Drone : खाद और कीटनाशक छिड़काव के लिए किसानों को मिलेंगे 32 ड्रोन[/caption]खेती को बेहतर बनाने के आजकल नित नए प्रयोग किये जा रहे है. इन तकनीकों का प्रयोग कर किसान अपनी फसल की अच्छी पैदावार ले सकते है. इस तकनीको को किसान तक पहुंचने में केंद्र सरकार व राज्य सरकारें अच्छी भूमिका निभा रही है. अब खेती में ड्रोन का इस्तेमाल होने लगा है जोकि किसानो को काफी आकर्षित कर रहा है. इसकी सहायता से किसान अपनी फसल में कीटनाशकों, वाटर सॉल्युबल (पानी में घुलनशील) उर्वरकों एवं पोषक तत्वों का मिनटों में छिड़काव कर सकते हैं. उत्तर प्रदेश के किसान भी शीघ्र ही खेतीबाड़ी में ड्रोन का इतेमाल कर सकेंगे. किसानो तक इस तकनिकी को पहुंचने में उत्तर प्रदेश सरकार भी अब अपना योगदान देने जा रही है. क्योंकि केंद्र सरकार के की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार को कृषि कार्य के लिए ड्रोन उपलबध कराये जा रहे है.
ड्रोन की विशेषताएं (Features of Drone)
ड्रोन में विभिन्न विशेषताएं हैं, जैसे कि मल्टी-स्पेक्ट्रल और फोटो कैमरा. इसका कृषि के कई पहलुओं में उपयोग किया जा सकता है, जिसमें फसल की निगरानी, पौधों की वृद्धि और कीटनाशकों पर उर्वरक और पानी का छिड़काव आदि शामिल है.
खेतीवाड़ी में ड्रोन के फायदे (Benefits Of Drone Technology)
कृषि विशेषज्ञों की माने तो, खेती में खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल घोलकर करने अधिक असरदार होता है. अगर पौधों में छिड़काव ऊपर किया जाये तो पत्तियों के जरिए ऊपर से नीचे तक जाता है. इसका असर फसल में बेहतर होता है. जिससे उपज भी अच्छी होती है. इसके जरिये खाद या कीटनाशक का अनुपात सही रहता है. परंपरागत के अनुसार फसल में खाद या कीटनाशक का छिड़काव करते हैं तो उसका 15 से 40 फीसद ही फसल को प्राप्त होता है, जबकि पानी के साथ छिड़काव किये जाने वाले उर्वरक का करीब 90 फीसद तक फसल को प्राप्त होता है. इससे श्रम, समय और लागत में कमी के बावजूद अच्छी उपज किसानों मिल सकती है. जल्द ही सीमित संख्या में ही सही उत्तर प्रदेश के किसान भी शीघ्र ही अपनी खेतीबाड़ी में ड्रोन का प्रयोग कर सकेंगे
उत्तर प्रदेश को जल्द मिलेंगे 32 ड्रोन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अथक प्रयासों से केंद्र सरकार की और से उत्तर प्रदेश सरकार को कुल 32 ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिसमें 4 कृषि विश्वविद्यालयों को, 10 कृषि विज्ञान केंद्रों और बाकी 18 आईसीएआरआई (इंडियन कौंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट) के संस्थानों को दिए जायेंगे.
एफपीओ कृषि को 40 से 50 फीसद सब्सिडी पर उपलब्ध होंगे ड्रोन
खेतीबाड़ी के उपयोग के लिए ये ड्रोन प्रदेश के कृषि स्नातकों को 50 प्रतिशत अनुदान पर, कृषि उत्पादन संगठनों (एफपीओ) एवं ऑपरेटिव सोसाइटीज को 40 फीसद अनुदान पर मिलेंगे. जैसे – इस तरह किसी कृषि स्नातक को लगभग 10 लाख रुपए मूल्य के इस ड्रोन के लिए केवल 5 लाख रुपए देने होंगे.इन्हें खरीदने में 5 करोड़ 60 लाख का खर्चा आ रहा है.
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