटटी में वृद्धि नहीं करती है.
- अगेती खेती के लिए बलुई, दोमट मिट्टी अच्छी रहती है.
- पिछेती खेती के लिए कछारी दोमट बढ़िया मानी गई है.
पत्ता गोभी की फसल के लिए खेत तैयारी (Land preparation for cabbage crop)
- पत्ता गोभी (Cabbage ) की रोपाई/बिजाई से पहले मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की एक बार जुताई कर खेत को खुला छोड़ दे, जिससे खेत में मौजूदा खरपतवारों को नष्ट किया जा सके.
- कुछ दिन बाद खेत की कल्टीवेटर से 1 या 2 गहरी जुताई करें.
- इसके बाद खेत में 10 से 12 टन सड़ी हुई गोबर खाद प्रति एकड़ की दर से डालें.
- अब कल्टीवेटर से 2 बार आडी-तिरछी जुताई कर खेत को समतल कर लें.
- इस तहत खेत रोपाई के लिए तैयार है.
पत्ता गोभी की प्रसिद्ध किस्में (Famous Varieties of Cabbage)
पत्ता गोभी की किस्मों (Famous Varieties of Cabbage) को उनके रंग, रूप और आकार के आधार पर बांटा गया है. आपके लिए हम पत्ता गोभी की कुछ के बारे में बताने जा रहे है, लेकिन पत्ता गोभी की किस्मों का चयन आप अपने जलवायु और स्थान के अनुसार ही करे. बंद गोभी की कुछ प्रसिद्ध वैरायटियों की जानकारी निम्नलिखित है.
अगेती फसल :- प्राइड आफ इंडिया, गोल्डन एकर, मीनाक्षी, पूसा मुक्ता एवं मित्रा.
मध्यम फसल :- इसमें पूसा मुक्त और अर्ली ड्रमहेड.
पछेती फसल :- मुक्ता, पूसा ड्रम हेड, लेट ड्रम हेड, डेनिस वाल हेड, पूसा हिट, टायड, गणेश गोल, रेड कैबेज, हरी रानी कोल और कोपेन हेगन.
इन किस्मों के अतरिक्त गुड्डी वाल 65, माही क्रांति, बीसी 90, इंदु, एसएन 183 वैरायटी प्रमुख है.
पत्ता गोभी की नर्सरी प्रबंधन (Cabbage Nursery Management)
बंदगोभी की एक एकड़ फसल लगाने के लिए नर्सरी का आकर इस तरह रखे – लम्बाई 3 से 6 मीटर और चौड़ाई 0.6 से 0.7 मीटर , ऊंचाई 0.1 से 0.15 मीटर.
पत्ता गोभी की नर्सरी के लिए जरुरी पोषक तत्वों के लिए 5 किलो प्रति मीटर वर्ग के हिसाब से गोबर की खाद, 10 ग्राम प्रति मीटर वर्ग की दर कार्बोफुरान, 2.5 ग्राम कॉपर ऑक्सी क्लोराइड को 1 लीटर पानी में घोलकर नर्सरी के लिए बनाये गए बेड या प्रो ट्रे को उपचारित कर लें.
पत्ता गोभी के बीज की मात्रा (Cabbage Seeds Quantity)
बिजाई के लिए 200-250 ग्राम प्रति एकड़ दर से बीज की आवश्यकता होती है.
बीज को कैसे उपचारित करें
बिजाई से पहले बीज का उपचार जरूर कर लें. पत्ता गोभी के बीज को कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज दर से उपचारित कर ले.
पत्ता गोभी की बुवाई का तरीका (Cabbage sowing method)
पत्ता गोभी की बुवाई सीधे मशीन द्वारा खेत में कर सकते है. पौध से रोपाई के दौरान पौधे से पौधे की दूरी 30 से 45 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 से 60 सेमी रहनी चाहिए. पौधे को 1-2 सेमी की गहराई पर लगएं.
पत्ता गोभी की खेती कब-कब की जाती है
- गर्मी के लिए पत्ता गोभी की बिजाई नवम्बर, दिसम्बर व जनवरी में की जाती है.
- बरसात के लिए पत्ता गोभी की बिजाई मई, जून व जुलाई में की जाती है
- पत्ता गोभी की अगेती खेती यानी गर्मी की फसल के लिए अगस्त-सितम्बर के मध्य तक नर्सरी में बीज की बुवाई कर देनी चाहिए.
- बरसात की फसल अगेती फसल के लिए मार्च अप्रैल में नर्सरी की तैयारी कर लेनी चाहिए.
- पछेती किस्मों की फसल के लिए मई-जून में नर्सरी तैयार करनी चाहिए.
पत्ता गोभी की खेती के लिए उर्वरक व खाद प्रबंधन (Fertilizer and manure management for cabbage cultivation)
पत्ता गोभी की रोपाई/बुवाई से पहले 50 किलोग्राम डी ए पी ( DAP ) , 50 किलोग्राम पोटाश, 25 किलोग्राम यूरिया, 5 किलोग्राम बायो जायम , 25 किलोग्राम कैल्शियम नाइट्रेट को प्रति एकड़ की दर से खेत में फैला दें.
पत्ता गोभी की रोपाई/बुवाई के 10-12 दिनों बाद 10 ग्राम NPK 19:19:19 को एक लीटर में घोलकर प्रति एकड़ की दर से फसल से छिड़काव करें.
पत्ता गोभी रोपाई/बुवाई के 25 से 30 दिन बाद 12:61:00 को 4 से 5 ग्राम , 20 मिली टाटा बहार और 1 ग्राम बोरोन को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
पत्ता गोभी रोपाई/बुवाई के 40 से 45 दिनों बाद NPK 13:00:45 20 ग्राम को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें जिससे फसल की गुणवत्ता में सुधर आएगा.
पत्ता गोभी की सिंचाई (Cabbage Crop Irrigation)
पत्ता गोभी की रोपाई/बुवाई के तुरंत बाद सिंचाई करें. खेत में नमी बनाये रखने के लिए जलवायु के अनुसार सर्दियों में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें. अधिक पानी पानी से फूलों में दरारें पड़ जाती हैं. आवश्यकतानुसार खेत में नमी बनाये रखे.
पत्ता गोभी की फसल से खरपतवार नियंत्रण
पत्ता गोभी की फसल लगाने से 4-5 दिन पहले पैंडीमैथालीन 1 लीटर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें. रोपाई के बाद फसल की समय समय पर नराई/गुड़ाई करें.
पत्ता गोभी की कटाई – Cabbage harvesting
पत्ता गोभी की कटाई (Cabbage harvesting) किस्म के अनुसार फूल के कड़ेपन और आकर पूरा होने पर ही करें. पत्ता गोभी का आकर 12 सेमी (5 इंच) के करीब हो जाये तो आप इसके कड़ेपन की जाँच कर सकते है.
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