• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
krishi-disha

  • सरकारी योजना
  • बिजनेस
  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • बागवानी
  • मशीनरी
  • गैजेट्स
  • सरकारी जॉब्स
  • फायदे और नुकसान
कृषि दिशा / Vegetable Cultivation / भिंडी की खेत, कब और कैसे करें? | Okra Cultivation in Hindi

भिंडी की खेत, कब और कैसे करें? | Okra Cultivation in Hindi

By: Krishi Disha | Updated at:11 November, 2022 google newsKD Facebook

भिंडी की खेत / Okra Cultivation / Bhindi Ki Kheti : भिंडी की खेत / Okra Farming विशेष तौर पर उष्ण और उपउष्ण क्षेत्रों में की जाती है. भिंडी की खेती (Lady Finger Farming) देश के सभी राज्यों में की जाती है लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराट्र, पश्चिमी बंगाल और उड़ीसा आदि राज्यों में इसकी खेत मुख्य रूप से की जाती है. कृषि वैज्ञानिकों की मदद लेकर किसान भिंडी की खेत (Okra Cultivation) से अधिक उपज लेकर अच्छा लाभ ले रहे है. इसकी कई उन्नत किस्में बाजार में मिल जाएँगी जिनको उगने से ज्यादा से ज्यादा उपज प्राप्त किया जा सकता है. भिंडी की खेत किसे करे और इससे सम्बंधित सभी जानकारी इस आर्टिकल के जरिये आप तक पंहुचा रहे है.

Bhindi Ki Kheti
भिंडी की खेत करने के जाने सभी तरीके

भिंडी की खेती कैसे करें ? – Bhindi Ki Kheti in Hindi

भिंडी (lady finger) सब्जियों में सबसे लोकप्रिय सब्जी है. भिंडी (Okra) में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज पदार्थों जैसे कैल्शियम, फास्फोरस के अतिरिक्त विटामिन ‘ए’, बी, ‘सी’, थाईमीन एवं रिबोफ्लेविन भी प्रचूर मात्रा में पाए जाते है. जोकि यह स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक होते है. इसके अलावा आप Broccoli ki Kheti, Aloo ki kheti, Shimla Mirch ki Kheti , Mooli ki Kheti , Tamatar ki Kheti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें.

भिंडी की खेती की पूरी जानकारी – Okra Farming in Hindi

भिंडी की खेती करने के लिए जलवायु (Climate for Okra Cultivation)

उष्ण और नम जलवायु भिंडी की खेती (Lady Finger Farming) के लिए श्रेष्ठ मानी गई है. इसके बीज (okra seeds) उगने के लिए करीब 25 से 30 डिग्री से०ग्रे० तापमान उपयुक्त होता है. अधिक तापमान होने पर इसके फूल गिरने (Flower Dropping) लगते हैं.

भिंडी की फसल करने के लिए उपयुक्त मिट्टी (Lady Finger Cultivation)

भिंडी की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन जैविक तत्वों से भरपूर अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी उचित मानी गई है. इसकी खेती के लिए 6.0 से 6.5 पी एच वाली जमीन सबसे उपयुक्त मानी है. भिंडी की खेती करने से पहले खेत का परिक्षण करना चाहिए.

भिंडी की खेती के लिए भूमि की तैयारी (Land preparation for okra cultivation)

भिंडी की फसल (Lady Finger Crop) के लिए खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी बना कर भूमि को समतल कर लेना चाहिए. आखिर जुताई के समय 100 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से अच्छी सदी गोबर की खाद खेत में डालें.

भिंडी की खेती करने के लिए उन्नत किस्में (Improved varieties for cultivating lady’s finger)

किसी भी फसल से अच्छी उपज लेने के लिए उसकी उन्नत किस्में पर भी निर्भर करती है. भारत के कृषि वैज्ञानिकों ने भिंडी की विभ्भिन किस्मों Lady Finger Varieties) को ईजाद किया है. इन किस्मों की खेती करने से किसान भाई अच्छी उपज ले सकते है. किसानो को अपने क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के आधार पर भिंडी की किस्मों का चयन करना चाहिए.

पूसा द्वारा विकसित भिंडी की प्रमुख वैरायटी (Major variety of Bhindi developed by Pusa)

  • वर्षा उपहार (Varsha Uphaar)
  • अर्का अभय (Arka Abhay)
  • परभनी क्रांति (Parbhani Kranti)
  • पूसा मखमली (Pusa Makhmali)
  • पूसा सावनी (Pusa Sawani)
  • वी.आर.ओ.-6 (VRO-6)
  • हिसार उन्नत (Hisar Unnat)
  • पूसा ए-4 (Pusa A-4)

बीज की मात्रा

  • वर्षा ऋतु (जून-जुलाई) में टहनियों वाली वैरायटी के लिए 4-6 किलो बीज प्रति एकड़
  • मध्य फरवरी तक 15-18 किलो बीज प्रति एकड़ बोये
  • मार्च में बिजाई के लिए 4-6 किलो बीज प्रति एकड़ बोये

बीज का उपचार

बुबाई से पहले भिंडी के बीज को उपचारित करना चाहिए जिससे बीज अंकुरन शक्ति बढ़ जाती है. भूमि से पैदा होने वाली बीमारियों से बीज को बचाने के लिए कार्बेनडाज़िम से उपचार करने के बाद बिजाई करें. भिंडी के बीज को 2 ग्राम कार्बेनडाज़िम घोल प्रति लीटर पानी में मिलाकर 5-6 घंटे डुबोकर छांव में सुखाएं फिर तुरंत बिजाई कर दें.

