Adrak ki Kheti (Ginger Farming): अदरक की खेती (Ginger Cultivation) भारत के केरल, उडीसा, आसाम, उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, आंध्रप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, मेघालय तथा उत्तराँचल राज्यों में मुख्य रूप से की जाती है. अदरक (Adrak) उत्पादन में केरल का देश में प्रथम स्थान हैं. विश्व में उत्पादित अदरक (Ginger) का करीब आधा भाग भारत में उत्पादन किया जाता है. देश में अदरक की खेती (Ginger Cultivation) करीब 140 हजार हेक्टर क्षेत्रफल की जाती है. अदरक की खेती कैसे करें ? इसकी सम्पूर्ण जानकारी के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें. जाने Adrak ke Fayde

अदरक की खेती कैसे करें ? – Adrak ki Kheti in Hindi
दैनिक जीवन में अदरक का इस्तेमाल वैदिक काल से किया जा रहा है. अदरक का उपयोग चाय बनाने, सर्दी-जुकाम, खाँसी ,खून की कमी, पथरी, लीवर वृद्धि, पीलिया, पेट के रोग, अमाशय तथा वायु रोगीयों के लिये दवा बनाने में प्रयोग किया जाता है. अदरक का चटनी, सब्जियो, शर्बत, लडडू, चाट आदि बनाने के लिए कच्ची तथा सूखी अदरक का उपयोग किया जाता हैं.
अदरक की खेती की पूरी जानकारी – Ginger Farming in Hindi
जलवायु
- अदरक की खेती गर्म और आर्द्रता जलवायु उचित मानी गई है.
- 1500-1800 मि .मी .वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में अदरक की खेती की जा सकती है.
- इसकी फसल के लिए 25 डिग्री सेन्टीग्रेड, गर्मीयों में 35 डिग्रीसेन्टीग्रेड तापमान आवश्यक होता है.
- इसकी खेती बागों में अन्तरवर्तीय फसल के रूप मे की जा सकती हैं
भूमि
- अदरक की खेती (Ginger Crop Cultivation ) के लिए जीवाशं या कार्बनिक पदार्थ बलुई दोमट मिट्टी सर्बोतम मानी गई है.
- इसकी फैला के लिए 5-6 ये 6 .5 पी.एस.मान वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है.
- खेत से उचित जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए.
- अच्छी उपज के लिए फसल चक्र अपनाना चाहिए.
खेत की जुताई
- अच्छे उत्पादन के लिए 10 से 12 टन सड़ी हुई गोबर की खाद और 2.5 किलो ट्राईकोडर्मा प्रति एकड़ खेत दर से खेत में डालें.
- खाद डालने के बाद खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर पलेवा कर दें.
- पलेवा करने के 7 से 8 दिन बाद 1 बार गहरी जुताई करें.
- इसके बाद कल्टीवेटर से 2 बार आडी-तिरछी गहरी जुताई कर पाटा कर खेत को समतल कर लें,
अदरक की बुआई का समय (Ginger Sowing Time)
खरीफ में
बुआई का समय – 15 अप्रैल से 20 जून के मध्य
फसल अवधि – 200 से 220 दिन
क्षेत्र के आधार पर अदरक की बुवाई
दक्षिण भारत में- अदरक की बुवाई अप्रैल-मई में की जाती जो दिसम्बर में परिपक्क होती है
मध्य एवं उत्तर भारत में- अदरक की बुवाई अप्रैल से जून माह की जाती है.
पहाड़ी क्षेत्रो में- 15 मार्च के आस-पास अदरक की बुवाई की जाती है.
केरल- अदरक की बुवाई अप्रैल के प्रथम सप्ताह में बुवाई की जाती है.
अदरक की उन्नत किस्में ( Varieties of Ginger)
IISR Varada:- यह किस्म 200 से 210 दिन में तैयार हो जाती है. इसकी फसल से औसतन उपज 9 टन प्रति एकड़ से ली जा सकती है.
IISRMahima:- इस किस्म से 200 से 210 दिन में उपज ली जा सकती है, यह वैरायटी मोटे राइज़ोम देती है. इसकी औसतन पैदावार 9.3 टन प्रति एकड़ होती है.
