Ginger Cultivation : अदरक मसाला फसलों में एक विशेष स्थान रखता है जिसकी खेती कर देश के किसान लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं क्योकि अदरक की मांग देश-विदेश में बड़े पैमाने पर हमेसा बनी रहती है. अदरक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसका उपयोग स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के अलावा औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. अदरक को सूखा कर सौंठ बनाई जाती है जिसकी मांग भी अच्छी खासी रहती है. यही वजह है कि अदरक की खेती करने वाले किसानों के पास हमेशा अच्छी कमाई करने का बना रहता है. ऐसे में किसान इस खरीफ सीजन में अदरक की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं.
अदरक की खेती भारत के केरल, उडीसा, आसाम, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, मेघालय तथा उत्तराँचल राज्यों में मुख्य रूप से की जाती है. अदरक उत्पादन में केरल का देश में प्रथम स्थान हैं. विश्व में उत्पादित अदरक (Ginger) का करीब आधा भाग भारत में उत्पादन किया जाता है. देश में अदरक की खेती (Ginger Cultivation) करीब 140 हजार हेक्टर क्षेत्रफल की जाती है. अदरक की खेती कब और कैसे करें ? इसकी सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें.
अदरक की खेती (Adrak ki Kheti)
दैनिक जीवन में अदरक का इस्तेमाल वैदिक काल से किया जा रहा है. जिसकी अंग्रेजी में जिंजर (Ginger) कहते है. अदरक में मौजूद औषधीय गुण सर्दी-जुकाम, खाँसी ,खून की कमी, पथरी, लीवर वृद्धि, पीलिया, पेट के रोग, अमाशय तथा वायु रोगों से निजात दिलाने में सहायक होते है. कच्ची और सूखी अदरक का उपयोग चाय, चटनी, लडडू और चाट बनाने के अलावा सब्जियों का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसलिए अदरक की खेती किसनो के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
अदरक की उन्नत खेती कैसे करें
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अदरक की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
अदरक की फसल से अच्छी पैदावार लेने के लिए गर्म और आर्द्रता जलवायु उचित मानी गई है. फसल के अच्छे विकास हेतु 25 डिग्री से 35 डिग्री का तापमान उपयुक्त मना जाता है.
अदरक की खेती हेतु भूमि
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार उचित जल निकासी, 6 से 7 पी.एच. मान, जीवाशं एवं कार्बनिक पदार्थ से भरपूर बलुई दोमट मिट्टी अदरक की उन्नत खेती (Ginger Crop Cultivation) के लिए सर्बोतम मानी गई है.
अदरक की खेती के लिए खेत की तैयारी
अदरक की खेती हेतु खेत तैयार करते समय 10 से 12 टन सड़ी हुई गोबर की खाद के साथ 2.5 किलो ट्राईकोडर्मा प्रति एकड़ खेत दर से खेत में डालें. बुवाई से पहले खेती की 2 बार आडी-तिरछी जुताई कर पटा लाकगार खेत को समतल कर लें.
अदरक की बुआई का समय
अदरक की समय पर बुवाई कर अदरक की खेती से अच्छी पैदवार प्राप्त कर सकते है. अदरक की बुवाई कब करनी चाहिए इसकी जानकारी इस प्रकार है-
- खरीफ में अदरक की बुवाई का समय
- बुआई का समय – 15 अप्रैल से 20 जून के मध्य
- फसल अवधि – 200 से 220 दिन
- क्षेत्र के आधार पर अदरक की बुवाई
- दक्षिण भारत में – अदरक की बुवाई अप्रैल-मई में की जाती जो दिसंबर में परिपक्व होती है.
- मध्य एवं उत्तर भारत में- अदरक की बुवाई अप्रैल से जून माह की जाती है.
- पहाड़ी क्षेत्रो में- 15 मार्च के आस-पास अदरक की बुवाई की जाती है.
- केरल- अदरक की बुवाई अप्रैल के प्रथम सप्ताह में बुवाई की जाती है.
अदरक की उन्नत किस्में ( Varieties of Ginger)
IISR Varada:- 200 से 210 दिनों में तैयार होने वाली इस वैरायटी से औसतन उपज 9 टन प्रति एकड़ तक प्राप्त हो सकती है.
IISRMahima:- 9.3 टन प्रति एकड़ तक उपज देने वाली इस वैरायटी को तैयार होने में 200 से 210 दिन लग जाते है.
Suruchii:- 200 से 218 दिन में उत्पादन देना शुरू कर देती है जिससे 4.8 टन प्रति एकड़ उपज प्ऱप्त हो जाती है.
