ग्लेडियोलस की खेती / Gladiolus Farming / Gladiolus ki kheti : ग्लेडियोलस खेती / Gladiolus Cultivation के पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र आदि राज्यों के किसान अच्छी कमाई कर रहे है.अगर व्यापारिक दृष्टि से देखा जाए तो इसकी खेती अपार संभावनाएं हैं. क्योकि ग्लेडियोलस के फूलों की डिमांड मार्किट में हमेशा रहती है. जो किसान ग्लेडियोलस की खेती (Gladiolus Flower Farming) करना चाहते है वे इस आर्टिकल को अंत तक पूरा पढें क्योकि इस लेख में ग्लेडियोलस की खेती के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इसकी पूरी जानकारी दी जा रही है. आइये जानते है ग्लेडियोलस की खेती कैसे करे है?

ग्लेडियोलस की खेती – Gladiolus ki Kheti in Hindi
ग्लेडियोलस एक बहुत ही सुन्दर और लोकप्रिय सदाबाहार फूल है. जिसकी पत्तियाँ तलवार जैसी लगती है. इसमें गुलाबी से लाल, हल्के जामुनी से सफेद, सफेद से क्रीम और संतरी से लाल आदि तरह के फूल आते है. ग्लेडियोलस Gladiolus, Sword lily and Natal lily आदि नामों से जाना जाता है. इन पौधों को गमलों और क्यारियों दोनों में उगाया जा सकता है. ग्लैडियोलस की लगभग 260 प्रजातियां पाई जाती है जिनमें से 225 प्रजातियां अफ्रीका की मूल की है. इसके अलावा Gerbera ki kheti , Tulip ki kheti की जानकारी प्राप्त कर सकते है.
ग्लेडियोलस की खेती की पूरी जानकारी – Gladiolus Farming in Hindi
ग्लेडियोलस मैदानी क्षेत्रों में अक्टूबर से मार्च तक और पहाड़ियों (भारतीय क्षेत्रों) में जून से सितंबर तक खिलने वाले सबसे खूबसूरत फूलों में से एक है. अगर आप इसकी खेती करने के इच्चुक है तो ग्लेडियोलस फूल की खेती कब और कैसे करें इसकी विस्तार रूप नीचे जानकारी जानकारी दी जा रही है इसको जरूर पढ़ें.
अनुकूल जलवायु (Climate Requirement for Gladiolus Cultivation)
ग्लेडियोलस के फूलों को उगने के लिए उपोष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण जलवायु की आवश्यकता होती है. इसकी खेती के लिए 25 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त माना जाता है. लेकिन यह फसल पाले को सहन नहीं कर पाती है और फूल आने पर बरसात नहीं होनी चाहिए.
भूमि का चयन (Soil Requirement of Gladiolus Cultivation)
ग्लेडियोलस की खेती अलग-अलग मिट्टी में की जा सकती है. हालांकि कार्बनिक पदार्थों से भरपूर अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी में ग्लेडियोलस के फूलों का विकास के लिए बढ़िया होता है. इसकी खेती के लिए पीएच मान 6.0 – 6.5 के बीच होना चाहिए. ग्लेडियोलस की खेती व्यापारिक दृष्टि से करनी है तो ग्लेडियोलस रोपाई से पहले मिट्टी परीक्षण जरूर कराये
खेत की तैयारी (Land Preparation in Gladiolus Cultivation)
ग्लेडियोलस की खेती (Gladiolus Farming) के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने हाल कर खेत को कुछ दिन के लिए खुला छोड़ दें ताकि खेत में मौदूज खरपतवार और कीट नष्ट हो जायेंगे. अंतिम जुताई के समय 20 से 25 टन गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डालें. ग्लेडियोलस के कन्दों की रोपाई से पहले खेत की मिट्टी को भुरभुरा और समतल कर उचित दूरी पर आवश्यकतानुसार क्यारियाँ बना ले.
ग्लेडियोलस की किस्में (Gladiolus ऑफ़ Varieties)
मुख्य रूप से ग्लेडियोलस की दो प्रकार की किस्में उगाई जाती हैं; बड़े फूल वाले और छोटे फूल वाले. जो निम्नलिखित है.
