Broccoli ki Kheti (Broccoli Farming): ब्रोकोली की खेती (Broccoli Cultivation) का चलन भारत में लगातार बढ़ता जा रहा है. उत्तर भारत के मैदानी इलाकों ब्रोकोली की खेती (Broccoli Cultivation) में ठंडी के दिनों में की जाती जबकि हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल और जम्मू-कश्मीर में इसके बीज बनाने की प्रक्रिया चल रही है. चलिए जानते है इस आर्टिकल के जरिये ब्रोकोली की खेती कैसे करें. जाने-Broccoli khane ke Fayde

ब्रोकोली की खेती कैसे करें ? – Broccoli ki Kheti in Hindi
भारतीय बाज़ारों में ब्रोकली की मांग दिन प्रति बढ़ती जा रही है. ब्रोकोली (Broccoli) प्रोटीन, क्रोमियम, लोहा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए और सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स भी पाया जाता है. ब्रोकोली (Broccoli) कई बीमारियों से बचाने के साथ ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को काम करने में सहायक होती है. पाँच सितारा होटल और पर्यटक स्थलों पर ब्रोकोली (Broccoli) की मांग बहुत है. तो आप इसकी खेत कर सकते है.
ब्रोकोली की खेती की पूरी जानकारी – Broccoli Farming in Hindi
ब्रोकली की खेती के लिए जलवायु (Climate for Broccoli Farming)
ब्रोकली की खेती के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है. बीज अंकुरण तथा पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए 20-25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की जरुरत होती है.
ब्रोकली की खेती के लिए मिट्टी (Soil for Broccoli Cultivation)
वैसे तो ब्रोकली सभी प्रकार की मिट्टी में हो जाती है. लेकिन इसकी खेती के लिए 6 से 7 P.H. वाली दोमटी और बलुई मिट्टी सबसे उपयुक्त मनाई गई है. हरी खाद या जैविक खाद डाल कर जमीन को और उपजाऊ बनाया जा सकता है.
ब्रोकोली की उन्नत प्रजाति (Broccoli Variety)
ब्रोकली प्रायः तीन तरह की होती है श्वेत, हरी और बैंगनी. लेकिन बाजार में हरे रंग की गंठी हुई ब्रोकोली की प्रजाति को सबसे अधिक पसंद किया जाता है हरी ब्रोकली की पेरिनियल, नाइन स्टार, केलेब्रस, इटैलियन ग्रीन स्प्राउटिंग, ग्रीनहेड और बाथम 29 प्रमुख प्रजातियां हैं.
ब्रोकली की अगेती किस्में:- ब्रोकली की ग्रीन बड, स्पार्टन अर्ली और किस्में डी सिक्को तहत संकर प्रजातियों में सर्दन कोमैट, प्रीमियम क्राप, क्लीप आदि प्रमुख हैं. ये प्रजातियाँ रोपण करने के 60-70 दिन में तैयार हो जाती हैं.
ब्रोकली की मध्यवर्गीय किस्में:- ब्रोकली की मध्यवर्गीय प्रजातियों में ग्रीन स्प्राउटिंग मीडिया है तथा क्रोसैर, क्रोना, ईमेरलर्ड इसकी संकर प्रजातियाँ है. ये प्रजातियाँ लगाने के करीब 100 दिन में तैयार हो जाती हैं
ब्रोकली की पिछेती किस्में:- ब्रोकली की पिछेती खेती के लिए पूसा ब्रोकली-1, के. टी., सलेक्शन-1, पालम समृद्धि। संकर किस्में- स्टिफ, कायक, ग्रीन सर्फ एवं लेट क्रोना आदि उपयुक्त है यह लगाने के 120 दिन बाद तैयार हो जाती हैं.
Note: ब्रोकली की के.टी.एस.9 किस्म भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान(ICAR) ने हाल में विकसित है. इस प्रजाति के पौधों मध्यम ऊंचाई के होते है, पत्तियां गहरी हरी, शीर्ष सख्त और तना छोटा होता है.
ब्रोकली बीज की मात्रा (Broccoli Seeds)
ब्रोकली के बीज साइज में बहुत छोटे होते हैं. इसलिए इसको डायरेक्ट नहीं लगते. एक हेक्टेयर खेत के लिए करीब 375 से 400 ग्राम बीज की आवश्यकत होती है.
बीज उपचारित
ब्रोकली को रोग मुक्त करने लिए बीज को बिजाई से पहले फफूंदनाशक दवाओं से उपचारित करना बहुत ही आवश्यक है. कैप्टान 50 डबल्यूपी 1 ग्राम/100 बीज की दर से ब्रोकली के बीज को उपचारित कर लेना चाहिए. जिससे पौधे रोग मुक्त, स्वस्थ पौधे प्राप्त होंगे.
ब्रोकली की नर्सरी की तैयारी (Broccoli Nursery Preparation)
ब्रोकली नर्सरी (Broccoli Nursery) को तैयार करना कोई बड़ी बात नहीं है यह पत्तागोभी की नर्सरी जैसे ही तैयार की जाती है. इसकी नर्सरी के लिए 3 फिट लम्बी और 1 फिट चौड़ी तथा जमीन की सतह से 1.5से. मी. ऊँची क्यारी बनाकर बीज की बिजाई करनी चाहिए. ब्रोकली की नर्सरी के लिए क्यारी को अच्छी तरह तैयार कर उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं. जिससे स्वस्थ नर्सरी निकलेगी. नर्सरी के लिए पक्ति से पंक्ति की दूरी 15 से 60 सेमी और बीज को 4-5 से.मी. की दूरी पर 2.5 से.मी. की गहराई पर बुवाई कर दें. बीज बोने के बाद क्यारियों को घास-फूस से ढ़क दें. क्यारियों में नमी को समय समय पर चेक करते रहे. पौधों को कीटों से बचाव के लिए कीटनाशक छिड़के. इसकी नर्सरी तैयार करने का समय अक्टूबर का दूसरा पखवाडा सही होता है
ब्रोकली की रोपाई (Broccoli seedlings)
नर्सरी में ब्रोकली के पौधे जब पौधे 8-10 या 4 सप्ताह हो जाये तब खेत में उनकी रोपाई कर देना चाहिए. खेत में रोपाई के समय ब्रोकली के पौधे कतार से कतार, पंक्ति से पंक्ति 15 से 60 से.मी. और पौधे से पौधे के बीच दूरी 45 सें०मी० होनी चाहिए. पौधों की रोपाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए. पौधों की रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई अवश्य करें.
