ड्रैगन फ्रूट की खेती / Dragon Fruit Farming / Dragon Fruit ki Kheti : ड्रैगन फ्रूट खेती / Dragon Fruit Cultivation) किसानों के बीच बहुत लोकप्रिय है.क्योकि ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit Cultivation) पारंपरिक खेती के मुकाबले ज्यादा मुनाफा देने वाली नकदी फसल है. भारत के विभिन्न राज्यों के प्रगतिशील किसानों ने ड्रैगन फ्रूट की खेती (dragon fruit ki kheti) करना शुरू कर दिया है. ड्रैगन फ्रूट की खेती भारत के अलावा मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम जैसे देशों में काफी लोकप्रिय है. लेकिन भारत में बहुत ही कम किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती बारे में जानते है. उन किसानो को इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना चाहिए ताकि ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें? (How to cultivate dragon fruit?) इसकी संपूर्ण जानकारी मिल सके. ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के साथ-साथ Dragon Fruit Khane ke Fayde की जानकारी प्राप्त कर सकते है.

ड्रैगन फ्रूट की खेती की पूरी जानकारी – Dragon Fruit Farming in Hindi
ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) थाइलैंड, वियतनाम, श्रीलंका और इज़रायल में बहुत ही लोकप्रिय है लेकिन कुछ सालो में इस फल ने भारत में भी काफी लोकप्रियता प्राप्त कर ली है. ड्रैगन फ्रूट (dragon fruit) औषधीय गुणों से भरपूर है. इसे सेवन से मधुमेह, कार्डियो-वैस्कुलर और अन्य तनाव संबंधी बीमारियों में लाभदायक है. इसका इस्तेमाल जैम, आइसक्रीम, जेली, जूस और वाइन आदि बनाने में किया जाता है. बाजार में इसकी अधिक डिमांड होने की से किसानो को इसके 600 से 800 रुपए प्रति किलो के दाम (dragon fruit price) मिल जाते है. यदि ड्रैगन फ्रूट की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जाये तो किसान इस फसल से अच्छा मुनाफा कमा सकते है. ड्रैगन फ्रूट की खेती के अलावा आप बैगन की खेती , Mirch ki kheti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें.
ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करे ? – Dragon Fruit ki Kheti in Hindi
अनुकूल जलवायु
ड्रैगन फ्रूट की खेती (dragon fruit farming) नम और गर्म जलवायु हो जाती है, लेकिन ज्यादा बर्फबारी वाले क्षेत्रों इसकी खेती नहीं की जा सकती. ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए एक वर्ष में 50 सेंटिमीटर बारिश तथा अधिकतम 30 डिग्री सेन्टीग्रेड और न्यूनतम 20 डिग्री सेल्सियस तापमान लाभदायक होता है. ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए अधिक धूप की आवश्यकता नहीं होती है.
उपयुक्त मिट्टी
ड्रैगन फ्रूट की खेती (dragon fruit ki kheti) देश किसी भी क्षेत्र में की जा सकती है. लेकिन गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक आदि राज्यों के कुछ क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है.
ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon fruit cultivation) के लिए बेहतर जिवाश्म और उचित जल निकासी वाली दोमट मिट्टी को सर्वोत्तम माना गया है. ड्रैगनफ्रूट की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7 के मध्य होना चाहिए.
खेत की तैयारी
ड्रैगन फ्रूट के पौधों (dragon fruit plant) की रोपाई करने से पहले खेत को अच्छे से मिट्टी पलटने हाल से करें जिससे खेत में मौदूज खरपतवार और कीट नष्ट हो जायेंगे. खेत तैयार करते समय 20 से 25 टन प्रति हैक्टर की दर से अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद अथवा कम्पोस्ट को खेत में डालें जिससे पौधों (dragon fruit plant) का विकास अच्छा होगा.
ड्रैगन फ्रूट की प्रमुख किस्में (Major Varieties of Dragon Fruit)
ड्रैगनफ्रूट की प्रमुख तीन प्रकार की किस्में होती है जो निम्नवत है-
- सफ़ेद पिथाया (White Dragon Fruit)
- लाल पिथाया (Red Dragon Fruit)
- पीला पिथाया (Yellow Dragon Fruit)
इनमे प्रमुख किस्में
वालदीव रोजा, असुनता, कोनी मायर, डिलाईट, अमेरिकन ब्यूटी, पर्पल हेज़, ISIS गोल्डन यैलो, S8 शूगर, आउसी गोल्डन यैलो, वीयतनाम वाईट, रॉयल रैड, सिंपल रैड आदि प्रमुख किस्में है.
ड्रैगन फ्रूट के पौधे कहां मिलेंगे
ड्रैगन फ्रूट की खेती करने से पहले दिमाग में यह सवाल आता है कि ड्रैगन फ्रूट के पौधे कहां मिलेंगे? (Where to find dragon fruit plants). आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है इस सवाल का जवाब हमारे पास है. ड्रैगनफ्रूट के पौधे को दो प्रकार से तैयार किया जाता है 1- बीज द्वारा, 2- कलम द्वारा.
बीज द्वारा तैयार पौध (Seedlings Prepared By Seed)
बीज से ड्रैगनफ्रूट के पौधे तैयार करने में अधिक समय लगता है. बीज द्वारा पौधा उगने से लेकर फल आने तक करीब 6 से 7 वर्ष लग जाते है. इसलिए बीज द्वारा पौध तैयार नहीं की जाती.
नर्सरी ग्राफ्टिंग पौध (nursery grafting seedlings)
इस विधि से ड्रैगन फ्रूट के पौधों (dragon fruit plant) को तैयार होने में तीन महीने का समय लग जाता है. एक हेक्टेयर भूमि पर ड्रैगनफ्रूट के पौधे लगाने के लिए 10 मीटर x 10 मीटर आकार की नर्सरी में लगभग 1100 कलमों की रोपाई की जाती है.
