• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
krishi-disha

  • सरकारी योजनाएं
  • बिजनेस
  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • बागवानी
  • मशीनरी
  • गैजेट्स
  • सरकारी जॉब्स
  • फायदे और नुकसान
कृषि दिशा / Vegetable Cultivation / ब्रोकोली की खेती, कब और कैसे करें – All About Broccoli Farming in Hindi

ब्रोकोली की खेती, कब और कैसे करें – All About Broccoli Farming in Hindi

By: Krishi Disha | Updated at:22 October, 2022 google newsKD Facebook

Broccoli ki Kheti (Broccoli Farming): ब्रोकोली की खेती (Broccoli Cultivation) का चलन भारत में लगातार बढ़ता जा रहा है. उत्तर भारत के मैदानी इलाकों ब्रोकोली की खेती (Broccoli Cultivation) में ठंडी के दिनों में की जाती जबकि हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल और जम्मू-कश्मीर में इसके बीज बनाने की प्रक्रिया चल रही है. चलिए जानते है इस आर्टिकल के जरिये ब्रोकोली की खेती कैसे करें. जाने-Broccoli khane ke Fayde

Broccoli
ब्रोकोली की खेती (Broccoli ki Kheti)

ब्रोकोली की खेती कैसे करें ? – Broccoli ki Kheti in Hindi

भारतीय बाज़ारों में ब्रोकली की मांग दिन प्रति बढ़ती जा रही है. ब्रोकोली (Broccoli) प्रोटीन, क्रोमियम, लोहा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए और सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और फाइटोकेमिकल्स भी पाया जाता है. ब्रोकोली (Broccoli) कई बीमारियों से बचाने के साथ ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को काम करने में सहायक होती है. पाँच सितारा होटल और पर्यटक स्थलों पर ब्रोकोली (Broccoli) की मांग बहुत है. तो आप इसकी खेत कर सकते है.

ब्रोकोली की खेती की पूरी जानकारी – Broccoli Farming in Hindi

ब्रोकली की खेती के लिए जलवायु (Climate for Broccoli Farming)

ब्रोकली की खेती के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है. बीज अंकुरण तथा पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए 20-25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की जरुरत होती है.

ब्रोकली की खेती के लिए मिट्टी (Soil for Broccoli Cultivation)

वैसे तो ब्रोकली सभी प्रकार की मिट्टी में हो जाती है. लेकिन इसकी खेती के लिए 6 से 7 P.H. वाली दोमटी और बलुई मिट्टी सबसे उपयुक्त मनाई गई है. हरी खाद या जैविक खाद डाल कर जमीन को और उपजाऊ बनाया जा सकता है.

ब्रोकोली की उन्नत प्रजाति (Broccoli Variety)

ब्रोकली प्रायः तीन तरह की होती है श्वेत, हरी और बैंगनी. लेकिन बाजार में हरे रंग की गंठी हुई ब्रोकोली की प्रजाति को सबसे अधिक पसंद किया जाता है हरी ब्रोकली की पेरिनियल, नाइन स्टार, केलेब्रस, इटैलियन ग्रीन स्प्राउटिंग, ग्रीनहेड और बाथम 29 प्रमुख प्रजातियां हैं.
ब्रोकली की अगेती किस्में:- ब्रोकली की ग्रीन बड, स्पार्टन अर्ली और किस्में डी सिक्को तहत संकर प्रजातियों में सर्दन कोमैट, प्रीमियम क्राप, क्लीप आदि प्रमुख हैं. ये प्रजातियाँ रोपण करने के 60-70 दिन में तैयार हो जाती हैं.
ब्रोकली की मध्यवर्गीय किस्में:- ब्रोकली की मध्यवर्गीय प्रजातियों में ग्रीन स्प्राउटिंग मीडिया है तथा क्रोसैर, क्रोना, ईमेरलर्ड इसकी संकर प्रजातियाँ है. ये प्रजातियाँ लगाने के करीब 100 दिन में तैयार हो जाती हैं
ब्रोकली की पिछेती किस्में:- ब्रोकली की पिछेती खेती के लिए पूसा ब्रोकली-1, के. टी., सलेक्शन-1, पालम समृद्धि। संकर किस्में- स्टिफ, कायक, ग्रीन सर्फ एवं लेट क्रोना आदि उपयुक्त है यह लगाने के 120 दिन बाद तैयार हो जाती हैं.
Note: ब्रोकली की के.टी.एस.9 किस्म भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान(ICAR) ने हाल में विकसित है. इस प्रजाति के पौधों मध्यम ऊंचाई के होते है, पत्तियां गहरी हरी, शीर्ष सख्त और तना छोटा होता है.

