Elaichi ki Kheti (Cardamom Cultivation): इलायची को एक नगदी फसल के रूप में जाना जाता है. जिसकी खेती कर किसान अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे है.”इलायची” या “इलाइची” केवल भारत में ही लोकप्रिय नहीं है यह विदेशों में भी बहुत प्रसिद्ध है. इलायची की खेती (Cardamom Farming) औद्योगिक तौर पर की जाए तो किसान इससे अच्छी कमाई कर सकते है. क्योकि इलायची की डिमांड देश विदेश में बहुत अधिक है. अगर आप इलायची की खेती (Cardamom Farming in Hindi) करना चाहते है तो आप इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें क्योकि इस आर्टिकल में हम इलायची की खेती कैसे करे इस पर चर्चा करने वाले है.

इलायची की खेती कहाँ होती है
भारत में इलायची की खेती मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों में की जाती है. यह की जलवायु इलायची की फसल के लिए सर्बोत्तम मानी जाती है. इन राज्यों में 1500-4000 मिमी वर्ष भर बारिश होती है, जो इसकी फसल के लिए लाभकारी होती है.
भारत में इलायची के स्थानीय नाम:- इलाकुलु [యేలకులు] (तेलुगु), एल्का [ஏலக்காய்] (तमिल), इलक्की [ಏಲಕ್ಕಿ] (कन्नड़), एलकके [ഏലക്കായ്] (मलयालम), इलैची [vasaki] (हिंदी), वेल्ची [वेलची वेलची] (मराठी), इलची [ এলাচি] (बंगाली)
इलायची की खेती – Elaichi ki kheti in Hindi
इलायची की खेती (Cardamom Cultivation) वैज्ञानिक तरीके से की जाए तो इलायची की फसल से अच्छी पैदावार लेकर किसान अपनी आमंदनी बढ़ा सकते है. इलायची की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु तथा तापमान आदि की जानकारी पर नीचे विस्तार से चर्चा की गई है.
इलायची की उन्नत किस्में (Varieties of Cardamom Cultivation)
भारत में छोटी इलायची और बड़ी इलायची की व्यावसायिक रूप से खेती की जाने वाली कुछ किस्मों को नीचे सूचीबद्ध किया है.
छोटी इलायची की किस्में – मुदिगेरे -1, सीसीएस-1, पीवी-1, आईसीआरआई-1, आईसीआरआई-2, एसकेपी-141
इलायची की खेती के लिए आवश्यक जलवायु (Climate Required for Cardamom Plantation)
इलायची की व्यावसायिक खेती पश्चिमी घाट में की जाती है. क्षेत्र की जलवायु इसकी खेत के लिए उपयुक्त मानी जाती है. इलायची की खेती के लिए 10° से 35°C तापमान आदर्श माना जाता है. इसके पौधे वहाँ अच्छे विकसित होते है जहाँ वार्षिक वर्षा 1,500 मिमी से 4,000 मिमी तक होती है.
इलायची की खेती के लिए आवश्यक मिट्टी (Soil requirement in Cardamom Farming)
इलायची की अच्छी फसल लेने के लिए कार्बनिक पदार्थों से भरपूर काली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. इसके अलावा लैटेराइट और दोमट मिट्टी में इसकी उन्नत खेती की जा सकती है. इसकी खेती के लिए पीएच मान 4.5 से 7.0 के बीच होना चाहिए.
इलायची की खेती के लिए मिट्टी की तैयारी (Land preparation for Cardamom plantation)
इलायची की खेती के लिए खेत को पूरी तरह साफ कर लें. इसके बाद अप्रैल से मई के मौसम में 45 × 45 × 30 सेमी आकार के 2 × 1 मीटर की दूरी के हिसाब से खेत में गड्ढे खोदें. इन गड्डों को मिट्टी और सड़ी हुई गोबर की खाद के मिश्रण से भर दें.
इलायची की बुवाई का समय (Sowing Time of Cardamom Cultivation)
इलायची की रोपाई का सबसे अच्छा समय मानसून यानी जून से जुलाई माना जाता है. इस मौसम में हलकी बारिस होने से पौधे जल्दी विकसित हो जाते है.
इलायची रोपाई का तरीका (Sowing Method of Cardamom Cultivation)
इलायची की रोपाई के लिए तैयार गड्डों में मानसून मौसम (जून से जुलाई) में इलायची के पौधों की रोपाई कर देने चाहिए. इलायची के पौधों की रोपाई करते वक्त यह ध्यान रखे कि रोपाई गहरी तो नहीं हुई. इलायची के पौधों की रोपाई के लिए आप टिश्यू कल्चर के पौधे ला सकते है.
इलायची की फसल में खाद एवं उर्वरक (Manures and fertilizers of Cardamom crop)
जैविक के खाद के तौर पर प्रत्येक पौधे 10 किलो पुरानी गोबर की खाद और एक किलो वर्मी कम्पोस्ट की की आवश्यकता होती है. इसके साथ 1 किग्रा प्रति पौधा नीम की खली पौधों में दे सकते है. जिससे पौधों का अच्छा विकास होता है. रासायनिक उर्वरक की बात करे तो एनपीके 75:75:150 किग्रा/हेक्टेयर की दर से जरुरत पड़ती है.
इलायची में खरपतवार नियंत्रण (Weed Control in Cardamom Crop)
इलायची की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए मई से जून, अगस्त से सितंबर और दिसंबर से जनवरी में 3 से 4 3 से 4 निराई/गुड़ाई अवश्य करनी चाहिए. इसके साथ इलायची के बागान से 2-3 बार पुरानी और सूखी टहनियों को हटा देना चाहिए.
इलायची के पौधे की सिंचाई कब और कैसे करें
अधिक गर्मी के दौरान 1-2 सप्ताह के अंतराल पर इलायची के पौधों की सिचाई कर देनी चाहिए. इलायची के पौधों में पर्याप्त मात्रा नमी होने से पुष्पगुच्छों की शुरुआत, पौधे में फूल आने और फल लगने में मदद मिलती है. इलायची की फसल में ड्रिप से सिंचाई करने पर उपज में लाभ मिलता है.
इलायची की उपज (Yield of Cardamom Farming
इलायची के पौधे को तैयार होने में लगभग तीन वर्ष का समय लगता है. इलायची से पैदावार मिट्टी, जलवायु और देखभाल पर निर्भर करती है. सामन्यतः इलायची की फसल से 450 से 500 किग्रा/हेक्टेयर तक पैदावार ली जा सकती है.
अगर आपको Cardamom Cultivation in India (Cardamom Farming in Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.
Leave a Reply