Spinach Cultivation Tips: पालक एक हरी पत्तेदार सब्जी (साग) है, जिसकी खेती कर किसान करीब 30 से 35 दिनों के भीतर अपनी कमाई शुरू कर सकते है. पालक अन्य पत्तेदार सब्जी फसलों की तुलना में कम लागत एवं कम देखभाल वाली फसल है. औषधीय गुणों एवं पोषक तत्वों से भरपूर पालक की मांग बाजारों में वर्ष भर बनी रहती है. पालक साग की डिमांड को पूरा करने के लिए किसान पालक की खेती (Spinach Farming) साल भर करके कम समय में अच्छा उत्पादन एवं बारह महीने अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते है. व्यावसायिक रूप से Palak ki Kheti करने के इच्छुक किसान पतझड़ या वसंत ऋतू में सीधे खेत में पालक के बीज बो सकते है.
हरी पत्तेदार सब्जी वाली फसलों में पालक साग का एक विशेष स्थान है. पालक साग की खेती देश के आंध्रा प्रदेश, तेलंगना, केरला, तामिलनाडू, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गुजरात आदि राज्यों में रबी, खरीफ और जायद तीनो मौसम में सफ़लतपूर्वक की जा रही है. सर्दियों की सबसे लोकप्रिय पत्तेदार सब्जी पालक की खेती (Spinach Cultivation) कर किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
पालक की खेती (Spinach ki Kheti)
पालक को इंग्लिश में स्पिनच (Spinach) कहते है. पालक के पत्तों में आयरन, प्रोटीन, विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस जैसे खनिजों से भरपूर मात्रा में मौजूद होने के अलावा पालक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है. इसलिए पलक खाने के फायदे त्वचा, बाल, आंखों और दिमाग के लिए बेहद लाभदायक हो सकते है.
पालक की खेती कब और कैसे करें?
पालक की खेती कम समय में अधिक मुनफा देने वाली खेती में से एक है. अगर आप इसकी फार्मिंग (Palak Ki Kheti ) करने की सोच रहे है तो यह जानकारी आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाली है क्योंकि इस आर्टिकल में हम आपको पालक की खेती कब और कैसे की जाती है? पालक की खेती हेतु त्तम जलवायु? पालक कौन से महीने में लगाई जाती है? पालक की बुवाई कैसे होती है? पालक की खेती में खाद? पालक की खेती में सिंचाई? आदि की सम्पूर्ण जानकारी देंगे.
पालक की खेती के लिए जलवायु
- सर्दियों का मौसम पालक की खेती के लिए उत्तम माना गया है.
- बीज अंकुरण के लिए 20 डिग्री तापमान होना चाहिए.
- पालक की पत्तियाँ अधिकतम 30 डिग्री तथा न्यूनतम 5 डिग्री तापमान को आसानी से सहन कर लेती है.
- सर्दियों के मौसम में गिरने वाले पाले को इसके पौधे आसानी से सहन कर लेते है.
कैसी होनी चाहिए मिट्टी
- बलुई दोमट मिट्टी पालक की खेती के लिए बढ़िया मानी जाती है.
- स्पिनच कल्टीवेशन हेतु मिटटी का ph 6.0 और 6.7 के बीच होना चाहिए.
- स्पिनच फार्मिंग के लिए उचित जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए.
पालक फार्मिंग हेतु खेत की तैयारी
- पहली जुताई मिट्टी पलटने हाल से करें ऐसा करने से खेत में मौदूज खरपतवार और कीट नष्ट हो जायेंगे.
- खेत तैयार करते समय 8 से 10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद और 2.5 किलोग्राम ट्रिकोडेर्मा प्रति एकड़ दर खेत में डालें.
- बुवाई से पहले खेत की 2-3 बार आडी-तिरछी गहरी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा बनाकर समतल कर लें.
पालक की बुवाई का उचित समय
आमतौर पर पालक की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय दिसंबर का महीना माना जाता है. लेकिन उचित वातावरण में पालक की खेती वर्ष भर कर सकते है. पालक से अच्छी पैदावार लेने के लिए जनवरी-फरवरी, जून-जुलाई और सितंबर-अक्टूबर इसकी बुवाई कर सकते है.
पालक की उन्नत किस्में
- पंजाब ग्रीन (Punjab Green): बिजाई के 30 से 35 दिन में तैयार होने वाली पालक की वैरायटी के पत्ते चमकीले गहरे हरे रंग के होते है. इस वैरायटी से औसतन पैदावार 125 क्विंटल प्रति एकड़ तक हो जाती है.
- पूसा पालक (Pusa Palak): बिजाई के 40 से 45 दिन में कटाई के लिए तैयार होने वाली इस वैरायटी में जल्दी फूल वाले डंठल बनने की समस्या नहीं आती है.
- पूसा हरित (Pusa Green): पहाडियों में इस वैरायटी को साल भर उगाया जाता है. इस किस्म के पौधे ऊपर की तरफ बढ़ने वाले गहरे हरे रंग के होते है और पत्तियाँ बड़े आकार की होती है.
