Mehndi ki Kheti (Henna Farming): मेहंदी की खेती (Henna Cultivation) को अगर व्यापारिक दृष्टि से देखा जाये तो यह मुनाफा देनी वाली फसल मानी गई है. क्योकि भारतीय बाजारों में मेहंदी की मांग हमेसा बानी रहती है. महिलाएं सभी तीज-त्यौहार, शादी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हाथ-पैरों को सजाती है. मेंहदी के झाड़ीदार पौधे कम पानी वाले क्षेत्र मैं आसानी उगाये जा सकते है. भारत में मेहंदी की खेती मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ की जाती है. देश के कुल मेंहदी उत्पादन का 90% अकेले राजस्थान में ही उगाया जा रहा है. यदि आप मेहंदी की खेती करने का मन बना रहे तो आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें क्योकि इस आर्टिकल में मेहंदी की खेती कैसे करे है (Henna Farming in Hindi) और मेहंदी की कीमत के बारे में सम्पूर्ण जानकरी दे रहे है.

मेहंदी की खेती की पूरी जानकारी – Henna Farming in Hindi
अगर आप मेहंदी की खेती (Mehndi ki Kheti) करना चाहते है तो और मेहंदी की खेती (Henna Cultivation ) के आधुनिक तरीके जानना चाहते हो आप इस आर्टिकल को अवश्य पढ़ें क्योकि आप के लिए मेहंदी की खेती कब और कैसे की जाती है, इसके लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी, खाद व उर्वरक. मेहंदी की खेती के लिए कितना पीएच मान होना चाहिए और मेहंदी की रोपाई कैसे करें आदि की जानकरी इस लेख में देने वाले है तो चलिए जानते है मेहंदी की खेती कैसे करें.
जलवायु (Climate Requirement for Henna Farming)
मेहंदी की खेती के लिए किसी विशेष प्रकार की जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है. इसकी खेती शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में आसानी से हो जाती है. मेहंदी की खेती के लिए 30 से 40 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है.
भूमि का चयन (Soil Requirement for Henna Farming)
मेहंदी को सभी प्रक्कर की मिट्टी में उगाया जा सकता है. परन्तु फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए मिट्टी का पीएच मान 4.3 से 8.5 के बीच होना चाहिए.
मेंहदी की किस्में (Varieties of Henna in India)
मेंहदी की खेती करने के लिए सही किस्मों का चयन करना अति आवश्यक होता है. चौड़ी पत्तियों वाले मेहंदी के पौधे ही लगाए. मेंहदी से अच्छी पैदावार लेने के लिए इना, हजनी, एस 8, एस 22 खेडब्रहा व धन्धुका किस्मों का चयन कर सकते है.
मेंहदी के पौधों को लगाने का तरीका (Transplanting in Henna Farming)
मेंहदी की खेती में प्रवर्धन बीज और कलमों द्वारा किया जाता है.
मेंहदी की नर्सरी तैयारी (Nursery Preparation of Mehndi)
मेंहदी की रोपाई के लिए नर्सरी मार्च से अप्रैल में तैयारी करें .
मेंहदी का बीज दर (Henna Seed Rate)
मेंहदी की खेती के लिए बीज करीब 2.5 किग्रा/एकड़ की दर से आवश्यकता होती है.
खेत की तैयारी (Land Preparation for Henna Farming)
मेंहदी की फसल से अच्छी पैदावार के लिए खेत तैयार करते समय 5 से 8 टन सड़ी गोबर खाद, 60 किग्रा नाइट्रोजन और 40 किग्रा. फास्फोरस का प्रति हेक्टर की दर खेत में डालें. किसान चाहें तो मेंहदी की अच्छी उपज लेने के लिए जीवामृत, वर्मीकंपोस्ट, नीम-गौमूत्र कीटनाशक पर आधारित जैविक खेती भी कर सकते हैं.
मेंहदी की रोपाई (Planting of Henna)
मेंहदी की रोपाई के लिए लाईन से लाईन 45 सें.मी. तथा पौधे से पौधे की 30 सें.मी. दूरी पर खूंटी से 10-15 मि.मी. गहरा गड्ढा करके की जाती है. दीमक से बचाव के लिए नीम-गोमूत्र या क्लोरपाइरीफॉस 35 ई.सी. घोल में मेंहदी की जड़ों डालकर रोपाई करें.
खाद व उर्वरक (Manures and Fertilizers in Henna Farming)
मेहंदी के पौध की रोपाई से पहले खेत की अंतिम जुताई के दौरान 5 से 8 टन सड़ी गोबर खाद प्रति हेक्टर की दर खेत में डालें. इसके अलावा 60 किलो ग्राम नाइट्रोजन तथा 40 किलो ग्राम फास्फोरस प्रति हेक्टर के हिसाब से
खड़ी फसल में प्रति वर्ष डाले. फास्फोरस की पूरी मात्रा एवं नाइट्रोजन की आधी मात्रा पहली बारिश के बाद खेत में डालें. शेष नाइट्रोजन की मात्रा उसके 25 से 30 दिन बाद खेत में डालें.
मेंहदी के पौधों की सिचाई (Irrigation in Henna Farming)
मेंहदी के पौधों को अधिक सिचाई की आवश्यकता नहीं होती है. मेंहदी लंबे सूखे के साथ गर्म जलवायु को पसंद करती है. मेंहदी के पौधे की मिट्टी को सूखने दें, फिर उसे एक साथ ढेर सारा पानी दें.
मेंहदी की कटाई (Harvesting in Henna Farming)
मेंहदी की कटाई साल में दो बार की जा सकती है. अप्रैल से मई और अक्टूबर से नवंबर.
मेंहदी की उपज (Yield in Henna Farming)
मेंहदी की फसल से पहली साल 15-20% तक ही पैदावर ली जा सकती है. मेंहदी की रोपाई के 3-4 साल बाद अपनी क्षमता की पूरी उजप देने लगती है. फसल से प्रति वर्ष करीब 15-20 क्विंटल प्रति हेक्टर सूखी पत्तियों का उत्पादन होता है. मेंहदी को एक बार लगाने करीब 25 वर्षों पैदावार देती है.
भारत में मेहंदी की उन्नत खेती करने वाले क्षेत्र
भारत में मेहंदी की उन्नत खेती गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में की जाती है
अगर आपको Henna Cultivation in India (Henna Farming in Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.
Leave a Reply