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कृषि दिशा / खेती-बाड़ी / लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass ki Kheti) कब और कैसे करें, जाने पूरी जानकारी

लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass ki Kheti) कब और कैसे करें, जाने पूरी जानकारी

By: Sanjay Sharma | Updated at:1 December, 2022 google newsKD Facebook

Lemon Grass ki Kheti (Lemon Grass Farming): लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass Cultivation) व्यापारिक दृष्टि से की जाये तो पारंपरिक खेती के मुकाबले इससे से बेहतर कमाई कर सकते हैं. लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass Cultivation) की सबसे बढ़िया बात यह कि एक बार रोपाई करने के बाद चार से पांच साल तक इससे कमाई कर सकते है. जो लोग लेमन ग्रास की खेती कर रहे है वे इससे अच्छी कमाई कर रहे है. लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass Farming) से किसान कम लगत में अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते है. इस लेख में लेमन ग्रास की खेती कब और कैसे करें? (Lemon Grass ki kheti kaise kare? और जाने Lemon Grass ke Fayde

 Lemon Grass Farming
लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass ki Kheti) कब और कैसे करें ?

लेमन ग्रास की खेती – Lemon Grass ki Kheti

लेमन ग्रास के औषदीय पौधा है, जिसकी खेती भारत के उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, बिहार असम, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान में की जाती है. लेमन ग्रास को नींबू घास, चायना घास, मालाबार घास आदि नामो से जाना जाता है. इस की पत्तियों में 75% सिट्रल पाया जाता है.

लेमन ग्रासकी खेती की पूरी जानकारी – Lemon Grass Farming in Hindi

अनुकूल जलवायु

लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass ki Kheti) के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे बढ़िया मानी गई है. लेमन ग्रास के पौधे 15-40 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में अच्छे विकसित होते है. उच्च तप और तेज़ धूप से लेमन ग्रास में तेल की मात्रा बढ़ती है

भूमि का चयन

लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass Cultivation) सभी प्रकार की मिट्टी में किया जा सकता है. पौधों के अच्छे विकास के लिए दोमट उपजाऊ मिट्टी सबसे सर्बोतम मानी गई है. लेकिन लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass Farming) चिकनी मिट्टी, लेटेराईट एवं बारानी क्षेत्रों में की जा सकती है. इसकी खेती के लिए मिट्टी का पी एच मान 5.0 – 8.5 होनी चाहिए,

यह भी पढ़ेंः  फ्रेंच बीन्स की खेती (Beans Cultivation) की पूरी जानकारी

खेत की तैयारी

लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass Cultivation) के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने हल कर खेत को खुला छोड़ दें ताकि खेत में मौदूज खरपतवार और कीट नष्ट हो जायेंगे. इसके बाद कल्टीवेटर से खेत की 2-3 आडी-तिरछी गहरी जुताई कर खेत में पाटा लगाकर भूमि को समतल कर लें. लेमन ग्रास के पौधों एवं कलम की रोपाई के लिए खेत में क्यारियां तैयार करें.

लेमन ग्रास की प्रमुख किस्में (Varieties of Lemon Grass)

भारत में लेमन ग्रास की कई प्रजातियों की खेती (Variety of Lemon Grass) की जाती है जिनमें प्रगती, प्रामण, ओडी 19, ओडी 408, एसडी 68, आरआरएल 16, आरआरएल 39, सीकेपी 25, कृष्णा, कावेरी आदि किस्में शामिल हैं।

लेमन ग्रास की बुवाई का समय (Lemon Grass Sowing Time)

लेमन ग्रास की खेती (Lemon Grass Farming) के लिए नर्सरी बेड तैयार करने का सबसे अच्छा समय मार्च-अप्रैल का महीना होता है.

दुरी

कतार से कतार की दुरी 50×75 से.मी. तथा पौधों से पोधों की दुरी 30x 40 से.मी. रखे।

बीज की गहराई

2-3 सैं.मी. की गहराई में ही बोयें.

