Fenugreek Cultivation Tips: देश के किसान पारंपरिक फसलों के साथ-साथ कम लगत में अधिक मुनाफा देने वाली सीजनल सब्जियों की खेती की तरफ तेजी से रुख कर रहे है. मेथी भी कुछ इसी तरह की फसल मानी जाती है. इसकी खेती करके देश के किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है. किसान दो तरीको से मेथी की खेती से कमाई कर सकते है, मेथी की हरी अवस्था में इसके पत्तों बेचकर और सूखी अवस्था में इसके दानो को बेचकर देश के किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. शरीर के लिए गुणकारी मेथी दाने और मेथी साग की मांग हमेसा स्थानीय बाज़ारों में बनी रहती. इसके दानो और मेथी साग को बेचकर किसान काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
उत्तर प्रदेश, राज्यस्थान, तामिलनाडू, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, राजस्थान के अलावा कई अन्य राज्यों के किसान मेथी की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर लाखों की कमाई कर रहे है. लेकिन राजस्थान मेथी का मुख्य उत्पादक राज्य है. यहां के किसान मेथी की फार्मिंग कर अच्छा मुनफा ले रहे है, अगर आप भी मेथी की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति सुधारना चाहते है तो आपको सबसे पहले मेथी की खेती कैसे की जाती है, Methi ki kheti kaise kare, मेथी की खेती के लिए कौन सी वैरायटी अच्छी है आदि सवालों का जवाब जानना होगा.
मेथी की खेती (Methi ki Kheti)
अंग्रेजी में फेनुग्रीक कही जाने वाली मेथी पूरे भारत में उगाई जाने वाली बहुत एक साधारण फसल है, जिसकी पत्तियां सब्जी के तौर पर एवं बीज खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए उपयोग में लाये जाते है. मेथी के पत्ते और बीज औषधिय गुणों से भरपूर होते जो शरीर को अनेकों स्वास्थ्य लाभ पंहुचा सकते है. इसके अलावा, मेथी का उपयोग चारे के तौर पर भी किया जाता है. इस वजह से मेथी की खेती किसानो के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
मेथी की उन्नत खेती कैसे करें?
मेथी की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर किसान भाई बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. स्थानीय बाजारों में मेथी की मांग को पूरा करने के लिए इसकी खेती सही समय (सितंबर से अक्टूबर) पर करनी होगी. यहां जानिए मेथी की खेती के लिए कैसी जलवायु एवं मिट्टी होनी चाहिए.
मेथी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
ठंडी जलवायु मेथी की उन्नत खेती के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है क्योकि इसकी फसल को ठंड और पाला सहन करने क्षमता अन्य फसलों के मुकाबले अधिक होती है. इसको उगाने के लिए सामन्य वर्षा वाले क्षेत्र सबसे सही माने गए है.
मेथी की खेती हेतु उपयुक्त मिट्टी
कार्बनिक पदार्थों से भरपूर दोमट तथा बलुई दोमट मिट्टी मेथी की खेती (Fenugreek Cultivation) के लिए सबसे उत्तम मानी गई है. इसके आवला कसूरी मेथी की खेती दोमट मटियार मिट्टी में भी की जा सकती है. क्योकि अन्य फसलों के मुकाबले यह क्षारीयता को अधिक सहन कर सकती है.
मेथी की खेती का समय
मेथी की फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करना चाहते है तो मेथी की सही समय पर बिजाई कर देनी चाहिए, मेथी की बिजाई का समय क्या है उसकी जानकरी इस प्रकार है-
- मैदानी खेत्रों में मेथी की बुबाई सितंबर से मार्च तक कर सकते है. जबकि पहाड़ी क्षेत्रों इसकी बुवाई जुलाई से लेकर अगस्त तक की जा सकती है.
- अगर आप मेथी की खेती साग के लिए कर रहे है तो मेथी की बुआई 8-10 के अंतराल पर करें. जिससे आप ताज़ी साग प्रति दिन बाजार में बेच सकेंगे. भाजी के लिए मेथी की बुवाई नवंबर के आखिर तक कर सकते है.
