नीम के फायदे (Neem ke Fayde) एवं नुकसान (Neem Benefits and Side Effects in Hindi): नीम (Neem Pattiyan khane ke Fayde) नीम कड़वी प्रवृति का होने के बाद भी उसमें अनेक प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते है जो कई शारीरिक और मानसिक रोगों में फायदेमंद होता है. आयुर्वेद सदियों से नीम का उपयोग से एक औषधि के रूप करता चला आ रहा है. आमतौर पर लोग नीम का इस्तेमाल चर्म रोगों में फायदा लेने के लिए करते है लेकिन उनको नीम के सभी गुणों को बारे में नहीं जानते होंगे कि नीम किन-किन रोगों में फायदेमंद होता है. नीम किन किन रोगों में फायदा पहुँचता है आज हम इस लेख के माध्यम से आपको को बताने जा रहे है. सबसे से पहले जानते है नीम के औषधीय गुणों के बारे में फिर इसके बाद जानेगे नीम के फायदे और नुकसान.
नीम के औषधीय गुण और पोषक तत्व (Medicinal properties and nutrients of neem):- नीम के एक नहीं अनेक प्रकार के औषधीय गुण पाए जाते है इसीलिए आयुर्वेद दशकों से इसका इस्तेमाल कर रहा है. नीम एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल गुणों से समृद्ध है. इसके अलावा नीम में कैल्शियम,कार्बोहाइड्रेट, अमीनो एसिड, फाइब, विटामिन सी, नाइट्रोजन, प्रोटीन, वसा, पोटेशियम, फास्फोरस, टैनिक एसिड आदि पोषक तत्व पाए जाते है जो शरीर में होने वाली कई बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करते है. इस जानकारी के बाद जानते है नीम क्या है के अलावा Gomutra ke Fayde, Isabgol ke Fayde, Amrud ke Patte ke Fayde, Kishmish ke Pani ke Fayde, Chyawanprash ke Fayde के बारे में जाने जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते है.

नीम क्या है?
नीम (Neem Ka Ped) भारतीय मूल का औषधीय पेड़ है जिसका इसका वानस्पतिक नाम अजादिरछा इंडिका (Azadirachta Indica) है. नीम की पौधे का जीवनकाल करीब 150-200 साल तक का हो सकता है. यह अपने जीवकाल में लगभग 50-65 फुट की उचाई प्राप्त कर लेता है. इसकी पत्तियाँ (neem leaves) गहरे हरे रंग की होती है. इस पर सफेद और सुगन्धित फूल पर लगते है जिसके बाद फल बनता है. जिसको निबौली कहते हैं. निबौली चिकनी और अंडाकार होती है जिसमें कठोर गुठली निकलती है जिसके अनेक औषधीय गुण होते है. नीम क्या है? जानने के बाद के चलिए नीम को अन्य भाषाओँ में क्या कहते है.
नीम को भारतीय भाषाओँ में क्या कहते है?
नीम को अन्य भारतीय भाषाओँ में किस नाम (Name of Neem in Different Languages) से जाना जाता है इसका विवरण निम्नलिखित है.
नीम के अन्य नाम (Other names of neem)
हिंदी में नीम को नीम, निम्ब कहते है.
अंग्रेजी में नीम को मार्गोसा ट्री (Margosa tree), नीम (Neem) कहते है.
संस्कृत में नीम को पिचुमर्द, पिचुमन्द, तिक्तक, अरिष्ट, हिङ्गुनिर्यास, सर्वतोभद्र आदि नामों से जाना जाता है.
गुजराती में नीम को लिम्बा(Limba), कोहुम्बा (Kohumba) कहते है.
तेलुगु में नीम को वेमू (Vemu), वेपा (Vepa) कहते है.
बंगाली में नीम को निम (Nim), निमगाछ (Nimgachh) कहते है.
मराठी में नीम को बलन्तनिंब (Balantnimba) कहते है.
पंजाबी में नीम को निम्ब (Nimb), निप (Nip), बकम (Bakam) कहते है.
