Cucumber Cultivation Tips : खीरा एक कद्दूवर्गीय श्रेणी की फसल है, जो काम निवेश और कम वक्त में ज्यादा मुनाफा पहुंचाने वाली है. किसान भाई खीरा की खेती जायद और खरीफ़ दोनों मौसम में कर सकते है लेकिन किसान भाई पॉलीहाउस, ग्रीन हाउस और लो टनल तकनिकी का उपयोग कर खीरे की उन्नत खेती मे सालभर भी कर सकते है. यह एक ऐसी फसल है जिसकी मांग गर्मियों में बहुत अधिक होती है इसलिए कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि किसान खीरा की खेती (Cucumber Farming) से अधिकतम उत्पादन प्राप्त कर अच्छी कमाई कर सकते है.
सलाद के तौर पर खीरा की देश-विदेश में खूब डिमांड रहती है. खीरे का सेवन गर्मियों में शरीर से पानी की कमी को दूर करता है क्योकि खीरा में 96% पानी मौजूद होता है. रोजमार्रा की खपत को देखते किसानो ने खीरे की व्यावसायिक खेती (Commercial Cultivation of Cucumber) करना शुरू कर दिया है. अगर आप भी Cucumber Cultivation करना चाहते है तो इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें.
खीरे की खेती (Kheera ki Kheti)
kheera ki kheti Kaise kare : खीरे का वानस्पतिक नाम क्यूक्यूमिस सैटिवस (Cucumis Sativius) है. खीरे को मराठी में काकाडी, बंगाल में कक्डी, पंजाब में तार, मलयालम में ककरिकारी, तेलुगु में डोकाकाया नाम से जाना जाता है. खीरा में पाए जाने वाले पोषक तत्व और विटामिन की वजह से खीरा खाने के फायदे त्वचा, किडनी और दिल की समस्याओं के लिए बेहतर साबित हो सकते हो. खीरा सलाद, रायता, सैंडविच, जूस आदि के रूप में सर्वाधिक खाया जाता है इसके अलावा खीरे का उपयोग सौन्दर्य प्रसाधन बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. Cucumber Farming महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर की जाती है. महाराष्ट्र में करीब 3711 हेक्टेयर में Cucumber Cultivation की जाती है.
खीरा की खेती का वैज्ञानिक तरीका
खीरे की खेती कम समय में अधिक कमाई कराने वाली फसल है, अगर आप kheera ki kheti करने की सोच रहे है तो आपके लिए यह लेख काफी फायदेमंद हो सकता है क्योकि इस लेख हम आपको खीरा की खेती कब और कैसे की जाती है? खीरा की खेती हेतु त्तम जलवायु? खीरा कौन से महीने में लगाई जाती है? खीराकी बुवाई कैसे होती है? खीरा की खेती में खाद? खीरा की खेती में सिंचाई? आदि की सम्पूर्ण जानकारी देंगे.
खीरे की खेती के लिए जलवायु
खीरा गर्म जलवायु की फसल मानी गई है लेकिन उचित वातावरण में इसकी खेती सालभर की जा सकती है. बीज अंकुरण के लिए 25 से 35 डिग्री तथा पौधों के अच्छे विकास हेतु 32-38 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है. अगर बारिश की बात करें तो 20 से 30 सेमी वर्षा उचित रहती है क्योकि अधिक वर्षा के कारण फसल में रोग और किट का प्रकोप अधिक बाद होता है.
खीरा की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी
आमतौर पर खीरा की खेती सभी प्रकार की भारी और हलकी मिट्टी में हो जाती है, लेकिन खीरा से अच्छी पैदावार लेने के लिए कार्बनिक पदार्थों से भरपूर, उचित जल निकासी वाली एवं 5.5 से 6.8 पी.एच.मान वाली दोमट व बुलाई दोमट सर्वोत्तम मानी जाती है.
खीरा की खेती के लिए ऐसे करें खेत तैयार
खीरे की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने हाल से करें ताकि खेत में मौदूज खरपतवार और कीट नष्ट हो जाये. उसके बाद 8 से 10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद और 10 किलोग्राम कार्बोफुरान प्रति एकड़ दर खेत में डालें. खीरा की बुवाई से पहले 2-3 आडी-तिरछी गहरी जुताई कर खेत को पाटा लगाकर समतल कर लें.
खीरा की खेती के लिए उन्नत किस्में
खीरा की खेती (khira ki kheti) के लिए उन्नत किस्मों का चयन करना बेहद जरुरी होता है, जो इस प्रकार है
- भारतीय किस्में:- स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा, पूना खीरा, पंजाब सलेक्शन, पूसा संयोग, पूसा बरखा, खीरा 90, कल्यानपुर हरा खीरा, कल्यानपुर मध्यम और खीरा 75, पंजाब खीरा-1, पूसा बरखा, वी. पॉइन्सेट, स्वर्ण पूर्णा, स्वर्ण अगेती, पंत खीरा-1, पूना खीरा, हिमांगी, खिरान-75, खिरान-90 और पंजाब नवीन आदि प्रमुख किस्में है.