मेथी फार्मिंग हेतु बीज की मात्रा
अगर आप मेथी की खेती करने के इच्छुक है तो आपको यह जाना बेहद जरुरी है कि मेथी की एक एकड़ खेती के लिए कितने बीज की आवश्यकता होती है. हम आपको बता रहे है एक एकड़ खेत में मेथी की बिजाई के लिए 12 किलोग्राम प्रति एकड़ बीजों की आवश्यकता होती है.
मेथी की उन्नत किस्में और उनकी विशेषताएं
मेथी की फसल से अधिक एवं अच्छी गुणवत्ता की पैदावार लेने के लिए मेथी की उन्नत किस्मो का चयन करना बेहद जरुरी है, भारतीय बाजारों में पाई जाने वाली मेथी की विभ्भिन किस्मो के बारे में जानकारी इस प्रकार है-
- पूसा कसूरी मेथी :- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली द्वारा विकसित की गई इस वैरायटी को मेथी साग की फसल के लिए बढ़िया माना जाता है. इसकी 2-3 बार कटाई की जा सकती है. इस वैरायटी औसत पैदावार 35-40 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो जाती है.
- पूसा अर्ली बंचिंग :- जल्द पकने वाली इस वैरायटी को आईसीएआर ने विकसित किया है. मेथी साग के लिए 2-3 बार कटाई की जा सकती है. 4 महीने में तैयार होने वाली फसल की फलियां 6-8 सेंटीमीटर तक लंबी हो जाती है.
- हिसार सोनाली- प्रति हेक्टेयर 30-40 क्विंटल तक पैदावार देने वाली इस वैरायटी को तैयार होने में 140 से 150 दिन तक लग जाते है. जो जड़ गलन रोग एवं धब्बा रोग के प्रति मध्यम सहनशील है. राजस्थान, हरियाणा तथा आसपास के क्षेत्रों में इस वैरायटी की खेती की जाती है.
- आर.एम.टी 305- प्रति हेक्टेयर 20-30 क्विंटल तक पैदावार देने वाली यह वैरायटी बौनी होती और इसकी फलियां जल्दी पक जाती है.
- कश्मीरी मेथी- ठंड और पाले को सहन करने वाली इस वैरायटी की विशेषताएं पूसा अर्ली बंचिंग से मेल कहती है.
- हिसार सुवर्णा – चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार द्वारा विकसित की गई इस वैरायटी की औसतन पैदावार 16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
- मेथी की अन्य उन्नतशील किस्में – आरएमटी 1, आरएमटी 143 और 365, हिसार माधवी, हिसार सोनाली और प्रभा भी अच्छी उपज देती हैं.
मेथी की बुवाई के लिए खेत कैसे तैयार करें
मेथी की बुवाई के लिए खेत की तैयारी के लिए सबसे पहले मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की गहरी जुताई कर खेत को कुछ दिन के लिए खुला छोड़ दें ताकि खेत में मौदूज पुरानी फसल के अवशेष, खरपतवार और कीट नष्ट हो जायेंगे. उसके बाद 15-20 टन प्रति एकड़ एक के हिसाब से गोबर की खाद डालकर खेत की जुताई कर पलेवा करें. खेत की ऊपरी सतह सूख जाने के बाद खेत की 2-3 आडी-तिरछी गहरी जुताई कर करे. बुवाई से पहले रोटावेटर चलाकर मिट्टी को भुरभुरी बनाकर खेत को बिजाई के लिए समतल कर लें.
कैसे करें मेथी की बुवाई?
सामन्यतः मेथी की बुवाई छिडक़वा विधि से की जाती है लेकिन वर्तमान समय इसकी खेती बैड पर की जाने लगी है. बुवाई के समय पंक्ति से पंक्ति के बीच की दूरी 22.5 सेंटीमीटर और बैड पर 3-4 सेंटीमीटर की गहराई पर बीज बोएं.
बिजाई से पहले बीज को 10 से 12 घंटे के लिए पानी में भिगो दें ताकि मेथी के दाने जल्दी अंकुरित हो सके.
