Muskmelon Cultivation : जायद मौसम में उगाई जाने वाली फालसों में से खरबूजा एक प्रमुख फसल है, जिसको मैदानी क्षेत्रों से लेकर नदियों के कछार तक में सफलतापूर्वक उगाया जा रहा है. गर्मियों में कम निवेश, कम पानी, कम वक्त तथा सिमित संसाधनों के साथ खरबूजा की खेती कर किसान लाखों की कमाई कर रहे है. इसके अलावा अगर आपके पास पॉलीहाउस लो-टनल, ग्रीन हाउस आदि तकनीक की सुविधा है तो आप इसकी खेती सर्दियों में भी तगड़ा मुनाफा कमा सकते है. गर्मियों में खरबूजा की मांग बहुत अधिक हो जाती है क्योकि यह खाने में मीठा, शीतल, प्यास बुझाने वाला और शरीर में पाने की कमी को पूरा करने वाला फल है. खरबूजे की खेती राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडू में मुख्य रूप से की जा रही है. गर्मियों में इसकी मांग को देखते हुए खरबूजा की खेती किसानो के लिए तगड़ा मुनाफा प्राप्त करने का साधन बन सकती है, आइये जानते है कद्दू वर्गीय खरबूजा की खेती के सभी तरीके.
खरबूजे की खेती (kharbuja Ki Kheti Kaise Karen)
खरबूजा गर्मियों का स्वादिस्ट फल है, जो शरीर में पानी की कमी पूरा करने में सहायक होता है. खरबूजा गर्मियों में जूस या सलाद के रूप में सेवन किया जाता है, इसके अलावा कई मिठाइयां तथा अन्य खाद्य पदार्थ बनाने के लिए खरबूजा के बीज का इस्तेमाल किया जाता है. खरबूजे में कई प्रकार के पोषक तत्व जैसे- प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, 90 प्रतिशत पानी जो शरीर के लिए काफी लाभ दायक होता है. खरबूजा के अलावा इसके बीज स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक है. इन सभी वजहों के कारण गर्मियों में खरबूजे की मांग खूब रहती है ऐसे में खरबूजे की खेती करना किसानो के लिए कमाई का साधन बन सकती है.
ऐसे शुरू करें खरबूजे की खेती
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खरबूजे की खेती के लिए जलवायु
किसान सलाहकारों के माने तो गर्म एवं शुष्क जलवायु खरबूजे की खेती के लिए बढ़िया मानी गई है. बीज अंकुरण से लेकर फसल के उचित विकास 25 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है. अगर पॉलीहाउस लो-टनल, ग्रीन हाउस आदि की सुविधा है तो इसकी खेती आप सर्दियों में भी कर सकते है.
कैसी होनी चाहिए मिट्टी
आमतौर पर खरबूजे की खेती कई प्रकार की मिट्टी में हो जाती है लेकिन कार्बनिक पदार्थ से भरपूर 6.5-7.5 पी.एच.मान वाली हल्की रेतीली बलुई दोमट मिट्टी को खरबूजे की उन्नत खेती के लिए बढ़िया मना जाता है.
खरबूजे की खेती के लिए खेत की तैयारी
खरबूजे की खेती के लिए जुताई करने से पहले गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें, ताकि खेत की उर्वराशक्ति बढ़ जाये. मिट्टी को अच्छी तरह से बारीक़ एवं भुरभरी बनाने के उपरांत अपनी सुविधानुसार 4-5 फ़ीट की दूरी पर 2 फ़ीट चौड़ी बेड या क्यरियाँ बना लें.
खरबूजे की बुवाई का समय
खरबूजों के बीजों की बिजाई फरवरी के महीने में की जाती है तथा अधिक ठंडे वाले क्षेत्रों में इसे अप्रैल और मई के महीने में भी लगाया जाता है.
खरबूजे की उन्नत किस्में
पंजाब सुनहरी, हिसार मधुर, एम.एच.वाई. 3, मृदुला, पूसा शरबती इसके अलावा खरबूजे की सागर 60 एफ 1, अर्का राजहंस, हरा मधु, दुर्गापुरा मधु, एम- 4, स्वर्ण, एम. एच. 10, हिसार मधुर सोना, नरेंद्र खरबूजा 1, एम एच 51, पूसा मधुरस, अर्को जीत, पंजाब हाइब्रिड, पंजाब एम. 3, आर. एन. 50, एम. एच. वाई. 5, पूसा रसराज आदि किस्में है.
खरबूजे के बीज की मात्रा एवं उपचार
सामान्यतः एक एकड़ खरबूजे की खेती के लिए हाइब्रिड बीज/संकर किस्मों के 300-400 ग्राम बीज तथा देसी किस्मों के लिए 1 किग्रा बीज की आवश्यकता होती है. अगर बीज घर का है तो उसको कैप्टान या थिराम या कार्बेनडाज़िम 2 ग्राम से प्रति किलो बीज की दर से बीज को उपचारित करें.
