पत्ता लपेट सुंडी (Wrap Larva Disease): धान की अच्छी पैदावार लेने के लिए किसान भाई धान की नर्सरी लगाने से लेकर फसल कटाई तक अच्छी देखभाल भी करते हैं. लेकिन मौसम में बदलाब के कारण धान की खेती करने वाले किसानों की चिंता बढ़ने लगती है. क्योंकि बदलते मौसम में फसल में पत्ता लपेट सुंडी लगने का खतरा काफी बढ़ जाता है. ऐसे में किसाना भाइयों को पत्ता लपेट सुंडी रोग के प्रति सचेत रहना चाहिए.

पत्ता लपेट सुंडी रोग क्या है (What is leaf wrap larva disease)
पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप उच्च नमी वाले क्षेत्रों में और विशेष तौर पर जिन इलाकों में धान की पैदावार लगातार की जा जाती है. इस कीटाणु का लार्वा पत्तों को लपेट लेता है और पत्तों को अंदर ही अंदर खा लेती हैं. इससे पत्तों के ऊपर सफेद रंग की धारियां दिखाई देने लगती है. जिसके कारण फसल में काफी नुकसान होता है. इसलिए समय रहते किसान भाईओं को इसके प्रति सचेत रहते हुए इसका समाधान करना जरूरी है
पत्ता लपेट सुंडी रोग के लक्षण (Symptoms of leaf wrap larva disease)
पत्ता लपेट सुंडी रोग शुरुआत में कुछ पौधों पर दिखाई देता है. लेकिन धीरे-धीरे यह आसपास के पौधों को अपनी चपेट में ले लेता है. यह पत्ते का हरा पदार्थ चूस लेती हैं जिसके कारण पत्ते सफ़ेद पड़ने लगते है.
पत्ता लपेट सुंडी रोग का कारण (Cause of leaf wrap larva disease)
पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप उच्च नमी वाले क्षेत्रों में और विशेष तौर पर जिन इलाकों में धान की पैदावार होती है उन क्षेत्रों में इसका प्रकोप अधिक रहता है.
धान की फसल में पत्ता लपेट सुंडी की रोकथाम (Leaf wrap in paddy crop prevention of caterpillar)
किसान भाई अपनी धान की फसल का नियमित रूप से निरीक्षण करते रहना चाहिए. अगर आपको पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप दिखाई देने लगे तो इस स्थिति में कृषि विशेषज्ञों की सलाह के लेकर उचित प्रबंध करें.
फसल में इन कीटनाशक का करें छिड़काव (Spray these insecticides in the crop)
आपकी जानकारी के लिए बता दें धान की फसल में पत्ता लपेट सुंडी का प्रकोप ज्यादातर अगस्त से अक्टूबर महा तक होता है.
उपचार – इसकी रोकथाम के लिए आपपदान व रीजैंट कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं. इनका इनका छिड़काव साढ़े सात किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब करें. अगर कीटनाशक के छिड़काव के बाद बारिश हो जाती है, तो इसका किसी तरह का असर नहीं पड़ता है.
उपचार – इसकी रोकथाम के लिए आप पठेरा कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं. इतना ही नहीं, हमारे किसान भाई 10 किलोग्राम मिथाइल पैराथिन 2 प्रतिशत प्रति एकड़ स्प्रे कर सकते हैं. इसके साथ ही 200 मिली मोनोक्रोटोफास 36 एसएल 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ फसल के हिसाब से स्प्रे कर सकते हैं.
उपचार – इसकी रोकथाम के लिए आप नीचे लिखे कीटनाशकों में से किसी एक को 100 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें:
-20 मि.ली. फेम 480 एस सी(फ्लूबैडामाइड)
-170 ग्राम मोरटार 75 एस जी (कारटाप हाइड्रोक्लोराइड)
-एक लीटर कोरोबोन/डरमट/फोरस 20 ई.सी. (क्लोरपाइरीफॉस)
English Summary: The right way to protect the paddy crop from leaf wrap
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