लेमन ग्रास की बुवाई का तरीका (Lemon Grass Sowing Method )

लेमन ग्रास की खेती के लिए पहले नर्सरी (Lemon Grass Nursery) तैयार करनी पड़ती है. लेमन ग्रास नर्सरी तैयार होने के बाद खेत में रोपाई कर देना चाहिए. लेमन ग्रास के पौधे लगभग 2 महीने में लगाने लायक हो जाते हैं.

यह भी पढ़ेंः  शलजम की खेती (Shalgam ki Kheti) की सम्पूर्ण जानकारी | Turnip Farming in Hindi

लेमन ग्रास के बीज की मात्रा (Lemon Grass Seed Quantity)

एक हेक्टेयर खेत के लिए 4 किलो लेमन ग्रास के बीज की आवश्यकता होती है.

बीज का उपचार (Lemongrass Seed Treatment)

लेमन ग्रास सीड्स (Lemon Grass Seeds) की अंकुरण क्षमता बढ़ाने के लिए बुवाई से पहले बीज को उपचारित करना चाहिए. लेकिन बुवाई के लिए हाइब्रिड बीज को उपचारित करने की कोई आवश्यकता नहीं है बीज की सीधे बुवाई कर सकते है. यदि बीज घर पर बनाया है तो बीज को उपचारित करने की आवश्यकता होती है. लेमन ग्रास सीड्स को बुवाई से पहले सीरेसन 0.2 % या एमीसान 1 ग्राम से प्रति किलो बीजों का उपचार करें.

खाद एवं रासायनिक उर्वरक

जैविक विधि:-

कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी खाद 20-25 टन प्रति हेक्टेयर, केंचुआँ खाद/नादेप कम्पोस्ट, एजोटोबैक्टर, पी.एस.बी., करंज खल्ली को खेत में डालें.

रासायनिक विधि:-

खेत की तैयारी करते समय कम्पोस्ट या गोबर की सड़ी खाद 20-25 टन, नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश भी 150:40:40 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर दर से खेत में डालें. नाइट्रोजन की आधी मात्रा रोपाई के समय एवं शेष मात्रा दो किस्तों में 2-2 माह बाद खेत में डालें.

लेमन ग्रास की फसल में सिंचाई (Irrigation in lemon grass crop)

  • लेमन ग्रास की फसल (lemon grass crop) को अधिक सिचाई की आवश्यकता नहीं होती है.
  • वारिश के मौसम सिंचाई की जरूरत नहीं होती है.
  • गर्मी के दिनों में लेमन ग्रास की फसल (lemon grass crop) 8 से 10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें.
  • ठंड के मौसम में 12 से 15 दिनों के अंतराल पर फसल सिंचाई करनी चाहिए.
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लेमन ग्रास में खरपतवार नियंत्रण (Weed Control in Lemon Grass)

लेमन ग्रास की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करना चाहिए.

लेमन ग्रास की कटाई – How to Harvest Lemon Grass ?

एक बार लेमन ग्रास के पौधे (lemon grass plants) लगाने के बाद लगभग 5-7 वर्षों तक फसल प्राप्त कर सकते है. लेमन ग्रास लगाने के करीब 90 दिनों बाद इसकी पहली कटाई की जाती है. हर साल 4 से 5 बार फसल की कटाई कर सकते है. लेमन ग्रास की कटाई भूमि (Lemon Grass Harvesting)की सतह से 10 से 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई से करनी चाहिए.

लेमन ग्रास से उत्पादन (production from lemon grass)

लेमन ग्रास की पत्तियों (lemongrass leaves) से 10 से 25 टन/हे. पैदावर मिल जाती है. जिनसे लगभग 60 से 80 कि.ग्राम तेल/हे. प्ऱप्त हो जाता है. लेमन ग्रास के ताजा वजन के अनुसार 0.35% तेल उपलब्ध होता है.

अगर आपको Lemon Grass farming (Lemon Grass ki Kheti in Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.

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Last Modified: 10 January, 2023 5:32 AM

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