- बड़े फूलों वाली किस्में: जॉर्ज माजने, पेट्रीका, रत्ना बटरफ्लाई, स्नो प्रिंसेस, एप्पल ब्लॉसम, ब्लैक जैक, चेरी ब्लॉसम, फ्रेंडशिप, मेलोडी, रॉयल ट्यूबली, मयूर, नजराना, अप्सरा, सपना, आरती, पूनम और शोभा
- छोटे फूलों वाली किस्में: कैनबरा, रेड कैना, बटरफ्लाई और रॉयल जुबली
ग्लेडियोलस की खेती में बीज मात्रा (Seed Quantity in Gladiolus Cultivation)
ग्लेडियोलस की एक हेक्टेयर में खेती करने के लिए करीब 1,50,000 कन्दों से 1,60,000 कन्दों तक की आवश्यकता होती है. यह मात्रा कन्दों की रोपाई की दूरी पर घट बढ़ सकती है.
ग्लेडियोलस के कन्दों का उपचार
मिट्टी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए बुवाई से पहले कन्दों को 0.2% बविस्टिन के घोल में आधे घंटे के लिए भिगोएं फिर रोपाई करें.
ग्लेडियोलस की रोपाई का समय (Gladiolus Planting Time)
ग्लेडियोलस की रोपाई के लिए कन्दों को सितंबर से मध्य-नवंबर के महीने में बोया जाता हैं।
ग्लेडियोलस के पौधों की दूरी (Spacing of Gladiolus Plants)
ग्लेडियोलस के कन्दों को 5 सेमी से 10 सेमी की गहराई के साथ 20 सेमी X 30 सेमी की दूरी पर मेढ़ों या खांचों पर लगाए. गहरी रोपाई से बचें.
खाद एवं रासायनिक उर्वरक (Manures and Fertilizers in Gladiolus Cultivation)
खेत की तैयारी के समय 20 से 25 टन सड़ी हुई गोबर की खाद खेत में डालें. ग्लेडियोलस की फसल के अच्छे विकास के लिए 120 किग्रा नाइट्रोजन ‘एन’, 150 किग्रा फास्फोरस और 150 किग्रा पोटाश की आवश्यकता होती है. नाइट्रोजन की आधी मात्रा फास्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा खेत की तैयारी के समय बेसल खुराक के रूप में देना चाहिए. शेष 60 किग्रा ‘एन’ को 2 हिस्सों में विभाजित कर रोपण के 1 महीने और 2 महीने बाद दिया जाना चाहिए.
खरपतवार नियंत्रण (Weed Control in Gladiolus Farming)
खरपतवार की रोकथाम के लिए समय-समय पर आवश्यकतानुसार निराई-गुड़ाई करते रहना चाहिए
सिंचाई (Irrigation in Gladiolus Cultivation)
ग्लेडियोलस कंद अच्छी तरह से अंकुरित होने के बाद हल्की सिंचाई करें. ग्लेडियोलस के पौधों की सिचाई मिट्टी और जलवायु के आधार पर 7 से 8 दिनों के अंतराल पर नियमित सिंचाई करें.
ग्लेडियोलस की खेती में लगने वाले कीट एवं रोग (Pests and Diseases in Gladiolus Cultivation)
ग्लेडियोलस की खेती में पाये जाने वाले कीट एवं रोग निम्नलिखित हैं.
- कीट: थ्रिप्स और एफिड्स ग्लेडियोलस की खेती में पाए जाने वाले सामान्य कीट हैं.
- रोग: लीफ स्पॉट, बैक्टीरियल स्कैब ब्लाइट और धब्बे और स्पंजी सड़ांध सामान्य रोग हैं जो ग्लेडियोलस पौधों पर हमला करते हैं
- Note- इन रोगों के लक्षणों और बचाव के तरीकों के लिए अपने स्थानीय बागवानी विभाग से संपर्क करें
ग्लेडियोलस की कटाई (Harvesting in Gladiolus Cultivation)
ग्लेडियोलस की अगेती वैरायटी 60-65 दिनों, मध्य वैरायटी 80-85 दिनों तथा पछेती वैरायटी में 100-110 पुष्प उत्पादन शुरू हो जाता है. ग्लेडियोलस की पुष्प दंडिकाओं को काटने का समय बाजार की दूरी पर निर्भर करता है
कटाई के बाद
तुड़ाई के बाद ताज़े फूलों को गत्ते के बक्सों में स्टोर कर नज़दीकी मंडियों में बेचने के लिए भेजा जाता है.
ग्लेडियोलस की उपज (Yield of Flowers in Gladiolus Cultivation)
किसी भी फसल की पैदावार मिट्टी का प्रकार, किस्म, जलवायु और देखभाल पर निर्भर करती है. ग्लेडियोलस के खेती (Gladiolus cultivation PDF) के लिए सभी परस्थितियाँ सही रही तो 2 to 3 lakh spikes/ha, 18,000 to 20,000 kg corms/ha की उपज प्राप्त की जा सकती है.
Gladiolus Farming – FAQ
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