• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
krishi-disha

  • सरकारी योजनाएं
  • बिजनेस
  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • बागवानी
  • मशीनरी
  • गैजेट्स
  • सरकारी जॉब्स
  • हेल्थ टिप्स
कृषि दिशा / खेती-बाड़ी / गाजर की खेती (Gajar ki Kheti) कैसे और कब करें | Carrot Farming in Hindi

गाजर की खेती (Gajar ki Kheti) कैसे और कब करें | Carrot Farming in Hindi

By: Sanjay Sharma | Updated at:17 November, 2022 google newsKD Facebook

Gajar ki Kheti (Carrot Farming): गाजर की खेती (Carrot Cultivation) समस्त भारत की जाती है, लेकिन गाजर की खेती (Carrot ki Kheti) मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, असाम, कर्नाटक, आंध्रा प्रदेश, पंजाब एवं हरियाणा में की जाती है. यदि गाजर की खेती (Carrot Cultivation) वैज्ञानिक तरीके से की जाये तो इससे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. गाजर में प्रोटीन, मिनिरल्स एवं विटामिन्स आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते है. गाजर (Carrot) में कैरोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है. गाजर को कच्चा एवं पकाकर दोनों तरह से खाया जाता है. गाजर की हरी पत्तियों में अधिक मात्रा में प्रोटीन, मिनिरल्स एवं विटामिन्स पाए जाते है जिनको जानवरो को खिलाने पर बहुत लाभदायक होता है. गाजर की पत्तियाँ मुर्गियों का चारा बनाने के काम आता है. गाजर की खेती कैसे करे जाने इसकी सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस आर्टिकल को अंत तक पढें.

Carrot Farming
गाजर की खेती (Gajar ki Kheti) करने का वैज्ञानिक तरीका यहाँ जाने

गाजर की खेती- Kheere ki Kheti in Hindi?

गाजर (Gajar) सेहत के लिए बहुत लाभदायक होती है. गाजर (Carrot) में अनेक प्रकार के गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते है. गाजर विटामिन के और विटामिन बी 6 का सबसे अच्छा स्रोत है. गाजर का सेवन करने से इम्यूनिटी सिस्टम बढ़िया होने के साथ साथ या आंखों की रोशनी बढ़ाने में बहुत अच्छी भूमिका निभाती है. गाजर का जूस पीने या कच्ची खाने से कब्ज की परेशानी दूर होती है. गाजर (Gajar) का उपयोग अचार, मुरब्बा, जूस, सलाद, सब्जी और गाजर का हलवा बनाने के लिए किया जाता है.

गाजर की खेती की पूरी जानकारी – Carrot Farming in Hindi

जलवायु

  • गाजर को ठंडी जलवायु की खेती मना गया है.
  • गाजर की खेती के लिए 8 से 28 डिग्री सेल्सियस तापमान उचित मना गया है.

मिट्टी का चयन

  • गाजर की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता वाली दोमट मिटटी बढ़िया मानी जाती है
  • गाजर की फसल के लिए मिट्टी का पी.एच. मान 6.5 पी.एच. होना चाहिए.
  • खेत में उचित जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए.
  • जल भराव की स्थिति में जड़ों के गलने की खतरा रहता है.
यह भी पढ़ेंः  लेटस की खेती (Lettuce ki kheti) कैसे और कब करें | Lettuce Leaf Farming in Hindi

खेत की तैयारी

  • गाजर की खेती के लिए पहली जुताई मिट्टी पलटने हाल से करें. जिससे भूमि में मौदूज खरपतवार और कीट नष्ट हो जाए.
  • गाजर की खेती के लिए खेत में 8 से 10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद और 10 किलोग्राम कार्बोफुरान प्रति एकड़ दर से इस्तेमाल करे
  • खाद डालने के बाद खेत की मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई करें.
  • इसके बाद कल्टीवेटर से खेत की 2-3 बार आडी-तिरछी गहरी जुताई कर खेत को पाटा लगाकर समतल कर लें

गाजर की बुआई का समय

रबी मौसम में

बुआई का समय:- 1 अगस्त से 31 अक्टूबर के बीच
फसल अवधि:- 90 से 120 दिन

खरीफ मेंमौसम में

बुआई का समय:- 1 मार्च से 30 जुलाई के बीच
फसल अवधि:- 90 से 120 दिन

गाजर की उन्नत किस्में (Famous Varieties of Carrots)

