जैविक खेती / Jaivik Kheti / Organic Cultivation : जैविक खेती / Organic Farming वर्तमान समय की जरुरत बन गई है. रासायनिक खेती (chemical farming) आज के समय की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है. अधिक उत्पादन और मौसम की परिस्थितिया खेती के अनुकल न होने की वजह से किसान खेतो में रसायनिक खाद, जहरीले कीटनाश पदार्थो का उपयोग बहुत अधिक मात्रा में करने लगे है, इनका सबका का मनुष्य के सवस्थ पर बुरा प्रभाव तो पड़ता ही है साथ में यह वातावरण को भी दूषित करते है. हलाकि इस विषय को लेकर किसान जागरूक हो रहे है. पिछले कुछ वर्षो में किसानो का रुझान जैविक खेती की (Organic Cultivation) तरफ तेजी से बढ़ा है. जो किसान रासायनिक खेती को छोड़ कर जैविक तरीको (Organic Farming methods) से खेती करने लगे है वे अच्छा मुनाफा कमाने साथ साथ वह वातावरण को स्वच्छ रखने में अपना योगदान दे रहे है. तो चलिए जैविक खेती (organic agriculture) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करते है.

जैविक खेती की पूरी जानकारी – Organic Farming in Hindi
भारत एक कृषि प्रधान देश है जहाँ की लगभग 60 से 70% जनसंख्या खेती पर निर्भर है. जैविक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें समय समय पर जैविक खेती से सम्बंधित प्रशिक्षण (Organic Farming Training) किसानो को उब्लब्ध का रहा रहे है. सरकारें भी चाहती है खेती में कम से कम रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रयोग किया जाये. जैविक खेती (organic agriculture) के लिए सरकार ने वेबसाइट और एप की भी शुरआत की है. बता दें कि आज देश में लगभग 22 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल पर जैविक खेती की जा रही है,
जैविक खेती क्या है? – What is Organic Farming in Hindi?
जैविक खेती एक ऐसी तकनीक है जिसमें रसायनिक उर्वरको एवं कीटनाशको दवाओं के लिए कोई जगह नहीं होती है. इस विधि में फसलों को गोबर की खाद, कम्पोस्ट, जीवाणु खाद, फ़सलोन के अवशेष और प्रकृति में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थों के जरिये पोषक तत्व दिए जाते हैं. जैविक खेती मिट्टी की उर्वराशक्ति को प्राकृतिक स्वरूप बनाने के साथ साथ पर्यावरण की शुद्धता को बरकरार रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. वर्तमान समय में जैविक खेती से प्राप्त होने वाली फसलों की मांग बहुत तेज़ी से बढ़ी है.
ऑर्गेनिक खेती के उद्देश्य (Organic Farming Information):
- ऑर्गेनिक खेती से मिट्टी की उर्वरक शक्ति को प्राकृतिक स्वरुप में बरकरार रखा जा सकता है
- खाने की वस्तुओं में रासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल रोका जा सके
- ऑर्गेनिक खेती के जरिये किसान मित्र कीटो को सुरक्षित रखा जा सके
- फसलों में लगने वाले रोगो और कीटों को नष्ट करने के लिए रासायनिक दबाइयों का छिड़काव को रोका जा सके ताकि यह स्वास्थ को नुकसान पहुंचाने में मददगार साबित न हो
- जैविक खेती से फसलों के साथ साथ पशुओं की देखभाल भी अच्छे से होगी जैसे उनके खानपान, रखखाव, आवास आदि पर ध्यान रखा जा सकता है
- ऑर्गेनिक खेती का सबसे मुख्य उद्देश्य इसके द्वारा वातावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है.
- जंगली जानवरो की सुरक्षा और प्रकृतिक जीवन को सुरक्षित रखना इसका मुख्य उदेश्य है.
जैविक खेती से लाभ (Organic Farming Benefits):
- जैविक खेती से भूमि की उपजाऊ शक्ति में वृद्धि होती है, जिसकी अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है.
- आर्गेनिक खेती में रासायनिक खेती की अपेक्षा काम लागत आती है. जिसकी वजह से लाभ अधिक होता है.
- जैविक खेती में रासायनिक खेती की अपेक्षा पानी की आवश्यकता कम होती है.
- जैविक खेती पर्यावरण संतुलन बनाये रखें में मददगार साबित होती है.
- ऑर्गेनिक खेती प्राप्त फसलों के सेवन से मनुष्य को किसी प्रकार से ग्रसित होनें का खतरा काम होता है.
- जैविक खेती की पैदावार पारम्परिक खेती की अपेक्षा काम होने के वाबजूद मार्केट ऑर्गेनिक खेती से प्राप्त फ़सलों की मांग अधिक होती है.
- इस विधि से खेती करने से कृषि सहायक कीट सुरक्षित रहनें के साथ ही उनकी संख्या में लगातार बृद्धि होती है.
- इस विधी के प्रयोग का करने से मिट्टी की जलधारण क्षमता में बृद्धि होती है और पानी के वाष्पीकरण मे भी कमी आती है.