मलयालम में नीम को वेप्पु (Veppu), निम्बम (Nimbam)कहते है.
तमिल में नीम को बेम्मू (Bemmu), वेप्पु (Veppu) कहते है.
कन्नड़ में नीम को निम्ब (Nimb), बेवू (Bevu) कहते है.
ओड़िया में नीम को नीमो (Nimo), निम्ब (Nimb)
नीम को भारतीय भाषाओँ में क्या कहते है? इसकी जानकारी प्राप्त करने के बाद अब नीचे चलते है नीम के फायदे जानने के लिए.
नीम के फायदे – Neem ke Fayde in Hindi
आयुर्वेद के अनुसार नीम के फायदे (Benefits of Neem) अनगिनत हो सकते है जिनको जानकर आप हैरान रह जायेगे. जो विभ्भिन रोगों में नीम का उपयोग (uses of neem in hindi) रामबाण साबित हो सकता है. पतछड़ के बाद आने वाली छोटी-छोटी कोमल नीम की पत्तियों (Neem Ke Patte Ke Fayde In Hindi) को बहुत गुणकारी माना गया है जिनके सेवन से खून साफ़ करने में मदद मिल सकती है और कई अन्य बीमारियों के जोखिम को कम करने मददगार सिद्ध हो सकती है. तो चलिए नीचे जानते है नीम के फायदे शरीर के लिए कैसे बेहतर हो सकते है.
1.कील-मुंहासों में नीम के फायदे:- <
नीम एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों को भंडार होता है जो मुंहासों वाले बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते है. कील-मुंहासों के लिए नीम का पेस्ट या फेस पैक ( (Neem Face Mask)) फायदेमंद साबित हो सकता है. बहुत सारी कम्पनियाँ नीम के फेस पैक और साबुन बनती है जो कील मुहासों में लाभकारी होते है.
2. एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर नीम:-
आयुर्वेद के अनुसार नीम और नीम की पत्तियां एंटी बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होती है, जो बारिश के दिनों में होने वाले
संक्रमण से बचाव करने में मदद कर सकते है.
3.डैंड्रफ में नीम के फायदे:-
नीम की पत्तियों का उपयोग कर डैंड्रफ को दूर किया जा सकता है. क्योकि नीम में एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल के गुनी का प्रभाव होता है जो डैंड्रफ ने निजात दिलाने में मददगार साबित हो सकते है. डैंड्रफ को दूर करने के लिए नीम की पत्तियों को पानी साथ उबले पानी हरा होने पर आंच से नीच उतार लें. इस पाने से बालों को धोएं
4. कोलेस्ट्रॉल में नीम के फायदे:-
नीम की पत्तियों में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने के गुण पाए जाते है. इसलिए नीम की पत्तियों का रस कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद हो सकता है. कोलेस्ट्रॉल में नीम का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
5. फोड़ा फुंसी में नीम के फायदे:-
नीम के फायदे घाव, रैशेज,फोड़ा फुंसी में बेहतर हो सकते है क्योकि नीम वूंड हिलिंग (wound healing) गुण पाए जाते है जो घावों को भरने में काफी हद तक सहायक हो सकते है. नीम का लेप सामान्य घाव या कटने-छिलने पर फायदेमंद हो सकता है इसके अलावा फोड़ा फुंसी होने पर नीम के तेल में कपूर मिलाकर लगाने से आराम मिल सकता है,
6. मुँह के छालो में नीम के फायदे:-
मुँह के छालो में नीम की पत्तियों को चावना फायदेमंद हो सकता है क्योकि नीम की पत्तियों में हीलिंग गुण मौजूद होता है जो मुँह के छालो को ठीक करने में मदद कर सकता है.
7- नीम के कीटनाशक रूप में फायदे:-
अनाज को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने के लिए नीम के पत्तों के इस्तेमाल कर सकते है. इसके इस्तेमाल से अनाज में होने वाले कीड़े-मकौड़े बचाव किया जा सकता है.
