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कृषि दिशा / Aushadhi Fasal Cultivation / मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे? | Malabar Neem Cultivation in Hindi

मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे? | Malabar Neem Cultivation in Hindi

By: Krishi Disha | Updated at:17 January, 2023 google newsKD Facebook

मालाबार नीम की खेती / Malabar Neem Farming / Malabar Neem ki Kheti : मालाबार नीम को औषधीय और मूल्यवान पौधों के रूप में जाना जाता है, मालाबार नीम की खेती (Malabar Neem Cultivation) भारत के कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, आदि राज्यों की जाती है. मालाबार नीम की खेती करना बहुत ही आसान एक बार लगाने से लाखों रुपये की कमाई कर देती है. इसकी एक एकड़ खेती से 7-8 सालों में 50 से 60 लाख रुपये तक आसानी से कमाए जा सकते है. अगर आप मालाबार नीम की खेती करना चाहते है तो कृषि दिशा के इस लेख जरूर पढें में ताकि मालाबार नीम की खेती (malabar neem ki kheti) के बारे में विस्तार जान सके.

Malabar Neem Farming
मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे

मालाबार नीम के अन्य भाषाओँ में नाम:- मराठी – कुरीपुत, गुजराती – कडुकाजर, तेलुगु – मुन्नतीकरक्स, तमिल – मलाई वीम्बु, कन्नड़ – हेब्बेबेटल, करिबवम, मलयालम – मालवम्बु, उड़िया – बत्रा और इसे मेलिया दुबिया भी कहा जाता है।

मालाबार नीम की खेती कैसे करे – Malabar Neem ki Kheti in Hindi

मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे इससे सम्बंधित पूरी जानकरी नीचे दे गई है. इसके अलावा आप Chia Seeds ki kheti, Alsi ki Kheti, Elaichi ki Kheti, Kali Mirch ki KhetiBathua ki Kheti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें.

मालाबार नीम की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

मालाबार नीम एक उष्णकटिबंधीय जलवायु का पौधा होने से इसको गर्म एवं ठंडी दोनों जलवायु में उगाया जा सकता है. इसके पौधों के अच्छे विकास के लिए लिए लिए 15 से 45 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उचित माना जाता है.

मालाबार नीम की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी

मालाबार नीम की खेती (malabar neem ki kheti) उर्वराशक्ति से भरपूर रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है.
इसके पौधों को लैटराइट लाल मिट्टी में भी उगाया जा सकता है. इसको खेती के लिए अम्लीय मिट्टी का पीएच मान 5 से कम और क्षारीय मिट्टी का पीएच मान 10 से अधिक नहीं होना चाहिए.

मालाबार नीम की नर्सरी कैसे तैयार करें

मालाबार नीम के पौधों को नर्सरी तैयार करने के बाद रोपाई की जाती है. मालाबार नीम के बीज को मार्च और अप्रैल महीने में नर्सरी बेड में 5 सेंटीमीटर की दूरी पर ड्रिल की गई लाइनों में बोये. मालाबार नीम के पौधे रेत में बीज अंकुरित नहीं होते हैं, इसलिए उन्हें मिट्टी और थ्ल्ड खाद के 2: 1 के अनुपात में या फिर 1: 1 अनुपात में मिलाकर लगाया जा सकता है.

मालाबार नीम के पौधों की रोपाई का तरीका

मालाबार नीम के पौधे रोपाई के लिए खेत में 3 X 3 मीटर या 3 X 4 मीटर पर लगभग दो फीट चौड़ाई और डेढ़ फीट गहराई के गड्ढों में पंक्तियों में खोदें. यह दूरी आप अपने अनुसार कम या अधिक कर सकते है. इसके बाद उचित मात्रा में जैविक और रासायनिक उर्वरकों को मिट्टी के साथ मिश्रण बनाकर इन गड्डों में भरें. प्रति एकड़ भूमि में 1,200 पेड़ लगाए जा सकते हैं

मालाबार नीम की खेती में सिंचाई

मालाबार नीम के पौधों की रोपाई के तुरंत बाद सिचाई करें. इसके पौधों को अधिक बारिश की आवश्यकता नहीं होती है. गैर-बरसात के मौसम में हर 10-15 दिनों के अंतर् पर एक बार सिंचाई अवश्य करें. पौधों के नीचे पर्याप्त नामी होने से उनका विकास अच्छा होता है.

मालाबार नीम की खेती में उर्वरक की आवश्यकता

पौधों के अच्छे विकास के लिए 25-50 ग्राम एन, पी, के मिश्रण को साल में दो बार प्रति पौधा लगाए. पौधों की वृद्धि और विकास के आधार पर उर्वरक की आवश्यकताओं को पूरा करें.

मालाबार खेती में कीड़े और कीट

डिफोलिएटर्स (Defoliators), लीफ माइनर्स (leaf miners) और सैपसुकर्स (sapsuckers) के साथ कई लकड़ी काटने (wood borers) वाले कीड़े और कीट इसके के पौधों को प्रभावित कर सकते है. इसके अलावा अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में गैनोडर्मा ल्यूसिडम जड़ सड़न का कारण बाण सकता है. कॉर्टिकियम सैलमोनीकलर तने और टहनी को नुकसान पहुंचा सकते है.

मालाबार के पौधों की कटाई

सिंचित क्षेत्रों में मालाबार पौधों की रोपाई के 5 वर्ष के बाद पौधों की कटाई की जा सकती है

मालाबार नीम के उपयोग

मालाबार की लकड़ी का उपयोग पैकिंग केस, सिगार के बक्से, छत के तख्तों, भवन निर्माण के उद्देश्यों, कृषि उपकरणों, पेंसिल, माचिस, स्प्लिंट्स और कट्टमारम के लिए किया जाता है. यह नावों के आउटरिगर्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह संगीत वाद्ययंत्र, चाय के बक्से और प्लाईबोर्ड के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

अगर आपको malabar Cultivation in India (malabar Farming in Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.

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Last Modified: 3 August, 2023

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