Red Okra Cultivation : लाल भिंडी अपने रंग को लेकर लोगों के बीच काफी चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योकि लोगों ने अब तक हरी भिंडी ही देखी है. सामन्य हरी भिंडी के मुकाबले लाल भिंडी में अधिक पोषक तत्व जैसे – कैल्सियम, आयरन और जिंक आदि पाए जाते है जो शरीर के लिए काफी लाभदायक होते है. लाल भिंडी लोगों के स्वास्थ का ख्याल रखने के साथ-साथ किसानो के लिए इसकी खेती फायदे का सौदा साबित हो रही है क्योकि हरी भिंडी की अपेक्षा में लाल भिंडी का बाजार भाव अधिक रहता है. इसलिए किसान लाल भिंडी की खेती (Red lady Finger Farming) से कम लगात हरी भिंडी की खेती के मुकाबले कई गुना अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है. अगर आप भी लाल भिंडी की खेती (Red Okra Cultivation) करने का मन बना रहे तो यहां पर लाल भिंडी की उन्नत खेती पूरी जानकरी दी गई है.
किसान भाई Lal Bhindi ki Kheti साल में दो बार खरीफ व रबी सीजन में कर सकते है. बता दें, लाल भिंडी की खेती लगभग हरी भिंडी की खेती की ही तरह की जाती है. लाल भिंडी की फसल करीब 40 से 45 दिनों में उपज देना शुरू कर देती है. अगर लाल भिंडी की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जाये तो एक एकड़ खेती से लगभग 50 से 60 क्विंटल तक का पैदावार किसानों को आसानी से प्राप्त हो सकती है जिससे किसान तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. अगर लाल भिंडी की खेती कहां-कहां होती है इस पर बात की जाए तो भारत में लाल भिंडी की खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ प्रमुख राज्य है.
लाल भिंडी की खेती (Lal Bhindi ki Kheti)
लाल भिंडी की बुवाई ग्रीष्मकालीन और वर्षाकालीन दोनों मौसम में की जाती है. ग्रीष्म ऋतु में लाल भिंडी की बुवाई फरवरी और मार्च महीने तथा वर्षा ऋतु भिंडी को बोया जा सकता है. लाल भिंडी को लोग खूब पसंद कर रहे है क्योकि लाल भिंडी में आयरन, कैल्शियम अन्य पोषक तत्व पाए जाते है. लाल भिंडी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करती है. लाल भिंडी के फायदे बीमारी, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज को कंट्रोल करने में अहम भूमिका निभाते है. ऐसे में अगर किसान भाई इसकी खेती करते हैं, तो उनको अच्छी कमाई हो सकती है.
लाल भिंडी की खेती कब और कैसे करें?
लाल भिंडी कब बोई जाती है, भिंडी की सबसे बढ़िया वैरायटी कौन सी है?, लाल भिंडी का बीज कहां मिलेगा, लाल भिंडी की खेती kaha hoti hai, आदि सवालों के लिए निम्न जानकारी को पढ़ें.
लाल भिंडी की खेती हेतु कैसी होनी चाहिए जलवायु
लाल भिंडी को खरीफ और रबी दोनों ऋतुओं में उगाया जा सकता है, इसकी फसल के लिए सामन्य बारिश काफी रहती है. लेकिन अधिक गर्मी और सर्दी दोनों ही लाल भिंडी की खेती के लिए हानिकारिक होती है. सर्दियों में पड़ने वाले पाले से पौधों का विकास रुक जाता है. पौधों के अच्छे विकास के लिए दिन में लगभग 6 घंटे तक धूप की आवश्यकता होती है.
लाल भिंडी की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी
खेती के जानकारों के अनुसार जीवांश व कार्बनिक पदार्थ युक्त बलुई दोमट मिट्टी लाल भिंडी की खेती (Red Ladyfinger Farming) उपयुक्त मानी गई है. इसके अलावा उचित जल निकासी वाली 6.5 से 7.5 पी.एच. मान वाली मिट्टी बढ़िया मानी जाती है.
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लाल भिंडी की बुवाई का समय
एक साल में दो बार लाल भिंडी की खेती (Red Lady Finger Cultivation) की जा सकती है. पहली फसल फरवरी के पहले सप्ताह से मार्च अंत तक तथा दूसरी फसल जून से जुलाई माह तक की जा सकती है.