भिंडी के बीज की बिजाई

बिजाई का समय

ग्रीष्मकालीन फसल के लिए भिंडी की बुवाई फरवरी-मार्च में तथा वर्षाकालीन फसल के लिए भिंडी की बुवाई जून-जुलाई में करें. यदि भिंडी की फसल लगातार लेनी है तो तीन सप्ताह के अंतराल पर फरवरी से जुलाई के मध्य अलग-अलग खेतों में भिंडी की बुवाई कर सकते है.

बीज का फासला

पंक्तियों से पंक्तियों का फासला 45 सैं.मी. और पौधे पौधे की दूरी 15-20 सैं.मी. रखनी चाहिए.

बीज की गहराई

भिंडी के बीज को 1-2 सैं.मी. गहराई में बोये.

बिजाई का तरीका

भिंडी के बीज को आप मशीन द्वारा बिजाई कर सकते है या फिर गड्ढा खोदकर बिजाई कर सकते है.

भिंडी की फसल के लिए खाद और उर्वरक (Manure and Fertilizer for Okra Crop)

भिंडी की खेती से अच्छा उत्पादन लेने के लिए 15-20 टन गोबर की खाद एवं नत्रजन, स्फुर एवं पोटाश की क्रमशः 80 कि.ग्रा., 60 कि.ग्रा. एवं 60 कि.ग्रा. प्रति हेक्टर की दर से खेत में डालें.नाइट्रोजन की आधी मात्रा एवं पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के समय खेत में डालें. नाइट्रोजन की शेष मात्रा को दो भागों में 30-40 दिनों के अंतराल पर देना चाहिए.
अच्छी उपज के लिए बुबाई के 10-15 दिनों के बाद 19:19:19 की 4-5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करें. अच्छे फूल और फल प्राप्त करने के लिए 00:52:34 की 50 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करें. फूल बनने के समय 13:00:45 (पोटाश्यिम नाइट्रेट) की 100 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी का छिड़काव करें.

भिंडी की फसल में खरपतवार नियंत्रण (Weed control in okra crop)

भिंडी की फसल में खरपतवार नियंत्रणके लिए बुबाई के 20-25 दिन बाद प्रथम निंदाई/गुडाई करनी चाहिए. खरपतवार की रोकधाम के लिए रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल अपने कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से करें.

भिंडी की फसल में सिंचाई

भिंडी की फसल की सिंचाई (Irrigation in okra crop) मार्च में 10-15 दिन, अप्रैल में 7-8 दिन और मई-जून में 5-6 दिन के अंतराल पर करते रहना चाहिए. वर्षा ऋतू के समय फसल की सिचाई आवश्यकतानुसार करें.

भिंडी की फसल का संरक्षण

भिंडी की फसल में यलो वेन मोजैक वाइरस एवं चूर्णिल आसिता तथा कीटों में मोयला, हरा तेला, सफेद मक्खी, प्ररोहे एवं फल छेदक कीट, रेड स्पाइडर माइट रोगो का प्रकोप मुख्य रूप से होता है. इस रोगो और कीटों से वचाव के लिए आप अपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञों की सलाह से रासायनिकों को छिड़काव करें.

अगर आपको Bhindi ki kheti (Lady Finger Farming in Hindi) से संबन्धित अन्य जानकरी चाहिए तो आप हमें कमेंट कर सकते है, साथ में यह भी बताएं कि आपको यह लेख कैसा लगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है आप इस आर्टिकल को शेयर करें.

खेती-बाड़ी, बागवानी, मशीनरी, सरकारी योजनाओं, बिज़नेस आईडिया, पशुपालन, लाइफ स्टाइल एग्रीकल्चर सरकारी जॉब्स, उन्नत उद्योग और कृषि विज्ञान केंद्र से सम्बंधित विश्वसनीय जानकारी सबसे पहले कृषि दिशा पर पढें.
Last Modified: 3 August, 2023

नवीनतम लेख

राजस्थान में कुल कितने जिले हैं ? Rajasthan Me Kitne Jile Hai
Rajasthan Mehngai Rahat Camp List | राजस्थान महंगाई राहत कैंप आपके गाँव और शहर मे कब और कहाँ लगेगा, जाने
DLC Rate Rajasthan | राजस्थान डीएलसी रेट यहाँ देखें
PM Fasal Bima Yojana | पीएम फसल बीमा योजना के लिए करें ऑनलाइन आवेदन
Rajasthan Fasal Bima List : राजस्थान फसल बीमा लाभार्थी सूची चेक करें
World Rivers Day | अंतर्राष्ट्रीय नदी दिवस कब और क्यों मनाया जाता है, जाने पूरी कहानी

