जैसा की हम सभी जानते हैं की हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है .यहां पर बरसों से सभी प्रकार के फल व् सब्जी उगाई और एक जगह से दूसरी जगह भेज कर बेचीं जाती है .इन फलों में सेब की खेती को किसानों के लिए सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती माना जाता है. सेब की खेती करके किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा लेते हैं क्यूंकि सभी जगह बाज़ारों में अन्य फलों की तुलना में सेब एक ऐसा फल है जिसकी साल भर कीमत ज्यादा ही रहती है .
जैसा की अभी तक हम और आप सब जानते हैं की सेब की खेती सिर्फ पहाड़ी क्षेत्रों में होती है और वहीं से पूरे भारत में इसको भेजा जाता है.लेकिन क्या कभी आपने मध्य प्रदेश के सेब के बारे में सुना है हो सकता है शायद आप इस सेब के बारे में नहीं जानते न ही कभी आपने इसके बारे में सुना होगा .आज हम इस लेख में आपको मध्य प्रदेश के इस सेब के बारे में बताने जा रहे हैं .
लेकिन भारत में सेब की खेती ज्यादातर पहाड़ी राज्यों में ही की जाती है जिसके कारण देश के अन्य राज्यों के किसान इसकी खेती करके मुनाफा नहीं कमा पाते हैं यह भी एक कारण है की इसी वजह से सेब की कीमत ज्यादा ही रहती है .हालांकि जो किसान मैदानी क्षेत्रों में रहते हैं और सेब की खेती करने में रूचि रखते हैं इसी से सम्बंधित एक बड़ी खबर मध्य प्रदेश से सामने आई है.अब मध्य प्रदेश में भी शिमला जैसे सेब की खेती किए जाने की सम्भावना है .
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JNKVV ने की सेब उगाने की तैयारी (JNKVV prepares to grow apples)
मध्य प्रदेश की भूमि पर भी सेब को उगाया जा सके उसके लिए मध्य प्रदेश के सबसे बड़े कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तरकीब खोज निकाली है जिससे मैदानी क्षेत्रों में भी सेब की खेती की जा सकती है. जबलपुर में स्थित जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय(JNKVV) के वैज्ञानिक लगातार किसानी में खेती से सम्बंधित रिसर्च करके नई संभावनाएं तलाशते रहते हैं इसी कड़ी मेहनत के फलस्वरूप रिसर्च के तौर पर 14 महीने पहले JNKVV के परिसर में सेब के कई सारे पौधे रोपे थे और इसका परिणाम यह है की उन पौधों पर बड़ी संख्या में फूल आए हैं.
सेब की खेती किसानों के लिए वरदान साबित होगी
सेब के पौधे पर फूल आने के बाद इस रिसर्च के शुरूआती परिणाम से वैज्ञानिक काफी उत्साहित हैं उनका मन्ना है की फूल आने के बाद फल बनने की प्रक्रिया भी शुरू होगी वि.वि.के वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोना के समय उन्होंने परिसर में सेब के दस पौधे लगाए थे जिनमे से तीन पौधे सूख गए और बाकी बचे सात पौधों में काफी अच्छी ग्रोथ देखने को मिल रही है .अब उन पौधों की बढ़त इतनी अच्छी है की उन पर फूल भी खिल गए हैं. कृषि विवि के वैज्ञानिकों ने परिसर में जो सेब के पौधे लगाए हैं वो सेब की किस्म हरिमन-99 है, यह वो किस्म है जो हिमाचल प्रदेश के शिमला से लाया गया था अब देखने वाली बात यह है की क्या यह रिसर्च वैज्ञानिकों की उम्मीद पर सही साबित होगी ,अब देखना यह है की इन फूलों से फल निकलते हैं या नहीं और अगर इन पौधों पर उम्मीद के मुताबिक़ फल आते हैं तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी और किसानों के लिए एक वरदान साबित होगी .
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