  • Pusa Yamdagni:- यह वैरायटी 80 से 120 दिन में तैयार हो जाती है. इसकी जड़ें लम्बी, नोक दरमियानी, संतरी रंग का गुद्दा होता है. इसकी औसतन उपज 80-105 क्विंटल प्रति एकड़ हो जाती है
  • गाजर नं 29:- इस किस्म की गाजर 90 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है. इस वैरायटी की गाजर लम्बी, हलक लाल रंग की होती है. जिसकी औसतन पैदावार 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से ली जा सकती है.
  • पूसा रुधिरा:-पूसा रुधिरा वैरायटी 90 से 110 दिन में खुदाई के लिए तैयार हो जाती है. इसकी बुवाई सितंबर-अक्टूबर महीने में कर सकते है. इसकी औसतन उपज 100 क्विंटल प्रति एकड़ तक हो जाती है.
  • पूसा केसर:-Pusa Kesar खुदाई के लिए 80 से 100 दिन में तैयार हो जाती है इसकी औसतन पैदावार प्रति एकड़ 100 क्विंटल तक हो जाती है
  • पूसा वसुधा:- गाजर की इस वैरायटी को तैयार होने में 80 से 90 दिन लग जाते है. यह स्वाद में मीठी लाल रंग की संकर किस्म है जिसकी प्रति एकड़ पैदावार 150 से 180 क्विंटल प्रति तक हो जाती है
  • पूसा आंसिता:-यह वैरायटी काले रंग की होती है जो 90 से 110 दिन में खुदाई के लिए तैयार हो जाती है. इस वैरायटी की प्रति एकड़ पैदावार 100 क्विंटल तक होती है
  • पूसा मेघलील:-नारंगी रंग के गूदे वाली इस वैरायटी को पकने में 90 से 100 दिन लगते है, इसकी औसतन पैदावार 80 से 100 क्विंटल तक होती है
  • पूसा वृष्टि:-पूसा वृष्टि को खुदाई के लिए 85 से 90 दिन लगते है इसकी पैदावार प्रति एकड़ 100 से 120 क्विंटल हो जाती है. इस वैरायटी की बुवाई जुलाई के आखिरी सप्ताह तक की जा सकती है. यह किस्म अधिक गर्मी और उमस सहने शक्षम है
  • अन्य गाजर की किस्में:- श्रीराम देसी रेड, चैंटनी, पूसा रुधिर, पूसा मेघाली, हिसार रसीली, नैनटिस 
यह भी पढ़ेंः  अरबी की खेती (Arbi ki Kheti) करने के सभी तरीके जाने | Taro Farming in Hindi

गाजर की खेती के लिए बीज की मात्रा (Carrot Seed Quantity)

गाजर की खेती (Carrot Seed Germination) के लिए देसी बीज की मात्रा 2.5 से 3 किलोग्राम और हाइब्रिड बीज 800 से 1000 ग्राम प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है.

गाजर के बीज का उपचार

हाइब्रिड बीज को उपचारित करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है वह पहले से उपचारित आते है. यदि घर का बीज है तो इसको कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थिरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. बुबाई से पहले बीज को 12 से 24 घंटे पानी में भिगोकर रखें, इससे बीजों के अंकुरण की क्षमता बढ़ती है

गाजर की बुआई का तरीका (Carrot Sowing Method)

  • गाजर के बीज (carrot seeds) की मशीन द्वारा सीधे बुवाई की जा सकती है.
  • गाजर की बुवाई मेड बनाकर बुवाई करे, जिससे गाजर की जड़ें लम्बी होने के साथ खुदाई भी आसानी से हो जाएगी.
  • गाजर की बुवाई के लिए लाइन से लाइन की दूरी 25-30 सेमी और बीज से बीज की दूरी 6-8 सेमी रखें
  • बीज की 1.5 सेमी की गहराई से ही बुवाई करें.
  • गाजर के बीज को सीधे बोने के बाद तुरंत खेत में पानी दें, जिससे बीज अंकुरण में सहायता मिलेगी.
  • गाजर की खेती छिड़काव विधि से कर रहे है तो बीज लगाते समय बीजों को 4 गुना रेत में मिलाकर छिड़काव करें
यह भी पढ़ेंः  कद्दू की खेती (Kaddu ki Kheti)-कैसे करे जाने विस्तार से जानकारी

गाजर की खेती उर्वरक व खाद प्रबंधन (Carrot Farming Fertilizer and Manure Management)

गाजर की बुवाई (planting carrots) के समय डीएपी 50 किलोग्राम एवं म्यूरेट ऑफ पोटाश 30 किलोग्राम प्रति एकड़, यूरिया 25 किलोग्राम प्रति एकड़ से डालें.