- ऑल ग्रीन (All green): इस किस्म के पौधे एक समान, हरे, मुलायम पत्ते होते है. पालक की इस वैरायटी के पत्ते 15 से 20 दिनों के अंतराल पर कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म की फसल से 6 से 7 कटाइयां आसानी से ली जा सकती है.
- बनर्जी जाइंट: इस वैरायटी के पत्ते काफी बड़े, मोटे, तथा मुलायम होते है.
- जोबनेर ग्रीन: इस किस्म के पत्ते एक समान हरे, बड़े, मोटे, रसीले तथा मुलायम होते है.
- पालक की अन्य वैरायटी: हिसार सलेक्शन-23, पूसा ज्योति, पंजाब सलेक्शन, पंजाब ग्रीन
पालक की खेती के लिए बीज की मात्रा
पालक की एक एकड़ खेती के लिए 8 से 10 किलोग्राम पालक के बीज (Spinach seeds) की आवश्यकता होती है.
ऐसे करें पालक के बीज को उपचारित
पालक के बीज की अंकुरण की प्रतिशतता बढ़ाने के लिए बुवाई से पहले बीज को उपचारित बहुत जरुरी होता है. लेकिन बुवाई के लिए बाजार से लाये गए हाइब्रिड बीज को उपचारित करने की कोई आवश्यकता नहीं है इसकी सीधे बुवाई कर सकते है. यदि बीज घर पर बनाया है तो बीज को उपचारित करना बेहद जरुरी हो जाता है. कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें.
पालक की बुआई का तरीका
पालक की बुवाई के दौरान पौधे से पौधे की दूरी 1 से 1.5 सेमी एवं पंक्ति से पंक्ति की दूरी 10 से 20 सेमी रखते हुए बीज को 2.5 सेमी की गहराई से बुवाई करें.
पालक की खेती में उर्वरक व खाद प्रबंधन
पालक की बुवाई के समय 10 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम फॉस्फोरस व 25 किलोग्राम पोटाश को प्रति एक एकड़ के हिसाब से खेत में डालें. उसके बाद निम्न तरीके से पालक की खेती के लिए उर्वरक व खाद प्रबंधन करें-
- बुवाई के 20 से 25 दिनों बाद :- फसल में 20 किलोग्राम यूरिया को प्रति एकड़ के हिसाब से डालें.
पालक में सिंचाई प्रबंधन
- पालक की बुवाई के तुरंत बाद सिचाई करें, ताकि बीज की अंकुरण क्षमता बढ़ सकें.
- गर्मी के मौसम फसल की 4-6 दिनों के अंतराल में सिंचाई करें.
- सर्दियों में 10-12 दिनों अंतराल पर सिंचाई करें
- पालक की खेती के लिए ड्रिप सिंचाई लाभदायक होती है.
- अच्छा उत्पादन लेने के लिए पालक की फसल में पर्याप्त नमी बनाये रखें.
पालक में खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार नियंत्रण के लिए पालक की फसल में समय समय पर नराई/गुड़ाई करते रहना चाहिए. खरपतवार नियंत्रण के लिए फसल में रासायनिकों के इस्तेमाल हेतु अपने यहां के कृषि वैज्ञानिक की सलाह ले सकते है.
पालक में लगने वाले रोग और उनकी रोकथाम
- चेपा:- पालक की फसल पर चेपा रोग का प्रकोप अधिक दिखाई देता है उसकी रोकथाम के लिए मैलाथियॉन 50 ई सी 350 मिली को 80-100 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करे. बता दें, मैलाथियॉन के छिड़काव के लगभग 7 दिनों के बाद कटाई करें.
- पत्तों पर गोल धब्बे:- यदि पालक की पत्तियों पर छोटे गोलाकार धब्बे और पत्तों के किनारों पर सलेटी और लाल रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, इसकी रोकथाम के लिए कार्बेनडाजिम 400 ग्राम या इंडोफिल एम-45, 400 ग्राम को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ से फसल में छिड़काव करें. जरुरत पड़ने पर 15 दिनों के अंतराल पर दुवारा छिड़काव करें.
कब करनी चाहिए पालक की कटाई (Harvesting Spinach)
पालक की उन्नत किस्म का चयन कर समय पर पालक की बुवाई की जाए तो पालक की फसल 25 से 30 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. जब पालक की पत्तियां 15 से 30 सेंटीमीटर को हो जाये तो जड़ से 5 से 6 सेंटीमीटर ऊपर से पत्तियों की कटाई (Spinach Harvesting) करनी कर लेनी चाहिए. इसी प्रकार 15 दिन के अंतराल पर 5 से 6 कटाईयां करके पालक से बंपर उत्पादन (Spinach Production) ले सकते हैं.
पालक की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि पालक की उन्नत खेती कैसे करें (How to cultivate Spinach) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को आपको पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है.