- नई किस्में :- पीसीयूएच- 1, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा और स्वर्ण शीतल आदि प्रमुख किस्मेंहै
- संकर किस्में:- पंत संकर खीरा:- 1, प्रिया, हाइब्रिड- 1 और हाइब्रिड- 2 आदि प्रमुख किस्में है
- विदेशी किस्में:- जापानी लौंग ग्रीन, चयन, स्ट्रेट- 8 और पोइनसेट आदि प्रमुख किस्में है
खीरा की बुवाई का समय
kheera ki kheti kab kare : मैदानी क्षेत्र में खीरा दो बार बोया जा सकता है, ग्रीष्म (जायद) ऋतु में खीरा की खेती के लिए बुवाई का समय फरवरी व मार्च और वर्षा (खरीफ) ऋतु में खीरे की बुवाई का समय जून-जुलाई होता है. जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में खीरा की बुवाई मार्च व अप्रैल महीने में की जाती है.
खीरे की खेती हेतु बीज की मात्रा व उपचार
खीरा की 1 एकड़ खेती के लिए 400 से 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है. बुवाई के लिए बाजार से लाये गए हाइब्रिड बीज को उपचारित करने की आवश्यकता नहीं है. क्योकि हाइब्रिड बीज उपचारित होकर ही आता है इसकी आप सीधे बुवाई कर सकते है. अगर अपने बीज घर पर बनाया है तो उसकी अंकुरण क्षमता बढ़ाने लिए उसको उपचारित करना बेहद आवश्यक है. बीज उपचारित करने के लिए कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब उपयोग कर सकते है.
खीरे की बुआई का तरीका
खेत तैयार करने के बाद 1.5 से 2 मीटर की दूरी पर लगभग 60-75 से.मी चौड़ी नाली बनायें. उसके बाद नाली के दोनों ओर मेड़ के पास 1-1 मी. के पर 2-3 बीज एक स्थान पर बुवाई कर दें, अनुकरण के बाद स्वस्थ दो पौधों को छोड़कर शेष को उखड दें.
खीरे की खेती में उर्वरक प्रबंधन
खेत तैयार करने के करीब 10-15 दिन पहले 20-25 टन प्रति हेक्टेयर की दर से सड़ी गोबर की खाद एवं 2.5 किलोग्राम ट्रिकोडेर्मा मिला देते हैं. बुवाई के लिए अंतिम जुताई करते समय 10 किलोग्राम कार्बोफुरान , 50 किलोग्राम पोटाश , 25 किलोग्राम यूरिया , 100 किलोग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट , 5 किलोग्राम जायम , 5 किलोग्राम सल्फर प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में डालें. अनुकरण के बाद फसल में खाद देने के लिए निम्न चरण को फॉलो करें.
- बुवाई के 20 से 25 दिन बाद:- 25 किलोग्राम यूरिया , 5 किलोग्राम जायम का प्रति के हिसाब से खेत में डालें
- बुवाई के 25 से 30 दिन बाद:- 10 ग्राम NPK 0:52:34 और 10 मिली Dhanzayam gold को 1 लीटर पानी के हिसाब से घोलकर फसल पर छिड़काव करें.
खीरे में सिंचाई
खीरा की बुवाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें ताकि बीज अनुकरण सही से हो सकें. खेत में पर्याप्त नमी बनाये रखने के लिए 4 से 5 दिन बाद दुबारा सिचाई कर दें. मिट्टी में नमी के अनुसार 8-10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहे. फूल और फल लगाने के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए. खीरे के फलों की तुड़ाई से 2-3 दिन पहले सिचाई करनी चाहिए जिससे फल ताजे, चमकदार और आकर्षित बने रहते है.
खीरे में खरपतवार नियंत्रण
kheera ki kheti से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए फसल की उचित देखभाल करना बहुत ही आवश्यक है, अगर प्राकृतिक रूप से खरपतवार नियंत्रण करना है तो आपको समय समय पर निराई-गुड़ाई करनी होगी. इसके अलावा यदि खरपतवार का प्रकोप अधिक है तो आप रासायनिक रूप खरपतवार नियंत्रण कर सकते है. खरपतवार रोकथाम के लिए आप अपने कृषि वैज्ञानिक की सलाह ले सकते है.
खीरे की तुड़ाई (Harvesting Cucumber)
खीरा बुवाई के करीब 45-50 दिनों में पैदावार देना शुरू कर देता है. जब फल नरम, हरे और युवा हो जाते है तो खीरे की तुड़ाई (Cucumber Harvesting) किसी तेज धार वाले चाकू या किसी नुकीली चीज से कर लेनी चाहिए.
खीरा की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि खीरा की उन्नत खेती कैसे करें (How to cultivate Cucumber) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.