• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
krishi-disha

  • सरकारी योजनाएं
  • बिजनेस
  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • बागवानी
  • मशीनरी
  • गैजेट्स
  • सरकारी जॉब्स
  • हेल्थ टिप्स
कृषि दिशा / खेती-बाड़ी / कद्दू की खेती (Kaddu ki Kheti)-कैसे करे जाने विस्तार से जानकारी

कद्दू की खेती (Kaddu ki Kheti)-कैसे करे जाने विस्तार से जानकारी

By: Sanjay Sharma | Updated at:12 November, 2022 google newsKD Facebook

Kaddu ki Kheti (Pumpkin Farming): कद्दू की खेती (pumpkin Cultivation) असाम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, बिहार, उड़ीसा तथा उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में बड़े पैमाने पर किया जाता है. यदि कद्दू की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जाये तो यह किसानों के लिए अच्छी कमाई का साधन बन सकता है. भारत कद्दू (pumpkin) के उत्पादन का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है. कद्दू को काशीफल, सीताफल, कोला या कोयला कई जगह इसे पैठे की सब्जी से भी जाना जाता है.चलिए जानते है कद्दू की खेती कैसे की जाती है. Kaddu ke beej ke Fayde

Pumpkin Farming
कद्दू की खेती कैसे करे

कद्दू की खेती कैसे करें ? – Kaddu ki Kheti in Hindi

सब्जियों कद्दू की सब्जी का अपना एक विशेष स्थान है. यह स्वस्थ के लिए काफी लाभदयक होती है. इसमें विटामिन ए, जिंक, कैरोटीन और पोटाशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है. यह नज़र तेज करने और रक्तचाप को कम करने में सहायक के साथ साथ एन्टीऑक्सीडेंट विशेषताएं भी रखता है. कद्दू के बीजों का सेवन करने से डिप्रेशन दूर और इम्यून सिस्टम बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है. इसका इस्तेमाल मिठाई बनाने, सॉस बनाने, सांभर, Pumpkin Juice, च्यवनप्राश आदि बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

कद्दू की खेती की पूरी जानकारी – Pumpkin Farming in Hindi

कद्दू की खेती के लिए जरुरी जलवायु (Suitable Climate for Pumpkin Cultivation)रे

शीतोषण और समशीतोष्ण जलवायु कद्दू की फसल के लिए सर्वोत्तम मानी गई है. कद्दू की खेती (Pumpkin Farming) के लिए 18 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान उचित मना गया है. ठण्ड के मौसम में गिरने वाला पाला इसकी फसल के लिए हानि पहुँचता है. जबकि गर्मियों का मौसम कद्दू की फसल के लिए अच्छा माना जाता है.

यह भी पढ़ेंः  जौ की किस्में : ये है जौ की उन्नत किस्में देंगी अच्छी पैदावार, जानिए विशेषताएं

कद्दू की खेती के लिए भूमि का चयन (land for pumpkin farming)रे

कद्दू की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सबसे उत्तम मानी गई है. इसकी खेती के लिए 5.5 से 6.8 पी एच वाली भूमि की आवश्यकता होती है.

कद्दू की खेती के लिए भूमि की तैयारी (Land preparation for pumpkin cultivation)रे

  • बुवाई से करीब 15-20 दिन पहले खेत की मिट्टी पलटने वाले हल से 1 बार जुताई कर खेत को खुला छोड़ दें.
  • इसके बाद 10 से 15 टन गोबर की खाद और 2.5 किलो ट्राईकोडर्मा प्रति एकड़ की खेत में डालें.
  • इसके बाद खेत की 1-2 गहरी जुताई कर मिट्टी को समतल कर पलेवा कर दें.
  • पलेवा के 7 से 8 दिन बाद 1 बार गहरी जुताई करें.
  • इसके बाद कल्टीवेटर से 2 बार आडी- तिरछी गहरी जुताई करके भूमि को पाटा लगाकर खेत समतल कर लें.
  • अब खेत कद्दू की बुवाई के लिए तैयार है.

कद्दू की उन्नत वैरायटी (Improved variety of Pumpkin)

कद्दू (Pumpkin) की ऐसी बहुत सारी वैरायटी है जोकि 60 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है. जिनका फायदा लेकर किसान अच्छा लाभ कमा सकते है. कद्दू (Pumpkin) की कुछ प्रजातियों के बारे में हम बताने जा रहे है.