खाद और उर्वरक (Manures and fertilizers)
ब्रोकली की खेती प्रति 10 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 50 किलोग्राम प्रति दर से अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद, 1 किलोग्राम नीम खली और 1 किलोग्राम अरंडी की खली को अच्छी तरह आपस में मिलाकर जुताई के समय डालकर क्यारियाँ बना ले.
रासायनिक खादों की मात्रा
- गोबर की सड़ी खाद : 50-60 टन
- नाइट्रोजन : 100-120 कि०ग्रा० प्रति हेक्टेअर
- फॉस्फोरस : 45-50 कि०ग्रा० प्रति हेक्टेअर
ब्रोकली की निराई-गुड़ाई व सिंचाई (Broccoli weeding and irrigation)
ब्रोकली की खेती के लिए नमी का विशेष ध्यान रखना चाहिए जिसके लिए करीब 10-15 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई करनी चाहिए. ब्रोकोली की जड़ एवं पौधों के अच्छे विकास के लिए क्यारियाँ में खरपतवार को निकालते रहना चाहिए. ब्रोकली के पौधों की समय समय पर नराई/गुड़ाई करते रहना चाहिए. नराई/गुड़ाई करने के बाद पौधों जड़ों पर मिट्टी चढ़ा देने चाहिए जिससे पानी लगते समय पौधे गिरेंगे नहीं.
ब्रोकली में लगने वाले कीट एवं बीमारियां रोकथाम (Pest and Disease Prevention)
सरसों का माहू:- इस कीट का रंग हरा होता है. यह कीट पौधों की पत्तियों की निचली सतह पर रहता है. यह कीट पत्तियों का रंग चूसते. ब्रोकली की फसल पर माहू कीट का प्रकोप दिसम्बर से लेकर मार्च रहता है, इस कीट से वचाव लिए रोगोर नाम दवा की 1-1 5 मि.ली मात्रा प्रति लीटर की दर से पानी में मिलकर ब्रोकली की फसल पर छिड़काव करते रहना चाहिए.
डायमंड बैक माथ:- यह कीट पौधों की पत्तियों को छेद कर उन्हें खाती है. यह हलके हरे रंग की सुड़ी होती है. इस सुड़ी से वचाव के लिए 2 मि.ली मेटासिस्टाक्स नामक दवा को प्रति ली. पानी की दर से आवश्यकतानुसार फसल पर छिडकाव करें.
कैबेज बोरर:- इस प्रकार की सुंडी से पौधों की वृद्धि रूक जाती है यह सुंडी पौधों के तनो को कहती है. यह सफेद भूरे रंग की होती है. इससे वचाव के लिए मेटास्टिाकक्स की 2 मि.ली. मात्रा प्रति ली. पानी में मिलकर छिड़काव करें.
सरसों की आरा मक्खी:- यह कीट पौधों की छोेटी पत्तियों को नुकासन पहुँचती है. इस कीट से वचाव केलिए डाइमेथोएट नामक दवा को 2 मि.ली मात्रा को प्रति ली. पानी में घोलकर छिड़काव करें.
ब्रोकली की कटाई व उपज (Broccoli Harvesting and Production)
ब्रोकली की कलियों का रंग हरा होकर मुख्य गुच्छा बन जाये तो वो कटाई के लिए तैयार है. ब्रोकली की फसल रोपाई के 65-70 दिन बाद तैयार हो जारी है. फसल तैयार होने के बाद तेज धार वाली दरांती या चाकू से काट लेना चाहिए. ब्रोकली की कटाई के समय गुच्छा खूब गुथा होना चाहिए. ब्रोकोली की अच्छी फ़सल से करीब 12 से 15 टन पैदावार प्रति हेक्टेयर मिल जाती है.
ब्रोकोली की खेती से आमदनी
अगर आपने एक एकड़ में खेत में ब्रोकली लगाई है तो करीब 125000 से 150000 रुपये तक की आमदनी 3-4 महीने में हो सकती है.
- ब्रोकोली के पौधे = 6000 कम से कम
- पौधों का नुकसान = 1000 पौधे
- स्वस्थ पौधे = 5000
बाजार के हिसाब से ब्रोकोली के एक पौधे की कीमत 75 से 150 रुपये तक मिल सकती है. ब्रोकोली के एक फूल का वजन 500 ग्राम से 1 किलो तक का होगा. यदि इस आधार पर गणना की जाये तो आमदनी का हिसाब लगाया जा सकता है.
- आमदनी = 5000 x 75 = 375000 रुपए
- आपके खर्चे = 1 लाख से लेकर डेढ़ लाख तक (सिंचाई, बीज, कीटनाशक दवाइयाँ, ट्रांसपोर्टेशन, इत्यादि)
- कुल मुनाफा = 125000 से 175000 रुपये तक (केवल 3-4 महीने में)
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