यह भी पढ़ेंः  सहजन की खेती, कब और कैसे करें – All about Drumstick Cultivation in Hindi

ब्रोकली बीज की मात्रा (Broccoli Seeds)

ब्रोकली के बीज साइज में बहुत छोटे होते हैं. इसलिए इसको डायरेक्ट नहीं लगते. एक हेक्टेयर खेत के लिए करीब 375 से 400 ग्राम बीज की आवश्यकत होती है.

बीज उपचारित

ब्रोकली को रोग मुक्त करने लिए बीज को बिजाई से पहले फफूंदनाशक दवाओं से उपचारित करना बहुत ही आवश्यक है. कैप्टान 50 डबल्यूपी 1 ग्राम/100 बीज की दर से ब्रोकली के बीज को उपचारित कर लेना चाहिए. जिससे पौधे रोग मुक्त, स्वस्थ पौधे प्राप्त होंगे.

ब्रोकली की नर्सरी की तैयारी (Broccoli Nursery Preparation)

ब्रोकली नर्सरी (Broccoli Nursery) को तैयार करना कोई बड़ी बात नहीं है यह पत्तागोभी की नर्सरी जैसे ही तैयार की जाती है. इसकी नर्सरी के लिए 3 फिट लम्बी और 1 फिट चौड़ी तथा जमीन की सतह से 1.5से. मी. ऊँची क्यारी बनाकर बीज की बिजाई करनी चाहिए. ब्रोकली की नर्सरी के लिए क्यारी को अच्छी तरह तैयार कर उसमें सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं. जिससे स्वस्थ नर्सरी निकलेगी. नर्सरी के लिए पक्ति से पंक्ति की दूरी 15 से 60 सेमी और बीज को 4-5 से.मी. की दूरी पर 2.5 से.मी. की गहराई पर बुवाई कर दें. बीज बोने के बाद क्यारियों को घास-फूस से ढ़क दें. क्यारियों में नमी को समय समय पर चेक करते रहे. पौधों को कीटों से बचाव के लिए कीटनाशक छिड़के. इसकी नर्सरी तैयार करने का समय अक्टूबर का दूसरा पखवाडा सही होता है

ब्रोकली की रोपाई (Broccoli seedlings)

नर्सरी में ब्रोकली के पौधे जब पौधे 8-10 या 4 सप्ताह हो जाये तब खेत में उनकी रोपाई कर देना चाहिए. खेत में रोपाई के समय ब्रोकली के पौधे कतार से कतार, पंक्ति से पंक्ति 15 से 60 से.मी. और पौधे से पौधे के बीच दूरी 45 सें०मी० होनी चाहिए. पौधों की रोपाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए. पौधों की रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई अवश्य करें.

यह भी पढ़ेंः  शिमला मिर्च की खेती, कब और कैसे करें - All About Capsicum Farming (Shimla Mirch ki Kheti) in Hindi

खाद और उर्वरक (Manures and fertilizers)

ब्रोकली की खेती प्रति 10 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में 50 किलोग्राम प्रति दर से अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद, 1 किलोग्राम नीम खली और 1 किलोग्राम अरंडी की खली को अच्छी तरह आपस में मिलाकर जुताई के समय डालकर क्यारियाँ बना ले.

रासायनिक खादों की मात्रा

  • गोबर की सड़ी खाद : 50-60 टन
  • नाइट्रोजन : 100-120 कि०ग्रा० प्रति हेक्टेअर
  • फॉस्फोरस : 45-50 कि०ग्रा० प्रति हेक्टेअर

ब्रोकली की निराई-गुड़ाई व सिंचाई (Broccoli weeding and irrigation)

ब्रोकली की खेती के लिए नमी का विशेष ध्यान रखना चाहिए जिसके लिए करीब 10-15 दिन के अंतराल पर हल्की सिंचाई करनी चाहिए. ब्रोकोली की जड़ एवं पौधों के अच्छे विकास के लिए क्यारियाँ में खरपतवार को निकालते रहना चाहिए. ब्रोकली के पौधों की समय समय पर नराई/गुड़ाई करते रहना चाहिए. नराई/गुड़ाई करने के बाद पौधों जड़ों पर मिट्टी चढ़ा देने चाहिए जिससे पानी लगते समय पौधे गिरेंगे नहीं.