पूसा विशवास, पूसा विकास, कल्यानपुर पम्पकिन-1, नरेन्द्र अमृत, अर्का सुर्यामुखी, अर्का चन्दन, अम्बली, सीएस 14, सीओ 1 और 2, पूसा हाईब्रिड 1 और कासी हरित कददू की किस्मे हैं.

कद्दू की विदेशी किस्मों में भारत में पैटीपान, ग्रीन हब्बर्ड, गोल्डन हब्बर्ड, गोल्डन कस्टर्ड, और यलो स्टेट नेक नामक किस्मे छोटे स्तर पर उगाई जाती हैं.

कद्दू का बोने का समय (Pumpkin Planting Time)

  • फ़रवरी से मार्च और जून से जुलाई का समय उचित माना जाता है.
  • पहाड़ी/पर्वतीय क्षेत्रों में इसकी बुवाई मार्च-अप्रैल में की जाती है.
  • नदियों के किनारे इसकी बुवाई दिसंबर में भी कर सकते हैं.
यह भी पढ़ेंः  पत्ता गोभी की खेती (Patta Gobhi ki Kheti) का पूरा विवरण देखे | Cabbage Farming in Hindi

कद्दू के बीज की मात्रा (Pumpkin Seed Quantity)

कद्दू की 1 एकड़ फसल तैयार करने के लिए 700 से 800 ग्राम बीज की जरुरत होती है.

बीज का उपचार

कद्दू के बीज को बुबाई से पहले उपचारित करना चाहिए. कद्दू के बीज को बुबाई से पहले 24 घंटे तक पानी में भगोये. बिजाई से ठीक पहले कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें.

कद्दू की बुवाई का तरीका

कद्दू की बुवाई के समय बीज से बीज की दूरी 60 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 150 से 180 सेमी रखनी चाहिए और बीज को 1 इंच की गहराई बोयें

कद्दू की फसल के लिए उर्वरक व खाद प्रबंधन

  • बुवाई से 10-15 पहले प्रति एकड़ खेत में 10 से 15 टन सड़ी गोबर की खाद और 2.5 किलो ट्राईकोडर्मा डालें.
  • बीज को बोन के समय प्रति एकड़ खेत में 50 किलो डीएपी , 50 किलो पोटाश , 25 किलो यूरिया , 10 किलो कार्बोफुरान का खेत में डाले.
  • पौधों के अच्छे विकास के लिए बुनाई के लगभग 15-20 दिन बाद 1 किलो एनपीके 19:19:19 और 250 मिली इफको सागरिका को 150-200 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें.
  • बुवाई के 30 से 35 दिन बाद प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में 25 किलो यूरिया , 5 किलो जायम का उपयोग करें
  • बुवाई के 50 से 55 दिनों के बाद प्रति एकड़ खेत में 1 किलो एन.पी.के. 13:00:45 और 400-500 ग्राम बोरोन B – 20 को 150 से 200 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें.
  • Note- रासायनिकों का इस्तेमाल अपने कृषि विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर ही करें.
यह भी पढ़ेंः  आलू की किस्में: ये है आलू की 10 उन्नत किस्में देंगी अधिक पैदावार

कद्दू की फसल में खरपतवार नियंत्रण (weed control in pumpkin crop)

कद्दू की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए 2-3 बार निराई/गुड़ाई करनी चाहिए फिर निराई आवश्यकता अनुसार करें.

कद्दू की फसल में सिंचाई (Pumpkin crop irrigation)

शुरूआती दिनों में पौधों के अच्छे विकास के लिए गर्मियों के मौसम फसल की 5-6 दिन के अंतराल पर सिचाई करनी चाहिए. जबकि बारिश के मौसम आवश्यकतानुसार सिचाई करें. फूल / फलने आने के समय सिचाई का विशेष ध्यान रखे.

कद्दू की फसल में लगने वाले रोग तथा उनकी रोकथाम

लालड़ी रोग , फल मक्खी रोग , सफ़ेद सुंडी रोग, मोज़ैक रोग , एन्थ्रेक्नोज रोग , फल सड़न रोग के प्रकोप से बचाने के लिए रासायनिकों का इस्तेमाल करें. कद्दू के क्षतिग्रस्त फलों को इकट्ठा कर उन्हें नष्ट कर दें.

