Top 10 Cow Breeds: पशुपालन एक ऐसा व्यवसाय है जोकि किसान ही नहीं वल्कि अच्छी इनकम प्राप्त करने के लिए युवा भी उच्च स्तर पर कर कर रहे है. इस व्यवसाय की सबसे अच्छी बात यह है कि काम जगह में आसानी से शुरू किया जा सकता है. इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए अच्छी नसल के पशु होने चाहिए जिससे अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. आज हम इस लेख के जरिये आपको गाय की कुछ उन्नत नस्लों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जो पशुपालकों के लिए बेहद लाभकारी है. जाने Benefits of Gomutra

Breeds of cattle and buffalo
अमृतमहल नस्ल (Amritmahal Breed)
गाय की इस नस्ल को अमृत महल अलावा इसको डोड्डादान के नाम से भी जाना जाता है. इस नस्ल की गाय आमतौर कर्नाटक क्षेत्र में पायी जाती है. इस नसल की गायों रंग खाकी तथा मस्तक और गलों का रंग कला होता है. इनके नथुने कम कम चौड़े होते हैं. इस नस्ल की औसतन दूध उत्पादन क्षमता (Milk Production Capacity) प्रति स्तनपान औसत दूध उपज 572 किलोग्राम है. इसके अलावा आप Murgi Palan, Dairy Farming, Bakri Palan की जानकरी भी प्राप्त कर सकते है.
बचौर नस्ल (Bachore Breed)
इस नस्ल की गायों का माथा चौड़ा, सपाट या उत्तल होता है. इनकी आँखें बड़ी और उभरी होती है इस नस्ल के सींग मध्यम आकार के और स्टम्पी होते हैं. वंही इनके कान मध्यम आकार के और झुके हुए होते हैं. पूंछ छोटी और मोटी होती है.
बर्गुर नस्ल (Burgur Breed)
बर्गुर नस्ल की गाय तमिलनाडु के बरगुर क्षेत्रों में पायी जाती है. बर्गुर नस्ल की गाय सर आमतौर लम्बा होता है. वहीं, इनकी पूछ छोटी एवं माथा उभरा हुआ होता है.
डांगी नस्ल (Dangi Breed)
इस नस्ल की गाय महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में पाई जाती है. इनका रंग काला, सफ़ेद, एवं लाल रंग होता है.
गिर नस्ल (Gir Breed)
इस नस्ल की गायों को भदावरी, देसन, गुजराती, काठियावाड़ी, सोरथी और सुरती भी कहा जाता है. इस नसल की गाय गुजरात में दक्षिण काठियावाड़ के गिर जंगलों में उत्पन्न हुई, जो महाराष्ट्र और राजस्थान में भी पाई जाती हैं. इस नस्ल की गायों का रंग गहरा लाल या चॉकलेट-भूरा होता है. यह कभी-कभी काले या पूरी तरह से लाल भी होती हैं.
हल्लीकर नस्ल (Hallikar Breed )
हल्लीकर नस्ल की गाय प्रमुख तौर पर कनार्टक के क्षेर्त्रों में पाई जाती है. इस नस्ल की गायों की दूध क्षमता बहुत अच्छी होती है.
हरियाणा नस्ल (Haryana Breed)
इस नस्ल की गाय हरियाण राज्य में पायी जाती है. इस नस्ल की दूध उत्पादन क्षमता बहुत अधिक होती है.
कांकरेज नस्ल (Kankrej Breed)
इस नस्ल की गाय राजस्थान के इलाके में पाई जाती है. इस नस्ल की सबसे ख़ास बात यह है कि यह प्रति दिन 5 – 10 लीटर दूध की देती है. इस नस्ल की गाय का मूँह आकार में छोटा होने के साथ – साथ चौड़ा भी होता है.
केनकथा नस्ल (Kenkatha Breed)
इस नस्ल की गाय मुख्य रूप से मध्यप्रदेश और उत्तर व्प्रदेश राज्य में पायी जाती है. इस नस्ल को केनवारिया नाम से भी जाना जाता है. इस नस्ल के रूप रंग की बात करें तो इस नस्ल के गाय कद में छोटी होती है एवं सर छोटा और चौड़ा होता है.
गओलाओ नस्ल (Gaolao Breed)
गाय की यह नस्ल महारष्ट्र और मध्यप्रेदश राज्यों में पायी जाती है. इस नस्ल से रोजाना 470-725 लीटर दूध प्राप्त हो सकता है.
गिर गाय 👌👌