खरबूजे के बीजों की बिजाई का तरीका
खरबूजे की खेती को दो तरीकों से कर सकते है पहला सीधे बीज लगाकर तथा दूसरा नर्सरी के द्वारा. खरबूजे की नर्सरी (Melon Nursery) तैयार करने के लिए आपके पास 200 गेज, 10 सेमी व्यास और 15 सेमी ऊंचाई आकार के पॉलीथीन बैग या प्रोट्रैस होनी चाहिए. नर्सरी के लिए 98 कोशिकाओं वाले प्रो-ट्रे का उपयोग सकते है. खरबूजे की नर्सरी तैयार करने के लिए कोको पीट, वर्मी कम्पोस्ट, गोबर की खाद का उचित मात्रा में मिश्रण बनाकर प्रो-ट्रे में बीज की बुवाई कर दें.
खरबूजे की बुवाई के लिए 5 से 6 फ़ीट की दूरी रखते हुए 40 से 50 सेंटीमीटर चौड़ी नालीनुमा लम्बी क्यारिया तैयार करें. नालियों के दोनों किनारों पर करीब 2 से 3 फ़ीट की दूरी पर 1.5 CM की गहराई रखते हुए खरबूजा के बीज की बुवाई करें.
बेड पर कैसे करें खरबूजे की बुवाई
अगर आप खरबूजे की खेती बैड पर करना चाहते है तो आपको बैड से बेड की दूरी = 5 से 6 फ़ीट या 1.5 या 2.0 मीटर,
2.5-3 फ़ीट चौड़े, 1-1.5 फ़ीट ऊंचे बैड तैयार कर लें. फसल में सिचाई की व्यवस्था के लिए ड्रिप पाइप बिछाए खरपतवार नियंत्रण के लिए और खरबूजे के फलों को नुकसान से बचाने के लिए 25-30 माइक्रॉन की प्लास्टिक मल्चिंग से बैड को कवर कर दें. आखिर में खरबूजे के पौधे लगाने के लिए मल्चिंग में 1 से 1.5 फ़ीट की दूर रखते हुए बैड पर छेड़ कर दें. यदि तरबूज की खेती बेड पर की जाती है तो एक एकड़ तरबूज की खेती के लिए करीब 6500 पौधों की आवश्यकता होगी.
खरबूजे की सिंचाई
खरबूजे के बीज की बुवाई करने के तुरंत बाद सिचाई करनी होगी ताकि बीज का अंकुरण सही से हो सकें. फसल सही से ज़माने के बाद खेत में आवश्यकतानुसार सिचाई करते रहे. बैड पर खरबूजे की खेती करने वालों को ड्रिप सिस्टम का उपयोग करना चाहिए.
खरबूजे के खेती में खरपतवार नियन्त्रण
सिचाई के बाद फसल में खरपतवार दिखाई शुरु हो जाते है. इन प्राकृतिक रूप से नियन्त्रण रखने के लिए 2 -3 निकाई-गुड़ाई करनी चाहिए, जिससे फसल की ग्रोथ अच्छी और उत्पादन भी अच्छा प्राप्त हो जाता है.
खरबूजे की फसल में लगने वाले कीट व रोग एवं उपचार
चेपा, थ्रिप्स, पत्ते का सुरंगी कीड़ा, फल की मक्खी, पत्तों के ऊपर की तरफ सफेद धब्बे, अचानक सूखा, एंथ्राक्नोस, पत्तों के निचली तरफ धब्बे आदि कीट व रोग का प्रकोप रहता है. इनसे बचाव के लिए आप अपने कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से रासायनिक दवाइयों (Chemical Drugs) का इस्तेमाल करें.
खरबूजे की तुड़ाई (Harvesting Muskmelon )
खरबूजे की तुड़ाई उसकी वैरायटी पर निर्भर करती है. वैसे खरबूजे के फल रोपाई के 80 से 90 दिन बाद तोड़ने को तैयार हो जाते है. यदि खरबूजे का फल 80-90% पक जाये है तो उनको तोड़कर लेना चाहिए. फलों की ग्रेडिंग करने के बाद बाजार में बेचने के लिए भेज दें.
खरबूजे से पैदावार और लाभ
खरबूजे (कुकुमिस मेलो) की पैदावार (melon Yield) उसकी वैरायटी और देखभाल पर निर्भर करती है अगर आप मल्चिंग बेड पर खरबूजे की खेती करते है तो आपको खरबूजे की एक एकड़ खेती के लिए लगभग 6400-6500 पौधे की रोपाई की जाती है. इस पौधों से करीब 17-18 टन से अधिक खरबूजे की पैदावार प्राप्त हो जाती है. जिसका बाजार भाव 15 से 20 रूपए प्रति किलो तक मिल जाता है. इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि खरबूजा की खेती से कितनी कमी हो सकती है.
खरबूजे की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि खरबूजे की उन्नत खेती कैसे करें (How to do Muskmelon Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.