ब्रोकली में लगने वाले कीट एवं बीमारियां रोकथाम (Pest and Disease Prevention)

सरसों का माहू:- इस कीट का रंग हरा होता है. यह कीट पौधों की पत्तियों की निचली सतह पर रहता है. यह कीट पत्तियों का रंग चूसते. ब्रोकली की फसल पर माहू कीट का प्रकोप दिसम्बर से लेकर मार्च रहता है, इस कीट से वचाव लिए रोगोर नाम दवा की 1-1 5 मि.ली मात्रा प्रति लीटर की दर से पानी में मिलकर ब्रोकली की फसल पर छिड़काव करते रहना चाहिए.
डायमंड बैक माथ:- यह कीट पौधों की पत्तियों को छेद कर उन्हें खाती है. यह हलके हरे रंग की सुड़ी होती है. इस सुड़ी से वचाव के लिए 2 मि.ली मेटासिस्टाक्स नामक दवा को प्रति ली. पानी की दर से आवश्यकतानुसार फसल पर छिडकाव करें.
कैबेज बोरर:- इस प्रकार की सुंडी से पौधों की वृद्धि रूक जाती है यह सुंडी पौधों के तनो को कहती है. यह सफेद भूरे रंग की होती है. इससे वचाव के लिए मेटास्टिाकक्स की 2 मि.ली. मात्रा प्रति ली. पानी में मिलकर छिड़काव करें.
सरसों की आरा मक्खी:- यह कीट पौधों की छोेटी पत्तियों को नुकासन पहुँचती है. इस कीट से वचाव केलिए डाइमेथोएट नामक दवा को 2 मि.ली मात्रा को प्रति ली. पानी में घोलकर छिड़काव करें.

यह भी पढ़ेंः  बटन मशरूम की खेती, कब और कैसे करें - All About Button Mushroom Farming in Hindi

ब्रोकली की कटाई व उपज (Broccoli Harvesting and Production)

ब्रोकली की कलियों का रंग हरा होकर मुख्य गुच्छा बन जाये तो वो कटाई के लिए तैयार है. ब्रोकली की फसल रोपाई के 65-70 दिन बाद तैयार हो जारी है. फसल तैयार होने के बाद तेज धार वाली दरांती या चाकू से काट लेना चाहिए. ब्रोकली की कटाई के समय गुच्छा खूब गुथा होना चाहिए. ब्रोकोली की अच्छी फ़सल से करीब 12 से 15 टन पैदावार प्रति हेक्टेयर मिल जाती है.

ब्रोकोली की खेती से आमदनी

अगर आपने एक एकड़ में खेत में ब्रोकली लगाई है तो करीब 125000 से 150000 रुपये तक की आमदनी 3-4 महीने में हो सकती है.

  • ब्रोकोली के पौधे = 6000 कम से कम
  • पौधों का नुकसान = 1000 पौधे
  • स्वस्थ पौधे = 5000

बाजार के हिसाब से ब्रोकोली के एक पौधे की कीमत 75 से 150 रुपये तक मिल सकती है. ब्रोकोली के एक फूल का वजन 500 ग्राम से 1 किलो तक का होगा. यदि इस आधार पर गणना की जाये तो आमदनी का हिसाब लगाया जा सकता है.

  • आमदनी = 5000 x 75 = 375000 रुपए
  • आपके खर्चे = 1 लाख से लेकर डेढ़ लाख तक (सिंचाई, बीज, कीटनाशक दवाइयाँ, ट्रांसपोर्टेशन, इत्यादि)
  • कुल मुनाफा = 125000 से 175000 रुपये तक (केवल 3-4 महीने में)

अगर आपको Broccoli ki kheti (Broccoli Farming in Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.