कैसे तैयार करें लाल भिंडी के लिए खेत
लाल भिंडी की उन्नत खेती लिए खेत की गहराई से जुताई कर उसको कुछ दिन के लिए खुला छोड़ दें, उसके बाद 15-20 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से पुरानी गोबर की खाद डालकर खेत की अच्छे से जुताई कर दें. भिंडी की बुवाई से पहले खेती की अच्छे से जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी बनाकर समतल कर लें ताकि खेत में पर्याप्त नमी बनी रहे.
लाल भिंडी की उन्नत किस्में
वर्तमान समय में लाल भिंडी की दो ही उन्नत किस्में (आजाद कृष्णा और काशी लालिमा) उपलब्ध है जिनको भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने विकसित किया है. पोषक तत्व भरपूर लाल भिंडी 0-15 सेंटीमीटर लम्बी, और 1.5 से 1.6 सेमीo की मोटाई वाली होती है. इनका रंग बैगनी व लाल होता है. इन किस्मों की बुवाई कर देश के किसान अच्छी कमाई कर सकते है.
लाल भिंडी के बीज रोपण विधि
खेत तैयार हो जाने के बाद बीज रोपण की बारी आती है. बुआई के लिए सबसे पहले काशी लालिमा (Lal Bhindi) के बीजों को 10-12 घंटे के लिए पानी में भिगो कर रख दें. जिससे बीज का अच्छे से अंकुरण हो सके. बीज को पानी से निकाल कर छाया में सुखा दें. लाल भिंडी के पौधों को लाइन से रोपित करें. लाइन से लाइन की दूरी 45-60 सेंटीमीटर व लाइन में पौधे से पौधे के बीच 25-30 सेंटीमीटर की दूरी रखें.
इस तरीके से लाल भिंडी की सिंचाई
लाल भिण्डी की सिंचाई मौसम के अनुसार करें. मार्च में 10-12 दिन, अप्रैल में 7-8 दिन और मई-जून में 4-5 दिन के अंतर पर सिंचाई करें. बारिश के मौसम में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.
पैदावार के लिए ऐसे डालें उर्वरक
लाल भिण्डी की बुवाई से करीब एक महीने पहले खेत की तैयारी के समय 15-20 टन अच्छी तरह से सड़ी-गली गोबर की खाद डालें. बुवाई के पहले 100 कि.ग्रा. नाइट्रोजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस, 50 कि.ग्रा. पोटाश, प्रति हैक्टेयर की दर से भूमि में डालनी होगी. बुआई के समय नाइट्रोजन की एक तिहाई मात्रा, फॉस्फोरस व पोटाश की पूरी मात्रा खेत में मिला दें. शेष बची हुई नाइट्रोजन की मात्रा दो बार बार भाग विभाजित कर खड़ी फसल में एक समान रुप से टॉप ड्रेसिंग कर दें.
Lal Bhindi Ki Kheti को रोग व बचाव
अन्य सब्जियों की फसल के मुकाबले लाल भिंडी की फसल में रोग काम लगते है. इस प्रजाति की भिंडी में मच्छर, इल्ली और दूसरे कीट जल्दी नहीं लगते, लेकिन इसके पौधे को लाल मकड़ी से खतरा बना रहता है. पौधों की पत्तियों के नीचे यह झुण्ड बनाकर रहने लगते हैं. यह इनका रस चूसते रहते हैं. जिससे पौधा धीरे-धीरे पूरा पीला होकर सूख जाता है और पौधों का विकास रुक जाता है. इससे बचने के लिए पौधों पर डाइकोफॉल या गंधक का सही मात्रा में छिडकाव करना चाहिए
लाल भिंडी की कीमत/कमाई एवं उपज
बाज़ार में लाल भिंडी के दाम हरी भिंडी की अपेक्षा कई गुना अधिक होते जहाँ हरी भिंडी 50 रुपए किलो बिक रही है तो वही लाल भिंडी के दाम (Red Lady Finger Price in India) 100 से 500 रुपए किलो तक मिल जाते है. बड़े-बड़े होटल्स, रेस्टोरेंट और मॉल में लोग 300-400 रुपए प्रति 250/500 ग्राम तक में खरीदने को तैयार हैं.
लाल भिंडी की एक एकड़ खेती से करीब 40 से 50 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है. सामान्य भिंडी की अपेक्षा लाल भिंडी की फसल जल्दी पक जाती है. इसको पकने के लिए 45 से 50 दिनों समय लगता है. इसलिए आप लाल भिंडी की खेती से कम समय में अच्छी कमाई कर सकते हैं.
लाल भिंडी की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि लाल भिंडी की उन्नत खेती कैसे करें (How to cultivate Red Lady Finger) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.