ड्रैगन फ्रूट के पौधे कैसे लगाएं?
खेत की तैयारी और ड्रैगनफ्रूट के पौधों की जानकारी के बाद अब बारी आती है कि ड्रैगन फ्रूट के पौधों को खेत में कैसे लगाएं? (How to plant dragon fruit plant?) इसकी सम्पूर्ण जानकारी निम्नलिखित है.
ड्रैगन फ्रूट के पौधों को लगाने का तरीका
- ड्रैगनफ्रूट के पौधों को सपोर्ट की आवश्यकता होती है. इसलिए खेतों मे किसानों को पोल लगाने पड़ते है.
- सीमेंट कंक्रीट के 7.5 फीट लम्बे और 6 इंच के चौकोर आकार के खम्भे होने चाहिए. इन्हें भूमि में 1.5 से 2 फिट दबाना होगा.
- इस तरह एक हेक्टेयर में 1111 खम्भों का उपयोग किया जा सकता है.
- इन पिलर को 2.5 x 2.5 मीटर की दूरी पर खेत में लगाना चाहिए.
- इन खम्भों के ऊपर 2 फुट व्यास की एक रिंग लगाईं जाती है.
- पौधे से पौधे की बीच की दूरी 8 से 8 फिट रखनी है.
- कतार से कतार की दूरी 12 से 12 फिट रखनी है.
- एक पोल के चारों और 4 पौधे लगाएं और ऊपर की और दिशा में बांध दें.
- इन खम्भों के सहारे 4500 पौधे लगाए जा सकते है.
- रोपण के बाद इन पौधों को खम्भे से बाँध देना चाहिए.
- जिससे पौधों खम्भे के सहारे अच्छी प्रकार बढ़ सके.
ड्रैगन फ्रूट के पौधों की सिचाई कैसे करें??
ड्रैगन फ्रूट के पौधों को दूसरे पौधों की अपेक्षा कम पानी जरुरत होती है. ड्रैगन फ्रूट की सिंचाई (dragon fruit plant irrigation) के लिए ड्रिप सिस्टम का उपयोग करें. बारिश के मौसम में सिचाई की सिंचाई आवश्यकता नही होती है. लेकिन अन्य मौसम में इसकी आवश्यकतानुसार सिचाई करे. फूल व बनने के समय भूमि उचित नमी रहनी चाहिए.
ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए खाद व उर्वरक
ड्रैगन फ्रूट की रोपाई के समय 15 से 25 ग्राम जैविक खाद, 100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट प्रति पौधा देना चाहिए.जिससे पौधों का अच्छा विकास होगा.
पहले दो वर्षों में:- 300 ग्राम नाइट्रोजन, 200 ग्राम फास्फोरस और 200 ग्राम पोटेशियम प्रति पौधा .
परिपक्व पौधे के लिए:- 540 ग्राम नाइट्रोजन, 720 ग्राम फॉस्फोरस और प्रति वर्ष 300 ग्राम पोटेशियम प्रति पौधा .
फल लगने का समय:- कम मात्रा में नाइट्रोजन और अधिक मात्रा में पोटाश दिया जाना चाहिए.
ड्रैगन फ्रूट की खेती में कीट एवं रोग का प्रकोप
ड्रैगन फ्रूट की फसल (Dragon Fruit Crop) पर अन्य फसलों के मुकाबले रोग एवं कीटों का प्रकोप कम होता है. एंथ्रेक्नोज रोग व थ्रिप्स कीट का प्रकोप इस फसल पर देखा गया है. एंथ्रेक्नोज रोग के नियंत्रण के लिए मैन्कोजेब दवा के घोल का 0.25 प्रतिशत की दर से स्प्रे करें. थ्रिप्स के लिए एसीफेट दवा का 0.1 प्रतिशत की दर से छिड़काव करे.
ड्रैगनफ्रूट की तुड़ाई (Harvesting Dragon Fruit)
ड्रैगन फ्रूट के पौधे एक साल में फल देने के लिए तैयार हो जाते है. ड्रैगन फ्रूट के पौधों पर मई-जून महीने में फूल आना शुरू हो जाता है. अगस्त-दिसम्बर तक फल लग जाते है और मानसून में इसके फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते है. ड्रैगन फ्रूट चमकीले हरे रंग से परवर्तित होकर लाल रंग हो जाये. तो ड्रैगन फ्रूट को तोड़ (dragon fruit harvesting) लेना चाहिए. इसकी फसल से पांच से छ: टन प्रति एकड़ पैदावार ली जा सकती है.
ड्रैगनफ्रूट की उपज एवं भण्डारण
ड्रैगनफ्रूट को 25 डिग्री सेल्सियस तापमान यानी रूम टेंपरेचर पर 5 से 7 दिन तक भण्डारण किया जा सकता है. ड्रैगन फ्रूट को छिद्रित हवादार बैग में 8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 25 से 30 दिन तक भण्डारण किया जा सकता है.
ड्रैगन फ्रूट से कमाई (Dragon Fruit Profit)
ड्रैगन फ्रूट की खेती से कमाई की बात की जाये तो इससे अच्छी कमाई की जा सकती है. ड्रैगन फ्रूट की खेती से प्रति एकड़ हर साल 7 से 8 लाख रुपये कमाई की जा सकती है. कई लोग अपनी नौकरी को छोड़कर इसके खेती से बंपर कमाई कर रहे है. शुरआत में इसकी खेत पर चार-पांच लाख रुपये तक का खर्च आ जाता है. किसानो की ड्रैगन फ्रूट की खेती करनी चाहिए.
अगर आपको Dragon Fruit Cultivate से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.
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