Kali Mirch ki Kheti (Black Pepper Cultivation): काली मिर्च विश्व की सबसे लोकप्रिय मसाला खेती में से एक है. काली मिर्च की खेती (Black Pepper Farming) व्यापारिक तरीके से की जाए तो किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है. देश में काली मिर्च के कुल उत्पादन का 90-95% अकेले केरल राज्य में होता है. काली मिर्च का पौधा बेल या लताओं के रूप में बढ़ता है. काली मिर्च की रोपाई गर्मी के समय मार्च से अप्रैल और बरसात के समय जून से जुलाई में कर सकते है. अगर आप काली मिर्च की खेती करना चाहते है तो आप इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें.
भारत में काली मिर्च की खेती करने वाले राज्य: – केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, कोंकण क्षेत्र, पांडिचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

भारत में काली मिर्च के स्थानीय नाम:- Black Pepper (अंग्रेजी), काली मिर्च (हिंदी), मिरियालु (तेलुगु), करुप्पु मिलागु (तमिल), कारी मेनसु (कन्नड़), करुत्त कुरुमुलगु (मलयालम), मारी (गुजराती), गोलमोरिच ( बंगाली), काला मीर (मराठी), काला मारीच (उड़िया), काली मिर्च (पंजाबी)
कालीमिर्च की खेती कैसे करें – Kali Mirch ki Kheti in Hindi
कालीमिर्च की खेती कब और कैसे करें ? इसकी उन्नत खेती के मौसम, मिट्टी, काली मिर्च की किस्में काली मिर्च के पौधों की रोपाई करें आदि की सम्पूर्ण जानकारी इस लेख द्वारा आप तक पंहुचा रहे है तो आप इस आर्टिकल को ध्यान पूर्वक पढें.
भारत में काली मिर्च की उन्नत किस्में (varieties of black pepper in india)
काली मिर्च की व्यावसायिक संकर किस्में उनकी उपज का विवरण विस्तार से नीचे दिया है.
- पन्नियूर 1: इस वैरायटी की पैदावार करीब 1240 किलोग्राम/हेक्टेयर है.
- पन्नियुर 2: इस वैरायटी की पैदावार करीब 2600 किलोग्राम/हेक्टेयर है.
- पन्नियूर 3 : इस वैरायटी की पैदावार करीब 1950 किलोग्राम/हेक्टेयर है.
- पन्नियुर 4: इस वैरायटी कीपैदावार करीब 1270 किलोग्राम/हेक्टेयर है.
- पन्नियुर 5: इस वैरायटी की पैदावार करीब 1100 किग्रा/हेक्टेयर है.
- Subhakara: इस वैरायटी की पैदावार करीब 2350 किलोग्राम/हेक्टेयर है.
- श्रीकारा: इस वैरायटी की पैदावार करीब 2680 किलोग्राम/हेक्टेयर है
- पंचमी: इस वैरायटी की पैदावार करीब 2800 किग्रा/हेक्टेयर है
- पूर्णमनी: इस किस्म की वैरायटी करीब 2300 किलोग्राम/हेक्टेयर है.
काली मिर्च की खेती के लिए आवश्यक जलवायु (Climate Required for Black Pepper Farming)
काली मिर्च की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त मामी जाती है. इसकी खेती के अच्छे विकास के लिए 10°C और 40°C तापमान की आवश्यकता होती है. इसकी फसल के लिए वार्षिक वर्षा 200 सेमी उत्तम मानी जाती है.
काली मिर्च की खेती के लिए मिट्टी का चयन (Soil Requirement for Black Pepper Farming)
काली मिर्च को लाल दोमट , चिकनी दोमट और रेतीली दोमट मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है. लेकिन कार्बनिक पदार्थों से भरपूर, जिसका पीएच मान 5.0-6.5 के बीच और उचित जल निकासी वाली मिट्टी को सर्बोतम माना गया है.
