Murgi Palan (Poultry Farming): मुर्गी पालन (Chicken Farm) कृषि क्षेत्र से जुड़े व्यवसायों में से एक मुख्य व्यवसाय है. भारत में मुर्गी पालन (Poultry Farm) काफी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. मुर्गीपालन (chicken farm) व्यवसाय पर गौर किया जाये तो यह किसानो के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. इसके जरिये घर व गांव की महिलाओं को भी रोजगर के अवसर प्राप्त हो सकते है. सरकार भी पोल्ट्री फार्मिंग (hen farm) को बढ़ावा देने के उदेश्य से प्रोसेसिंग, प्रजनन, पालन और हैचिंग प्रक्रियाओं निवेश कर रही है. भारत में लहभग 30 लाख किसान और 1.5 करोड़ कृषि किसान पोल्ट्री व्यवसाय में काम कर रहे हैं, जिससे वे राष्ट्रीय आय में करीब 26,000 करोड़ रुपये का योगदान कर रहे हैं.
मुर्गी फार्म कैसे शुरू करें ? – Poultry Farming in Hindi
भारत की आबादी 1.4 अरब के करीब पहुंच चुकी है और भारत की करीब 65% जनसंख्या मांसाहारी है. इस आंकड़े से पता लगाया जा सकता है पोल्ट्री फार्म के उत्पादनो की मांग कितनी हो सकती है. इसको देखते हुए पोल्ट्री फार्म खोल सकते है. देश प्रदेश की सरकारें भी पोल्ट्री फार्म को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय पशुधन मिशन शुरू किया गया है. जिसके तहत पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए सरकार बीपीएल परिवारों को निवेश और वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है
मुर्गी पालन के लाभ – Poultry Farming Benefits
- मुर्गी पालन कमाई का एक उत्कृष्ट स्रोत है.
- मुर्गी पालन में कम निवेश की आवश्यकता पड़ती है.
- इससे रोजगार के अवसर में बढ़ावा
- इसके लिए व्यापार लाइसेंस आसानी से मिल जाता हैं.
- यह कारोबार जल्दी रिटर्न मिलने लगता है.
- बाजार में अंडे और मांस की मांग हमेशा बनी रहती है. जिससे निरंतर कमाई होती रहती है.
- यह जल्द ब्रेक-ईवन प्वाइंट पर पहुंच जाता है. जिसके फलस्वरूप कारोबार में कोई लाभ-हानि नहीं होती है
- इस व्यवसाय के लिए बैंक ऋण आसानी से मिल जाता है.
- इस व्यवसाय के लिए पानी की आवश्यकता कम होती है
- पोल्ट्री उत्पादनो से अधिक पोषण प्रदान प्राप्त होता है.
पोल्ट्री फार्म के लिए बेहतर प्लानिंग (Planning for Poultry Farm)
किसी भी कारोबार को शुरू करने से पहले उसके लिए एक बेहतर प्लांनिंग की आवश्यकता पड़ती है, बिना प्लांनिंग के व्यवसाय किया जाये तो उसके फैले होने की संभावना अधिक होती है. अगर आप पोल्ट्री फार्म खोलना चाहते है तो उसके लिए एक अच्छी बिजनेस प्लांनिंग बनाना अत्यंत आवश्यक है.
- पोल्ट्री फार्म (poultry farm) के लिए उपयुक्त जगह
- इस कारोबार सम्बंधित आवश्यक उपकरण
- विज्ञापन और मार्केटिंग के लिए सटीक योजनाएं बनाना
- आवश्यक लाइसेंस और अनुमति प्राप्त करना.
मुर्गी पालन के प्रकार – Types of Poultry Farming
मुर्गी पालन शुरू करने से पहले आपको यह सुनिचित करना होगा कि आप किस तरह का मुर्गी पालन संचालित करना चाहते है. क्या आप मीट के लिए या अण्डों या फिर दोनों के लिए पोल्ट्री फार्म शुरू करना चाहते है. हम आपकी जानकरी के लिए बता दे मुर्गी पालन तीन प्रकार से किया जा सकता है. जिसकी जानकारी हम आपके साथ साझा कर रहे है. जिसको पढ़ कर आप यह निर्णय ले सकते है कि प्रकार का मुर्गी फार्म खोलें.
लेयर मुर्गी पालन
लेयर मुर्गी फार्म की शुरुआत केवल अंडे उत्पादन के लिए की जाती है. इस तरह के फार्म में पलने वाली मुर्गियाँ 4 से 5 महीने की होने के बाद अंडे देना शुरू कर देती है और यह करीब 16 महीने तक अंडा देती रहती है उसके बाद इनका मीट बेच दिया जाता है
ब्रॉयलर मुर्गी पालन
इस तरह के मुर्गी फार्म में पलने वाली मुर्गियाँ का विकास अन्य मुर्गी फार्म में पलने वाली मुर्गियों की अपेछा तेजी होता है. यह 7 से 8 सप्ताह में पूरी तरह विकसित हो जाती है. इनमें मास की मात्रा अन्य के मुकाबले अधिक होती है.