  • बुआई के 20 दिन बाद :-25 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में डालें
  • बुआई के 35-40 दिन बाद:- 25 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ के हिसाब से खेत में डालें. आवश्यकतानुसार नराई/गुड़ाई कर समय से सिचाई करते रहे.
  • बुआई के 45 से 50 दिन बाद :-प्रति एकड़ के हिसाब से 1 Kg एन.पी.के. ( 19:19:19 ), और 30 किलोग्राम यूरिया खाद का उपयोग करें

गाजर की खेती में सिंचाई (Irrigation in Carrot Cultivation)

गाजर की बुवाई (Carrot Farming Irrigation) के तुरंत बाद सिचाई करें. जिससे से खेत में नमी की कमी नहीं होगी. बीज जब तक पूरी तरह खेत में उग नहीं आता तब तक खेत में नमी बनाये रखे. आवश्यकतानुसार फसल की सिचाई करते है.

गाजर की खुदाई – How to Harvest Carrot ?

गाजर का ऊपरी भाग 25 से 30 सेमी मोटा हो जाता है तो आप गाजर की खुदाई (Carrot Crop Harvesting) कर सकते है. वैसे गाजर की खुदाई 100 से 120 दिन पर शुरू हो जाती है. ध्यान रखे गाजर की खुदाई के समय खेत में थोड़ी नमी होनी चाहिए.

अगर आपको गाजर की खेती pdf (Carrot farming in Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.

यह भी पढें

AOC Tradesman and Fireman Recruitment 2023 | एओसी ट्रेड्समैन और फायरमैन भर्ती 2023
South Indian Bank Clerk Recruitment 2023 | साउथ इंडियन बैंक क्लर्क भर्ती 2023
पालक के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Spinach Eating Benefits and Side Effects in Hindi
चिचिण्डा के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Snake Gourd Eating Benefits and Side Effects in Hindi
सेब के जूस के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Apple Juice Drinking Benefits and Side Effects in Hindi
मछली के तेल के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Fish Oil Eating Benefits and Side Effects in Hindi

खेती-बाड़ी, बागवानी, मशीनरी, महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं से सम्बंधित विश्वसनीय समाचार सबसे पहले कृषि दिशा पर पढें.
Last Modified: 28 December, 2022 1:02 PM

पोस्ट से संबंधित आर्टिकल

Turmeric Farming
Turmeric Farming: हल्दी की खेती (Haldi ki Kheti) कैसे करे जाने पूरी जानकारी
Malabar Neem Farming
Malabar Neem Farming: मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे जाने पूरी जानकरी
Bathua ki Kheti
Bathua Farming: बथुआ की खेती किस महीने की जाती है जाने पूरी जानकारी
Kali Mirch ki Kheti
Black Pepper Farming: काली मिर्च की खेती कब और कैसे करें जाने पूरी जानकारी
Elaichi ki Kheti
इलायची की खेती (Elaichi ki Kheti)-रोपण, देखभाल, कटाई की जानकारी
Alsi ki Kheti
अलसी की खेती (Alsi ki Kheti) कैसे करें इसकी पूरी जानकारी यहाँ पढें

Reader Interactions

Comments

  1. Avinash says

    November 17, 2022 at 10:50 pm

    Nice information

    Reply

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Fayde aur Nuksan

  • पालक के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Spinach Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    चिचिण्डा के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Snake Gourd Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    सेब के जूस के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Apple Juice Drinking Benefits and Side Effects in Hindi

    मछली के तेल के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Fish Oil Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    ओरेगेनो के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Oregano Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    केले की चाय के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Banana Tea Drinking Benefits and Side Effects in Hindi

    लाल अंगूर के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Red Grapes Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    नारियल दूध के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Coconut Milk Benefits and Side Effects in Hindi

    नीम के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Neem Benefits and Side Effects in Hindi

    च्यवनप्राश के फायदे, नुकसान एवं उपयोग-Chyawanprash Eating Benefits and Side Effects in Hindi

Vegetable Farming

  • Bathua Farming: बथुआ की खेती किस महीने की जाती है जाने पूरी जानकारी

    जुकिनी की खेती (Zucchini Farming) कब और कैसे करें ? जाने इसका पूरा प्रोसेस

    कुंदरू की खेती (Kundru ki Kheti) कैसे करे ? जाने पूरी जानकारी

    शकरकंद की खेती (Shakarkand Ki Kheti) कब और कैसे करें, जानिए इसकी पैदावार

    कटहल की खेती (Kathal ki Kheti) कब और कैसे करे? | Jackfruit Farming in Hindi

    अरबी की खेती (Arbi ki Kheti) करने के सभी तरीके जाने | Taro Farming in Hindi

    सहजन की खेती (Sahjan ki Kheti) कब और कैसे करें-Drumstick Farming in Hindi

    तोरई की खेती (Torai ki kheti) कब और कैसे करे, जाने | Ridge Gourd Farming in Hindi