8. दांतों के लिए नीम के फायदे:-
प्राचीन काल से दातों की सफाई के लिए नीम की दातुन का इस्तेमाल हो रहा है. जिसके करने से दांत सम्बन्धी रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है. इसके अलावा नीम में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते है जो दांतों में प्लाक बढ़ाने वाले बैक्टीरिया को पनपने से रोकने में सहायक होता है. नीम की पत्तियां का एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मसूड़ों की सूजन को करने में सहायक होती है.
9. मधुमेह में नीम के फायदे:-
नीम में हाइपोग्लाइसेमिक गुण पाए जाते है जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में उपयोगी साबित हो सकता है.
मधुमेह में नीम का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
10.चर्म रोगों में नीम के फायदे:-
चर्म रोगों में नीम के फायदे बहुत सारे हो सकते है. चार्म रोगो में नीम की छाल की भस्म तुलसी रस के साथ लगाने से आराम मिल सकता है.
नीम के 10 फायदे जानने के बाद अब नीम का उपयोग कैसे करें इसकी जानकारी नीच प्राप्त करेंगे.
नीम का उपयोग कैसे करें ? – How to Use Neem in Hindi
नीम के चमत्कारिक फायदे जानने के बाद अब बारी आती है नीम के पत्तों का उपयोग कैसे करें? आमतौर पार नीम की पत्तियों का इस्तेमाल बाहरी और आंतरिक स्वस्थ के लिए किया जा सकता है. तो चलिए जानते है नीम का इस्तेमाल कैसे किया जाता है.
नीम का उपयोग-Use of Neem
1. नीम की पत्तियों का फेस मास्क बनाकर मुंहासों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
2. नीच की पत्तियों को सुबह खली पेट चवा चकते है जो ब्लड प्यूरीफायर के रूप में काम करता है.
3. नीम की छल को पीसकर घावों पर लगा सकते है.
4. नीम की कोमल टहनी का इस्तेमाल दातुन के रूप में कर सकते है.
5. नीम के पत्तों को पानी उबालकर रूसी, डैंड्रफ और जूं के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.
6. नीम के पाउडर/नीम के पत्तियों को पानी में उबालकर नहाने से संक्रमण दूर हो सकता है.
नीम के नुकसान (Neem ke Nuksan in Hindi)
प्रकृति का वरदान कहे जाने वाले इस बहुउपयोगी पौधे मैं अनेक प्रकार के औषधीय गन पाए जाते है जो शरीर के लिए बहुत ही स्वास्थ्यवर्धक माना गया है. लेकिन इसके सतर्कता के साथ इस्तेमाल नहीं किया गया तो इसके नुक्सान (Side Effects of Neem in Hindi) भी हो सकते है. नीम के उपयोग और फायदे जाने के बाद नीम के नुक्सान पर चर्चा करते है.
नीम के क्या नुकसान – Neem Side Effects
1. नीम के उपयोग से संवेदनशील त्वचा वाले व्यक्ति को एलर्जी हो सकती .
2. नीम में गर्भनिरोधक गुण पाए जाते है इसलिए इसका इस्तेमाल सोच समझ कर करें.
3. नीम की पत्तियों में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने की प्रवृति होती है.
4. नीम की पत्तियों का अधिक सेवन करने पर पेट की परेशानियां हो सकती है.
5. नीम के पत्तों का अधिक सेवन आपकी किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है.
6. नीम के पानी से बाल धोते समय यह ध्यान रखे की नीम का पानी आँखों में न जाये.
7. नीम के पाते ज्यादा खाने से मुँह का स्वाद कम हो सकता है.
नीम (Neem )- FAQ
इस लेख के जरिये आप ने नीम के फायदे और नुकसान, नीम खाने का तरीका, नीम कब और कैसे खाएं? से भलीभांति परिचित हो चुके होंगे. अगर आपको Neem ke Fayde aur Nuksan in hindi (Health Benefits of Neem in Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताये गए फायदे, नुकसान और उपयोग की कृषि दिशा कोई पुष्टि नहीं करता है. इस जानकारी को केवल सामान्य सूचना और सुझाव के रूप में लें. इनका उपयोग में लाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें
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