देसी मुर्गी पालन
इस प्रकार का मुर्गी पालन अंडे और मांस दोनों के लिए किया जाता है.
पोल्ट्री फार्म की बनावट (Poultry Farm Design)
बैटरी केज पोल्ट्री फार्म
इस प्रकार के पोल्ट्री फार्म को शुरू करने के लिए 4,000 वर्ग फुट भूमि की आवश्यकता होती है तथा फार्म से सम्बंधित अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए 2,000 वर्ग फुट अतिरिक्त जमीन की आवश्यकता होती है. बैटरी केज पोल्ट्री फार्म में मुर्गियाँ स्वतंत्र रूप दौड़ने या चलने में सक्षम नहीं होती है.
फ्री-रेंज पोल्ट्री फार्म
इस प्रकार के फार्म को शुरू करने के लिए करीब 12,000 से 36,000 वर्ग फुट क्षेत्रफल जरूरत पड़ती है. इस प्रकार के फार्म में मुर्गियाँ स्वतंत्र रूप दौड़ने या चलने में सक्षम होती है.
सेमी-रेंज पोल्ट्री फार्म
इस तरह का मुर्गी पालन शुरू करने के लिए लगभग 8,000 वर्ग फुट क्षेत्रफल की आवश्यकता होती है. सेमी-रेंज पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों के लिए एक पैडॉक या छोटा पेन बनाया जाता है.
जंगली पोल्ट्री फार्म
इस प्रकार के मुर्गी पालन प्राकृतिक वातावरण किया जाता है. इसके लिए आपको करीब 44,000 वर्ग फुट भूमि की आवश्यकता होती है. इस तरह के पोल्ट्री फार्म में एक पक्षी के पास करीब 2 वर्ग फुट का कॉप स्पेस और 15-20 वर्ग फुट फ्री-रेंज स्पेस होता है.
पोल्ट्री फार्म के लिए धनराशि की व्यवस्था (Fund Arrangement for Poultry Farm)
किसी भी कारोबार को शुरू करने के लिए धनराशि का एक अहम रोल होता है इसके बिना कोई व्यवसाय नहीं किया जा सकता है. पोल्ट्री फार्म खोलने के लिए एक अच्छे फण्ड की जरुरत होती है. इसकी व्यवस्था के लिए आप कृषि लोन ले सकते हैं जोकि बहुत का ब्याज दर पर दिया जाता है. सरकारें भी मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अलग अलग योजनाओं का संचालन कर रही है और साथ में पोल्ट्री फार्म शुरू करने पर सब्सिडी भी दे रही है.
पोल्ट्री फार्म के लिए लोन (Loan for Poultry Farm)
एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, आईडीबीआई बैंक, फेडरल बैंक, करूर वैश्य बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और कई अन्य बैंक पोल्ट्री फार्म संचालन के लिए लोन मुहैया कराती है.
मुर्गी पालन शुरू करने के लिए कितना फंड चाहिए
पोल्ट्री फार्म की लागत
पोल्ट्री फार्म शुरू करने के लिए कितना खर्च आएगा. इसकी एक अनुमानित लागत के बारें में बताने जा रहे है.
- छोटे स्तर के मुर्गी पालन के लिए – लगभग 50,000 रुपए से 1,50,000 रुपए.
- मध्यम स्तर के मुर्गी पालन के लिए – लगभग 1,50,000 रुपए से 3,50,000 रुपए तक.
- बड़े स्तर पर मुर्गी पालन के लिए – लगभग 7,00,000 रुपए से 10,00,000 रुपए.
मुर्गी पालन के लिए जरुरी लाइसेंस
पोल्ट्री फार्म शुरू करने के लिए कौन कौन से आवश्यक लाइसेंस लेने की जरुरत पड़ती है इस जानकारी निम्लिखित है.
- स्थानीय ग्राम पंचायत, नगर पालिका और प्रदूषण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी)
- विद्युत कनेक्शन – पोल्ट्री फार्म के आकार के आधार पर ट्रांसफार्मर की जरुरत.
- भूजल विभाग से लाइसेंस.
- कारोबार पंजीकरण, जैसे, स्वामित्व वाली फर्म, साझेदारी वाली फर्म या कंपनी.
मुर्गी पालन के लिए ध्यान दें प्रमुख बातें
- शुरुआत में मुर्गी पालन को छोटे स्तर से शुरू करना चाहिए.
- मुर्गी पालन के लिए अच्छी नस्ल ( असेल नस्ल, कड़कनाथ नस्ल, चिटागोंग नस्ल, स्वरनाथ नस्ल, वनराजा नस्ल आदि) की मुर्गियों का चयन करें .