बीज का उपचार
बाजार से लाये गए बीज को उपचारित करने की आवश्यकता नहीं है. घर के बीज को बीजों को मिट्टी में पैदा होने वाले कीट और बीमारियों से बचाने के लिए थीरम 4GM और कार्बेनडाज़िम 50% डब्लयु पी 3 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से बीज को उपचार करें. रासायनिक उपचार के बाद एज़ोसपीरीलियम 600 ग्राम + ट्राइकोडरमा विराइड 20 ग्राम प्रति एकड़ से प्रति 12 किलो बीजों का उपचार करें.
मेथी कल्टीवेशन हेतु खाद एवं उर्वरक
- मेथी की बिजाई के समय :- 5 किलो नाइट्रोजन (12 किलो यूरिया), 8 किलो पौटेशियम (50 किलो सुपर फासफेट) प्रति एकड़ की दर से डालें.
- अंकुरन के 15-20 दिन बाद:- अच्छी वृद्धि के लिए ट्राइकोंटानोल हारमोन 20 मि.ली. प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
- बिजाई के 20-25 दिन बाद:- फसल की अच्छी वृद्धि के लिए एनपीके (19:19: 19) 75 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी की स्प्रे करें.
- बिजाई के 40-50 दिन बाद:- अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए ब्रासीनोलाइड 50 मि.ली. प्रति एकड़ 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें.
- बिजाई के 45 और 65 दिन: – इसकी दूसरी स्प्रे 10 दिनों के बाद करें. कोहरे से होने वाले हमले से बचाने के लिए थाइयूरिया 150 ग्राम प्रति एकड़ की 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें.
मेथी की फसल की सिचाई
मेथी की बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए जिससे अंकुरण आसानी से होगी. मेथी की फसल से बढ़िया पैदावार लेने के लिए तीन चार सिचाई आवश्यक्तानुसार करें. लेकिन, मेथी की फली बनने लगे तब पानी की कमी नहीं होनी चाहिए नहीं तो पैदावर पर असर पड़ सकता है.
मेथी की फसल में खरपतवार नियंत्रण
मेथी की फसल में खरपतवार की रोकथाम बहुत जरुरी है, इसके लिए बिजाई के 20-25 दिन बाद पहली नराई-गुड़ाई करनी चाहिए तथा दूसरी 30-35 दिनों के बाद करें. रासायनिक तरीकों से खरपतवार नियंत्रण करने के लिए फलूक्लोरालिन 300 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव कर सकते है. इसके अतरिक्त पैंडीमैथालिन 1.3 लीटर प्रति एकड़ को 200 लीटर पानी में मिलाकर बिजाई के 1-2 दिनों बाद मिट्टी में नमी बने रहने पर छिड़काव करें. अधिक जानकारी हेतु अपने कृषि वैज्ञानिक से मिले.
मेथी की कटाई (Harvest Fenugreek)
मेथी को हरी साग के लिए उगाने वाले किसान बुवाई के 30-35 दिन बाद कटाई कर सकते है. सामान्य तौर पर मेथी की फसल 140-150 दिनों में तैयार हो जाती है. पौधों के निचले पत्ते पीले रंग के होकर झड़ने लगे तो समझों मेथी कटाई (Harvest Fenugreek) के लिए तैयार है. इसको दरांती की मदद से काटकर 7-8 दिन घूप में सुखाएं उसके बाद दाने मल्टीक्रॉप थ्रेशर की मदद से निकल ले.
मेथी की खेती में लागत और कमाई
यदि मेथी की बुवाई बीज के लिए की गई है तो एक बार कटाई के बाद औसतन पैदावार 6-8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है. अगर मेथी की 4-5 कटाई की जाए तो यही पैदावार घट कर लगभग 1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक रह जाती है.
यदि मेथी की बुवाई साग या हरी पत्तियों के लिए की गई है तो 70-80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार मिल सकती है. मेथी की पत्तियों को सुखाकर भी बेचा जाता है. अगर मेथी की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जाए तो 2-5 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर किसान कमा सकते है.
Fenugreek Farming – FAQ
मेथी की खेती, कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि मेथी की खेती कैसे करें (How to cultivate Fenugreek) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को आपको पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है.