भारत के विभिन्न राज्यों में उगाई जाने वाली अदरक की प्रजातियाँ | ||
राज्य | प्रजातियों के नाम | विशेषता |
आसाम | बेला अदा, मोरन अदा, जातिया अदा | छोटे आकार के कन्द तथा औषधिय उपयोग के लिये प्रयुक्त |
अरूणाचल प्रदेश | केकी, बाजार स्थानीय नागा सिंह | थिंगिपुरी अधिक रेशा एवं सुगन्ध |
मणिपुर | नागा सिंह, थिंगिपुरी | अधिक रेशा एवं सुगन्ध |
नागालैण्ड | विची, नाडिया | सोठ एवं सुखी अदरक हेतु |
मेघालय | सिह बोई, सिंह भुकीर,काशी | औषधिय उत्तम अदरक |
मेजोरम | स्थानीय,तुरा,थिंग पुदम, थिगंगिराव | रेशा रहित तथा बहुत चरपरी अदरक |
सिक्किम | भैसी | अधिक उपज |
अदरक के बीज की मात्रा
बुवाई के लिए अदरक के बीज की मात्रा (Quantity of Ginger Seeds) प्रति एकड़ 7 से 8 क्विंटल गाँठो की आवश्यकता होती है.
अदरक बुवाई का तरीका
वर्तमान समय में अदरक की खेती वैज्ञानिक तरीके से की जा रही जिसके लिए बैड बनाकर बनाकर अदरक की बुवाई की जाती है. अदरक की बुवाई करते समय कतार से कतार की दूरी 30 से 40 सेंटीमीटर, पौधे से पौधे की दूरी 25 से 25 सेंटीमीटर तथा 3 से 4 सेमी की गहराई रखते हुए बीज की बुवाई कर दें.
अदरक की फसल के लिए उर्वरक व खाद प्रबंधन
अदरक की बुवाई के दौरान 50 किलोग्राम डी.ए.पी.(DAP), 50 किलोग्राम पोटाश, 25 किलोग्राम यूरिया, 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट, 8 किलोग्राम जायम प्रति एकड़ की दर से खेत में डालें. अदरक की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए आप निम्न तरीके फसल में खाद डालें –
- बुवाई के करीब 40 से 45 दिनों बाद:- 40 किलोग्राम यूरिया को प्रति एकड़ से खेत में डालें.
- अदरक की बुवाई के करीब 90 से 95 दिनों बाद:- 40 किलोग्राम यूरिया को प्रति एकड़ से खेत में डालें.
अदरक की फसल की सिंचाई (Irrigation of Ginger Crop)
अदरक की फसल की सिंचाई वर्षा की तीव्रता और आवर्ती के अनुसार करें. गर्मियों में फसल की 7-8 दिन के अंतराल सिचाई करें. इसकी फसल के लिए कुल 16-18 सिंचाइयों की जरुरत होती है.
अदरक की फसल में हानिकारक कीटों का प्रकोप हेतु उपयोगी रासायनिक, कीटनाशकों की मात्रा
कीट का नाम | कीटनाशक | प्रबन्धन |
केले की माहुँ | क्लोरोपाइरिफॉस | 2 मिली. प्रति लीटर पानी |
चइनीज गुलाब भृंग | क्लोरोपाइरिफॉस (5%) धूल | 25किग्रा/हे. वुवाई के खेत में डाले |
अदरक का घुन | क्लोरोपाइरिफॉस (5%)धूल | 25किग्रा/हे. वुवाई के खेत में डाले |
हल्दी कन्द शल्क | क्लोरोपाइरिफॉस (5%) | 25किग्रा/हे. वुवाई के खेत में डाले |
नाइजर शल्क | क्विनालफॉस धूल | कन्दों को बुवाई और भण्डारन से पहले उपचारित करे |
इलायची थ्रिप्स | डाइमेथोएट | 2 मिली /ली. पानी के साथ छिडकाव करें |
तना छेदक | डाइमेथोएट | 2 मिली / ली. पानी के साथ छिडकाव करें |
पत्ती मोडक | डाइमेथोएट | 2 मिली / ली. पानी के साथ छिडकाव करें |
अदरक की खुदाई (Harvesting Ginger)
अदरक बुवाई के 5 से 6 माह बाद अदरक की कच्ची खुदाई (Ginger Harvesting) कर सकते है. पूर्णतः अदरक की फसल पकने में करीब 7 से 8 महीने का समय लगता है. पूर्णतः अदरक की पकने के बाद कंद की फावड़े या मशीन द्वारा खुदाई कर सकते है.
अदरक की खेती कब और कैसे करें इसकी सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में दी गई है, हम उम्मीद करते है कि अदरक की उन्नत खेती कैसे करें (How to cultivate Ginger) से संबंधित जानकारी किसान भाइयों को पसंद आई होगी. यदि इस लेख से सम्बंधित आपका कोई सवाल है तो आप हमें नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर पूछ सकते है.