- उत्तम नस्ल के चूजों का चयन करें जिससे मुर्गी उत्पादों में नुकसान नहीं होगा.
- पोल्ट्री फार्म शुरू करने से पहले मुर्गी के आवास, उपकरण, एवं चारा दाना का उचित प्रबंध करना चाहिए.
- मुर्गियों में होने वाली बीमारियों (रानीखेत रोग. बर्ड फ्लू, फाउल पॉक्स आदि) से बचाव और ट्रीटमेंट
- अंडा देने वाली उत्तम नस्ल की मुर्गियों का ही चुनाव करें.
- सरकारी मुर्गी फार्म या प्रमाणित मुर्गी फार्म से उत्तम नस्ल की मुर्गियाँ खरीदें
- मुर्गियों का आवास ऊँचे स्थान पर बनाना चाहिए ताकि जमीन पर नमी न रहे, चूंकि नमी से बीमारी फैलती है.
- मुर्गियों के आवास का दरवाजा पूर्व या दक्षिण पूर्व होना चाहिए. जिससे तेज़ चलने वाली पिछवा हवा सीधी आवास में नहीं आएगी.
- मुर्गियां खरीदते समय उनका उचित डॉक्टरी परिक्षण करना चाहिए.
- एक मुर्गी फ़ार्म को दूसरे मुर्गी फ़ार्म से उचित दूरी पर बनाना चाहिए जिससे बीमारी फैलाने का खतरा काम हो जाता है.
- मुर्गी फार्म के लिए बिजली एवं स्वच्छ पानी का उचित प्रबंध होना चाहिए.
- अंडा एवं मुर्गा फार्म शहर के नजदीक होना चाहिए जिससे आपके उत्पादनो की खपत आसानी से हो जाएगी.
पोल्ट्री फार्म सब्सिडी
सरकार मुर्गी पालन के लिए 25% तक सब्सिडी दी जाती है तथा एससी/एसटी श्रेणी के लोगों के लिए सरकार द्वारा 35% तक सब्सिडी दी जाती है. कोई भी व्यक्ति पोल्ट्री फार्म के लिए अप्लाई कर सकता है.
पोल्ट्री फार्म के लिए बाजार
मुर्गी पालन शुरू करने के बाद एक बाजार की जरुरत पड़ती है. अपने व्यवसाय का ऑनलाइन व सोशल मिडिया के
जरिये प्रचार करना चाहिए जिससे लोगो को आपके कारोबार के बारें में पता चलेगा. एक बार आपका व्यवसाय लोगो की नजर में आ जायेगा तो आपके ग्राहक खुद बनने लगेंगे.
पोल्ट्री फार्म ट्रेनिंग (Poultry Farm Training)
किसी भी व्यवसाय को खोलने के लिए उस कारोबार सम्बंधित ट्रेनिंग लेना जरुरी है. अगर आप पोल्ट्री फार्मिंग प्रशिक्षण लेना चाहते है तो हमने आपके लिए कुछ पोल्ट्री फार्मिंग प्रशिक्षण केंद्र की जानकारी दी है.
डॉ. बी.वी. राव कुक्कुट प्रबंधन और प्रौद्योगिकी संस्थान
पद : उरुली कसंझान-412 202,
जिला: पुणे,
महाराष्ट्र
फोन: +91-20-26926320-21
फैक्स: +91-20-26926508, 24332287, 24337760
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सेंट्रल एवियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (CARI)
कैरी, इज्जतनगर
उत्तर प्रदेश
पिन: 243 122
फोन: ९१-५८१-२३०१२६१ (ओ); ९१-५८१-२३०१२२०; २३०१३२०
फैक्स: 91-581-2301321
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इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
मैदान गढ़ी,
नई दिल्ली-110068
फोन: 29533869-870; २९५३५७१४
फैक्स: 29536588
वेबसाइट: http://www.ignou.ac.in/
नेशनल स्कूल ऑफ ओपन स्कूलिंग
बी-31बी,
कैलाश कॉलोनी, नई दिल्ली
फोन: 29231181-85, 29241458
वेबसाइट: http://www.nios.ac.in/
कड़कनाथ कुक्कुट पालन संस्थान बिहार
पता: मलाही पकड़ी रोड, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, पूर्वी इंदिरा नगर, कंकड़बाग, पटना, बिहार 800020
केंद्रीय कुक्कुट विकास संगठन
इंडस्ट्रियल एरिया फेज I, चंडीगढ़, 160002
असम लाइव स्टॉक एंड पोल्ट्री कॉर्पोरेशन लिमिटेड
ग्रामीण विकास कार्यालय की पंजाबी रोड साइड स्ट्रीट पंजाबी, खानापारा, गुवाहाटी, असम 781037
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