Dalchini ki kheti : दालचीनी एक ऐसा मसाला है जिसके बिना कोई भी रसोई अधूरा होता है. दालचीनी का उपयोग खाने का स्वाद बढ़ाने के अलावा औषधि के रूप में किया जाता है. दालचीनी में कार्बोहाइड्रेट, आयरन, विटामिन ए, विटामिन सी, मैग्नीशियम और कैल्शियम आदि पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते है तो शरीर को स्वस्थ की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है. पिछले कई वर्षों से बाजार में दालचीनी की मांग भरी मात्रा में है. ऐसे में किसान दालचीनी की खेती व्यपारिक रूप से करते है तो उनको इसकी खेती से तगड़ा मुनफा हो सकता है.
दालचीनी की खेती (Dalchini ki kheti)
दक्षिण भारत में उगाई जाने वाली दालचीनी एक झाड़ीदार सदाबहार पेड़ है जिसकी छाल का उपयोग औषधि और मसालों के रूप में किया जाता है. दालचीनी की मांग देश में ही नहीं विदेशों में बहुत अधिक रहती है, इसलिए इसकी खेती किसान लाखों की कमाई कर सकते है आइए जानते हैं दालचीनी की खेती कैसे शुरू की जाती है.
कब और कैसे करें दालचीनी की खेती
दालचीनी कैसे उगाई जाती है, दालचीनी की खेती कहाँ होती है, दालचीनी को बढ़ने में कितना समय लगता है, दालचीनी का रेट क्या है, दालचीनी की खेती कैसे की जाती है आदि सवालों के जवाब के लिए नीचे दी गई जानकारी को अवश्य पढ़ें.
कैसी होनी चाहिए जलवायु
गर्म और आर्द्र जलवायु दालचीनी की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है. इस जलवायु में पौधे की वृद्धि और छाल की नकल अच्छी होती है. लेकिन बहुत अधिक छाया इसकी खेतो के लिए हानिकारिक होती है. दालचीनी के पौधों को 200 से 250 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा की जरूत होती है.
कैसे करें भूमि का चयन
सामान्यतः दालचीनी की खेती कई प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताविक उचित जल निकासी वाली रेतीली दोमट और बलुई दोमट मिट्टी दालचीनी की खेती के लिए उपयुक्त मानी जाती है.
दालचीनी की उन्नत किस्में
दालचीनी की बाजार में बहुत सारी किस्में उपलब्ध है जो इस प्रकार है – नवश्री, नित्यश्री, सिनामोमम वर्म, सिनामोमम कैसिया, सिनामोमम लौरेरी आदि है.
खेत की ऐसे करें तैयारी
दालचीनी के पौधे लगाने हेतु भूमि को खरपतवार मुक्त कर जून, जुलाई के महीने में 3*3 मी. की दूरी पर 50*50 से.मी. लंबाई चौड़ाई और गहराई के गड्ढे खोदे. खोदे गए प्रत्येक गड्ढे को भरने के लिए 20 किलो खाद या कम्पोस्ट की आवश्यकता होगी.
रोपण का उचित समय
जून-जुलाई में तैयार किए गड्ढों में दालचीनी के पौधों की रोपाई कर दें ताकि पौधे का मानसून का लाभ प्राप्त मिल सकें. जिससे पौधों का विकास अच्छे से हो सकें.
कैसे तैयार करें दालचीनी की नर्सरी
दालचीनी की नर्सरी तैयार करने के लिए बालू, मृदा तथा सड़ा हुआ गोबर का मिश्रण (3:3:1) अनुपात से मिश्रण बना लें, अब इस मिश्रण को पॉलिथीन में भरकर दालचीनी के बीज की बुवाई कर दें. बुवाई के 15 से 20 दिन में दालचीनी के बीज हो जायेंगे.
पौध रोपण का तरीका
दालचीनी की पौध तैयार हो जाने के बाद पहले से तैयार गड्ढों में दालचीनी के पौधे की रोपाई कर दें.
इन उर्वरकों का करें इस्तेमाल
दालचीनी के पेड़ में प्रथम वर्ष 5 किलो खाद या कम्पोस्ट, 20 ग्राम नाइट्रेट (40 ग्राम यूरिया), 18 ग्राम फास्फोरस (115 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट), 25 ग्राम पोटाश (45 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश) की आवश्यकता होगी. इस उर्वरक की मात्रा प्रति वर्ष इसी तरह बढ़ानी चाहिए एवं 10 वर्ष के बाद 20 किलो खाद अथवा कम्पोस्ट, 200 ग्राम नाइट्रोजन (400 ग्राम यूरिया), 180 ग्राम फॉस्फोरस (सिंगल सुपर फास्फेट का 1 किलो 100 ग्राम) डालें। , 250 ग्राम पोटाश (पोटाश का 420 ग्राम म्यूरेट) देना उचित होता है.
खरपतवार नियंत्रण
दालचीनी की फसल से अच्छी पैदवार लेने के लिए खेत में खरपतवार नियंत्रण पर करना बेहद जरुरी होता है. पौधों की आवश्यकतानुसार निराई करना चाहिए.
फसल में ऐसे करें सिंचाई
दालचीनी की खेती वर्षा पर आधारित है इसकी खेती के लिए कम से कम 200 से 250 सेंटीमीटर वार्षिक वर्षा होना अति आवश्यक है. पौधों में नमी बनाये रखने के लिए की आवश्यकतानुसार सिचाई करें.
पौध सुरक्षा, रोग एवं रोकथाम
पर्ण चित्ती एवं डाई बैंक, बीजू अगंमारी, भूरी अगंमारी, कीट दालचीनी तितली , लीफ माइनर, सुंडी तथा बीटल आदि रोग और कीट का प्रकोप दालचीनी के पौधों पर दिखाई देता है. इसकी रोकथाम के लिए आप कृषि वैज्ञानिक से सलाह ले सकते है.
फसल कटाई (Harvesting Dalchini)
दालचीनी का पौधा 10 से 15 मीटर ऊँचा होता हैं। समय समय पर उसकी काट छांट करते रहना चाहिए. दालचीनी के पौधे जब दो साल के हो जाये तब उनकी काट-छांट प्रारंभ करनी चाहिए. रोपाई करने के 4 साल के बाद छाल विकसित होने लगती है. जिसका एक वर्ष बाद कटाई की जा सकती है.
दालचीनी की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि दालचीनी की उन्नत खेती कैसे करें (How to do Dalchini Farming) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.
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