    टिंडे की खेती (Tinda ki Kheti) करने का वैज्ञानिक तरीका सीखे | Tinda Farming in Hindi

    शलजम की खेती (Shalgam ki Kheti) की सम्पूर्ण जानकारी | Turnip Farming in Hindi

Medicinal & Aromatic Crops

  • Turmeric Farming: हल्दी की खेती (Haldi ki Kheti) कैसे करे जाने पूरी जानकारी

    Malabar Neem Farming: मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे जाने पूरी जानकरी

    Bathua Farming: बथुआ की खेती किस महीने की जाती है जाने पूरी जानकारी

    Black Pepper Farming: काली मिर्च की खेती कब और कैसे करें जाने पूरी जानकारी

    इलायची की खेती (Elaichi ki Kheti)-रोपण, देखभाल, कटाई की जानकारी

    अलसी की खेती (Alsi ki Kheti) कैसे करें इसकी पूरी जानकारी यहाँ पढें

    ईसबगोल की खेती (Isabgol ki Kheti) कैसे करे, जाने इसकी पूरी जानकारी

    चिया सीड्स की खेती (Chia Seeds Cultivation) कैसे करें जाने इसकी पूरी जानकारी

    दालचीनी की खेती (Dalchini ki kheti) वैज्ञानिक तरीके से कैसे करें जाने पूरी जानकारी

    कलौंजी की खेती (Kalonji ki kheti) कब और कैसे करे जाने इसकी पूरी जानकारी

Fruit Farming

  • ड्रैगन फ्रूट के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Dragon Fruit Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    Avocado Cultivation: एवोकैडो की खेती (Avocado Farming) से कमाएं अच्छा मुनाफा

    खुबानी की खेती (Khubani ki Kheti) – किस्में, देखभाल और पैदावार

    खजूर की खेती (Khajoor ki Kheti) कैसे करे, जाने रोपाई की पूरी जानकारी

    शरीफा की खेती (Sharifa Ki kheti): व्यापारिक दृष्टि से भी फायदेमंद है सीताफल की खेती

    अंगूर की खेती (Angoor ki kheti) के लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी

    Kinnow Cultivation: किन्नू की खेती (Kinnow ki Kheti) से किसानो की होगी मोटी कमाई, देश विदेशों में भी भारी डिमांड

    खरबूजे की खेती (kharbuja ki kheti) कब और कैसे करें | Muskmelon Farming in Hindi

    तरबूज की खेती (Tarbooj ki Kheti) कब और कैसे करें | Watermelon Farming in Hindi

    स्ट्रॉबेरी की खेती (Strawberry ki kheti) कब और कैसे करें जाने | Strawberry Farming in Hindi

सरकारी योजनाएं

  • PM Awas Yojana
  • Public Provident Fund
  • PM Kisan
  • UP Krishi Upkaran
  • UP Scholarship
  • UP Agriculture
  • Manav Sampada
  • UP Free Tablet Yojana
  • Sukanya Samriddhi Yojana
  • EPF Account
  • NREGA Job Card
  • PM Jan Arogya Yojana

महत्वपूर्ण लिंक

  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • मशीनर
  • हेल्थ टिप्स
  • Gadgets
  • Sarkari Yojana
  • Business Ideas
  • Entertainment
  • Sarkari Result
  • Free Job Alert
  • Education
  • KVK Uttar Pradesh
  • KVK Bihar

Footer

सरकारी योजनाएं

PM Awas Yojana Public Provident Fund
PM Kisan UP Krishi Upkaran
UP Scholarship UP Agriculture
Manav Sampada UP Free Tablet Yojana
Sukanya Samriddhi Yojana EPF Account
NREGA Job Card PM Jan Arogya Yojana

महत्वपूर्ण लिंक

  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • मशीनर
  • हेल्थ टिप्स
  • Gadgets
  • Sarkari Yojana
  • Business Ideas
  • Entertainment
  • Sarkari Result
  • Free Job Alert
  • Education
  • KVK Uttar Pradesh
  • KVK Bihar

संपर्क जानकारी

About Us Contact Us
Follow us
FacebookTwitter
InstagramYou Tube
google news

Copyright © 2023 Krishi Disha All Rights Reservedगोपनीयता नीतिसाइटमैपवापस जाएँ।