पोस्ट से संबंधित आर्टिकल

Bathua ki Kheti
बथुआ की खेती, कब और कैसे कर | Bathua Cultivation in Hindi
French Bean ki kheti
फ्रेंच बीन्स की खेती, कब और कैसे करें | French Bean Cultivation in Hindi
Zucchini Cultivation
जुकिनी की खेती, कब और कैसे करें | Zucchini Cultivation in Hindi
Kundru ki Kheti
कुंदरू की खेती, कब और कैसे करें | Ivy Gourd Cultivation in Hindi
Sweet Potato Farming
शकरकंद की खेती, कब और कैसे करें | Sweet Potato Cultivation Farming in Hindi
Fenugreek Farming
मेथी की खेती, कब और कैसे करें | Fenugreek Cultivationin Hindi

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

लेटेस्ट

  • राजस्थान में कुल कितने जिले हैं ? Rajasthan Me Kitne Jile Hai
  • Rajasthan Mehngai Rahat Camp List | राजस्थान महंगाई राहत कैंप आपके गाँव और शहर मे कब और कहाँ लगेगा, जाने
  • DLC Rate Rajasthan | राजस्थान डीएलसी रेट यहाँ देखें
  • PM Fasal Bima Yojana | पीएम फसल बीमा योजना के लिए करें ऑनलाइन आवेदन
  • Rajasthan Fasal Bima List : राजस्थान फसल बीमा लाभार्थी सूची चेक करें

Fayde aur Nuksan

  • नाशपाती के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Pears (Nashpati) Benefits and Side Effects

    घी के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Desi Ghee Benefits in Hindi

    ब्रोकली के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Broccoli Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    काला नमक के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Black Salt Benefits in Hindi

    काली किशमिश के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Black Raisins Eating Benefits and Side Effects

    कमरख के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Kamrakh Eating Benefits and Side Effects

    लेमन टी के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Lemon Tea Benefits and Side Effects in Hindi

    माका रूट के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Maca Root Benefits and Side Effects in Hindi

    सोडियम के फायदे, नुकसान एवं स्रोत | Sodium Eating Benefits and Side Effects in Hindi

    टमाटर के फायदे, नुकसान एवं उपयोग | Tomato Benefits and Side Effects in Hindi

Vegetable Farming

  • बथुआ की खेती, कब और कैसे कर | Bathua Cultivation in Hindi

    फ्रेंच बीन्स की खेती, कब और कैसे करें | French Bean Cultivation in Hindi

    जुकिनी की खेती, कब और कैसे करें | Zucchini Cultivation in Hindi

    कुंदरू की खेती, कब और कैसे करें | Ivy Gourd Cultivation in Hindi

    शकरकंद की खेती, कब और कैसे करें | Sweet Potato Cultivation Farming in Hindi

Medicinal & Aromatic Crops

  • मालाबार नीम की खेती कब और कैसे करे? | Malabar Neem Cultivation in Hindi

    ईसबगोल की खेती, कब और कैसे करें ? | Isabgol Cultivation in Hindi

    चिया सीड्स की खेती, कब और कैसे करें? | Chia Seeds Cultivation in Hindi

    मेहंदी की खेती, कब और कैसे करें? | Henna Cultivation in Hindi

    सफेद मूसली की खेती, कब और कैसे करें? | Safed Musli Cultivation in Hindi

Fruit Farming

  • एवोकैडो की खेती, कब और कैसे करें ? | Avocado Cultivation in Hindi

    खुबानी की खेती, कब और कैसे करें | Apricot Cultivation in Hindi

    शरीफा की खेती, कब और कैसे करें | Custard Apple Cultivation in Hindi

    अंगूर की खेती, कब और कैसे करें | Grapes Cultivation in Hindi

    किन्नू की खेती, कब और कैसे करें | Kinnow Cultivation in Hindi

Footer

सरकारी योजनाएं

Government Schemes UP Sarkari Yojana
Bihar Sarkari YojanaRajasthan Sarkari Yojana
Madhya Pradesh Yojana HP Sarkari Yojana
Haryana Sarkari Yojana राज्यवार योजना सूची

महत्वपूर्ण लिंक

  • फायदे और नुकसान
  • खेती-बाड़ी
  • पशुपालन
  • मशीनरी
  • गैजेट
  • Business Ideas
  • Sarkari Jobs
  • KVK Uttar Pradesh
  • KVK Bihar

संपर्क जानकारी

FacebookTwitter
InstagramYou Tube
google news

Copyright © 2023 Krishi Disha All Rights Reservedहमारे बारे में संपर्क गोपनीयता नीतिसाइटमैपवापस जाएँ।