Lemon Grass Cultivation: लेमन ग्रास एक ऐसी फसल है जो कम निवेश और कम मेहनत में लगातार कई सालों तक तगड़ी कमाई कराएगी. स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्ति लेमन ग्रास का सेवन बड़े स्तर पर कर रहे है. औषधीय गुणों से भरपूर लेमन ग्रास का इस्तेमाल चाय बनाने के अलावा इत्र, साबुन, ब्यूटी प्रोडक्ट बनाने के लिए भी किया जाता है. जिससे इसकी खेती करने वाले किसानो को अच्छा मुनाफा मिल जाता है. अगर लेमन ग्रास की खेती को बिजनेस (Lemon Grass Business Idea) के तौर पर देखा जाये तो यह किसानो के लिए कम खर्च में एक बेहद मुनाफे वाला बिजनेस आइडिया (Business Idea) हो सकता है. अगर आप भी लेमन ग्रास को एक बार लगाकर सालों तक तगड़ा मुनफा कामना चाहते है तो इसकी खेती की पूरी जानकारी प्राप्त करनी होगी. आइये जानते है कि लेमन ग्रास की खेती कब और कैसे करें?
लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass ki Kheti)
लेमन ग्रास के औषदीय पौधा है जिसकी खेती भारत के उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार असम, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान में की जाती है. लेमन ग्रास को नींबू घास, चायना घास, मालाबार घास आदि नामो से जाना जाता है. लेमनग्रास के पौधे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल परफ्यूम, साबुन, निरमा, डिटर्जेंट, तेल, हेयर ऑयल, मच्छर लोशन, सिरदर्द की दवा व कास्मेटिक बनाने में भी प्रयोग किया जाता है. आइए जानते हैं लेमनग्रास की उन्नत खेती से जुड़ी खास बातें
लेमनग्रास की वैज्ञानिक खेती कैसे की जाती है?
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अनुकूल जलवायु
कृषि विशेषज्ञों की बात माने तो गर्म और आर्द्र जलवायु लेमन ग्रास की खेती के लिए सबसे बढ़िया मानी गई है वही फसल के बेहतर विकास हेतु 20-30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उचित होता है. कम बारिश वाले क्षेत्र में करें लेमन ग्रास की खेती सफलतापूर्वक कर सकते हैं. अधिक तापमान और तेज़ धूप से लेमन ग्रास में तेल की मात्रा बढ़ती है.
कैसे होनी चाहिए मिट्टी
सामान्यतः लेमन ग्रास को सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है लेकिन 5.0 – 8.5 पी एच मान वाली चिकनी मिट्टी, लेटेराईट मिट्टी लेमनग्रास की खेती (नींबू घास की खेती) के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है.
कैसे करें खेत की तैयारी
लेमन ग्रास की खेती के लिए खेत तैयार करते समय जैविक खाद के रूप में पुराना गोबर या वर्मी कम्पोस्ट डालें. क्योकि लेमान ग्रास को एक औषधि के रूप में इस्तेमाल की जाती है इसलिए रासायनिक खाद का कम इस्तेमाल करें. लेमन ग्रास की रोपाई से पहले खेत की मिट्टी को बारीक़ बनाकर समतल कर लें, उसके बाद खेत में क्यारियां बना लें.
लेमनग्रास की प्रमुख उन्नत किस्में
भारत में लेमन ग्रास की कई प्रजातियों की खेती की जाती है जिनमें प्रगती, प्रामण, ओडी 19, ओडी 408, एसडी 68, आरआरएल 16, आरआरएल 39, सीकेपी 25, कृष्णा, कावेरी आदि किस्में शामिल हैं।
लेमन ग्रास की बुवाई का समय एवं तरीका
लेमन ग्रास की खेती के लिए नर्सरी बेड तैयार करने का सबसे अच्छा समय मार्च-अप्रैल का महीना होता है. लेमन ग्रास के खेती का सबसे उचित समय जुलाई का महीना होता है. लेमनग्रास की बुवाई के समय कतार से कतार की दुरी 50×75 से.मी., पौधों से पोधों की दुरी 30×40 से.मी. तथा 2-3 सैं.मी. की गहराई होनी चाहिए.
लेमन ग्रास के बीज की मात्रा एवं उपचार
एक हेक्टेयर लेमन ग्रास की खेती के लिए करीब 4 किलो लेमन ग्रास के बीज की आवश्यकता होती है. यदि बीज घर पर बनाया है तो बीज को उपचारित करने की आवश्यकता होती है. लेमन ग्रास सीड्स को बुवाई से पहले सीरेसन 0.2 % या एमीसान 1 ग्राम से प्रति किलो बीजों का उपचार करें.
खाद एवं रासायनिक उर्वरक
लेमनग्रास की उन्नत खेती जैविक विधि से करने के लिए कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी खाद 20-25 टन प्रति हेक्टेयर, केंचुआँ खाद/नादेप कम्पोस्ट, एजोटोबैक्टर, पी.एस.बी. करंज खल्ली को खेत में डालें. वही रासायनिक विधि से लेमनग्रास की खेती करने के लिए खेत की तैयारी करते समय कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी खाद 20-25 टन, नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश भी 150:40:40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर दर आवश्यकता होती है. नाइट्रोजन की आधी मात्रा रोपाई के समय एवं शेष मात्रा दो किस्तों में 2-2 माह बाद खेत में डालें.
लेमन ग्रास की फसल में सिंचाई
लेमन ग्रास की फसल को अधिक सिचाई की की आवश्यकता नहीं होती है. लेकिन गर्मी के दिनों में 8 से 10 दिनों तथा ठंड के मौसम में 12 से 15 दिनों के अंतराल पर लेमन ग्रास की सिंचाई करनी चाहिए. बारिश के सीजन में सिचाई की आवश्यकता नहीं होती है.
लेमन ग्रास में खरपतवार नियंत्रण
लेमनग्रास से अच्छा उत्पादन लेने के लिए इसकी फसल की उचित देखभाल करना बहुत आवश्यक है, प्राकृतिक रूप से लेमन ग्रास की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए रोपाई के पश्चात पहली निराई-गुड़ाई 12 से 15 दिन और उसके बाद 15 से 17 दिन के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए.
लेमन ग्रास की कटाई (Harvesting Lemon Grass)
एक बार लेमन ग्रास लगाने के बाद लगभग 5-7 वर्षों तक फसल प्राप्त कर सकते है. लेमन ग्रास लगाने के करीब 90 दिन बाद इसकी पहली कटाई कर सकते है. लेमन ग्रास की हर साल 4 से 5 कटाई कर सकते है. लेमन ग्रास की कटाई भूमि (Lemon Grass Harvesting) की सतह से 10 से 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई से करनी चाहिए.
लेमन ग्रास से उत्पादन
लेमन ग्रास की पत्तियों से 10 से 25 टन प्रति हेक्टेयर तक पैदावार मिल जाती है. जिनसे लगभग 60 से 80 कि.ग्राम तेल प्राप्त हे. लेमन ग्रास के ताजा वजन के अनुसार 0.35% तेल उपलब्ध होता है.
लेमनग्रास की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकरी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि लेमन ग्रास की उन्नत खेती कैसे करें (How to do Lemon Grass Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को आपको पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में हमसे पूछ सकते है.
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