ऑर्गेनिक या जैविक खेती करने के तरीके (Organic Farming Techniques):
अधिकतर किसानों का पहला सवाल यही होता है कि जैविक खेती शुरू करें? How to start organic farming?. जैविक खेती करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है. जो किसान ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू करना चाहते है वे इन बातों पर ध्यान दे.
अपने क्षेत्र की मिट्टी और जलवायु को समझें
जैविक खेती शुरू करने से पहले किसानो को अपने यहाँ की जलवायु, भूमि और फसल के बारें में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें. क्योकि हर जगह की मिट्टी और जलवायु अलग अलग होती है. इस बारे में तो एक कहावत भी है ‘कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी’.
- ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू करने से पहले मिट्टी का परीक्षण ज़रूर कराएं.
- जैविक खेती की शुरुआत प्रशिक्षण लेकर करें, ऑर्गेनिक फार्मिंग में आने वाली चुनौतियों को काम किया जा सकेगा.
- ऑर्गेनिक खेती से सम्बंधित हर एक्टिविटी रिकॉर्ड बनाये, जिससे जरुरत पड़ने पर समझा जा सके.
- इस विधि से खेती करने के लिए नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र या कृषि विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों से राय ज़रूर ले
ऑर्गेनिक खेती के लिए सही करें फसल का चुनाव
ऑर्गेनिक खेती शुरू करने से पहले किसान भाई थोड़ा मार्किट रिसर्च भी कर ले ताकि आपको यह पता चल जाये किन फसलों की डिमांड मार्किट में अधिक है. मार्किट के अनुसार फसल चक्र का चुनाव करें जिससे आपकी फसल मार्किट में हाथों-हाथ बिकने के साथ साथ आपकी फसलों का चित भाव मिल सके
ऑर्गेनिक खेती के साथ पशुपालन को दें बढ़ावा
किसान भाइयों को जैविक खेती के साथ पशुपालन को भी बढ़ावा देना होगा. जिससे पशुओं के गोबर से खाद, गोमूत्र, जीवामृत आदि बनाने में मदद मिलेगी. यदि किसान एक देशी गाय पलता है तो उसको पूरे वर्ष साल खाद खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है. एक गाय के गोबर और गोमूत्र से विभिन्न प्रकार के खाद और कीटनाशक बनाकर जैविक खेती आसानी से कर सकते हैं.
सरकारी योजनाओं की लें मदद
ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए योजनाओं का संचालन भी कर रही है. जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने परंपरागत कृषि विकास योजना को शुरू किया है. इस योजना को तहत तीन साल के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की मदद दी जाती है. इस विधि से खेती करने के लिए आप इस स्कीम की सहायता ले सकते है
भारत का पहला जैविक राज्य (Organic Farming States In India)
सिक्किम भारत का पहला जैविक राज्य है. (Sikkim is the first Organic state of India) जंहाँ 100% जैविक खेती की जाती है. सिक्किम को जैविक खेती करने के लिए ग्लोबल फ्यूच पॉलिसी अवार्ड दिया गया है. सिक्किम का कुल क्षेत्रफल 7 लाख 29 हजार 900 हेक्टर है जिसमें केवल 10.20% क्षेत्र कृषि करने योग्य है. शेष भूमि वन, बेमौसम भूमि के, शीत मरुस्थल और अल्पाइन क्षेत्र आदि के तहत आती है.
दरअसल सिक्किम के पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग नें वर्ष 2016 में सभी प्रकार के रासायनिक खाद और कीटनाशकों के उपयोग पर प्रतिबंध लगने के साथ इसके इस्तेमाल पर एक लाख (1,00,000) रुपये का जुर्माना लगाने की घोषणा की थी. इस तरह सिक्किम भारत का पहला जैविक राज्य बन गया.
ऑर्गेनिक खेती में लागत और आमदनी | Cost and income in organic farming
शुरुआत में इस विधि से खेती करने में लगत अधिक और आमदनी कम मिल सकती है लेकिन 2-3 साल बाद ऑर्गेनिक खेती में लागत कम और मुनाफा अधिक होता है. धीरे-धीरे ऑर्गेनिक खेती में लगत जीरो हो जाती है. इसी वजह से जीरो बजट फार्मिंग (zero budget farming) भी कहते हैं.
जैविक उत्पाद कहाँ बेचे? | Organic farming products
जैविक खेती से प्राप्त होने वाले उत्पादों को बेचने की समस्या निजात दिलाने के लिए सरकार ने जैविक पोर्टल को लॉन्च किया है. इसके अतरिक्त ऑर्गेनिक बाजार को प्रोत्साहन देने के लिए कृषि एवं सहकारिता विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक विकेन्द्रीकृत जैविक कृषि प्रमाणन प्रणाली “भारत की सहभागिता प्रतिभूति प्रणाली” (पीजीएस-इंडिया) लागू की गई है. जैविक उत्पाद की स्वदेशी मांग में पीजीएस-इंडिया परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) सहायता पहुंचाती है. इससे रासायनिक उत्पाद के अपेक्षा जैविक उत्पाद का मूल्य अधिक मिलता है.
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