काली मिर्च की पौध कैसे तैयार करें
काली मिर्च को बीज और कलम दोनों ही तरीकों से लगाया जा सकता है. व्यावसायिक तौर पर काली मिर्च की खेती करने के लिए सामान्यत कलम द्वारा पौधे तैयार किये जाते है. काली मिर्च की पौध तैयार करने के लिए बेलों से 2-3 गांठों वाली काली मिर्च की कलमें बनाकर मार्च-अप्रैल के महीने में प्लास्टिक की थैलियों में लगा दी जाती है. ये काली मिर्च की कटिंग लगभग 3 महीने में रोपाई के लिए तैयार हो जाती है. बीजों द्वारा काली मिर्च की पौध तैयार करने में काफी समय लग जाता है इसलिए इस विधि को काली मिर्च की खेती के लिए उचित नहीं मानते है.
काली मिर्च की पौध को लगाने का तरीका
काली मिर्च के पौधों की किसी सहारे की आवश्यकता होती है अगर आप काली मिर्च की व्यावसायिक खेती कर रहे है तो आपको उसके लिए उचित दूरी पर खेत में पोल गाड़ें. इसके बाद 3 से 4 मीटर की दूरी पर 0.5 मी.x 0.5 मी. x 0.5 मी. आकार के गड्ढों को खोद लें जिनमें काली मिर्च के पौधों लगाए जाने है. काली मिर्च के पौधे बेल की तरह बढ़ते है. एक हेक्टेयर भूमि के लिए पर करीब 1666 पौधों की आवश्यकता होती है
काली मिर्च की खेती में खाद और उर्वरक
- अप्रैल-मई के महीनों में- 10 किलो अच्छी तरह से सड़ा हुआ गाय का गोबर या खाद (FMY) प्रति पौधा देना चाहिए
- अगस्त से सितंबर माह में:- अमोनियम सल्फेट 500 ग्राम, सुपर फास्फेट 1 किग्रा और म्यूरेट ऑफ पोटाश 100 ग्राम प्रति पौधा देना चाहिए.
- अप्रैल से मई के महीने :- बुझा हुआ चूना 500 ग्राम प्रति पौधे की दर से वैकल्पिक वर्षों में प्रति पौधा लगाया जाना चाहिए.
- इन खादों और उर्वरकों को आधार से 25 से 30 सेमी की दूरी पर 12 से 15 सेमी की गहराई पर डालना चाहिए. इन खादों और उर्वरकों को कांटे या किसी अन्य यंत्र की सहायता से मिट्टी में अच्छी तरह मिलाने की आवश्यकता होती है.
काली मिर्च की खेती में सिंचाई (Irrigation in Black Pepper Farming)
गर्मियों में काली मिर्च की फसल में सिचाई 2 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए और सर्दियों में 1 सप्ताह के अंतराल पर सिचाई करें. काली मिर्च की फसल में पर्याप्त नमी बनाये रखे.
काली मिर्च की खेती में खरपतवार नियंत्रण (Weed Control in Black Pepper Farming)
काली मिर्च की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए मई से जून और बार अक्टूबर-नवंबर महीने में नराई/गुड़ाई करें. आवश्यकतानुसार काली मिर्च की फसल की निराई और गुड़ाई करनी चाहिए.
काली मिर्च की खेती में कीट एवं रोग (Pests and Diseases in Black Pepper Farming)
काली मिर्च की फसल में पिस्सू-बीटल एवं स्केल कीट, स्लो-विल्ट, शीघ्र मुरझाना आदि का प्रकोप होता है. इन कीट व बीमारियों पर नियंत्रित पाने के लिए आप अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क कर सकते है.
काली मिर्च की तुड़ाई (Harvesting of Black Pepper)
काली मिर्च के पौधे तुड़ाई के लिए लगभग 6 महीने से 7 महीने में तैयार हो जाते है. काली मिर्च के फल लगभग 90% पक जाने पर उसके स्पाइक्स को काट सकते है. आमतौर काली मिर्च के फलों की कटाई नवंबर महीने से शुरू होकर मार्च महीने तक चलती है.
कितनी होती है काली मिर्च की उपज ? (Yield of Black Pepper)
काली मिर्च के एक पौधे से साल में 4 से 6 किलो तक काली मिर्च की फसल ली जा सकती है. इसके अनुसार 40 से 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार ली जा सकती है.
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Very useful.please guide how to prepare nursery of black pepper from seeds