कद्दू के फलों की तुड़ाई, पैदावार और लाभ (Pumpkin Fruit Harvest, Yield and Benefits)

कद्दू की बुवाई के 100 से 110 दिन के अंतराल फसल तैयार हो जाती है. जब कद्दू के फल ऊपर से पीले सफ़ेद रंग के होने लगे तो इनको तोड़ लेना चाहिए. हरे फल को 70 से 80 दिन के बाद तोड़ सकते है. कद्दू की 400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उत्पादन लिया जा सकता है. इसकी फसल से लगभग 4 से 6 लाख की कमाई की जा सकती है.

अगर आपको कद्दू की खेती Kaddu ki Kheti (pumpkin farming Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.

यह भी पढें

मछली के तेल के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Fish Oil Eating Benefits and Side Effects in Hindi
ओरेगेनो के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Oregano Eating Benefits and Side Effects in Hindi
केले की चाय के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Banana Tea Drinking Benefits and Side Effects in Hindi
लाल अंगूर के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Red Grapes Eating Benefits and Side Effects in Hindi
नारियल दूध के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Coconut Milk Benefits and Side Effects in Hindi
RPSC SI Interview Letter 2021 Released, यहां से करें डाउनलोड

खेती-बाड़ी, बागवानी, मशीनरी, महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं से सम्बंधित विश्वसनीय समाचार सबसे पहले कृषि दिशा पर पढें.
Last Modified: 9 January, 2023 3:22 AM

पोस्ट से संबंधित आर्टिकल

Turmeric Farming
Turmeric Farming: हल्दी की खेती (Haldi ki Kheti) कैसे करे जाने पूरी जानकारी
Malabar Neem Farming
Malabar Neem Farming: मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे जाने पूरी जानकरी
Bathua ki Kheti
Bathua Farming: बथुआ की खेती किस महीने की जाती है जाने पूरी जानकारी
Kali Mirch ki Kheti
Black Pepper Farming: काली मिर्च की खेती कब और कैसे करें जाने पूरी जानकारी
Elaichi ki Kheti
इलायची की खेती (Elaichi ki Kheti)-रोपण, देखभाल, कटाई की जानकारी
Alsi ki Kheti
अलसी की खेती (Alsi ki Kheti) कैसे करें इसकी पूरी जानकारी यहाँ पढें

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Fayde aur Nuksan

  • मछली के तेल के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Fish Oil Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    ओरेगेनो के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Oregano Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    केले की चाय के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Banana Tea Drinking Benefits and Side Effects in Hindi

    लाल अंगूर के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Red Grapes Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    नारियल दूध के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Coconut Milk Benefits and Side Effects in Hindi

    नीम के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Neem Benefits and Side Effects in Hindi

    च्यवनप्राश के फायदे, नुकसान एवं उपयोग-Chyawanprash Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    काले अंगूर के फायदे, नुकसान एवं उपयोग-Black Grapes Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    ईवनिंग प्रिमरोज तेल के फायदे, नुकसान एवं उपयोग-Evening Primrose Oil Benefits and Side Effects in Hindi

    कुलथी दाल के फायदे, नुकसान एवं उपयोग-Horse Gram Benefits and Side Effects in Hindi

Vegetable Farming

  • Bathua Farming: बथुआ की खेती किस महीने की जाती है जाने पूरी जानकारी

    जुकिनी की खेती (Zucchini Farming) कब और कैसे करें ? जाने इसका पूरा प्रोसेस

    कुंदरू की खेती (Kundru ki Kheti) कैसे करे ? जाने पूरी जानकारी

    शकरकंद की खेती (Shakarkand Ki Kheti) कब और कैसे करें, जानिए इसकी पैदावार

    कटहल की खेती (Kathal ki Kheti) कब और कैसे करे? | Jackfruit Farming in Hindi

    अरबी की खेती (Arbi ki Kheti) करने के सभी तरीके जाने | Taro Farming in Hindi

    सहजन की खेती (Sahjan ki Kheti) कब और कैसे करें-Drumstick Farming in Hindi

    तोरई की खेती (Torai ki kheti) कब और कैसे करे, जाने | Ridge Gourd Farming in Hindi