खेती-बाड़ी, बागवानी, मशीनरी, सरकारी योजनाओं, बिज़नेस आईडिया, पशुपालन, लाइफ स्टाइल एग्रीकल्चर सरकारी जॉब्स, उन्नत उद्योग और कृषि विज्ञान केंद्र से सम्बंधित विश्वसनीय जानकारी सबसे पहले कृषि दिशा पर पढें.
Last Modified: 1 April, 2023

पोस्ट से संबंधित आर्टिकल

Bathua ki Kheti
बथुआ की खेती, कब और कैसे करें-All about Bathua Farming (Bathua ki Kheti) in Hindi
French Bean ki kheti
फ्रेंच बीन्स की खेती, कब और कैसे करें – All about French Bean Cultivation in Hindi
Zucchini Cultivation
जुकिनी की खेती, कब और कैसे करें – All about Zucchini Cultivation in Hindi
Kundru ki Kheti
कुंदरू की खेती, कब और कैसे करें – All about Ivy Gourd Cultivation in Hindi
Sweet Potato Farming
शकरकंद की खेती, कब और कैसे करें – All about Sweet Potato Farming in Hindi
Fenugreek Farming
मेथी की खेती, कब और कैसे करें – All about Fenugreek Cultivation (Methi ki Kheti) in Hindi

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Fayde aur Nuksan

  • घी के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – All About Desi Ghee Benefits in Hindi

    Broccoli Benefits-ब्रोकली के फायदे, नुकसान एवं उपयोग के तरीके जाने

    काला नमक के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – All About Black Salt Benefits in Hindi

    काली किशमिश के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Black Raisins Benefits and Side Effects in Hindi

    कमरख के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Star Fruit (Kamrakh) Benefits and Side Effects in Hindi

    लेमन टी के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Lemon Tea Benefits and Side Effects in Hindi

    माका रूट के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Maca Root Benefits and Side Effects in Hindi

    सोडियम के फायदे, नुकसान एवं स्रोत – Sodium Benefits and Side Effects in Hindi

    टमाटर के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Tomato Benefits and Side Effects in Hindi

    मेपल सिरप के फायदे, नुकसान एवं उपयोग – Maple Syrup Benefits and Side Effects in Hindi

Vegetable Farming

  • बथुआ की खेती, कब और कैसे करें-All about Bathua Farming (Bathua ki Kheti) in Hindi

    फ्रेंच बीन्स की खेती, कब और कैसे करें – All about French Bean Cultivation in Hindi

    जुकिनी की खेती, कब और कैसे करें – All about Zucchini Cultivation in Hindi

    कुंदरू की खेती, कब और कैसे करें – All about Ivy Gourd Cultivation in Hindi

    शकरकंद की खेती, कब और कैसे करें – All about Sweet Potato Farming in Hindi

Medicinal & Aromatic Crops

  • Malabar Neem Farming: मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे जाने पूरी जानकरी

    ईसबगोल की खेती, कब और कैसे करें – All about Isabgol Farming (Isabgol ki Kheti) in Hindi

    चिया सीड्स की खेती, कब और कैसे करें – All about Chia Seeds Cultivation in Hindi

    मेहंदी की खेती, कब और कैसे करें – All about Henna Cultivation in Hindi

    सफेद मूसली की खेती, कब और कैसे करें – All about Safed Musli Cultivation in Hindi

Fruit Farming

  • एवोकैडो की खेती, कब और कैसे करें – All about Avocado Cultivation in Hindi

    खुबानी की खेती, कब और कैसे करें – All about Apricot Cultivation in Hindi

    शरीफा की खेती, कब और कैसे करें – All about Custard Apple Farming in Hindi

    अंगूर की खेती, कब और कैसे करें – All about Grapes Farming (Angoor ki Kheti) in Hindi

    किन्नू की खेती, कब और कैसे करें – All about Kinnow Cultivation (Kinnow ki Kheti) in Hindi

Footer

सरकारी योजनाएं

PM Awas Yojana Public Provident Fund
PM Kisan UP Krishi Upkaran
UP Scholarship UP Agriculture
Manav Sampada UP Free Tablet Yojana
Sukanya Samriddhi Yojana EPF Account
NREGA Job Card PM Jan Arogya Yojana

महत्वपूर्ण लिंक

  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • मशीनरी
  • फायदे और नुकसान
  • Gadgets
  • Sarkari Yojana
  • Business Ideas
  • Entertainment
  • Sarkari Result
  • Free Job Alert
  • Education
  • KVK Uttar Pradesh
  • KVK Bihar
  • Vegetable Farming

संपर्क जानकारी

About Us Contact Us
Follow us
FacebookTwitter
InstagramYou Tube
google news

Copyright © 2023 Krishi Disha All Rights Reservedगोपनीयता नीतिसाइटमैपवापस जाएँ।