Suruchii:- इस वैरायटी से 200 से 218 दिन में उत्पादन ले सकते है. इसकी औसतन पैदावार 4.8 टन प्रति एकड़ होती है
भारत के विभिन्न राज्यों में उगाई जाने वाली अदरक की प्रजातियाँ | ||
राज्य | प्रजातियों के नाम | विशेषता |
आसाम | बेला अदा, मोरन अदा, जातिया अदा | छोटे आकार के कन्द तथा औषधिय उपयोग के लिये प्रयुक्त |
अरूणाचल प्रदेश | केकी, बाजार स्थानीय नागा सिंह | थिंगिपुरी अधिक रेशा एवं सुगन्ध |
मणिपुर | नागा सिंह, थिंगिपुरी | अधिक रेशा एवं सुगन्ध |
नागालैण्ड | विची, नाडिया | सोठ एवं सुखी अदरक हेतु |
मेघालय | सिह बोई, सिंह भुकीर,काशी | औषधिय उत्तम अदरक |
मेजोरम | स्थानीय,तुरा,थिंग पुदम, थिगंगिराव | रेशा रहित तथा बहुत चरपरी अदरक |
सिक्किम | भैसी | अधिक उपज |
अदरक के बीज की मात्रा (Quantity of Ginger Seeds)
बुवाई के लिए अदरक के बीज की मात्रा (Quantity of Ginger Seeds) प्रति एकड़ 7 से 8 क्विंटल गाँठो की आवश्यकता होती है.
अदरक की बुआई का तरीका (How to Grow Ginger)
बुआई
पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 45 सेमी रखनी चाहिए.
बीज की गहराई
अदरक के बीज को 3 से 4 सेमी की गहराई पर बुवाई करे
बिजाई का तरीका
अदरक की बिजाई सीधे ढंग से और पनीरी लगाकर करें
अदरक की फसल के लिए उर्वरक व खाद प्रबंधन
अदरक की बुवाई के दौरान 50 किलोग्राम डी ऐ पी (DAP), 50 किलोग्राम पोटाश (potash), 25 किलोग्राम यूरिया (UREA) , 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट ( zinc sulfate) , 8 किलोग्राम जायम प्रति एकड़ की दर से खेत में डालें.
बुवाई के करीब 40 से 45 दिनों बाद 40 किलोग्राम यूरिया को प्रति एकड़ से खेत में डालें.
अदरक की बुवाई के करीब 90 से 95 दिनों बाद 40 किलोग्राम यूरिया को प्रति एकड़ से खेत में डालें.
अदरक की फसल की सिंचाई (Irrigation of Ginger Crop)
अदरक की फसल की सिंचाई वर्षा की तीव्रता और आवर्ती के अनुसार करें. गर्मियों में फसल की 7-8 दिन के अंतराल सिचाई करें. इसकी फसल के लिए कुल 16-18 सिंचाइयों की जरुरत होती है.
अदरक की फसल में हानिकारक कीटों का प्रकोप हेतु उपयोगी रासायनिक, कीटनाशकों की मात्रा
कीट का नाम | कीटनाशक | प्रबन्धन |
केले की माहुँ | क्लोरोपाइरिफॉस | 2 मिली. प्रति लीटर पानी |
चइनीज गुलाब भृंग | क्लोरोपाइरिफॉस (5%) धूल | 25किग्रा/हे. वुवाई के खेत में डाले |
अदरक का घुन | क्लोरोपाइरिफॉस (5%)धूल | 25किग्रा/हे. वुवाई के खेत में डाले |
हल्दी कन्द शल्क | क्लोरोपाइरिफॉस (5%) | 25किग्रा/हे. वुवाई के खेत में डाले |
नाइजर शल्क | क्विनालफॉस धूल | कन्दों को बुवाई और भण्डारन से पहले उपचारित करे |
इलायची थ्रिप्स | डाइमेथोएट | 2 मिली /ली. पानी के साथ छिडकाव करें |
तना छेदक | डाइमेथोएट | 2 मिली / ली. पानी के साथ छिडकाव करें |
पत्ती मोडक | डाइमेथोएट | 2 मिली / ली. पानी के साथ छिडकाव करें |
अदरक की खुदाई – How to Harvest Ginger?
अदरक की बुवाई के 5 से 6 माह बाद हरी अदरक के लिए खुदाई (Ginger Harvesting) कर सकते है. पूर्णतः अदरक की फसल पकने के लिए करीब 7 से 8 महीने का समय लगता है. कंद की फावड़े या मशीन द्वारा खुदाई कर सकते है.
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