    टिंडे की खेती (Tinda ki Kheti) करने का वैज्ञानिक तरीका सीखे | Tinda Farming in Hindi

    शलजम की खेती (Shalgam ki Kheti) की सम्पूर्ण जानकारी | Turnip Farming in Hindi

Medicinal & Aromatic Crops

  • Turmeric Farming: हल्दी की खेती (Haldi ki Kheti) कैसे करे जाने पूरी जानकारी

    Malabar Neem Farming: मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे जाने पूरी जानकरी

    Bathua Farming: बथुआ की खेती किस महीने की जाती है जाने पूरी जानकारी

    Black Pepper Farming: काली मिर्च की खेती कब और कैसे करें जाने पूरी जानकारी

    इलायची की खेती (Elaichi ki Kheti)-रोपण, देखभाल, कटाई की जानकारी

    अलसी की खेती (Alsi ki Kheti) कैसे करें इसकी पूरी जानकारी यहाँ पढें

    ईसबगोल की खेती (Isabgol ki Kheti) कैसे करे, जाने इसकी पूरी जानकारी

    चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds Cultivation) कैसे करें जाने इसकी पूरी जानकारी

    दालचीनी की खेती (Dalchini ki kheti) वैज्ञानिक तरीके से कैसे करें जाने पूरी जानकारी

    कलौंजी की खेती (Kalonji ki kheti) कब और कैसे करे जाने इसकी पूरी जानकारी

Fruit Farming

  • ड्रैगन फ्रूट के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Dragon Fruit Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    Avocado Cultivation: एवोकैडो की खेती (Avocado Farming) से कमाएं अच्छा मुनाफा

    खुबानी की खेती (Khubani ki Kheti) – किस्में, देखभाल और पैदावार

    खजूर की खेती (Khajoor ki Kheti) कैसे करे, जाने रोपाई की पूरी जानकारी

    शरीफा की खेती (Sharifa Ki kheti): व्यापारिक दृष्टि से भी फायदेमंद है सीताफल की खेती

    अंगूर की खेती (Angoor ki kheti) के लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी

    Kinnow Cultivation: किन्नू की खेती (Kinnow ki Kheti) से किसानो की होगी मोटी कमाई, देश विदेशों में भी भारी डिमांड

    खरबूजे की खेती (kharbuja ki kheti) कब और कैसे करें | Muskmelon Farming in Hindi

    तरबूज की खेती (Tarbooj ki Kheti) कब और कैसे करें | Watermelon Farming in Hindi

    स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) कब और कैसे करें जाने | Strawberry Farming in Hindi

सरकारी योजनाएं

  • PM Awas Yojana
  • Public Provident Fund
  • PM Kisan
  • UP Krishi Upkaran
  • UP Scholarship
  • UP Agriculture
  • Manav Sampada
  • UP Free Tablet Yojana
  • Sukanya Samriddhi Yojana
  • EPF Account
  • NREGA Job Card
  • PM Jan Arogya Yojana

महत्वपूर्ण लिंक

  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • मशीनर
  • हेल्थ टिप्स
  • Gadgets
  • Sarkari Yojana
  • Business Ideas
  • Entertainment
  • Sarkari Result
  • Free Job Alert
  • Education
  • KVK Uttar Pradesh
  • KVK Bihar

Footer

सरकारी योजनाएं

PM Awas Yojana Public Provident Fund
PM Kisan UP Krishi Upkaran
UP Scholarship UP Agriculture
Manav Sampada UP Free Tablet Yojana
Sukanya Samriddhi Yojana EPF Account
NREGA Job Card PM Jan Arogya Yojana

महत्वपूर्ण लिंक

  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • मशीनर
  • हेल्थ टिप्स
  • Gadgets
  • Sarkari Yojana
  • Business Ideas
  • Entertainment
  • Sarkari Result
  • Free Job Alert
  • Education
  • KVK Uttar Pradesh
  • KVK Bihar

संपर्क जानकारी

About Us Contact Us
Follow us
FacebookTwitter
InstagramYou Tube
google news

Copyright © 2023 Krishi Disha All Rights Reservedगोपनीयता नीतिसाइटमैपवापस जाएँ।